शासन व्यवस्था
‘जल जीवन मिशन’ एप्लीकेशन
- 04 Oct 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:गांधी जयंती, 15वाँ वित्त आयोग, जल जीवन मिशन मेन्स के लिये:जल जीवन मिशन की आवश्यकता और जल संसाधन संबंधी चुनौतियाँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने ‘गांधी जयंती’ (2 अक्तूबर) के अवसर पर ‘जल जीवन मिशन’ (JJM) मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया है।
- प्रधानमंत्री ने ‘जल जीवन मिशन’ की प्रगति रिपोर्ट और ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये 15वें वित्त आयोग के अनुदान के उपयोग संबंधी एक मैनुअल भी जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- यह मोबाइल एप्लीकेशन जल संबंधी बुनियादी अवसंरचना का विवरण, लाभार्थियों के आधार-सत्यापित डेटा सेट और प्रत्येक गाँव हेतु पानी की गुणवत्ता और प्रदूषण से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा।
- इस मोबाइल एप्लीकेशन का उद्देश्य जल जीवन मिशन के तहत हितधारकों के बीच जागरूकता और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना तथा योजनाओं की जवाबदेही में सुधार करना है।
- ‘जल शक्ति मंत्रालय’ द्वारा राज्यों में नल के पानी के कनेक्शन के कवरेज को प्रदर्शित करने के लिये ‘जल जीवन मिशन’ डैशबोर्ड बनाया गया है।
- जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली प्रयोगशालाओं और राज्यों में प्राप्त एवं परीक्षण किये गए पानी के नमूनों का विवरण प्रदान करती है। मोबाइल एप के माध्यम से यह सारा डेटा एक स्थान पर उपलब्ध होगा।
- जल जीवन मिशन
- परिचय:
- वर्ष 2019 में शुरू किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
- जल जीवन मिशन का उद्देश्य जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, जिससे इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके।
- यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।
- लक्ष्य:
- यह मिशन मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों और पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है; पानी की गुणवत्ता की निगरानी और परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि को भी बढ़ावा देता है।
- यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग; पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, धूसर जल उपचार और इसके पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
- विशेषताएँ:
- जल जीवन मिशन (JJM) स्थानीय स्तर पर पानी की एकीकृत मांग और आपूर्ति पक्ष प्रबंधन पर केंद्रित है।
- वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य तत्त्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण अन्य सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
- यह मिशन जल के सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।
- कार्यान्वयन:
- ‘पानी समितियाँ’, ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों के नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव हेतु उत्तरदायी हैं।
- इनमें से कम-से-कम 50% महिला सदस्यों तथा स्वयं सहायता समूहों, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी शिक्षकों आदि के साथ 10-15 सदस्य शामिल हैं।
- समितियाँ सभी उपलब्ध ग्राम संसाधनों को मिलाकर एक एकल ग्राम कार्य योजना तैयार करती हैं। योजना को लागू करने से पहले ग्राम सभा में अनुमोदित किया जाता है।
- ‘पानी समितियाँ’, ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों के नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव हेतु उत्तरदायी हैं।
- वित्तीयन पैटर्न:
- केंद्र और राज्यों के बीच वित्त साझाकरण पैटर्न हिमालय और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% है।
- अब तक हुई प्रगति:
- जब यह मिशन शुरू किया गया था उस समय देश के कुल ग्रामीण परिवारों में से केवल 17% (32.3 मिलियन) तक ही नल के पानी की आपूर्ति हो पाती थी।
- वर्तमान में लगभग 7.80 करोड़ (41.14%) घरों में नल के पानी की आपूर्ति है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा पुद्दुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100% घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है तथा 'हर घर जल' सुनिश्चित करने वाले राज्य बन गए हैं।
- जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के पूरक के रूप में जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा बजट 2021-22 में की गई थी।
- परिचय: