नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 25 Jan, 2024
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना

स्रोत: द हिंदू 

केंद्र सरकार 'अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना' के तहत आर्द्रभूमि पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की अगुवाई कर रही है। 

अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना क्या है?

  • परिचय:
    • 'अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना' की शुरुआत पर्यटन मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सहयोग से की गई थी।
    • आर्द्रभूमि के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय समुदायों के लिये जैवविविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज़्म के अवसरों एवं आय सृजन को बढ़ाने के लिये इस योजना का कार्यान्वन किया गया।
      • योजना का प्राथमिक उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों पर रणनीतिक रूप से उच्च मात्रा वाले पर्यटन से उच्च मूल्य वाले प्रकृति पर्यटन में परिवर्तन करना है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य संपूर्ण देश के रामसर स्थलों की प्रकृति-पर्यटन क्षमता का उपयोग कर स्थानीय समुदायों के लिये आजीविका के अवसरों में वृद्धि करना है।
  • क्रियान्वयन:
    • यह योजना विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और एजेंसियों, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरणों, औपचारिक तथा अनौपचारिक संस्थानों एवं व्यक्तियों के एक नेटवर्क के साथ मिलकर एक सामान्य उद्देश्य के लिये काम करते हुए कार्यान्वित की जा रही है।
  • पायलट प्रोजेक्ट और कौशल विकास:
    • योजना के तहत 16 चिह्नित रामसर स्थलों में से पाँच को पायलट प्रोजेक्ट के लिये चुना गया है।
    • प्रतिभागियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम वैकल्पिक आजीविका कार्यक्रम (Alternative Livelihood Programme - ALP) (30 घंटे/15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम) और पर्यटन नाविक प्रमाण-पत्र (पर्यटन के लिये नाविक प्रमाणन) के तहत चलाए जाते हैं।

नोट:

  • उच्च-मूल्य आय वाले यात्री वे व्यक्ति होते हैं जो संभवतः अधिक खर्च करने वाले, लंबे समय तक रुकने वाले और लोकप्रिय पर्यटन क्षेत्रों के बाहर के स्थानों की यात्रा करने वाले होते हैं।
  • प्राकृतिक पर्यटन किसी क्षेत्र के प्राकृतिक आकर्षणों, जैसे– बर्डवॉचिंग, फोटोग्राफी, स्टारगेजिंग, कैंपिंग, लंबी पैदल यात्रा, शिकार, मछली पकड़ने और पार्कों का दौरा करने पर आधारित है।
    • प्राकृतिक पर्यटक अनुभवी पर्यटक होते हैं जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों की विविधता में रुचि रखते हैं।

रामसर साइट क्या है?

  • रामसर स्थल रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि 'आर्द्रभूमियों पर अभिसमय' के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ उस वर्ष सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • रामसर आर्द्रभूमि के संरक्षण और उनके संसाधनों के बुद्धिमानीपूर्ण टिकाऊ उपयोग के संबंध में राष्ट्रीय कार्रवाई तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करता है।
  • भारत की 11 नई आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल या अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों में शामिल किया गया है, इसके बाद अब देश में रामसर स्थलों की संख्या 75 हो गई।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. ‘‘यदि वर्षावन और उष्णकटिबंधीय वन पृथ्वी के फेफड़े हैं, तो निश्चित ही आर्द्रभूमियाँ इसके गुर्दों की तरह काम करती हैं।’’ निम्नलिखित में से आर्द्रभूमियों का कौन-सा एक कार्य उपर्युक्त कथन को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है? (2022)

(a) आर्द्रभूमियों के जल चक्र में सतही अपवाह, अवमृदा अंत:स्रवण और वाष्पन शामिल होते हैं।
(b) शैवालों से वह पोषक आधार बनता है, जिस पर मत्स्य, परुषकवची (क्रश्टेशिआई), मृदुकवची (मोलस्क), पक्षी, सरीसृप और स्तनधारी फलते-फूलते हैं।
(c) आर्द्रभूमियाँ अवसाद संतुलन और मृदा स्थिरीकरण बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
(d) जलीय पादप भारी धातुओं और पोषकों के आधिक्य को अवशोषित कर लेते हैं।

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. रामसर सम्मलेन के अनुसार, भारत के राज्यक्षेत्र में सभी आर्द्रभूमि को बचाना और संरक्षित रखना भारत सरकार के लिये अधिदेशात्म्क है।
  2. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 भारत सरकार ने रामसर सम्मलेन की संस्तुतियों के आधार पर बनाए थे।
  3. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 में आर्द्रभूमियों के अपवाह क्षेत्र या जलग्रहण क्षेत्रों को भी सम्मिलित करते हैं जैसा कि प्राधिकार द्वारा निर्धारित किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रारंभिक परीक्षा

विलुप्ति के कगार पर मधिका भाषा

स्रोत:द हिंदू

केरल के करिवेलूर ग्राम पंचायत के नज़दीक कूकनम की सुदूर कॉलोनी में चकलिया समूह को अपनी भाषा मधिका (Madhika) के आसन्न नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

  • वर्तमान में केवल दो लोग बचे हैं जो मधिका के अंतिम धाराप्रवाह वक्ता हैं। उन्हें इस बात का डर है कि उनके निधन से कहीं यह भाषा दुनिया से विलुप्त ना हो जाए।

मधिका भाषा और चकलिया समुदाय के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • मधिका भाषा: 
    • मधिका की उपेक्षा को चकलिया समुदाय से जुड़े सामाजिक विद्वेष के लिये ज़िम्मेदार ठहराया जाता है और उन्हें अछूत समझा जाता था।
    • मधिका एक ऐसी भाषा है जिसकी कोई लिपि नहीं है और यह तेलुगु, तुलु, कन्नड़ तथा मलयालम का मिश्रण है। यह कन्नड़ के समान होने के बावजूद, अपने विविध भाषायी प्रभावों के कारण सुनने वालों को भ्रमित करती है।
      • मधिका काफी हद तक कन्नड़ के पुराने रूप हव्यक कन्नड़ से प्रभावित है।
    • दस्तावेज़ीकरण की कमी (कोई स्क्रिप्ट नहीं) और पुराने वक्ताओं के निधन के कारण, एक महत्त्वपूर्ण जोखिम है कि मधिका व्यक्तियों से परे जीवित नहीं रह सकती है।
  • चकलिया समुदाय:
    • चकलिया समुदाय मूल रूप से खानाबदोश था और थिरुवेंकटरमण तथा मरियम्मा के उपासक थे। वे सदियों पहले कर्नाटक के पहाड़ी क्षेत्रों से उत्तरी मालाबार में चले गए।
    • मूल रूप से अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत इस समुदाय को बाद में केरल में अनुसूचित जाति समूह में पुनर्वर्गीकृत किया गया।

भारत की भाषायी विविधता कैसी है?

  • ऐतिहासिक परिदृश्य:
    • भारत के पास विविध भाषाओं और लेखन प्रणालियों के साथ एक समृद्ध भाषायी विरासत है।
    • भारत में लेखन का इतिहास लगभग चार हज़ार साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के दिनों से चला आ रहा है।
    • भाषायी सर्वेक्षण:
      • औपनिवेशिक शासन के दौरान पहला भाषायी सर्वेक्षण वर्ष 1894 से 1928 के दौरान किया गया और 179 भाषाओं तथा 544 बोलियों की पहचान की गई।
      • वर्ष 1991 में भारत की जनगणना में 1576 मातृभाषाओं को अलग-अलग व्याकरणिक संरचनाओं और 1796 भाषण किस्मों के साथ सूचीबद्ध किया गया था जिन्हें अन्य मातृभाषाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
        • यूनेस्को के अनुसार, 10,000 से कम व्यक्तियों द्वारा बोली जाने वाली किसी भी भाषा को "संभावित रूप से लुप्तप्राय" माना जाता है।
    • भारत के भाषा परिवार:
      • भारत में प्रमुख भाषा परिवार हैं, जिनमें इंडो-आर्यन, द्रविड़ियन, ऑस्ट्रिक, तिब्बती-बर्मन और अन्य शामिल हैं।
  • विलुप्त होने का खतरा:
    • एक गैर सरकारी संगठन (भाषा रिसर्च एंड पब्लिकेशन सेंटर) के भाषायी सर्वेक्षण, पीपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया (PLSI) के अनुसार, लगभग 400 भाषाएँ हैं जो अगले 50 वर्षों में विलुप्त होने के खतरे में हैं।
      • खतरे में अधिकांश भाषाएँ सीमांत जनजातियों द्वारा बोली जाती हैं, जिनके बच्चों को बहुत कम या कोई शिक्षा नहीं मिलती है। यदि वे स्कूल जाते हैं तो निर्देश अक्सर संविधान में मान्यता प्राप्त भारत की 22 भाषाओं में से एक में प्रदान किये जाते हैं।
    • बिना लिपि वाली भाषाओं में भीली भाषा की तरह विलुप्त होने का खतरा अधिक होता है।

संकटग्रस्त भाषाओं के संरक्षण हेतु क्या पहल की गई हैं?

भारत में भाषाओं से संबंधित संवैधानिक प्रावधान क्या हैं?

  • अनुच्छेद 29:
    • यह अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है।
  • आठवीं अनुसूची:
    • भारतीय संविधान का भाग XVII अनुच्छेद 343 से 351 तक आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता देती है।
    • भारत में वर्तमान में छह भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 'शास्त्रीय' भाषा का दर्जा प्राप्त है।
  • अनुच्छेद 350A:
    • प्रावधान करता है कि प्रत्येक राज्य को प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में प्रदान करनी होगी।
  • अनुच्छेद 350B:
    • भाषायी अल्पसंख्यकों के लिये "विशेष अधिकारी" की नियुक्ति का प्रावधान है।
  • अनुच्छेद 351:
    • केंद्र सरकार को हिंदी भाषा के विकास के लिये निर्देश जारी करने की शक्ति देता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत के संदर्भ में, 'हल्बी, हो और कुई' पद किससे संबंधित हैं - (2021)

(a) पश्चिमोत्तर भारत का नृत्य रूप
(b) वाद्ययंत्र
(c) प्रागैतिहासिक गुफा चित्रकला 
(d) जनजातीय भाषाएँ

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • राज्य में रहने वाली जनजातियों की विशाल आबादी के कारण ओडिशा का भारत में एक अद्वितीय स्थान है। ओडिशा में 62 जनजातीय समुदाय निवास करते हैं जो ओडिशा की कुल आबादी का 22.8% है।
  • ओडिशा की जनजातीय भाषा 3 मुख्य भाषा परिवारों में विभाजित है जो ऑस्ट्रो-एशियाटिक (मुंडा), द्रविड़ और इंडो-आर्यन हैं। प्रत्येक जनजाति की अपनी भाषा तथा भाषा परिवार होता है। इनमें निम्नलिखित भाषाएँ शामिल हैं:
    • ऑस्ट्रो-एशियाटिक: भूमिज, बिरहोर, रेम (बोंडा), गाता (दिदयाई), गुटब (गदाबा), सोरा (साओरा), गोरम (पारेंगा), खड़िया, जुआंग, संताली, हो, मुंडारी, आदि।
    • द्रविड़: गोंडी, कुई-कोंध, कुवी-कोंध, किसान, कोया, ओलारी, (गदाबा) परजा, पेंग, कुडुख (उरांव) आदि।
    • इंडो आर्यन: बथुडी, भुइयां, कुरमाली, सौंती, सदरी, कंधन, अघरिया, देसिया, झरिया, हल्बी, भतरी, मटिया, भुंजिया आदि।
  • इन भाषाओं में से केवल 7 भाषाओं के पास ही लिपि हैं। वे हैं संथाली (ओलचिकी), साओरा (सोरंग संपेंग), हो (वारंगचिति), कुई (कुई लिपि), ओरांव (कुखुद तोड़), मुंडारी (बानी हिसिर), भूमिज (भूमिज अनल)। संथाली भाषा को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया है।

अतः विकल्प (D) सही उत्तर है।


प्रश्न. निम्नलिखित संविधान संशोधन अधिनियमों में से किस एक के अंतर्गत भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत भाषाओं में चार भाषाएँ जोड़ी गईं, जिससे उनकी संख्या बढ़कर 22 हो गई? (2008) 

(a) संविधान (90वाँ संशोधन) अधिनियम
(b) संविधान (91वाँ संशोधन) अधिनियम
(c) संविधान (92वाँ संशोधन) अधिनियम
(d) संविधान (93 संशोधन) अधिनियम

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. क्या हम वैश्विक पहचान के लिए अपनी स्थानीय पहचान को खोते जा रहे हैं? चर्चा कीजिये (2017)


रैपिड फायर

भारतीय शेयर बाज़ार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा बाज़ार

हाल ही में भारतीय शेयर बाज़ार हॉन्गकॉन्ग को पीछे छोड़ कर विश्व का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाज़ार बन गया है।

  • ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू सूचकांकों में 1.5% की गिरावट के बावजूद भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध शेयरों का संयुक्त मूल्य 4.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो हॉन्गकॉन्ग के 4.29 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
  • अमेरिका, चीन तथा जापान विश्व के शीर्ष शेयर बाज़ार हैं।

और पढ़ें…शेयर बाज़ार विनियमन


रैपिड फायर

डेज़र्ट नाइट अभ्यास

हाल ही में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force -IAF) ने फ्राँसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (French Air and Space Force - FASF) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) वायु सेना के साथ अभ्यास डेज़र्ट नाइट में सहयोगात्मक हवाई संचालन का प्रदर्शन किया तथा राजनयिक संबंधों को मज़बूत किया।

  • अभ्यास डेज़र्ट नाइट भारत, फ्राँस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
  • यह अभ्यास अरब सागर के ऊपर हुआ, जिसमें भारतीय वायुसेना भारत में अपने अड्डे से संचालन कर रही थी।
  • इस अभ्यास का उद्देश्य तीनों वायु सेनाओं के बीच सहयोग और अंतरसंचालनीयता में सुधार करना था।

और पढ़ें….भारत-फ्राँसीसी संयुक्त अभ्यास डेज़र्ट नाइट-21


रैपिड फायर

रैबिट आर1

रैबिट इंक (Rabbit Inc.) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता मॉडल द्वारा समर्थित एक प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो मानव स्मार्टफोन क्रियाओं की नकल करने और अनुरोध पर उन्हें निष्पादित करने में सक्षम है। यह डिवाइस निश्चित रूप से मौजूदा वॉयस असिस्टेंट की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

  • r1,  कंपनी का पहला उपकरण, हथेली के आकार का अकेला गैजेट/उपकरण है जो कार्यों को पूरा करने के लिये मुख्य रूप से नेचुरल लैंग्वेज द्वारा संचालित होता है।
    • यह रैबिट OS (ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर) के भीतर लार्ज एक्शन मॉडल (LAM) कहे जाने वाले एक बायस्ड-फॉर-एक्शन AI मॉडल का उपयोग करता है, जिसमें एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग में टेक्स्ट-आधारित अनुरोधों के एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) आधारित रूपांतरण के बजाय यूज़र इंटरैक्शन और कार्य निष्पादन से सीधे तौर पर सीखने जैसी क्षमता को को सक्षम करने के लिये न्यूरो-सिम्बोलिक प्रोग्रामिंग का प्रयोग किया जाता है। परिणामस्वरूप नियमित और न्यूनतम कार्यों पर केंद्रित ह्यूमन-टू-मशीन संपर्क कम हो जाता है।
    • इसका उद्देश्य टेक्स्ट-आधारित AI मॉडल (लार्ज लैंग्वेज मॉडलपर निर्भरता को कम करके पारंपरिक चैटबॉट्स की बाधाओं को पार करना है, जो एनोटेट किये गए डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, जिसके चलते इसे योजनाएँ बनाने के अलावा व्यवहार्य कार्यों को करने में मदद मिलती है।
      • r1 विभिन्न कार्यों का प्रबंधन कर सकता है, जैसे उबर राइड की व्यवस्था करना या छुटियाँ बिताने की व्यवस्था करना जिसमें उड़ानों और होटलों की बुकिंग भी शामिल है।

और पढ़ें… कृत्रिम बुद्धिमत्ता


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow