न्यू ईयर सेल | 50% डिस्काउंट | 28 से 31 दिसंबर तक   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

मध्य प्रदेश

इंदौर के यशवंत सागर को मिला रामसर साइट का दर्जा

  • 16 Aug 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

13 अगस्त, 2022 को केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पाँच राज्यों के 11 जल-स्थलों को रामसर साइट का दर्जा दिया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले का यशवंत सागर भी शामिल है।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही मध्य प्रदेश में अब चार रामसर साइट हो गई हैं। 3 अगस्त, 2022 को इंदौर ज़िले के सिरपुर तालाब को तथा 26 जुलाई, 2022 को शिवपुरी ज़िले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिला था, जबकि भोपाल की बड़ी झील (बड़ा तालाब/भोज ताल) पहले से ही रामसर साइट घोषित है।
  • केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नामित किये गए 11 नए रामसर साइट्स में तमिलनाडु की चार, ओडिशा की तीन, जम्मू-कश्मीर की दो और मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के एक-एक स्थल शामिल हैं। इनको मिलाकर भारत में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर साइट्स की संख्या 75 हो गई हैं। ये आर्द्रभूमियाँ स्थल देश में 13,26,678 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं।
  • उल्लेखनीय है कि 1971 में ईरान के रामसर में रामसर संधि पत्र पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी, 1982 को इस पर हस्ताक्षर किये। विश्व में हो रहे जलवायु असंतुलन और परिवर्तन के दौर में रामसर साइट की भूमिका विश्व के पर्यावरण सुधार में अति महत्त्वपूर्ण है।
  • 1982 से 2013 के दौरान, रामसर स्थलों की सूची में कुल 26 स्थलों को जोड़ा गया, हालाँकि, इस दौरान 2014 से 2022 तक, देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमियाँ जोड़ी जा चुकी हैं।
  • इस वर्ष (2022) के दौरान ही कुल 28 स्थलों को रामसर स्थल घोषित किया गया है। रामसर प्रमाण पत्र में अंकित स्थल की तिथि के आधार पर इस वर्ष (2022) के लिये 19 स्थल और पिछले वर्ष (2021) के लिये 14 स्थल हैं।
  • तमिलनाडु में अधिकतम रामसर स्थलों की संख्या (14), इसके पश्चात उत्तर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल हैं।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2