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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 24 Apr, 2023
  • 31 min read
प्रारंभिक परीक्षा

स्टारशिप

हाल ही में SpaceX ने मानव रहित परीक्षण मिशन के तहत सुपर हैवी रॉकेट से स्टारशिप क्रूज़ वेसल लॉन्च किया। हालाँकि अपर स्टेज स्टारशिप का लोअर स्टेज सुपर हैवी से अलग नहीं हो पाने के कारण स्टारशिप में विस्फोट हो गया।

  • SpaceX एलोन मस्क द्वारा वर्ष 2002 में स्थापित एक निजी कंपनी है।

स्टारशिप प्रोजेक्ट:

  • SpaceX का यह अंतरिक्षयान और सुपर हैवी रॉकेट, जिसे संयुक्त रूप से स्टारशिप के रूप में जाना जाता है, पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य परिवहन प्रणाली पर बना हुआ है जिसे कर्मी दलों और कार्गो दोनों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • इसमें "एक्स्पेंडेबल मोड" में 250 मीट्रिक टन तक और "पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य/रियूज़ेबल" मोड में 150 मीट्रिक टन तक के पेलोड के परिवहन की क्षमता है।
  • स्टारशिप सुपर हैवी रैप्टर इंजनों की एक शृंखला द्वारा संचालित है, जिनमें तरल मीथेन (CH4) और तरल ऑक्सीजन (LOX) का उपयोग किया जाता है।
    • कुल 33 रैप्टर इंजन पहले चरण के बूस्टर को शक्ति प्रदान करते हैं।
  • पृथ्वी की निम्न कक्षा में स्टारशिप अंतरिक्षयान में ईंधन भरने के लिये टैंकर वाहनों (अनिवार्य रूप से स्टारशिप अंतरिक्षयान माइनस द विंडो) का उपयोग किया जाता है।
  • स्टारशिप के विकास और निर्माण का कार्य स्टारबेस में होता है, यह ऑर्बिटल मिशन के लिये डिज़ाइन किये गए विश्व के पहले वाणिज्यिक स्पेसपोर्ट में से एक है।

Space X के अन्य प्रोजेक्ट्स:

  • फाल्कन 9:
    • फाल्कन 9 एक पुन: प्रयोज्य, दो चरणीय रॉकेट है जो लोगों और पेलोड को पृथ्वी की कक्षा एवं उससे आगे विश्वसनीय तथा सुरक्षित तरीके ले जाने में सक्षम है।
  • फाल्कन हैवी:
    • SpaceX का दावा है कि फाल्कन हैवी विश्व के किसी भी राकेट की तुलना में दो गुना शक्तिशाली है।
    • यह तीन फाल्कन 9 नाइन-इंजन कोर से बना है, जिसके 27 मर्लिन इंजन एक साथ मिलकर लिफ्टऑफ के लिये 5 मिलियन पाउंड से अधिक का थ्रस्ट उत्पन्न करते हैं।
      • मर्लिन इंजन एक रॉकेट ग्रेड केरोसिन (RP-1) और तरल ऑक्सीजन का उपयोग गैस-जनरेटर शक्ति चक्र में रॉकेट प्रणोदक के रूप में करता है।
  • स्टारलिंक और स्टारशील्ड:
    • स्टारलिंक विश्व भर में हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करता है।
      • इसकी हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी सर्विस पृथ्वी के चारों ओर निचली कक्षा में संचालित अत्यधिक उन्नत उपग्रहों के माध्यम से संभव हो पाई है जो विश्व के सबसे बड़े समूह में से एक है।
    • स्टारशील्ड राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों का समर्थन करने के लिये स्टारलिंक प्रौद्योगिकी और प्रक्षेपण क्षमता का लाभ उठाता है।
      • स्टारशील्ड को सरकारी उपयोग के लिये डिज़ाइन किया गया है, जबकि स्टारलिंक को उपभोक्ता और व्यावसायिक उपयोग के लिये डिज़ाइन किया गया है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

हक्की पिक्की जनजाति समुदाय

कर्नाटक के हक्की पिक्की जनजाति समुदाय के 181 से अधिक सदस्य हिंसा प्रभावित सूडान में फँसे हुए हैं।

हक्की पिक्की जनजाति की विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • हक्की पिक्की एक अर्द्ध-घुमंतू जनजाति है जो परंपरागत रूप से पक्षियों को पकड़ती है और उनका शिकार करती है तथा पश्चिम एवं दक्षिण भारत के वन क्षेत्रों में निवास करती है।
    • यह कर्नाटक की एक अनुसूचित जनजाति है और ऐतिहासिक दृष्टि से राणा प्रताप सिंह के साथ इनका पैतृक संबंध माना जाता है।
  • उत्पत्ति:
    • हक्की पिक्की जनजाति की उत्पत्ति का स्थान गुजरात और राजस्थान माना जाता है जो आंध्र प्रदेश से होते हुए दक्षिण भारत तक पहुँच गए।
    • इस जनजाति को चार कुलों में बाँटा गया है और कर्नाटक में इनकी आबादी 11,892 है।
      • इस जनजाति के गुजराथीओ (Gujrathioa), कालीवाला (Kaliwala), मेवाड़ा (Mewara) और पनवारा (Panwara) चार वंश हैं।
  • समाज:
    • इस जनजाति के बीच शादी की सामान्य उम्र महिलाओं के लिये 18 वर्ष और पुरुषों के लिये 22 वर्ष है तथा अंतरावंशीय विवाह को प्राथमिकता दी जाती है।
    • कर्नाटक में हक्की पिक्की हिंदू परंपराओं का पालन करते हैं और सभी हिंदू त्योहार मनाते हैं।
    • हक्की पिक्की के बीच शिक्षा का स्तर अभी भी कम है।
  • आजीविका:
    • हक्की पिक्की अपनी आजीविका के लिये मुख्य रूप से वनों के प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं।
    • सख्त वन्यजीव संरक्षण कानूनों के कारण इस जनजाति को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिस कारण शिकार करने के अपने व्यवसाय को छोड़कर उन्होंने स्थानीय मंदिरों में लगने वाले मेलों में हर्बल तेल, मसाले और प्लास्टिक के फूल बेचना शुरू कर दिया।
  • अफ्रीका में प्रवास:
    • हाल के वर्षों में हक्की पिक्की जनजाति के सदस्य अपने उत्पादों को बेचने हेतु अफ्रीकी देशों की यात्रा करते रहे हैं क्योंकि इस महाद्वीप में आयुर्वेदिक उत्पादों की भारी मांग है।
    • अफ्रीकी देशों के बाज़ारों में बेहतर अवसर उपलब्ध होने के कारण कच्चे संसाधनों जैसे- हिबिस्कस पाउडर, तेल निष्कर्षण, आँवला, आयुर्वेदिक पौधों आदि में निवेश से उच्च रिटर्न प्राप्त होने की संभावना है।

इन्फोग्रफिक: भारत में प्रमुख जनजातियाँ

सूडान में हिंसा का कारण:

  • इस देश में हाल ही में दो बलों- सूडान सशस्त्र बल (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच तनावपूर्ण माहौल के कारण हिंसा देखी गई।
  • गैर-सैनिक अधिकारियों को सत्ता सौंपने हेतु सेना के साथ एक राजनीतिक समझौते के रूप में राष्ट्रीय सेना में बलों के विलय के बारे में वार्ता चल रही थी।
    • सेना के भीतर कट्टर गुट शामिल होने के कारण तनाव उत्पन्न हो गया, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया।

sudan

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न: 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत के संविधान की किस अनुसूची के अधीन जनजातीय भूमि का खनन के लिये निजी पक्षकारों को अंतरण अकृत और शून्य घोषित किया जा सकता है? (2019)

(A) तीसरी अनुसूची
(B) पाँचवीं अनुसूची
(C) नौवीं अनुसूची
(D) बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

PSLV C55 तथा TeLEOS-2 उपग्रह

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization- ISRO/इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle- PSLV) -C55/TeLEOS-2 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

PSLV C55/TeLEOS-2 मिशन:

  • परिचय:
    • यह PSLV की 57वीं उड़ान है और PSLV कोर अलोन कॉन्फिगरेशन (PSLV-CA) का उपयोग करने वाला 16वाँ मिशन है।
    • यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के माध्यम से समर्पित वाणिज्यिक मिशन है, जिसमें प्राथमिक उपग्रह के रूप में TeLEOS-2 और सह-यात्री उपग्रह के रूप में Lumelite-4, दोनों सिंगापुर से संबंधित हैं।
    • वैज्ञानिकों ने PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-2 (POEM-2) का उपयोग इसके द्वारा किये गए गैर-पृथक पेलोड के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोगों को करने हेतु एक कक्षीय मंच के रूप में किया।
  • TeLEOS-2:
    • यह पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation Satellite- EOS) है और रॉकेट द्वारा ले जाया जाने वाला प्राथमिक उपग्रह होगा।
      • वर्ष 2015 में ISRO ने TeLEOS-1 लॉन्च किया, जिसे रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन के लिये पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च किया गया था। इसरो अब तक सिंगापुर के नौ उपग्रहों का प्रक्षेपण कर चुका है।
    • TeLEOS-2 में एक सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) पेलोड है जो 1m पूर्ण-ध्रुवीयमितीय रिज़ॉल्यूशन (full-polarimetric resolution) पर इमेजिंग में सक्षम है। यह सभी मौसमों में दिन और रात में कवरेज प्रदान करने में सक्षम होगा।
      • SAR एक प्रकार की सक्रिय रडार इमेजिंग तकनीक है जिसमें लक्ष्य क्षेत्र की हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D छवि प्राप्त करने के लिये रडार एंटीना की गति का उपयोग किया जाता है।

  • LUMILITE-4:
    • यह एक उन्नत 12U उपग्रह है जिसे उच्च-प्रदर्शन अंतरिक्ष-जनित VHF डेटा एक्सचेंज सिस्टम (VDES) के तकनीकी प्रदर्शन के लिये विकसित किया गया है।
      • "12U" क्यूबसैट हेतु एक मानकीकृत कारक आकृति को संदर्भित करता है, जो मॉड्यूलर डिज़ाइन वाले छोटे उपग्रह होते हैं।
      • 12U फॉर्म फैक्टर में क्यूबसैट 24 x 24 x 36 सेमी. का होता है और इसका आयतन 20.7 लीटर होता है।
    • इसका उद्देश्य सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और वैश्विक शिपिंग समुदाय को लाभ पहुँचाना है।
    • यह TeLEOS-2 के साथ भेजा जा रहा सह-यात्री उपग्रह है।

POEM:

  • POEM इसरो (ISRO) का एक प्रायोगिक मिशन है जो PSLV प्रक्षेपण यान के चौथे चरण के दौरान कक्षीय मंच के रूप में कक्षा में वैज्ञानिक प्रयोग करता है।
    • PSLV एक चार चरणों वाला रॉकेट है जहाँ पहले तीन चरण के भाग वापस समुद्र में गिर जाते हैं, और अंतिम चरण (PS4) - उपग्रह को कक्षा में लॉन्च करने के बाद अंतरिक्ष कबाड़ के रूप में समाप्त हो जाता है।
  • POEM में व्यवहार स्थिरीकरण के लिये एक समर्पित नेविगेशन गाइडेंस एंड कंट्रोल (NGC) प्रणाली है, जो अनुमत सीमा के अंदर किसी भी एयरोस्पेस वाहन के उन्मुखीकरण को नियंत्रित करने के लिये है।
  • NGC निर्दिष्ट सटीकता के साथ इसे स्थिर करने के लिये मंच के रूप में कार्य करेगा।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. PSLV से वे उपग्रह प्रमोचित किये जाते हैं जो पृथ्वी संसाधनों की निगरानी के लिये उपयोगी हैं, जबकि GSLV को मुख्यतः संचार उपग्रहों को प्रमोचित करने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
  2. PSLV द्वारा प्रमोचित गए उपग्रह आकाश में एक ही स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं जैसा कि पृथ्वी पर एक विशिष्ट स्थान से देखा जाता है।
  3. GSLV MK III एक चार चरण वाला प्रमोचन वाहन है, जिसमे प्रथम एवं तृतीय चरणों में ठोस रॉकेट मोटरों का तथा दूसरा और चौथे चरण में द्रव्य रॉकेट इंजनों का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(A) केवल 1
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 2
(D) केवल 3

उत्तर: (A)

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

भारत के लड़ाकू विमान

विश्व की सबसे बड़ी वायु सेना में से एक भारतीय वायु सेना (IAF) को अपने बेड़े के आधुनिकीकरण में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि खरीद में देरी के कारण इसके लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी हो गई है।

  • IAF के एक प्रतिनिधि ने रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति को सूचित किया है कि IAF के पास 42 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले केवल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं।

लड़ाकू स्क्वाड्रन:

  • परिचय:
    • लड़ाकू स्क्वाड्रन एक सैन्य इकाई है जिसमें लड़ाकू विमान और उन्हें उड़ाने वाले पायलट शामिल होते हैं।
      • यह वायु सेना का एक मूलभूत घटक है और युद्ध क्षेत्र में हवाई संचालन करने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • एक विशिष्ट लड़ाकू स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं।
    • ये किसी भी आधुनिक वायु सेना के आवश्यक घटक होते हैं और हवाई श्रेष्ठता और ज़मीनी हमले सहित कई प्रकार के मिशनों के रूप में कार्य करते हैं।
  • कमी का कारण:
    • खरीद में देरी इसका प्रमुख कारण है, क्योंकि भारतीय वायुसेना के कई लड़ाकू जेट पुराने हो चुके हैं और उन्हें बदलने की ज़रूरत है।
  • लड़ाकू विमानों की खरीद की स्थिति:
    • भारत के पास 500 से अधिक लड़ाकू विमान हासिल करने की महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिनमें से अधिकांश भारतीय वायुसेना के लिये हैं।
      • इनमें से कई जेट अभी भी विकास के विभिन्न चरणों में हैं और उनका निर्माण एवं समय पर डिलीवरी करना महत्त्वपूर्ण हैं।
    • IAF ने कुल मिलाकर 272 SU-30 के लिये अनुबंध किया है।
    • दुर्घटनाओं में खोए हुए विमानों की प्रतिपूर्ति हेतु 12 अतिरिक्त SU-30MKI विमान और रूस से 21 अतिरिक्त MIG-29 खरीदने का सौदा अभी अटका हुआ है, हालाँकि भारतीय एवं रूसी दोनों वायुसेना अधिकारियों का कहना है कि इसमें केवल देरी हुई है लेकिन यह ट्रैक पर है।

भारत के पास विभिन्न प्रकार के विमान:

  • हल्के लड़ाकू विमान (LCA):
    • इन्हें पुराने मिग 21 लड़ाकू विमानों को प्रतिस्थापित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अधीन वैमानिकी विकास अभिकरण (Aeronautical Development Agency- ADA) द्वारा विकसित।
    • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित।
    • अपनी श्रेणी का सबसे हल्का, सबसे छोटा और बिना पूँछ वाला (Tailless) बहुपयोगी सुपरसोनिक लड़ाकू विमान।
    • हवा-से-हवा, हवा-से-सतह, सटीक निर्देशित हथियारों को वहन करने में सक्षम।
    • हवा-से-हवा में ईंधन भरने की क्षमता, 4000 किलोग्राम की अधिकतम पेलोड क्षमता, 1.8 मैक की अधिकतम गति और 3000 किमी. की रेंज।
  • बहुपयोगी लड़ाकू विमान (MRFA):
    • हवा-से-हवा में युद्ध, हवा-से-सतह पर हमला और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे विभिन्न मिशनों को करने के लिये अभिकल्पित।
    • IAF सोवियत काल के मिग-21 के पुराने बेड़े को प्रतिस्थापित करने हेतु 114 MRFA की खरीद योजना पर काम कर रहा है।
    • यह खरीद मेक इन इंडिया पहल के तहत की जाएगी।
    • चयनित विक्रेता को भारत में एक उत्पादन लाइन स्थापित कर स्थानीय भागीदारों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करनी होगी।
  • मिग-21:
    • 1950 के दशक में तत्कालीन USSR द्वारा डिज़ाइन किये गए सुपरसोनिक जेट लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान।
      • इतिहास में अब तक का सर्वाधिक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला लड़ाकू विमान, जिसकी 11,000 से अधिक यूनिट्स तैयार की गई हैं और 60 से अधिक देशों द्वारा इनका संचालन किया जा रहा है।
    • IAF ने वर्ष 1963 में अपना पहला मिग-21 हासिल किया और तब से विमान के 874 वेरिएन्ट्स को IAF में शामिल किया है।
    • भारत से जुड़े कई युद्धों और संघर्षों में इसने भाग लिया है। कई दुर्घटनाओं में शामिल होने कारण इसे "फ्लाइंग कॉफिन" उपनाम दिया गया।
    • IAF की योजना वर्ष 2024 तक मिग -21 को चरणबद्ध तरीके से हटाने और इनके स्थान पर अधिक आधुनिक लड़ाकू विमानों को शामिल करने की है।
  • उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA):
    • IAF और भारतीय नौसेना के लिये 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ, बहुपयोगी लड़ाकू विमान विकसित करने हेतु एक भारतीय कार्यक्रम।
    • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तथा अन्य सार्वजनिक एवं निजी भागीदारों के सहयोग से DRDO के अधीन ADA द्वारा इसे अभिकल्पित और विकसित किया गया।
    • इसके स्टील्थ एयरफ्रेम, आंतरिक हथियार बेड़ा, उन्नत सेंसर, डेटा फ्यूज़न, सुपरक्रूज़ क्षमता और स्विंग-रोल प्रदर्शन जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होने की उम्मीद है।
    • इसकी शुरुआत सुखोई Su-30MKI के उत्तराधिकारी के रूप में वर्ष 2008 में हुई।
      • इसकी पहली उड़ान वर्ष 2025 में होने की योजना है और उत्पादन वर्ष 2030 के बाद शुरू होने की आशा की जा रही है।
  • सुखोई Su-30MKI:
    • दोहरे इंजन और दो सीटों वाला बहुपयोगी लड़ाकू विमान जिसे रूस के सुखोई द्वारा विकसित किया गया है तथा IAF के लिये भारत के HAL को प्राप्त लाइसेंस के तहत बनाया गया है।
    • वर्ष 2002 में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया और कई संघर्षों एवं अभ्यासों में तैनात किया गया।
  • दोहरे इंजन वाले डेक-आधारित फाइटर (TEDBF):
    • नौसेना के मिग-29K को प्रतिस्थापित करने के लिये निर्मित।
    • समर्पित वाहक-आधारित संचालन के लिये भारत में पहली दोहरे इंजन वाली विमान परियोजना।
    • मुख्य रूप से स्वदेशी हथियारों से युक्त।
    • अधिकतम गति 1.6 मैक, सर्विस सीलिंग 60,000 फीट, अधिकतम टेकऑफ वज़न 26 टन, अनफोल्डेड विंग।
  • राफेल:
    • यह फ्रेंच जुड़वाँ इंजन और मल्टीरोल लड़ाकू विमान है।
    • भारत ने वर्ष 2016 में 59,000 करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट खरीदे।
    • हवाई वर्चस्व, अंतर्विरोध, हवाई टोही, ज़मीनी समर्थन, सटीक हमले, जहाज़-रोधी हमले और परमाणु प्रतिरोध मिशन हेतु सुसज्जित।
    • राफेल जेट के हथियारों के पैकेज में Meteor मिसाइल, स्कैल्प क्रूज़ मिसाइल और MICA मिसाइल प्रणाली शामिल हैं।
      • Meteor मिसाइल, दृश्य क्षमता से परे हवा-से-हवा मिसाइल की अगली पीढ़ी है, जिसे हवा-से-हवा में मार करने वाली युद्ध में क्रांति लाने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जो 150 किमी. दूर से दुश्मन के विमानों को लक्षित करने में सक्षम है।
      • SCALP क्रूज़ मिसाइलें 300 किमी. दूर के लक्ष्यों को मार सकती हैं, जबकि MICA मिसाइल प्रणाली एक बहुमुखी वायु-से-वायु में मार करने वाली मिसाइल है, जो 100 किमी. दूर तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
    • इसके संचालन में 30,000 घंटे की उड़ान की क्षमता है।

नोट:

  • हालिया पहल में भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, INS विक्रांत, सितंबर 2022 में कमीशन किया गया था जो वर्तमान में शुरू होने की प्रक्रिया में है।
  • हाल ही में भारत के स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft- LCA) के नौसैनिक संस्करण ने INS विक्रांत पर अपनी पहली लैंडिंग की।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 अप्रैल, 2023

ब्लैक सी ग्रेन डील

ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के कृषि मंत्रियों ने ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव (BSGI) डील के विस्तार और पूर्ण कार्यान्वयन हेतु एक आधिकारिक बयान जारी किया है जिसके तहत यूक्रेन को अपने ब्लैक सी बंदरगाहों से 27 मिलियन टन से अधिक अनाज निर्यात करने की अनुमति प्राप्त होती है। यह डील जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये की मध्यस्थता में गई थी लेकिन रूस (जिसने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था) ने अपनी अनाज और उर्वरक निर्यात की सुविधा को लेकर संकेत दिया कि वह 18 मई, 2023 से आगे इस डील को जारी रखने की अनुमति नहीं देगा। G7 मंत्रियों ने इस संदर्भ में रूस द्वारा समस्या पैदा करने के तरीके को अस्वीकार किया है। इन सभी ने यूक्रेन के पक्ष में रहने और उन लोगों की मदद करने पर बल दिया है जो रूस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित हैं। G7 सदस्यों ने यूक्रेन में शांति बहाली और पुनर्निर्माण हेतु सहायता प्रदान करने पर बल दिया है जिसमें कृषि भूमि से संबंधित बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण में सहायता देना शामिल है।
और पढ़ें: ब्लैक सी ग्रेन पहल

बसव जयंती

प्रधानमंत्री ने बसव जयंती पर जगद्गुरु बसवेश्वर को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह 12वीं शताब्दी के दौरान शैव धर्म भक्ति आंदोलन में दार्शनिक, राजनेता, समाज सुधारक और संत के सम्मान में मनाया जाने वाला त्योहार है। बसवेश्वर को उनकी शिक्षाओं जिसमें लैंगिक समानता, सामाजिक सुधार, सामाजिक भेदभाव के उन्मूलन, अंधविश्वास और अनावश्यक अनुष्ठानों के खिलाफ जागरूकता आदि शामिल हैं, के लिये जाना जाता है। कर्नाटक राज्य में लिंगायतों द्वारा वैशाख महीने के दौरान शुक्ल पक्ष या शुक्ल पक्ष की तृतीया को बसवेश्वर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। बसवेश्वर ने इष्टलिंग हार पहनने की प्रथा आरंभ की जो भगवान शिव का प्रतीक है और इसे सभी लिंगायतों द्वारा पहना जाता है। बसव द्वारा स्थापित अनुभव मंतपा ने सामाजिक लोकतंत्र की नींव रखी।

और पढ़ें… बसव जयंती

अर्थ डे

अर्थ डे पृथ्वी ग्रह और इसके पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकता के संदर्भ में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक आयोजन है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी। अर्थ डे 2023 की थीम "हमारे ग्रह में निवेश करना (Invest in our planet)" है, जो व्यवसायों, निवेशकों, वित्तीय बाज़ारों एवं सरकारों से स्वस्थ तथा अधिक न्यायसंगत वैश्विक प्रणाली के निर्माण का नेतृत्त्व करने का आह्वान करती है। निजी क्षेत्र हरित नवाचार व प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु अपनी शक्ति का उपयोग कर सकता है, जबकि सरकार नागरिकों, व्यवसायों और संस्थानों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिये प्रोत्साहित कर सकती है। नागरिक भी व्यक्तिगत तौर पर पर्यावरण के अनुकूल व्यवसायों का समर्थन कर तथा पर्यावरण को प्राथमिकता देने वाले उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करके बदलाव कर सकते हैं। अर्थ डे पहली बार वर्ष 1970 में स्मॉग, प्रदूषित नदियों और तेल रिसाव जैसे मुद्दों के कारण होने वाले पर्यावरणीय क्षरण की प्रतिक्रिया के रूप में मनाया गया था। वर्तमान में अर्थ डे विश्व स्तर पर EARTHDAY.ORG द्वारा समन्वित है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे पहले अर्थ डे नेटवर्क के रूप में जाना जाता था। इसका उद्देश्य लोगों एवं ग्रह हेतु परिवर्तनकारी प्रयास करके दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है। वर्ष 2016 में पृथ्वी दिवस पर महत्त्वपूर्ण पेरिस समझौते, जिसका उद्देश्य वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करना है, पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह हमारे ग्रह हेतु सार्थक परिवर्तन लाने में इस दिन के महत्त्व को प्रदर्शित करता है।
और पढ़ें…अर्थ डे

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

73वें संवैधानिक संशोधन के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है, यह वर्ष 1993 में उसी दिन लागू हुआ था जब पंचायतों को भारत में स्थानीय स्वशासन के तीसरे स्तर के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया गया था। हालाँकि राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने पहले ही पंचायतों को स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के रूप में मान्यता दे दी थी, 73वें और 74वें संशोधनों ने इसे एक अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान किया। महिलाओं के प्रतिनिधित्त्व में वृद्धि करने में पंचायती राज अधिक सफल रहा है, स्थानीय स्तर पर महिलाओं के लिये कुल सीटों का एक-तिहाई आरक्षित है और कुछ राज्य स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण प्रदान करते हैं। स्थानीय स्तर पर महिलाओं के इस बढ़े हुए प्रतिनिधित्त्व के विभिन्न नीतिगत परिणाम सामने आए हैं, इसके अंतर्गत कई स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के लिये समुदाय आधारित कल्याण और वित्तीय स्वतंत्रता हेतु खर्च में वृद्धि शामिल है। विभिन्न राज्यों में स्थानीय सरकारी निकायों को दी जाने वाली वित्तीय स्वायत्तता के स्तर में काफी भिन्नता है। उदाहरण के लिये स्वायत्तता को सर्वोत्तम रूप से लागू करने वाले दो राज्य केरल और महाराष्ट्र हैं, जबकि दो सबसे कम सफल राज्य ओडिशा और असम हैं।
और पढ़ें… राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, पंचायती राज संस्थान (PRI)


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