प्रारंभिक परीक्षा
भारत का पहला निजी प्रक्षेपण यान
- 09 Nov 2022
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अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, स्काईरूट एयरोस्पेस भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-S को 12 से 16 नवंबर, 2022 के बीच 'प्रारंभ (‘Prarambh)' मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचने के लिये तैयार है।
- स्काईरूट एयरोस्पेस, एयरोस्पेस व्यवसाय से संबंधित भारतीय स्टार्टअप है।
विक्रम -S:
- विक्रम- S रॉकेट, एक-चरणीय सब-ऑर्बिटल प्रक्षेपण यान है जो तीन पेलोड ले जाएगा।
- सब-ऑर्बिटल प्रक्षेपण यान कक्षीय वेग से धीमी गति से चलते हैं - अर्थात बाहरी अंतरिक्ष तक पहुंचने के लिये इसकी गति पर्याप्त होती है लेकिन पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में रहने के लिये पर्याप्त गति नहीं होती है।
- यह अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों की विक्रम शृंखला में अधिकांश प्रौद्योगिकियों के परीक्षण और सत्यापन में मदद करेगा।
- स्काईरूट तीन अलग-अलग विक्रम रॉकेट संस्करणों पर काम कर रहा है।
- विक्रम-I को 480 किलोग्राम पेलोड के साथ लॉन्च किया जा सकता है, जबकि विक्रम- II को 595 किलोग्राम के साथ लॉन्च किया जा सकता है, एवं विक्रम-III में 815 किलोग्राम के साथ 500 किमी. कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च कर सकता है।
प्रारंभ मिशन (Prarambh Mission):
- प्रारंभ मिशन का उद्देश्य तीन पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाना है, जिसमें 2.5 किलोग्राम का पेलोड भी शामिल है जिसे कई देशों के छात्रों द्वारा विकसित किया गया है।
- प्रारंभ मिशन और विक्रम-S रॉकेट को हैदराबाद स्थित स्टार्टअप द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के व्यापक समर्थन से विकसित किया गया था।