प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 23 सितंबर, 2021
सूर्य किरण XV
Surya Kiran XV
हाल ही में भारत और नेपाल की सेनाओं ने भारतीय राज्य उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त सैन्य अभ्यास 'सूर्य किरण' के 15वें संस्करण की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- यह एक द्विवार्षिक अभ्यास है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य:
- दोनों देशों के सैनिकों द्वारा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में सैन्य संबंध स्थापित करना।
- आपदा प्रबंधन के तहत मानवीय सहायता प्रदान करना।
- आतंकवाद विरोधी अभियानों हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना।
- दोनों देशों के बीच अंतर-संचालनीयता और विशेषज्ञता स्थापित करना।
- इस अभ्यास का 14वाँ संस्करण वर्ष 2019 में नेपाल के सालझंडी में आयोजित किया गया था।
रबी फसल
Rabi Crops
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने रबी अभियान 2021-22 के लिये राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का आयोजन किया है।
प्रमुख बिंदु
खरीफ फसल |
रबी फसल |
दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु के दौरान बोई जाने वाली फसलें खरीफ या मानसूनी फसलें कहलाती हैं। |
ऐसी फसलें जो लौटते मानसून और पूर्वोत्तर मानसून ऋतु के समय बोई जाती हैं, अर्थात् अक्तूबर माह से बुवाई शुरू हो जाती है, इसे रबी या शरद ऋतु की फसल कहते हैं। |
इन फसलों को मानसून के आगमन यानी मई के अंत से जून की शुरुआत तक बोया जाता है तथा अक्तूबर में लौटते मानसून की बारिश के बाद इनकी कटाई की जाती है। |
इन फसलों की कटाई आमतौर पर गर्मी के मौसम में अप्रैल और मई माह के दौरान होती है। |
ये फसलें वर्षा के पैटर्न पर निर्भर करती हैं। |
ये फसलें बारिश से ज़्यादा प्रभावित नहीं होती हैं। |
चावल, मक्का, दालें जैसे- उड़द, मूंग दाल और बाजरा प्रमुख खरीफ फसलें हैं। |
रबी की प्रमुख फसलें गेहूँ, चना, मटर, जौ आदि हैं। |
इन्हें उगाने के लिये बहुत अधिक पानी और गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। |
इन फसलों के बीजों के अंकुरण के लिये गर्म जलवायु और फसलों की वृद्धि हेतु ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। |
जायद फसल
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निवेशकों के लिये ‘सिंगल विंडो सिस्टम’
(Single Window System for Investors)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ (EoDB) में सुधार के लिये निवेशकों और व्यवसायों के लिये ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ शुरू किया है।
विश्व बैंक की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट 2020’ में 190 देशों में भारत को 63वें स्थान पर रखा गया था। ज्ञात हो कि हाल ही में विश्व बैंक ने 'डूइंग बिज़नेस' रिपोर्ट्स को बंद करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय
- ‘औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग’ ने इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर पोर्टल को राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
- ‘औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग’ (DPIIT) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- इन्वेस्ट इंडिया भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्द्धन और सुविधा एजेंसी है, यह भारत में निवेशकों के लिये प्राथमिक केंद्र के रूप में कार्य करती है।
- यह पोर्टल एकल डैशबोर्ड प्रदान करता है, जो व्यवसायों की मंज़ूरी के लिये आवेदन करने, प्रगति को ट्रैक करने और प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
- यह राज्य और केंद्र सरकार के अनुपालन के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ बन जाएगा तथा पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
- यह व्यवसायों को उन सभी अनुमोदनों के विवरण के साथ-साथ एक सामान्य पंजीकरण ‘नो योर अप्रूवल’ सेवा भी प्रदान करेगा।
- यह अन्य योजनाओं जैसे- मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, पीएलआई योजना आदि के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।
- ‘औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग’ ने इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर पोर्टल को राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
- ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ में सुधार के लिये अन्य पहलें:
- केंद्रीय बजट भाषण 2020 में ‘इन्वेस्टमेंट क्लियरेंस सेल’ (ICC) की घोषणा की गई थी।
- ICC निवेशकों को निवेश से पूर्व सलाह, भूमि बैंकों से संबंधित जानकारी और केंद्र तथा राज्य स्तर पर मंज़ूरी की सुविधा प्रदान करेगा। सेल को एक ऑनलाइन डिजिटल पोर्टल के माध्यम से संचालित करने का प्रस्ताव दिया गया था।
- दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) तथा कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत संशोधन।
- मध्यम आकार की कंपनियों के लिये निगम कर 30% से घटाकर 25% किया गया है।
- कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने MCA21 नामक परियोजना शुरू की है। यह परियोजना से संबंधी सभी जानकारियों को कॉर्पोरेट संस्थाओं, पेशेवरों और आम जनता के लिये सुलभ बनाती है।
- इसने SPICe+ (Simplified Proforma for Incorporating Company Electronically Plus) वेब फॉर्म भी लॉन्च किया है।
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes & Customs-CBIC) ने पेपरलेस प्रोसेसिंग, संबंधित दस्तावेज़ों को अपलोड करने और सीमा पार व्यापार की सुविधा हेतु ई-संचित (e-Storage and Computerized Handling of Indirect Tax documents: eSanchit) पहल शुरू की है।
- करदाताओं के लिये ई-असेसमेंट (E-assessment) योजना।
- केंद्रीय बजट भाषण 2020 में ‘इन्वेस्टमेंट क्लियरेंस सेल’ (ICC) की घोषणा की गई थी।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 सितंबर, 2021
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस
बधिर लोगों के मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में सांकेतिक भाषा के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष 23 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का प्रस्ताव बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों के संघ- ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ (WFD) ने रखा। इस प्रस्ताव को 19 दिसंबर, 2017 को सर्वसम्मति से अपनाया गया। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर पहला ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था। वर्ष 1951 की 23 सितंबर की तारीख ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ की स्थापना का प्रतीक है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की थीम ‘वी साइन फॉर ह्यूमन राइट्स’ है। यह विषय इस बात को रेखांकित करता है कि किस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति जीवन के सभी क्षेत्रों में सांकेतिक भाषाओं का उपयोग करके बाधिर व्यक्तियों के मानवाधिकारों को मज़बूत कर सकता है। ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ के आँकड़ों की मानें तो दुनिया भर में 70 मिलियन से अधिक बधिर व्यक्ति हैं। ज्ञात हो कि सांकेतिक भाषा संप्रेषण का एक माध्यम है, जहाँ हाथ के इशारों और शरीर तथा चेहरे के हाव-भावों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार सांकेतिक भाषाएँ बोली जाने वाली भाषाओं से संरचनात्मक रूप से अलग होती हैं और इनका प्रयोग अधिकांशतः श्रवण बाधित लोगों द्वारा किया जाता है।
रामधारी सिंह दिनकर
23 सितंबर, 2021 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 123वीं जयंती मनाई गई। हिंदी के सुविख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर, 1908 को बेगूसराय (हालाँकि अधिकांश लोग मुंगेर को उनके जन्मस्थान के रूप में जानते हैं क्योंकि बेगूसराय उनके जन्म के समय और उनके अधिकांश जीवनकाल में मुंगेर का हिस्सा था) के सिमरिया गाँव में एक छोटे से किसान परिवार में हुआ था। वर्ष 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद वर्ष 1952 में जब भारत की प्रथम संसद का निर्माण हुआ तो रामधारी सिंह दिनकर को राज्यसभा के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया और वे बिहार से दिल्ली आ गए। दिनकर ओज के कवि माने जाते हैं, और उनकी भाषा अत्यंत प्रवाहपूर्ण, ओजस्वी एवं सरल थी। दिनकर के साहित्य में विचार और संवेदना का सुंदर समन्वय दिखाई देता है। दिनकर जी को उनकी पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार एवं पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था। दिनकर की प्रमुख कृतियों में हुँकार, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतिज्ञा, उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय आदि शामिल हैं।
एयर मार्शल वी.आर. चौधरी
भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को वायु सेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी ने इस वर्ष जुलाई माह में एयर मार्शल ‘एच.एस. अरोड़ा’ की सेवानिवृत्ति के बाद उप-प्रमुख का पद संभाला था। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को दिसंबर 1982 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन) के पूर्व छात्र वी.आर. चौधरी ने अपने कॅरियर के दौरान फ्रंटलाइन लड़ाकू स्क्वाड्रन एवं लड़ाकू बेस की कमान संभाली है। उन्होंने वायु सेना अकादमी के डिप्टी कमांडेंट सहित कई अन्य पदों जैसे- सहायक वायुसेनाध्यक्ष संचालन (वायु रक्षा) और सहायक वायुसेनाध्यक्ष (कार्मिक अधिकारी) पर भी कार्य किया है। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को विभिन्न प्रकार के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमानों पर 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है।
‘एसडीजी प्रोग्रेस अवार्ड’
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित ‘सतत् विकास समाधान नेटवर्क’ ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को गरीबी समाप्त करने, पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करने और सभी के लिये शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने हेतु कार्रवाई के सार्वभौमिक आह्वान हेतु ‘एसडीजी प्रोग्रेस अवार्ड’ से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है। प्रमुख अर्थशास्त्री एवं विकास रणनीतिकार प्रोफेसर जेफरी डी. सैच्स के नेतृत्व में ‘सतत् विकास समाधान नेटवर्क’ की स्थापना वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तत्त्वावधान में की गई थी। इस प्लेटफाॅर्म का उद्देश्य सतत् विकास हेतु व्यावहारिक समाधानों को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता जुटाना एवं विकास प्रदर्शनों में देश-विशिष्ट प्रतिस्पर्द्धात्मकता का आकलन करना है।