शासन व्यवस्था
MCA 21 संस्करण 3.0: डिजिटल कॉर्पोरेट अनुपालन पोर्टल
- 26 May 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने अपने डिजिटल कॉर्पोरेट अनुपालन पोर्टल, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs- MCA) 21 संस्करण 3.0 के नवीनतम अपडेट के पहले चरण की शुरुआत की।
- यह भारत में व्यापार सुगमता सूचकांक (Ease Of Doing Business) को बेहतर बनाने में मदद करेगा। विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार सुगमता रिपोर्ट- 2020 में भारत 190 देशों में 63वें स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
परिचय:
- यह कॉर्पोरेट अनुपालन तथा हितधारकों के अनुभव को और कारगर बनाने के लिये नवीनतम तकनीकों के उपयोग का लाभ उठाएगा।
- MCA 21 भारत सरकार की मिशन मोड परियोजनाओं का हिस्सा रहा है।
- MCA 21 संस्करण 3.0 बजट 2021 की घोषणा का हिस्सा है।
- MCA 21 कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) का ऑनलाइन पोर्टल है जिसने कंपनी से संबंधित सभी जानकारियों को विभिन्न हितधारकों और आम जनता के लिये सुलभ बना दिया है। इसे वर्ष 2006 में शुरू किया गया था।
- संपूर्ण परियोजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू करने का प्रस्ताव है और यह डेटा एनालिटिक्स तथा मशीन लर्निंग पर आधारित होगी।
- MCA 21 V3.0 से न सिर्फ मौजूदा सेवाओं और मॉड्यूल्स में पूर्ण रूप से सुधार होगा, बल्कि ई-न्यायिक निर्णय, अनुपालन प्रबंधन प्रणाली, बेहतर हेल्पडेस्क, फीडबैक सेवाएँ, यूज़र डैशबोर्ड, सेल्फ-रिपोर्टिंग टूल और बेहतर मास्टर डेटा सेवाएँ मिलेंगी।
- इसमें एक संशोधित वेबसाइट, MCA अधिकारियों के लिये नई ईमेल सेवाएँ और दो नए मॉड्यूल अर्थात् ई-बुक और ई-परामर्श शामिल हैं।
उद्देश्य:
- इसे कंपनी अधिनियम, 1956, नई कंपनी अधिनियम, 2013 और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के तहत सक्रिय प्रवर्तन एवं कानूनी आवश्यकताओं के अनुपालन से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से स्वचालित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इससे व्यवसायिक समुदाय को अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलेगी। .
लाभ:
- कानून में ऐतिहासिक परिवर्तनों के लिये एक ट्रैकिंग तंत्र के साथ-साथ अद्यतन कानूनों तक आसान पहुँच।
- यह कॉर्पोरेट अनुपालन संस्कृति को नया अर्थ देगा तथा कॉर्पोरेट नियामक एवं शासन प्रणाली में विश्वास को और बढ़ाएगा।
ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में सुधार के लिये किये गए अन्य उपाय:
- एकीकृत निगमन प्रपत्र:
- कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगमित करने के लिये सरलीकृत प्रोफार्मा (Simplified Proforma for Incorporating Company Electronically- SPICe) पेश किया गया था जो एक ही प्रपत्र के माध्यम से तीन मंत्रालयों की 8 सेवाओं का विस्तार करता है।
- RUN- आरक्षित अद्वितीय नाम:
- यह एक वेब सेवा (Web Service) है जिसका उपयोग किसी नई कंपनी के लिये नाम आरक्षित करने या उसका मौजूदा नाम बदलने के लिये किया जाता है। वेब सेवा यह सत्यापित करने में मदद करती है कि कंपनी के लिये चुना गया नाम अद्वितीय है या नहीं।
- दिवाला और दिवालियापन संहिता:
- दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 ने भारत में दिवालियापन की समस्या को हल करने में नए आयाम पेश किये हैं। यह कॉर्पोरेट दिवाला का भारत का पहला व्यापक कानून है।