डिजी यात्रा
हाल ही में “डिजी यात्रा” (DIGI YATRA) परियोजना पर चर्चा हेतु नई दिल्ली में नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) की सलाहकार समिति की बैठक हुई।
डिजी यात्रा क्या है?
- परिचय:
- चेहरा पहचान प्रणाली (FRT) केआधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध यात्रा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये इस परियोजना पर विचार किया गया है।
- इस परियोजना का मूल विचार यह है कि कोई भी यात्री बिना किसी कागज़ के या बिना कोई संपर्क किये विभिन्न चेक पॉइंट से गुज़र सके। इसके लिये उसके चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उसकी पहचान स्थापित होगी जो सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी।
- यह एक विकेंद्रीकृत मोबाइल वॉलेट आधारित पहचान प्रबंधन प्लेटफॉर्म मुहैया करता है जो कि सस्ता भी है और डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में गोपनीयता/डेटा सुरक्षा मुद्दों को भी संबोधित करता है।
- डिजी यात्रा फाउंडेशन:
- इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत वर्ष 2019 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया था।
- इस फाउंडेशन को डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (DYCE) निर्मित करने के उद्देश्य से बनाया गया था।
- डिजी यात्रा फाउंडेशन एक अखिल भारतीय इकाई और यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक होगा।
- यह भारत में विमानन हितधारकों के बीच आम सहमति भी विकसित करेगा।
- यह स्थानीय हवाई अड्डा प्रणालियों के अनुपालन और दिशा-निर्देशों के मानदंडों को भी परिभाषित करेगा।
- क्रियान्वयन:
- पहले चरण में डिजी यात्रा को अगस्त 2022 में वाराणसी और बंगलूुरू के दो हवाई अड्डों पर तथा अगले वर्ष में मार्च तक पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली एवं हैदराबाद के पाँच हवाई अड्डों पर शुरू करने का प्रस्ताव है।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) उन हवाई अड्डों की पहचान करेगा जहाँ डिजी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
डिजी यात्रा का उद्देश्य:
- यात्री अनुभव को बढ़ाना और सभी हवाई यात्रियों को सरल एवं आसान अनुभव प्रदान करना।
- "डिजिटल फ्रेमवर्क" का उपयोग करके मौज़ूदा बुनियादी ढांँचे के माध्यम से बेहतर थ्रूपुट प्राप्त करना।
- कम लागत में संचालन।
- वर्तमान मैनुअल प्रक्रियाओं को डिजिटाइज़ करना और बेहतर दक्षता लाना।
- सुरक्षा मानकों को बढ़ाना और मौजूदा सिस्टम के प्रदर्शन में सुधार करना।
- सरकार द्वारा जारी आधार जैसी एक मज़बूत सत्यापन योग्य डिजिटल "आईडी" के साथ "डिजी यात्रा" प्रणाली का रोलआउट।
स्रोत: पी.आई.बी.
विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011
उपभोक्ता मामले विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों के लिये अनुपालन बोझ को कम करने और इनके व्यापार को सुगम बनाने हेतु विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम 2011 में संशोधन किया है।
- इससे पहले लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़), नियम 2011 के नियम 5 को उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये छोड़ दिया गया था।
- नियम 5 विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के पैक के आकार को निर्धारित करते हुए अनुसूची II को परिभाषित करता है।
संशोधन:
- इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को एक वर्ष की अवधि के लिये क्यूआर (त्वरित प्रतिक्रिया) कोड के माध्यम से कुछ अनिवार्य घोषणाओं को घोषित (यदि पैकेज में ही घोषित नहीं किया गया है) करने की अनुमति देता है।
- विकल्प एक साल के लिये दिया गया है क्योंकि सरकार पायलट आधार पर पहली बार प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की कोशिश कर रही है और प्रतिक्रिया के आधार पर इसे बढ़ाने का फैसला करेगी।
- हालाँकि उद्योग को पैकेज पर ही अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), फोन नंबर और ई-मेल पता जैसे अनिवार्य विवरण घोषित करने होंगे।
- क्यूआर कोड के माध्यम से अतिरिक्त अनिवार्य घोषणाएँ जैसे निर्माता का पता, वस्तु का सामान्य नाम, वस्तु का आकार और आयाम व ग्राहक सेवा की अनुमति है।
- इससे पहले, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी पूर्व-पैक वस्तुओं के पैकेज पर लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़), नियम 2011 के अनुसार सभी अनिवार्य घोषणाओं को घोषित करना आवश्यक है।
विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम 2011:
- यह भारत में पहले से पैक की गई वस्तुओं को नियंत्रित करता है और अन्य बातों के साथ-साथ ऐसी वस्तुओं की बिक्री से पहले कुछ लेबलिंग आवश्यकताओं को अनिवार्य करता है।
- कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 का मुख्य उद्देश्य वज़न और उपायों के मानकों को स्थापित करना तथा लागू करना, वज़न, उपायों, अन्य सामानों में व्यापार व वाणिज्य को विनियमित करना है जो वज़न, माप या संख्या और किसी भी अन्य मामले से जुड़े हुए हैं, जो बेचे या वितरित किये जाते हैं।
- अधिनियम के अनुसार, केंद्र सरकार अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्य से संबंधित कर्तव्यों का पालन करने के लिये कानूनी माप विज्ञान के निदेशक की नियुक्ति कर सकती है।
- राज्य सरकार अंतरराज्यीय व्यापार और वाणिज्य से संबंधित कर्तव्यों का पालन करने के लिये कानूनी माप विज्ञान नियंत्रक नियुक्त कर सकती है।
- संबंधित पहल:
स्रोत: पी.आई.बी.
जागृति शुभंकर
हाल ही में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर सशक्त बनाने हेतु उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) द्वारा जागृति नाम का शुभंकर लॉन्च किया गया है।
जागृति:
- इसे उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिये उपयोग किया जाएगा जो उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता का प्रसार और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।
- यह विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा जैसे:
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधान
- हॉलमार्किंग
- राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1915
- वज़न और माप अधिनियम के प्रावधान
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के निर्णय
- शिकायत निवारण पर उपभोक्ताओं द्वारा प्रशंसापत्र
जागृति शुभंकर का महत्त्व:
- अभियान में डिजिटल और मल्टीमीडिया चैनलों की उपस्थिति बढ़ाने के अलावा यह उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगा।
- इसे विभिन्न मीडिया अभियानों में टैगलाइन "जागो ग्राहक जागो" के साथ दिखाया जाएगा।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: भारत में कानून के प्रावधानों के तहत 'उपभोक्ताओं' के अधिकारों/विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: c व्याख्या
अतः विकल्प (c) सही है। |
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 जुलाई, 2022
गायक भूपिंदर सिंह
जाने-माने पार्श्व गायक भूपिंदर सिंह का 18 जुलाई, 2022 को मुंबई में निधन हो गया। 82 वर्ष के भूपिंदर सिंह ने अपने कॅरियर की शुरुआत आकाशवाणी से की थी और वे दिल्ली दूरदर्शन से भी जुड़े रहे। उन्होंने फिल्मों में कई गीतों को अपनी मधुर आवाज़ दी। उन्हें "मौसम", "सत्ते पे सत्ता", "आहिस्ता आहिस्ता", "दूरियाँ", "हकीकत" और कई अन्य फिल्मों में सुरीले गीतों के लिये याद किया जाता है। इनमें "होके मज़बूर मुझे, उसने भुलाया होगा", "दिल ढूंँढ़ता है", "दुक्की पे दुक्की हो या सत्ते पे सत्ता, जैसे कई गीत शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रख्यात गायक और संगीतकार भूपिंदर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है तथा ट्वीट कर कहा कि भूपिंदर सिंह ने दशकों तक यादगार गीतों को अपनी मधुर आवाज़ दी और उनके कार्यों ने लोगों को प्रभावित किया है।
आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन का उद्घाटन
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी ने 18 जुलाई, 2022 को दिल्ली में आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन का उद्घाटन किया। स्वतंत्रता संग्राम के समय के 75 स्टेशनों और 27 रेलगाडि़यों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय रेलवे ने सप्ताह भर चलने वाले समारोह का आयोजन किया है। यह आयोजन 23 जुलाई तक चलेगा। इस अवसर पर अध्यक्ष ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आज़ादी की रेलगाड़ी और स्टेशन कार्यक्रम का आयोजन जन भागीदारी और जन आंदोलन के अंतर्गत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें अतीत के स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और गौरव तथा भविष्य के युवा भारत की महत्त्वाकांक्षाओं को दिखाया जाएगा। इसके लिये 75 रेलवे स्टेशनों और 27 रेलगाडि़यों को चिह्नित किया गया है। इस दौरान 24 राज्यों के इन 75 स्टेशनों पर क्षेत्रीय भाषा में नुक्कड़ नाटक, लाईट एंड सांउड शो, वीडियो फिल्मों के प्रदर्शन के साथ-साथ देशभक्ति के गीतों का प्रसारण किया जाएगा।
अहमदाबाद और केरल
‘टाइम मैगज़ीन’ द्वारा हाल ही में वर्ष 2022 के लिये विश्व के 50 सर्वश्रेष्ठ स्थानों की सूची जारी की गई। अहमदाबाद और केरल में घूमने के लिये 50 असाधारण स्थानों को सूचीबद्ध किया गया है। अहमदाबाद और केरल देश के साथ-साथ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं। केरल अपने समुद्र तटों और बैकवाटर के लिये प्रसिद्ध है तो दूसरी ओर अहमदाबाद साबरमती रिवरफ्रंट और गांधी आश्रम के लिये प्रसिद्ध है। टाइम मैगज़ीन ने दोनों गंतव्यों के लिये प्रोफाइल पेज तैयार किये हैं, जिसमें उनके महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। पत्रिका ने केरल को “इकोटूरिज़्म हॉट स्पॉट” और अहमदाबाद को “उच्च शिक्षा के शहर” के रूप में टैग किया है। केरल के लिये टाइम पत्रिका के प्रोफाइल के अनुसार, यह भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। इसमें कई शानदार समुद्र तट और हरे-भरे बैकवाटर, महल एवं मंदिर हैं। प्रोफाइल के अनुसार, अहमदाबाद भारत का पहला यूनेस्को विश्व धरोहर शहर है। प्राचीन स्थलों के साथ-साथ यह समकालीन नवाचारों के क्षेत्र में भी अग्रणी है। यही कारण है कि अहमदाबाद को “सांस्कृतिक पर्यटन के लिये मक्का” के रूप में जाना जाता है। शीर्ष 50 की सूची में शामिल अन्य गंतव्य हैं- सियोल, बाली में बुहान, ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट बैरियर रीफ, आर्कटिक, दोहा, नैरोबी, सियोल, संयुक्त अरब अमीरात में रास अल खैमाह, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, जापान में क्यूशू द्वीप, इस्तांबुल, किगाली में रवांडा आदि।