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हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली

  • 26 Mar 2022
  • 4 min read

हाल ही में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India- AAI) ने अपनी अनुसंधान और विकास पहल के तहत भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited- BEL) के साथ संयुक्त रूप से स्वदेशी हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • इस समझौते के तहत BEL और AAI संयुक्त रूप से एडवांस्ड सरफेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम (Advanced-Surface Movement Guidance and Control System- ASMGCS) के साथ नागरिक हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली (Civil Air Traffic Management System- ATMS) विकसित करेंगे, जो एक जटिल ज़मीनी निगरानी प्रणाली (Complex Ground Surveillance System) है  जो उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग तक सुरक्षित संचालन हेतु हवाई अड्डों और भारतीय नागरिक हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात का प्रबंधन करती है।

प्रमुख बिंदु 

हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली:

  • हवाई यातायात प्रबंधन और नियंत्रण के तहत मुख्य रूप से हवाई अड्डों, हवाई अड्डा टर्मिनलों तथा हवाई क्षेत्र के आस-पास यातायात का नियंत्रण शामिल है।
  • हवाई यातायात नियंत्रक (Air Traffic Controllers) एयर ट्रैफिक कंट्रोल (Air Traffic Control- ATC) टावर्स के माध्यम से दुर्घटनाओं को रोकने तथा हवा और ज़मीन दोनों में, विमानों के बीच एक सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करने हेतु उत्तरदायी है।
  • ‘वायु यातायात नियंत्रक’ का कार्य विमानों के बीच टकराव को रोकना और हवाई यातायात को व्यवस्थित बनाए रखना है। हवाई यातायात प्रबंधन और नियंत्रण में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों और प्रणालियों में शामिल हैं:
    • भूतल गति और निगरानी रडार
    • होलोग्राफिक रडार
    • नेविगेशन और निगरानी प्रणाली
    • आवाज़ संचार नियंत्रण प्रणाली
    • अति-उच्च आवृत्ति (UHF) और अति-उच्च आवृत्ति (VHF) संचार प्रणाली
    • उड़ान डेटा जानकारी प्रदर्शन उपकरण
    • रेडियो मोडेम और ट्रांसीवर
    • टकराव बचाव प्रणाली
    • शोर निगरानी प्रणाली
    • मौसम संबंधी सेंसर और डिस्प्ले
    • एयरफील्ड प्रकाश नियंत्रण और निगरानी
    • प्रशिक्षण प्रबंधन सॉफ्टवेयर

समझौते का उद्देश्य और महत्त्व

  • यह BEL और AAI की पूरक शक्तियों तथा क्षमताओं का लाभ उठाने में मदद करेगा एवं दोनों को हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के अवसरों को संबोधित करने में सक्षम बनाएगा।
  • यह विमानों की उड़ानों से संबंधित सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ हवाई अड्डे एवं भारतीय हवाई क्षेत्र में संचालन का कुशल प्रबंधन करेगा।
  • इसका उद्देश्य भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत अपने एयर नेविगेशन सर्विसेज़ (ANS) इंफ्रास्ट्रक्चर को व्यवस्थित, कुशल और लागत प्रभावी तरीके से अपग्रेड करना है।
  • यह एएनएस बुनियादी ढाँचे की खरीद के लिये एएआई की विदेशों पर निर्भरता को कम करेगा।

स्रोत: पी.आई.बी.

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