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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Feb, 2024
  • 20 min read
प्रारंभिक परीक्षा

शेंगेन ज़ोन

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शेंगेन अनुमोदन में देरी का सामना करने के बाद कोसोवो (Kosovo) ने एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इसने विश्व के सबसे बड़े मुक्त आवागमन वाले क्षेत्र शेंगेन ज़ोन में वीज़ा-मुक्त पहुँच सुरक्षित कर ली है।

  • कोसोवो इस विशेषाधिकार का आनंद लेने वाला पश्चिमी बाल्कन में अंतिम गैर-यूरोपीय यूनियन (EU) देश बन गया है।

शेंगेन ज़ोन क्या है?

  • परिचय:
    • शेंगेन समझौता 1985 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय के पाँच सदस्य देशों (बेल्जियम, फ्राँस, जर्मनी, लक्ज़मबर्ग और नीदरलैंड) द्वारा हस्ताक्षरित एक संधि है।
      • समझौते का उद्देश्य यूरोप में एक सीमा-मुक्त क्षेत्र बनाना है जो लोगों, वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी की मुक्त आवाजाही की अनुमति देता है जिसे शेंगेन ज़ोन कहा जाता है, जहाँ आंतरिक सीमा जाँच को काफी हद तक समाप्त कर दिया जाता है।
    • बिना ऑप्ट-आउट के सभी यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने पर शेंगेन में शामिल होना होगा।
      • स्विट्ज़रलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और आइसलैंड जैसे गैर-यूरोपीय यूनियन देश विशेष एसोसिएशन समझौतों के माध्यम से शेंगेन का हिस्सा हैं।
    • समय के साथ शेंगेन ज़ोन बढ़कर 27 देशों तक फैल गया है, जो 4 मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला है और लगभग 420 मिलियन निवासियों की मेज़बानी करता है।
  • शेंगेन के लाभ:
    • शेंगेन सीमा जाँच के बिना सदस्य राज्यों में 400 मिलियन से अधिक व्यक्तियों के लिये निर्बाध यात्रा को सक्षम बनाता है।
    • पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देते हुए वार्षिक लगभग 1.25 बिलियन यात्राओं की सुविधा प्रदान करता है।
    • शेंगेन आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिये पुलिस, सीमा शुल्क तथा सीमा नियंत्रण अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
    • शेंगेन देशों के नागरिकों के लिये वीज़ा मुक्त यात्रा एवं आंतरिक सीमा जाँच की अनुपस्थिति सुविधा में वृद्धि के साथ आर्थिक एकीकरण की सुविधा भी प्रदान करती है।
    • शेंगेन का सीमा-मुक्त शासन एकता एवं एकीकरण के यूरोपीय मूल्यों का प्रतीक है।

कोसोवो के बारे में मुख्य तथ्य:

  • कोसोवो, जिसमें बहुसंख्यक अल्बानियाई आबादी एवं सर्ब अल्पसंख्यक हैं, अल्बानिया, मैसेडोनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो से घिरा एक भूमि-रुद्ध क्षेत्र है।
  • इसकी राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर प्रिस्टिना है।
  • विश्व बैंक के अनुसार कोसोवो एक संसदीय गणतंत्र तथा उच्च-मध्यम आय वाला देश है। इसने 17 फरवरी 2008 को सर्बिया से स्वतंत्रता की घोषणा की और 100 से अधिक संयुक्त राष्ट्र सदस्यों द्वारा इसे एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई है।
    • भारत, ब्राज़ील, चीन, रूस तथा मैक्सिको ने कोसोवो को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता नहीं दी है।
    • हालाँकि सर्बिया कोसोवो को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता नहीं देता है तथा कोसोवो एवं मेटोहिजा के स्वायत्त प्रांत के रूप में दावा करता रहता है।

और पढ़ें… कोसोवो-सर्बिया संघर्ष

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2023)

प्रायः समाचारों में उल्लिखित होने वाले क्षेत्र  समाचारों में होने का कारण

  1. उत्तरी किवू और इटुरी     : आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच युद्ध
  2. नागोर्नो-काराबाख          :   मोज़ाम्बीक में विद्रोह
  3. खेरसॉन और ज़ापोरिज़िया : इज़रायल और लेबनान के बीच विवाद

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
d) कोई भी नहीं

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • किवू और इटुरी कांगो गणराज्य से संबंधित हैं। कांगो गणराज्य और रवांडा के बीच युद्ध वर्ष 1994 में 800,000 रवांडन तुत्सी तथा हुतस के नरसंहार के साथ शुरू हुआ। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
  • नागोर्नो-काराबाख दक्षिण-पश्चिमी अज़रबैजान का एक क्षेत्र है। इसका उपयोग पूर्व अज़रबैजान सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (S.S.R.) के एक स्वायत्त ओब्लास्ट (प्रांत) और स्व-घोषित देश नागोर्नो-काराबाख गणराज्य के लिये किया जाता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है। पुराने स्वायत्त क्षेत्र ने लगभग 1,700 वर्ग मील (4,400 वर्ग किमी.) के क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था, जबकि नागोर्नो-काराबाख के स्व-घोषित गणराज्य की सेना वर्तमान में लगभग 2,700 वर्ग मील (7,000 वर्ग किमी) पर कब्ज़ा कर चुकी है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
  • खेरसॉन और ज़ापोरिज़िया यूक्रेन से संबंधित हैं तथा वे यूक्रेन एवं रूस के बीच विवाद से संबंधित हैं। अतः युग्म 3 सही सुमेलित नहीं है।

 


प्रारंभिक परीक्षा

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023

स्रोत:द हिंदू

ज्ञानपीठ चयन समिति ने घोषणा की कि वर्ष 2023 के लिये 58वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार दो लेखकों, संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य तथा उर्दू कवि और गीतकार गुलज़ार को दिया जाएगा।

  • यह पुरस्कार दूसरी बार संस्कृत के लिये तथा पाँचवीं बार उर्दू के लिये दिया जा रहा है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार क्या है?

  • परिचय:
    • ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सबसे पुराना और सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह किसी लेखक को उनके "साहित्य के प्रति उत्कृष्ट योगदान" के लिये प्रतिवर्ष दिया जाता है। यह पुरस्कार वर्ष 1961 में स्थापित एवं पहली बार वर्ष 1965 में प्रदान किया गया था।
    • यह पुरस्कार अंग्रेज़ी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लिये प्रदान किया जाता करता है। हालाँकि अर्हता भारतीय नागरिकों तक ही सीमित है। यह मरणोपरांत नहीं दिया जाता है।
    • यह भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिये दिया जाता है।
      • साहू शांति प्रसाद जैन एवं उनकी पत्नी रमा जैन द्वारा वर्ष 1944 में स्थापित भारतीय ज्ञानपीठ एक प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं अनुसंधान संगठन है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है।
      • यह साहित्य एवं संस्कृति के लिये प्रसिद्ध है, यह कई दशकों से पुरस्कार, प्रकाशन, फेलोशिप तथा अनुसंधान जैसे साहित्यिक प्रयासों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है।
  • नकद पुरस्कार एवं सम्मान:
    • पुरस्कार विजेताओं को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों का सम्मान करते हुए 11 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, वाग्देवी की एक मूर्ति और एक प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।

गुलज़ार तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य का योगदान क्या है?

  • गुलज़ार:
    • गुलज़ार (संपूर्ण सिंह कालरा) का जन्म 18 अगस्त 1934 को अविभाजित भारत के झेलम ज़िले के दीना गाँव में हुआ था।
      • वह न केवल सिनेमा में बल्कि साहित्यिक क्षेत्र में भी सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं। उन्हें अपने दौर के सबसे बेहतरीन उर्दू शायरों में से एक माना जाता है।
    • गुलज़ार को उनके कार्य हेतु उर्दू के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार (2002), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (2013), पद्म भूषण (2004) तथा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुए।
    • कविता में उन्होंने एक नई शैली 'त्रिवेणी' का आविष्कार किया जो तीन पंक्तियों की एक गैर-मुकफ़ा कविता है।
    • उनके कुछ बेहतरीन कार्यों में फिल्म "स्लमडॉग मिलियनेयर" का गीत "जय हो" शामिल है, जिसे वर्ष 2009 में ऑस्कर पुरस्कार एवं वर्ष 2010 में ग्रैमी पुरस्कार मिला।

  • जगद्गुरु रामभद्राचार्य:
    • जगद्गुरु रामानंदाचार्य, एक बहुभाषाविद्, हिंदू आध्यात्मिक गुरु, शिक्षक, कवि तथा लेखक हैं। उनका जन्म वर्ष 1950 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था और वह 22 भाषाएँ बोलते हैं।
      • रामभद्राचार्य संस्कृत, हिंदी, अवधी तथा मैथिली सहित कई भारतीय भाषाओं के कवि एवं लेखक हैं। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में 240 से अधिक पुस्तकें और ग्रंथ लिखे हैं तथा वर्ष 2015 में उन्हें पद्म विभूषण प्राप्त हुआ था।
      • अरुंधति, अष्टावक्र, अवध की अजोरिया तथा दशावतार रामभद्राचार्य द्वारा रचित कुछ साहित्यिक कृतियाँ हैं।
    • वह मध्य प्रदेश के चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख हैं।
      • तुलसी पीठ हिंदू धार्मिक साहित्य के अग्रणी प्रकाशकों में से एक है।
    • रामभद्राचार्य रामानंद संप्रदाय (सम्प्रदाय) के चार जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं और वर्ष 1982 से इस पद पर हैं।
      • रामानंदी संप्रदाय आज भारत में गंगा के मैदान के आसपास तथा नेपाल में सबसे बड़े एवं सर्वाधिक समतावादी हिंदू संप्रदायों में से एक है। यह मुख्य रूप से राम की पूजा के साथ-साथ सीधे विष्णु एवं उनकेअन्य अवतारों पर ज़ोर देता है।


रैपिड फायर

भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी

स्रोत: पी.आई.बी.

भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी (INYAS) ने हाल ही में अपनी नौवीं वार्षिक आम सभा की बैठक आयोजित की।

  • वर्ष 2014 में स्थापित INYAS भारत में युवा वैज्ञानिकों के लिये एकमात्र मान्यता प्राप्त अकादमी रही है, जो युवा वैज्ञानिकों के बीच विज्ञान शिक्षा एवं नेटवर्किंग को बढ़ावा देने के लिये समर्पित है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-NIScPR) भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की घटक प्रयोगशालाओं में से एक है।
    • यह विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित नीति अनुसंधान एवं अध्ययन, सामग्री की एक शृंखला प्रकाशित करने के साथ-साथ विज्ञान नीति, नवाचार प्रणाली तथा विज्ञान कूटनीति जैसे विभिन्न विषयों पर अनुसंधान करने पर केंद्रित है।

और पढ़ें…(CSIR) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)


रैपिड फायर

हैज़ा के प्रकोप की रोकथाम हेतु भारत ने जाम्बिया को सहायता प्रदान की

स्रोत: द हिंदू

भारत ने हैज़ा के प्रकोप का सामना कर रहे जाम्बिया को चिकित्सा और सामग्री सहायता प्रदान की।

  • भारत ने जाम्बिया को जल शोधन आपूर्ति, क्लोरीन टैबलेट और ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) पाउच की सहायता प्रदान की।
  • हैज़ा एक तीव्र डायरिया संक्रमण है जो विब्रियो कॉलेरी जीवाणु से दूषित भोजन अथवा पानी के सेवन से होता है।
    • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये एक वैश्विक खतरा है तथा असमानता और सामाजिक विकास का अभाव दर्शाता है।
    • शोधकर्त्ताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष हैज़ा के 1.3 से 4.0 मिलियन मामले दर्ज किये जाते हैं और इसके कारण विश्व भर में 21,000 से 1,43,000 मौतें होती हैं।
  • संक्रमित लोगों में से अधिकांश लोग लक्षण रहित होते हैं अथवा नाम मात्र लक्षण होते हैं तथा ORS से उनका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
    • वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तीन प्री-क्वालिफाइड ओरल हैज़ा वैक्सीन (OCV) मौजूद हैं जिनमें डुकोरल, शंचोल और यूविचोल शामिल हैं। पूर्ण रूप से निदान के लिये तीनों टीकों की दो खुराक की सेवन की आवश्यकता होती है।

और पढ़ें…

हैज़ा,भारत की वैक्सीन कूटनीति


रैपिड फायर

बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप, 2024

स्रोत: द हिंदू

PV सिंधु और अनमोल खरब के नेतृत्व में भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने 13 से 18 फरवरी तक मलेशिया के शाह आलम में आयोजित बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता।

  • यह बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में भारत का पहला स्वर्ण पदक था। भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले वर्ष 2016 और 2020 में दो कांस्य पदक जीते थे।
  • टूर्नामेंट का आयोजन मेज़बान आयोजक के रूप में बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ मलेशिया के साथ बैडमिंटन एशिया द्वारा किया गया था।
  • बैडमिंटन एशिया, बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) के प्रमुख के तहत एशिया में बैडमिंटन खेल की शासी निकाय है।
    • यह विशिष्टता और सार्वभौमिकता के सिद्धांतों के साथ एशिया में खेल को बढ़ावा देने, प्रबंधन एवं विकास पर केंद्रित है।
  • वर्ष 2024 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप ने मूल्यवान रेस टू पेरिस 2024 रैंकिंग अंक प्रदान किये। पॉइंट उन शटलरों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं जो 2024 पेरिस ओलंपिक में प्रतिस्पर्द्धा करना चाहते हैं।
  • 2024 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप ने 2024 थॉमस और उबेर कप फाइनल के लिये क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के रूप में भी काम किया, जो चीन के चेंगदू में होगा।

और पढ़ें: थॉमस कप


रैपिड फायर

सुफलम 2024

स्रोत: पी.आई.बी.

स्टार्ट अप फोरम फॉर एस्पायरिंग लीडर्स एंड मेंटर्स- सुफलम (Start Up Forum for Aspiring Leaders and Mentors-SUFLAM) 2024 ने खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न पहलुओं में नवाचार, सहयोग और उन्नत प्रौद्योगिकियाँ खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में स्टार्ट-अप को स्थापित खाद्य व्यवसायों में बदलने में प्रमुख प्रेरक की भूमिका निभाई। इसका उद्घाटन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किया।

  • इस आयोजन में स्टार्टअप सिंहावलोकन, खाद्य विनियम तथा स्टार्टअप के लिये व्यवसाय एवं वित्तीय मॉडलिंग पर ज्ञान सत्र शामिल थे।
  • खाद्य प्रणालियों को बदलने से जुड़ी पैनल चर्चा खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने एवं आपूर्ति शृंखलाओं को अनुकूलित करने हेतु कच्चे माल के विविधीकरण, शैवाल एवं मिलेट्स जैसे जलवायु-अनुकूल विकल्पों तथा उद्यमिता में रचनात्मकता पर केंद्रित थी।
  • स्टार्टअप्स को गुणवत्तापूर्ण कच्चे माल की सोर्सिंग, किसानों के साथ सहयोग करने और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों तथा टिकाऊ पैकेजिंग में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
  • दो पिचिंग सत्रों ने स्टार्टअप्स को विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने तथा सलाह व समर्थन प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।

और पढ़ें: भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र


रैपिड फायर

रेलवे सुरक्षा बल का संचालन

स्रोत: पी.आई.बी.

रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्रों और यात्रियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिये रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की प्रतिबद्धता अटूट है।

  • रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्रों और यात्रियों की भलाई की सुरक्षा के लिये लगातार प्रतिबद्ध है।
  • RPF ने यात्रियों की बचाव, सुरक्षा और यात्रियों की सुविधाओं के लिये चलाए गए कई ऑपरेशनों के तहत कुछ सराहनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं, जैसे:
  • ऑपरेशन "नन्हे फरिस्ते": खोए हुए बच्चों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाना।
  • ऑपरेशन "जीवन रक्षा": प्लेटफार्मों और रेलवे की पटरियों पर होने वाली दुर्घटनाओं से यात्रियों के जीवन को बचाना।
  • मेरी सहेली पहल: उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ महिला यात्रियों को सुरक्षा आश्वासन प्रदान करना।
  • दलालों पर कार्रवाई (ऑपरेशन "उपलब्ध"): व्यक्तियों को गिरफ्तार करना और 44.46 लाख रुपए मूल्य के भविष्य के आरक्षित रेलवे टिकटों को ज़ब्त करना।
  • ऑपरेशन "NARCOS": व्यक्तियों को गिरफ्तार करना और नशीले पदार्थों को ज़ब्त करना।
  • ऑपरेशन "यात्री सुरक्षा": रेल यात्रियों के विरुद्ध अपराधों में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करना।
  • ऑपरेशन सेवा: रेल यात्रा के दौरान बुज़ुर्ग, बीमार या घायल यात्रियों को सहायता प्रदान करना।

और पढ़ें: ऑपरेशन महिला सुरक्षा


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