सेमीकॉन इंडिया 2024 और ITSI फंड
स्रोत: इकॉनोमिक्स टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने सेमीकॉन इंडिया उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन किया तथा अमेरिका, जापान और सिंगापुर जैसे देशों के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी को रेखांकित किया।
- एक अन्य घटनाक्रम में अमेरिका और भारत ने सुरक्षित वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला तथा दूरसंचार नेटवर्क के विकास को बढ़ावा देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा एवं नवाचार (ITSI) कोष के तहत सहयोग किया।
सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन क्या है?
- सेमीकॉन इंडिया- 2024 को इलेक्ट्रॉनिका और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिससे यह दक्षिण एशिया में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये सबसे बड़ा एकल आयोजन बन गया।
- इलेक्ट्रॉनिका और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया इलेक्ट्रॉनिक घटकों, प्रणालियों, अनुप्रयोगों एवं समाधानों के लिये दक्षिण एशिया का अग्रणी व्यापार मेला है।
- इसमें व्यापक प्रदर्शनियाँ, ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रम और विशिष्ट नेटवर्किंग के अवसर उपलब्ध कराए गए।
सेमीकंडक्टर उद्योग के लिये भारत का दृष्टिकोण क्या है?
- भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को आयाम देने और एक सुदृढ़ व आघातसह वैश्विक आपूर्ति शृंखला स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये तैयार है।
- भारत अपने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को वर्तमान 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक करने की आकांक्षा तथा इस प्रक्रिया में 6 मिलियन से अधिक रोज़गार अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखता है।
- भारत अंतर्राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर उद्योग के सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला विश्व का आठवाँ देश बन गया है, जो इस रणनीतिक क्षेत्र में देश की बढ़ती प्रमुखता में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- भारत की त्रिस्तरीय शक्ति- सुधारोन्मुख सरकार, एक विकसित होता हुआ विनिर्माण क्षेत्र तथा एक प्रौद्योगिकी-संचालित, आकांक्षी समाज और बाज़ार में निहित है।
- भारत अपनी प्रतिभा, बढ़ते अनुसंधान निवेश, बढ़ती डेटा सेंटर मांग और हरित परिवर्तन प्रयासों के साथ एक वैश्विक सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनने के लिये तैयार है।
- इसका लक्ष्य 113 शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अगले दशक में 85,000 इंजीनियरों तथा तकनीशियनों को प्रशिक्षित करना है।
- उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर डिज़ाइन हब और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है।
ITSI फंड क्या है?
- अमेरिका, अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार कोष (ITSI) के माध्यम से वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार एवं विविधता लाने के लिये भारत सरकार के साथ सहयोग कर रहा है।
- चिप्स (CHIPS) अधिनियम ने वैश्विक अर्द्धचालक आपूर्ति शृंखला और दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित एवं विकसित करने के लिये ITSI फंड का निर्माण किया।
- प्रारंभिक चरण में भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र की व्यापक समीक्षा शामिल है, जिसमें असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग (ATP) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- अमेरिका-भारत सहयोग का उद्देश्य वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला को आगे बढ़ाना और डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करना है।
- यह साझेदारी आपूर्ति शृंखला लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी तथा डिजिटल प्रगति के न्यायसंगत लाभ सुनिश्चित करने के लिये साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ तकनीकी लक्ष्यों को भी संरेखित करेगी।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिये सरकार की पहल
- उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI)
- माइक्रोप्रोसेसरों के उत्पादन के लिये डिजिटल RISC-V (DIR-V) कार्यक्रम
- सेमीकंडक्टर्स के लिये संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (M-SIPS)
- उच्च गुणवत्ता वाले इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिये चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
मत्स्य पालन क्षेत्र में परिवर्तन
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की चौथी वर्षगाँठ पर मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव लाने तथा भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये कई पहलों की शुरुआत की।
कौन-सी महत्त्वपूर्ण पहल शुरू की गई हैं?
- राष्ट्रीय मत्स्य विकास कार्यक्रम (NFDP) पोर्टल: यह मत्स्य पालन हितधारकों के पंजीकरण के लिये एक केंद्र के रूप में कार्य करता है , जो क्षेत्र से संबंधित सूचना, सेवाओं व सहायता तक पहुँच प्रदान करता है।
- PM-MKSSY दिशानिर्देश: योजना के कार्यान्वयन के लिये एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करने हेतु पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि योजना (PM-MKSSY) के लिये परिचालन दिशानिर्देश जारी किये गए।
- रंगीन मछली ऐप: यह ऐप शौकीनों, एक्वेरियम दुकान मालिकों और मछली किसानों के लिये महत्त्वपूर्ण ज्ञान संसाधन प्रदान करके सजावटी मत्स्य पालन क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- अमृत कतला: यह कतला मछली (लेबियो कतला) की आनुवंशिक रूप से उन्नत किस्म है, जो पूरे देश के किसानों के लिये इसके व्यापक वितरण और उपलब्धता को सुनिश्चित करती है।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) : यह मोती की खेती, सजावटी मत्स्य पालन और समुद्री शैवाल की खेती के लिये तीन विशेष समूहों पर केंद्रित है।
- जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गाँव (CRCFV): 100 तटीय गाँवों को CRCFV के रूप में विकसित करने के लिये दिशानिर्देश जारी किये गए।
- ड्रोन प्रौद्योगिकी पर पायलट परियोजना : दक्षता और स्थिरता में सुधार के लिये मछली परिवहन और अंतर्देशीय मत्स्य पालन की निगरानी के लिये ड्रोन का उपयोग।
- उत्कृष्टता केंद्र: केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) का मंडपम क्षेत्रीय केंद्र, समुद्री शैवाल खेती और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये उत्कृष्टता केंद्र है।
- न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर (NBC): आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण समुद्री और अंतर्देशीय प्रजातियों के आनुवंशिक संवर्धन के माध्यम से बीज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये।
- एकीकृत एक्वा पार्कों: असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में पाँच पार्क।
पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) क्या है?
- परिचय: यह एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना है जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत आती है।
- इसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सहायता प्रदान करना तथा समग्र मत्स्य पालन मूल्य शृंखला को बढ़ावा देना है।
- प्रमुख घटक:
- मत्स्य पालन क्षेत्र का औपचारिकीकरण: NFDP 40 लाख लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को कार्य-आधारित डिजिटल पहचान प्रदान करेगा।
- सूक्ष्म उद्यमों के लिये सहायता : 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता।
- जलीय कृषि के लिये बीमा कवरेज : 4 हेक्टेयर तक के खेत के लिये 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर तक प्रोत्साहन।
- मत्स्य पालन क्षेत्र मूल्य-शृंखला दक्षता में सुधार: सामान्य श्रेणी के लिये कुल निवेश का 25% या 35 लाख रुपए तक और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला स्वामित्व वाले उद्यमों के लिये 35% या 45 लाख रुपए तक का प्रदर्शन अनुदान।
- सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाना: छोटे उद्यमों को सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना।
- निवेश : यह सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चार वर्ष की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27) में 6,000 करोड़ रुपए के निवेश द्वारा समर्थित है।
- इच्छित लाभार्थी:
- प्रत्यक्ष लाभार्थी : मत्स्य पालन मूल्य शृंखला में शामिल मछुआरे, मछली किसान, मछली श्रमिक और मछली विक्रेता।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यम : स्वामित्व वाली फर्में, साझेदारी, कंपनियाँ, सहकारी समितियाँ, स्वयं सहायता समूह (SHG) , मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (FFPO) और मत्स्य पालन क्षेत्र में लगे स्टार्टअप।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा जीव निस्यंदक भोजी (फिल्टर फीडर)है? (2021) (a) अशल्क मीन (कैटफिश) उत्तर: (c) प्रश्न. ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ योजना के अंतर्गत, निम्नलिखित में से किन-किन उद्देश्यों के लिये कृषकों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये- (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (b) |
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2024
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में भारत की राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य सेवा और सार्वजनिक सेवा में उनके अनुकरणीय योगदान को मान्यता देते हुए 15 नर्सिंग पेशेवरों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2024 प्रदान किये।
- पुरस्कार मान्यता: राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नर्सिंग कर्मियों को सम्मानित करने के लिये की गई थी।
- पंजीकृत सहायक नर्स एवं मिडवाइफ, पंजीकृत नर्स एवं मिडवाइफ व पंजीकृत महिला आगंतुक की श्रेणियों में कुल 15 पुरस्कार दिये गए।
- यह पुरस्कार केंद्र, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश और स्वैच्छिक संगठनों में कार्यरत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नर्सिंग कर्मियों को दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार में मेरिट प्रमाण पत्र, 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और मेडल शामिल है।
- नर्सिंग पहल: भारत सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किये हैं तथा राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग (NNMC) अधिनियम, 2023 के तहत राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग का गठन किया है।
और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2024
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से 2028-29 की अवधि के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- IV (PMGSY-IV) को स्वीकृति दी, जिसका लक्ष्य 62,500 किलोमीटर नई बारहमासी सड़कों का निर्माण करके ग्रामीण संपर्क को बढ़ाना है।
- कवरेज: इस पहल से मैदानी इलाकों में 500 से अधिक, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में 250 से अधिक तथा वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित ज़िलों में 100 से अधिक जनसंख्या वाली 25,000 असंबद्ध बस्तियों को जोड़ा जाएगा।
- उम्मीद है कि नई सड़कें दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, बाज़ार और विकास केंद्रों तक पहुँच में सुधार करेंगी। इस योजना को 40 करोड़ मानव-दिवस रोज़गार सृजित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- PMGSY एक केंद्र सरकार की योजना है जिसे वर्ष 2000 में असंबद्ध ग्रामीण बस्तियों तक बारहमासी सड़क के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये लॉन्च किया गया था।
- यह योजना मूलतः 100% केंद्र प्रायोजित पहल थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2015-16 से इसका वित्तपोषण केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में साझा किया जाने लगा।
- PMGSY योजना के विभिन्न चरणों के अंतर्गत लगभग 8,00,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं और 1,80,000 बस्तियों को जोड़ा गया है।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
साइबर कमांडो
स्रोत: HT
हाल ही में केंद्र सरकार ने अगले पाँच वर्षों में 5,000 'साइबर कमांडो' को प्रशिक्षित करने और तैयार करने की योजना की घोषणा की है।
- यह घोषणा इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के पहले स्थापना दिवस समारोह के दौरान की गई। I4C साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिये एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र है।
- इन साइबर कमांडो को IT अवसंरचना सुरक्षा , डिजिटल फोरेंसिक और इंसिडेंट रेस्पोंसे में प्रशिक्षित किया जाएगा ।
- साइबर कमांडो के साथ अन्य लॉन्च:
- केंद्रीकृत संदिग्ध रजिस्ट्री: यह संदिग्ध बैंक खातों और उनसे जुड़े व्यक्तियों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस है। यह बैंकों, वित्तीय संस्थानों तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये सुरक्षित रूप से सुलभ होगा।
- समन्वय प्लेटफॉर्म: यह पूरे देश में कानून प्रवर्तन निदेशालय (LEA) के लिये साइबर क्राइम, डेटा साझाकरण, अपराध की पहचान, विश्लेषण और सहयोग हेतु वन-स्टॉप डेटा भंडार है।
- साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (CFMC): यह बड़े वित्तीय लेनदेन से जुड़े उच्च प्राथमिकता वाले साइबर अपराध मामलों की निगरानी के लिये एक "वॉर रूम" के रूप में कार्य करता है।
- साइबर अपराध सांख्यिकी 2023: वर्ष 2023 में I4C के एक प्रमुख घटक, सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFMS) पर पूरे भारत में कुल 1,128,256 साइबर अपराध की घटनाओं की सूचना दी गई।
- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1,97,547 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि महाराष्ट्र में सबसे अधिक 9.9 अरब रुपए की धोखाधड़ी की सूचना मिली।
अधिक पढ़ें: साइबर अपराध
‘सारागढ़ी के युद्ध‘ की 127 वीं वर्षगाँठ
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में 12 सितंबर, 2024 को ‘सारागढ़ी के युद्ध’ की 127 वीं वर्षगाँठ मनाई गई। यह विश्व सैन्य युद्ध इतिहास के सबसे महान अंतिम संघर्षों में से एक है।
- 12 सितम्बर, 1897 को 36वीं सिख रेजिमेंट (अब 4 सिख ) के 21 सैनिकों और एक गैर-लड़ाकू (जिसका नाम दाद था, इसका कार्य लड़ना न होकर सेना में कार्य करने वाले लोगों की सेवा करना था) द्वारा उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (NWFP) में (जो अब पाकिस्तान में है), अफरीदी और ओरकजई जनजातियों के सैनिकों (जिनकी संख्या 8 हजार से अधिक थी) के विरुद्ध युद्ध हुआ था।
- हवलदार ईशर सिंह के नेतृत्व में सैनिकों ने सात घंटे तक बहादुरी से युद्ध किया, जिसमें 200 आतंकवादी मारे गए और लगभग 600 घायल हो गए।
- सारागढ़ी का सामरिक महत्त्व: सारागढ़ी फोर्ट लॉकहार्ट और फोर्ट गुलिस्तान के बीच एक संचार टॉवर था। लॉकहार्ट और गुलिस्तान उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में दो महत्त्वपूर्ण ब्रिटिश किलें थे, जिन्हें मूल रूप से महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था, जिनका नाम बाद में अंग्रेज़ों द्वारा बदल दिया गया था।
- इस चौकी को खोने का मतलब किलों का अलग-थलग पड़ जाना था, यह सारागढ़ी के दोनों किलों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता था, जहाँ बड़ी संख्या में ब्रिटिश अधिकारी, परिवार और सैनिक सुलेमान रेंज असुरक्षित थे।
- शहीदों के लिये सम्मान: महारानी विक्टोरिया ने 21 मृत सैनिकों को उनकी बहादुरी के लिये ‘इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट’ (विक्टोरिया क्रॉस के समतुल्य) से सम्मानित किया।
- अंग्रेज़ों ने शहीदों के सम्मान में सारागढ़ी से लाई गई पकी हुई ईंटों का उपयोग करके एक स्मारक-स्तंभ का निर्माण करवाया।
- वर्ष 2017 में पंजाब सरकार ने सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने हेतु 12 सितंबर को ‘सारागढ़ी दिवस’ के रूप में अवकाश घोषित किया।
- फोर्ट लॉकहार्ट के नज़दीक स्मारक पर पाकिस्तानी सेना की खैबर स्काउट्स रेजिमेंट गार्ड और सलामी देकर सारागढ़ी शहीदों को सम्मानित करती है।
आगे पढ़ें: सारागढ़ी का युद्ध
APEDA द्वारा शराब निर्यात को प्रोत्साहन
स्रोत: पी.आई.बी
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत अगले कुछ वर्षों में निर्यात राजस्व में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखते हुए वैश्विक स्तर पर भारतीय मादक और गैर-मादक पेय पदार्थों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
- पेय पदार्थों में वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने के भारत के प्रयासों के तहत, राजस्थान में निर्मित एक उत्कृष्ट व्हिस्की गोडावन सिंगल माल्ट व्हिस्की को यूनाइटेड किंगडम में लॉन्च किया जाएगा।
- भारत का शराब बाज़ार: भारत वर्तमान में मादक पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में विश्व में 40वें स्थान पर है । भारत विश्व में मादक पेय पदार्थों का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।
- भारत ने वर्ष 2023-24 के दौरान 3,107.50 करोड़ रुपए (USD 375.09 मिलियन) मूल्य के मादक उत्पादों का निर्यात किया। वर्ष 2023 में भारत का मादक पेय पदार्थों का आयात 1 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया।
- प्रमुख निर्यात गंतव्य संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, तंज़ानिया, अंगोला और घाना हैं।
- महाराष्ट्र मदिरा/वाइन उत्पादन के लिये एक महत्त्वपूर्ण राज्य के रूप में विकसित हुआ है।
- भारत में 46 वाइनरी हैं, जिनमें से 43 महाराष्ट्र में स्थित हैं, जहाँ वाइन उत्पादन के लिये लगभग 1,500 एकड़ में अंगूर की उद्यान कृषि की जाती है।
- महाराष्ट्र ने शराब बनाने के व्यवसाय को लघु उद्योग घोषित कर दिया है और उत्पाद शुल्क में छूट भी दी है।
- APEDA की स्थापना APEDA अधिनियम, 1985 के तहत की गई थी और इसे मादक एवं गैर-मादक पेय पदार्थ ,माँस व माँस उत्पाद, पुष्प उत्पादन आदि जैसे उत्पादों के निर्यात संवर्धन तथा विकास की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
अधिक पढ़ें: औद्योगिक अल्कोहल विनियमन
हिंदी दिवस 2024
स्रोत: पी.आई.बी.
भारत ने 14 सितंबर, 2024 को हिंदी दिवस मनाया, जो हिंदी भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाए जाने की 75वीं वर्षगाँठ का प्रतीक है।
- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने हिंदी के आधिकारिक भाषा के रूप में 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
- 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की थी।
- मुंशी -अयंगर फार्मूले, के.एम. मुंशी और एन. गोपालस्वामी अयंगर के बीच एक समझौता, के परिणामस्वरूप संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को देवनागरी लिपि में संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया, जबकि अंग्रेज़ी को पंद्रह वर्षों तक आधिकारिक उद्देश्यों के लिये जारी रखने की अनुमति दी गई।
- जैसे ही 15 वर्ष की अवधि समाप्त हुई, हिंदी भाषा अपनाए जाने के भय से विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप राजभाषा अधिनियम, 1963 पारित हुआ, जिसके तहत हिंदी के साथ-साथ अंग्रेज़ी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
- हिंदी से संबंधित अनुच्छेद: अनुच्छेद 210 के तहत विधायिका में प्रयोग की जाने वाली भाषा राज्य की राजभाषा, हिंदी या अंग्रेज़ी हो सकती है।
- अनुच्छेद 351: यह हिंदी भाषा को विकसित करने के लिये इसके प्रसार का प्रावधान करता है ताकि यह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी तत्त्वों के लिये अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्य कर सके।
- हिंदी भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से एक है और यह शास्त्रीय भाषा नहीं है।
- इस भाषा का नाम फारसी शब्द 'हिंद' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'सिंधु नदी की भूमि' और यह संस्कृत की वंशज है।
और पढ़ें…. विश्व हिंदी दिवस
श्री विजयपुरम
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में भारत सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने की घोषणा की।
- यह नया नाम, 'श्री विजयपुरम' हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
- पोर्ट ब्लेयर का इतिहास: अंडमान द्वीप समूह 11 वीं शताब्दी में राजेंद्र चोल प्रथम के अधीन चोल साम्राज्य के लिये एक रणनीतिक नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था , जिन्होंने श्रीविजय साम्राज्य (वर्तमान इंडोनेशिया) पर आक्रमण किया था , जो भारत के इतिहास में एक अद्वितीय सैन्य घटना थी।
- श्रीविजय पर चोल आक्रमण को चोल प्रभुत्व का विस्तार और व्यापार मार्गों की सुरक्षा के प्रयास के रूप में देखा गया।
- पोर्ट ब्लेयर का नाम ब्रिटिश नौसेना अधिकारी आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर रखा गया, जो ब्रिटिश शासन के दौरान, विशेष रूप से वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद एक दंडात्मक उपनिवेश और उत्पीड़न के प्रतीक के रूप में था।
- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय वर्ष 1906 में काला पानी के नाम से एक विशाल सेलुलर जेल की स्थापना की गई, जहाँ वीर दामोदर सावरकर सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था।
- 30 दिसंबर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारतीय भूमि पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक रूप से स्थित है , जो संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (United Nations Convention on the Law of the Sea - UNCLOS) के तहत पर्याप्त समुद्री स्थान प्राप्त है, जो पूर्व से आने वाले किसी भी समुद्री खतरे के विरुद्ध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
और पढ़ें….. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का सामरिक महत्त्व