भारतीय अर्थव्यवस्था
ग्रामीण और जनजातीय विकास के लिये बजट 2024 में योजनाएँ
- 30 Jul 2024
- 19 min read
प्रिलिम्स के लिये:केंद्रीय बजट, संसद, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), अंतरिम बजट, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM JANMAN) मेन्स के लिये:भारतीय अर्थव्यवस्था में संसद और सरकारी नीतियों का महत्त्व। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया गया। यह 18वीं लोकसभा का पहला आम बजट था।
- इस बजट में सरकार ने ग्रामीण विकास (PMGSY) और पीएम जनजातीय विकास मिशन (PMJVM) जैसे जनजातीय कल्याण के लिये कई उपायों की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) क्या है?
- परिचय: 25 दिसंबर 2000 को असंबद्ध बस्तियों तक हर मौसम के लिये उपयुक्त सड़क के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये लॉन्च की गई थी।
- पात्रता: ग्रामीण आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिये कोर नेटवर्क में निर्दिष्ट जनसंख्या आकार (500 + मैदानी क्षेत्रों में और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, रेगिस्तान तथा जनजातीय क्षेत्रों में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 250 +) की असंबद्ध बस्तियाँ।
- एक असंबद्ध बस्ती वह है जिसकी निर्धारित आकार की आबादी किसी बारहमासी सड़क से कम-से-कम 500 मीटर या उससे अधिक (पहाड़ियों के मामले में 1.5 किमी पथ दूरी) की दूरी पर स्थित है।
- कोर नेटवर्क: यह सड़कों (मार्गों) का वह न्यूनतम नेटवर्क है जो कम-से-कम एकल ऑल-वेदर रोड कनेक्टिविटी के माध्यम से चयनित क्षेत्रों में सभी पात्र बस्तियों को आवश्यक सामाजिक और आर्थिक सेवाओं तक बुनियादी पहुँच प्रदान करने के लिये आवश्यक है।
- वित्तपोषण पैटर्न: उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों में योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार परियोजना लागत का 90% वहन करती है जबकि अन्य राज्यों के लिये केंद्र सरकार 60% लागत वहन करती है।
- निर्माण मानक: PMGSY के तहत निर्मित ग्रामीण सड़कें भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (IRC) के प्रावधान के अनुसार होंगी, जो वर्ष 1934 से राजमार्ग इंजीनियरों का शीर्ष निकाय रहा है।
- पात्रता: ग्रामीण आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिये कोर नेटवर्क में निर्दिष्ट जनसंख्या आकार (500 + मैदानी क्षेत्रों में और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, रेगिस्तान तथा जनजातीय क्षेत्रों में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 250 +) की असंबद्ध बस्तियाँ।
- PMGSY - चरण-I:
- PMGSY - चरण-I को वर्ष 2000 में 100% केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लॉन्च किया गया था।
- इस योजना के तहत, 1,35,436 बस्तियों को सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने और 3.68 लाख किमी मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन का लक्ष्य रखा गया था ताकि खेत से बाज़ार तक पूर्ण कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।
- PMGSY - चरण-II:
- इसके बाद भारत सरकार ने अपनी समग्र दक्षता में सुधार के लिये मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किलोमीटर के उन्नयन के लिये वर्ष 2013 में PMGSY-II लॉन्च किया।
- जबकि चल रही PMGSY - I जारी रही, PMGSY चरण-II के तहत, ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने के लिये गाँव की कनेक्टिविटी हेतु पहले से बनाई गई सड़कों को उन्नत किया जाना था।
- लागत केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच साझा की गई थी।
- वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिये सड़क संपर्क परियोजना (RCPL WEA), वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिये वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
- PMGSY - चरण-III:
- चरण-III को जुलाई 2019 के दौरान कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- यह सुविधाओं को प्राथमिकता देता है, जैसे:
- ग्रामीण कृषि बाज़ार (GrAMs): GrAM, फार्म गेट के नज़दीक खुदरा कृषि बाज़ार हैं जो किसानों की उपज के अधिक कुशल लेनदेन को बढ़ावा देते हैं और सेवा प्रदान करते हैं।
- उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और
- अस्पताल।
- PMGSY-III योजना के तहत, राज्यों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को समेकित करने का प्रस्ताव है। योजना की अवधि वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक है।
- योजना की प्रगति: स्वीकृत 8.25 लाख किलोमीटर में से 7 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कें पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जिस पर 2,70,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इसके अतिरिक्त, PMGSY के तहत कुल 1,61,561 असंबद्ध बस्तियों को बारहमासी सड़क संपर्क प्रदान किया गया है।
- PMGSY - चरण IV:
- केंद्रीय बजट 2024-25 में 25,000 गाँवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चरण IV की घोषणा की गई है।
- वित्त वर्ष 2024-25 (FY-25) के लिये इसके लिये 19,000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।
इंडियन रोड्स काॅन्ग्रेस (IRC)
- इसकी स्थापना वर्ष 1934 में सड़क विकास में पेशेवरों और हितधारकों को एकजुट करके भारत में सड़क बुनियादी ढाँचे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।
- इसके प्रमुख कार्यों में मानक निर्धारित करना, अनुसंधान करना और ज्ञान-साझाकरण कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
- इसके सदस्य सरकार, निजी उद्योग और शिक्षा जगत से जुड़े हुए हैं।
- यह राष्ट्रीय सड़क नीतियों को प्रभावित करता है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जैसी संस्थाओं का समर्थन करता है। यह सड़क निर्माण, रखरखाव में सतत् और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं का समर्थन करता है।
जनजातीय विकास के संबंध में केंद्रीय बजट 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM JUGA) का शुभारंभ:
- PM JUGA योजना का शुभारंभ 63,000 गाँवों में जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिये एक बड़ा प्रयास है।
- यह योजना जनजातीय बहुल गाँवों और आकांक्षी ज़िलों में "संपूर्ण कवरेज़" पर ज़ोर देगी। इससे लगभग 5 करोड़ जनजाति व्यक्तियों को आवश्यक सेवाओं और सामाजिक-आर्थिक अवसरों तक उनकी पहुँच में सुधार करके लाभ मिलने का अनुमान है।
- जनजातियों से संबंधित विभिन्न योजनाओं हेतु बजट आवंटन:
- ST छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) को 6,399 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 से 456 करोड़ रुपए अधिक है।
- EMRS पूरे भारत में अनुसूचित जनजातियों के लिये मॉडल आवासीय विद्यालयों की एक योजना है, जिसे जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत वर्ष 1997-98 में शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य जवाहर नवोदय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों के समान विद्यालयों का निर्माण करना है, जिसमें स्थानीय कला, संस्कृति, खेल तथा कौशल विकास के संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा।
- अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिये पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति का आवंटन 1,970.77 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2,432.68 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
- प्रधानमंत्री जन जाति विकास मिशन (PMJVM) को इस वर्ष 136.17 करोड़ रुपए की बजट कटौती का सामना करना पड़ा है।
- PMJVM का उद्देश्य जनजातीय उद्यमिता को मज़बूत करना, आजीविका के अवसरों को सुविधाजनक बनाना और प्राकृतिक संसाधनों, कृषि/गैर-काष्ठ वन उत्पादों (NTFP)/गैर-कृषि उद्यमों के कुशल, न्यायसंगत, स्व-प्रबंधित तथा इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देना है।
- पीएम दक्ष योजना का आवंटन 92.47 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 130 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
- यह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- अनुसूचित जातियों के लिये राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना हेतु आवंटन 50 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 95 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिससे विदेशी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिये वित्तीय सहायता बढ़ गई है।
- नमस्ते योजना को वित्त वर्ष 2024 में 116.94 करोड़ रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 97.41 करोड़ रुपए था।
- नमस्ते/NAMASTE का अर्थ है मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई।
- वर्ष 2022 में शुरू की गई नमस्ते योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की पहल है जो वर्ष 2007 से के पुनर्वास के लिये स्व-रोज़गार योजना की जगह लेगी। इसे मैनुअल स्कैवेंजर्स (SRMS) वर्ष 2025-26 तक 4,800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में लागू किया जाएगा।
- इसे भारत में मशीनीकृत सीवर सफाई के माध्यम से मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करके शहरी क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के साथ-साथ इन श्रमिकों को स्थायी आजीविका प्रदान करने हेतु शुरू किया गया है।
- केंद्रीय बजट 2023 में शुरू किये गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम JANMAN) को केंद्रीय बजट 2024 में 25 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ जारी रखा गया है।
- ST छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) को 6,399 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 से 456 करोड़ रुपए अधिक है।
केंद्रीय बजट (वर्ष 2024-25) में घोषित अन्य योजनाएँ और उनके आवंटन क्या थे?
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY):
- PMAY-G का उद्देश्य: वंचितों को किफायती आवास उपलब्ध कराना, वर्ष 2016 में इसके शुभारंभ के बाद से कुल 2.95 करोड़ ग्रामीण आवास का लक्ष्य है। जुलाई 2024 तक, लगभग 2.94 करोड़ आवास निर्माण को मंज़ूरी दी गई है।
- इकाई लागत में वृद्धि: सरकार ने वर्ष 2024-25 से PMAY-G के तहत इकाई लागत को मैदानी क्षेत्रों में 1.2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए और एकीकृत कार्य योजना (IAP) ज़िलों, पहाड़ी क्षेत्रों एवं दुर्गम क्षेत्रों में 1.3 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.20 लाख रुपए करने का निर्णय किया है।
- IAP भारत में एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य कुछ वंचित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना है।
- लक्ष्य और आवंटन: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में PMAY के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त आवास।
- इनमें से 54,500 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ PMAY-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत गाँवों में 2 करोड़ आवास का निर्माण किया जाएगा।
- जल जीवन मिशन (JJM) (ग्रामीण): आवंटन: 69,926.65 करोड़ रुपए।
- उद्देश्य: सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति प्रदान करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देना।
- JJM के संदर्भ में: वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया, इसमें वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना की गई है।
- उपलब्धि: इसने देश भर में 15 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल-जल कनेक्शन प्रदान किया है। इसने वर्ष 2019 से वर्ष 2024 के दौरान ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को 3 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ कर दिया है। 8 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने 100% कवरेज हासिल कर लिया है, जबकि बिहार, उत्तराखंड, लद्दाख एवं नगालैंड जैसे अन्य राज्यों ने पर्याप्त प्रगति की है।
- ग्रामीण भूमि सुधार:
- उद्देश्य: इन सुधारों का उद्देश्य ऋण प्रवाह को सुगम बनाना और भूमि प्रबंधन में सुधार करना है, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
- सुधार:
- विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (भू-आधार) का आवंटन।
- कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण।
- वर्तमान स्वामित्व के आधार पर मानचित्र उपविभागों का सर्वेक्षण।
- भूमि रजिस्ट्री की स्थापना।
- भूमि अभिलेखों को किसानों की रजिस्ट्री से जोड़ना।
जल जीवन मिशन (शहरी) क्या है?
- बजट 2021-22 में, सतत् विकास लक्ष्य- 6 के अनुसार सभी वैधानिक शहरों में कार्यात्मक नल के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में सभी घरों में जल की आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज़ प्रदान करने के लिये शहरी मामलों के आवास मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा की गई थी।
- बजट 2021-22 में, सतत् विकास लक्ष्य- 6 के अनुसार सभी वैधानिक कस्बों में कार्यात्मक नलों के माध्यम से सभी घरों में जल आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज़ प्रदान करने के लिये आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा की गई है।
- यह जल जीवन मिशन (ग्रामीण) का पूरक है।
- जल जीवन मिशन (शहरी) के उद्देश्य:
- नल और सीवर कनेक्शन सुरक्षित करना।
- जल निकायों का पुनरुद्धार।
- एक परिपत्र जल अर्थव्यवस्था बनाना।
दृष्टि मेन्स प्रश्न प्रश्न: जनजातीय और ग्रामीण विकास के लिये केंद्र सरकार द्वारा क्या पहल की गई हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. वित्त मंत्री संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए उसके साथ अन्य प्रलेख भी प्रस्तुत करते हैं, जिनमें ‘बृहद आर्थिक रुपरेखा विवरण (The Macro Economic Framework Statement)’ भी सम्मिलित रहता है। यह पूर्वोक्त प्रलेख निम्न आदेशन के कारण प्रस्तुत किया जाता है। (a) चिरकालिक संसदीय परंपरा के कारण उत्तर: (d) मेन्सप्रश्न. पूँजी बजट तथा राजस्व बजट के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिये। इन दोनों बजटों के संघटकों को समझाइये। (2021) |