प्रारंभिक परीक्षा
डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत एक स्वायत्त संस्थान, अगरकर अनुसंधान संस्थान (Agharkar Research Institute- ARI) के वैज्ञानिकों ने भारत के उत्तरी पश्चिमी घाटों में डिक्लिप्टेरा की एक नई प्रजाति की खोज की है, जिसका नाम डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा (Dicliptera Polymorpha) है।
प्रजातियों से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा के अद्वितीय लक्षण:
- अग्नि प्रतिरोधक क्षमता: यह ग्रीष्मकालीन सूखे से बच सकता है तथा घास के मैदानों में लगने वाली आग के प्रति भी अनुकूल हो सकता है।
- फिर से खिलने की प्रकृति: मानसून के बाद (नवंबर-अप्रैल) और फिर आग लगने के बाद मई-जून में खिलता है।
- रूपात्मक विशिष्टता: इसमें पुष्पों की ऐसी संरचनाएँ होती हैं जो भारतीय प्रजातियों में असामान्य हैं, लेकिन अफ्रीकी प्रजातियों में पाई जाने वाली संरचनाओं के समान होती हैं।
- कठोर परिस्थितियों के लिये अनुकूलन:
- यह पश्चिमी घाट के खुले घास के मैदानों की ढलानों पर पनपता है।
- काष्ठीय मूलवृंत दूसरे पुष्पन चरण के दौरान बौने पुष्पीय अंकुर उत्पन्न करते हैं।
- प्रजातियों के लिये खतरा:
- मानव-प्रेरित आग: हालाँकि आग से इस प्रजाति को फिर से पनपने में मदद मिल सकती है, लेकिन बहुत अधिक या खराब तरीके से नियंत्रित आग से इसके आवास को नुकसान पहुँच सकता है।
- आवास का अति प्रयोग: अतिचारण और भूमि-उपयोग में परिवर्तन से चरागाह की जैव विविधता को खतरा है।
पश्चिमी घाट के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- पश्चिमी घाट, जिसे सह्याद्री पहाड़ियों के रूप में भी जाना जाता है, वनस्पतियों और जीवों के अपने समृद्ध और अद्वितीय संयोजन के लिये जाना जाता है।
- इस शृंखला को उत्तरी महाराष्ट्र में सह्याद्रि, कर्नाटक और तमिलनाडु में नीलगिरी पहाड़ियाँ तथा केरल में अन्नामलाई पहाड़ियाँ और कार्डेमम पहाड़ियाँ कहा जाता है।
- इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- पश्चिमी घाट में भारत के दो बायोस्फीयर रिज़र्व, 13 राष्ट्रीय उद्यान, कई वन्यजीव अभयारण्य और कई रिज़र्व वन पाए जाते हैं।
- इसमें नागरहोल के सदाबहार वन, कर्नाटक में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और नुगु के पर्णपाती वन तथा केरल व तमिलनाडु राज्यों में वायनाड और मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र शामिल थे।
- वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट:
- भारत के चार मान्यता प्राप्त जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक, यह कई स्थानिक और अभी तक खोजी जाने वाली प्रजातियों का आवास है।
- चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र:
- घास के मैदानों में अद्वितीय वनस्पतियाँ और जीव पाए जाते हैं, जिनमें से कई अग्नि के अनुकूल होते हैं।
- दुर्लभ एवं संकटग्रस्त प्रजातियों के लिये आवास, पारिस्थितिक संतुलन के लिये आवश्यक।
पश्चिमी घाट के संरक्षण के प्रयास:
- गाडगिल समिति (2011):
- इसे पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (Western Ghats Ecology Expert Panel- WGEEP) के नाम से भी जाना जाता है।
- समिति ने सिफारिश की कि समस्त पश्चिमी घाट को पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (Ecological Sensitive Areas- ESA) घोषित किया जाए तथा श्रेणीबद्ध क्षेत्रों में केवल सीमित विकास की अनुमति दी जाए।
- कस्तूरीरंगन समिति, 2013: इसमें गाडगिल रिपोर्ट के विपरीत विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया गया।
- कस्तूरीरंगन समिति ने सिफारिश की थी कि पश्चिमी घाट के कुल क्षेत्रफल के बजाय कुल क्षेत्रफल का केवल 37% ESA के अंतर्गत लाया जाएगा तथा ESA में खनन, उत्खनन और रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्स:प्रश्न: हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की एक नई और भिन्न जाति की खोज की है जिसकी ऊँचाई लगभग 11 मीटर तक जाती है और उसके फल का गूदा नारंगी रंग का हैं। यह भारत के किस भाग में खोजी गई है? (2016) (a) अंडमान द्वीप समूह उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व बैंक द्वारा ऋण देने की क्षमता में वृद्धि
स्रोत: लाइव मिंट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, आगामी दस वर्षों में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने के प्रयास में, विश्व बैंक ने हाल ही में बैलेंस शीट अनुकूलन के माध्यम से अपनी ऋण देने की क्षमता में 50% की वृद्धि की है।
- इस विस्तार में हरित परियोजनाओं, जलवायु कार्रवाई एवं सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के समर्थन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वर्तमान वार्षिक ऋण के साथ, भारत विश्व बैंक के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है और साथ ही उसे जलवायु अनुकूलन, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अतिरिक्त धनराशि का बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा।
विश्व बैंक में हाल ही में क्या वित्तीय सुधार हुए हैं?
- मध्यम आय वाले देशों के लिये ऋण प्राप्त करने की लागत में कमी: विश्व बैंक ने मध्यम आय वाले देशों (जैसे भारत) के लिये ऋण शेष पर प्रतिबद्धता शुल्क चार वर्षों के लिये माफ कर दिया है, जिससे इस अवधि में ऋण प्राप्त करने की लागत में लगभग 1% की कमी आएगी।
- विश्व बैंक द्वारा असंवितरित ऋण राशि पर प्रतिबद्धता शुल्क लगाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उधारकर्त्ता निर्धारित अवधि के भीतर धनराशि का उपयोग करें।
- प्रतिबद्धता शुल्क कम करने से इन देशों के लिये वित्तपोषण अधिक लाभकारी हो जाएगा।
- विश्व बैंक द्वारा असंवितरित ऋण राशि पर प्रतिबद्धता शुल्क लगाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उधारकर्त्ता निर्धारित अवधि के भीतर धनराशि का उपयोग करें।
- आंतरिक सुधार एवं दक्षता में वृद्धि: विश्व बैंक की हाल की बैठकों में दक्षता, सहयोग में सुधार एवं निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में वृद्धि करने के लिये आंतरिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- ये सुधार G-20 समर्थित अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (IEG) की सिफारिशों द्वारा निर्देशित हैं।
- IEG रिपोर्ट एवं MDB वित्तपोषण लक्ष्य: IEG रिपोर्ट ने सिफारिश की है कि विश्व बैंक सहित बहुपक्षीय विकास बैंक ( MDB) जलवायु कार्रवाई और अन्य SDG को प्रभावी ढंग से समर्थन देने के लिये वर्ष 2030 तक वार्षिक वित्तपोषण में 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि करनी होगी।
- नई ऋण रणनीतियाँ: अपनी ऋण देने की क्षमता का विस्तार करने के लिये, विश्व बैंक अपने इक्विटी-से-ऋण अनुपात को कम कर रहा है तथा हाइब्रिड पूंजी मॉडल का उपयोग कर रहा है। ये रणनीतियाँ बैंक को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता के बिना अपने ऋण प्रदान करने की अनुमति देंगी।
विश्व बैंक की भूमिका और संरचना क्या है?
- विश्व बैंक के संदर्भ में:
- विश्व बैंक एक वैश्विक विकास सहकारी संस्था है जिसमें 189 सदस्य देश हैं।
- इन देशों या शेयरधारकों का प्रशासन एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा किया जाता है, जो आमतौर पर वित्त या विकास मंत्रियों से निर्मित होता है।
- बोर्ड की बैठक प्रतिवर्ष नीति निर्धारण और वैश्विक विकास में संस्था के कार्यों की देखरेख के लिये होती है।
- मिशन एवं कार्य:
- विश्व बैंक का लक्ष्य गरीबी को कम करना एवं साझा समृद्धि को बढ़ावा देना है।
- यह देशों को जटिल विकास चुनौतियों से निपटने में सहायता प्रदान करने के लिये वित्तीय उत्पाद, तकनीकी सहायता और नीतिगत सलाह प्रदान करता है।
- विश्व बैंक प्रभाव को अधिकतम करने के लिये बहुपक्षीय संस्थाओं, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र के अभिकर्त्ताओं एवं संस्थाओं के साथ सहयोग करता है।
- विश्व बैंक ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचे एवं पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में 15,000 से अधिक परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है।
- भारत में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित कुछ परियोजनाएँ हैं, भारत ऊर्जा दक्षता स्केल-अप कार्यक्रम, संकल्प, MSME प्रदर्शन में वृद्धि एवं तेज़ी (RAMP), ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर,एवं मुंबई शहरी परिवहन परियोजनाएँ आदि।
- विश्व बैंक समूह के प्रमुख संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD): IBRD गरीबी उन्मूलन, सतत् विकास एवं बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मध्यम आय और ऋण योग्य निम्न आय वाले देशों को ऋण, गारंटी और नीति सलाह प्रदान करता है।
- मध्यम-आय वाले देशों (MIC) का IBRD के पोर्टफोलियो में 60% से अधिक हिस्सा है, जो दुनिया के अधिकांश गरीबों को आवास देते हुए वैश्विक विकास के प्रमुख चालकों के रूप में कार्य करते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA): IDA विश्व के सर्वाधिक गरीब देशों को रियायती ऋण और अनुदान प्रदान करता है, जिसकी शर्तों पर बहुत कम या कोई ब्याज नहीं लगता है।
- IDA ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और संघर्ष-पश्चात पुनरुद्धार परियोजनाओं का समर्थन करता है।
- IDA के वित्तीय उत्पादों का आवंटन देश के आय स्तर एवं पूर्व परियोजनाओं के प्रबंधन में उसकी सफलता के आधार पर किया जाता है।
- IDA का वित्तपोषण अत्यधिक रियायती है, जो सबसे गरीब देशों को शून्य से लेकर कम ब्याज दर पर ऋण या अनुदान प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC): IFC वित्तपोषण, परामर्श सेवाएँ और जोखिम शमन प्रदान करके विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देता है।
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA): MIGA विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये राजनीतिक जोखिम बीमा और गारंटी प्रदान करती है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता से होने वाली हानि का जोखिम कम होता है।
- राजनीतिक जोखिम बीमा व्यवसायों के लिये सरकार की प्रतिकूल कार्रवाइयों या निष्क्रियता से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करने और प्रबंधित करने का एक उपकरण है।
- निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID): ICSID निवेशकों और राज्यों के बीच निवेश विवादों के समाधान में सहायता प्रदान करता है, तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिये कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD): IBRD गरीबी उन्मूलन, सतत् विकास एवं बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मध्यम आय और ऋण योग्य निम्न आय वाले देशों को ऋण, गारंटी और नीति सलाह प्रदान करता है।
नोट भारत, विश्व बैंक समूह की पाँच संस्थाओं में से चार का सदस्य है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्था, अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केन्द्र (ICSID) का सदस्य नहीं है। |
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'आई.एफ.सी. मसाला बाॅण्ड (IFC Masala Bonds)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
रैपिड फायर
समुद्री मात्स्यिकी को बढ़ावा देने हेतु सागरीय रेन्चिंग पहल
स्रोत: द हिंदू
केरल मत्स्य विभाग ने सतत् मात्स्यिकी को बढ़ावा देने के लिये तिरुवनंतपुरम के तट पर एक सागरीय रेन्चिंग पहल शुरू की है।
- समुद्री रेंचिंग या महासागरीय रेंचिंग, मत्स्य पालन का एक प्रकार है, जिसमें युवा मछलियों को बिना किसी संरक्षण या सहायता के प्राकृतिक रूप से वृद्धि के लिये समुद्र में छोड़ दिया जाता है, उसके बाद उनका शिकार किया जाता है।
- समुद्री मत्स्य संसाधनों के पुनः भरण के उद्देश्य से तिरुवनंतपुरम तट के 10 स्थानों पर 10 लाख पोम्पानो और कोबिया फिंगरलिंग्स (समुद्री मछली प्रजातियाँ) छोड़ी जाएंगी।
- यह परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत कृत्रिम चट्टान पहल का अनुसरण करती है, जिसका उद्देश्य समुद्री जैवविविधता में वृद्धि करना है।
- तिरुवनंतपुरम में 42 स्थानों पर स्थापित कृत्रिम चट्टानों ने ट्यूना, ट्रेवल्ली और मैकेरल जैसी विभिन्न मछली प्रजातियों को आकर्षित किया है।
- परियोजना के भावी चरणों में केरल के 96 गाँवों तक कृत्रिम भित्तियों का विस्तार करने का प्रस्ताव है।
- PMMSY को मत्स्य पालन विभाग, मात्स्यिकी, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र के पारिस्थितिक रूप से स्वस्थ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं सामाजिक रूप से समावेशी विकास के लिये शुरू किया गया था।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना
रैपिड फायर
भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव और प्रोजेक्ट शौर्य गाथा
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने नई दिल्ली में भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव (IMHF) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भारत की सैन्य विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन पर केंद्रित प्रोजेक्ट शौर्य गाथा का भी शुभारंभ किया गया।
- IMHF का उद्देश्य भारत के सैन्य इतिहास, सामरिक संस्कृति एवं रक्षा में आत्मनिर्भरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- इसके प्रतिभागियों में थिंक टैंक, सार्वजनिक/निजी क्षेत्र की संस्थाएँ, गैर-लाभकारी संस्थाएँ, शिक्षाविद्, अनुसंधान विद्वान एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के साथ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, सैन्य इतिहास और विरासत पर ध्यान केंद्रित करने वाले युवा संगठन शामिल हैं।
- प्रोजेक्ट शौर्य गाथा के तहत सैन्य मामलों के विभाग और भारत के संयुक्त सेवा संस्थान (USI) के साथ साझेदारी द्वारा शिक्षा एवं पर्यटन पहल के माध्यम से सैन्य विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का प्रयास करना शामिल है।
- USI नई दिल्ली, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा सेवा थिंक टैंक है।
- CDS: इस पद के सृजन की सिफारिश वर्ष 2001 में मंत्रियों के एक समूह (GoM) द्वारा की गई थी, जिसे कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन करने का कार्य सौंपा गया था।
- जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS थे और उनकी नियुक्ति वर्ष 2019 में हुई थी।
और पढ़ें: सक्षम भारत: प्रोजेक्ट उद्भव
रैपिड फायर
'त्वरित नवाचार और अनुसंधान हेतु साझेदारी'
स्रोत: पी.आई.बी
अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) ने भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिये त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिये साझेदारी (PAIR) कार्यक्रम शुरू किया है।
- उद्देश्य: PAIR का लक्ष्य हब-एंड-स्पोक मॉडल का उपयोग करके विश्वविद्यालय में अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ाना है, तथा मार्गदर्शन और सहयोग के लिये शीर्ष-स्तरीय विश्वविद्यालयों (हब) को उभरते संस्थानों (स्पोक) के साथ जोड़ना है।
- हब संस्थानों में शीर्ष 25 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) समग्र रैंकिंग वाले संस्थानों के साथ-साथ शीर्ष 50 NIRF समग्र रैंकिंग वाले राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान सहित सीमित अनुसंधान बुनियादी ढाँचे वाले केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन करेंगे।
- NEP 2020 के अनुरूप: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप, PAIR अनुसंधान अंतराल को कम कर क्षेत्रीय विविधता तथा भारत के विश्वविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देता है।
- ANRF: इसकी स्थापना ANRF, 2023 अधिनियम के साथ की गई है, यह NEP की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च-स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिये एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है।
- ANRF की स्थापना के साथ, वर्ष 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) को ANRF में शामिल कर लिया गया है।
और पढ़ें: भारत का अनुसंधान एवं विकास परिदृश्य
रैपिड फायर
बुकर पुरस्कार 2024
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में, ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे ने अपने उपन्यास ऑर्बिटल के लिये वर्ष 2024 का बुकर पुरस्कार जीता।
- ऑर्बिटल, बुकर पुरस्कार जीतने वाली अंतरिक्ष संबंधी पुस्तक है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सवार छह अंतरिक्ष यात्री, जो प्रतिदिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं, वह लेंस प्रदान करते हैं जिसके माध्यम से यह पृथ्वी का अन्वेषण करता है।
- यह बुकर पुरस्कार के इतिहास का दूसरा सबसे छोटा उपन्यास है, इससे छोटा उपन्यास पेनेलोप फिट्ज़गेराल्ड का ऑफशोर (132 पृष्ठ) है।
- वर्ष 2019 में मार्गरेट एटवुड के बाद हार्वे बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला हैं।
- वर्ष 1969 में यूनाइटेड किंगडम में बुकर पुरस्कार की स्थापना की गई।
- यह पुरस्कार प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्ठ सतत् कथा साहित्य के लिये प्रदान किया जाता है।
- प्रारंभ में राष्ट्रमंडल देशों के लेखकों को पुरस्कार दिया गया। अब यह पुरस्कार दुनिया भर के लेखकों के लिये उपलब्ध है, चाहे वे किसी भी मूल के हों।
- यह अंग्रेजी भाषा में लिखा होना चाहिए तथा यू.के. या आयरलैंड में प्रकाशित होना चाहिये।
और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2024