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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 14 Mar, 2024
  • 26 min read
प्रारंभिक परीक्षा

फ्राँस में सहायता प्राप्त मृत्यु को वैध बनाने पर विचार

स्रोत: डाउन टू अर्थ

फ्राँस हाल ही में गर्भपात को संवैधानिक अधिकार के रूप में जोड़ने के बाद अब सहायता प्राप्त मृत्यु के एक रूप जिसे "मृत्यु में सहायक" कहा जाता है, को वैध बनाने पर विचार कर रहा है।

  • प्रस्तावित विधेयक में सख्त शर्तें होंगी, जिससे अल्प या मध्यम अवधि में मौत का कारण बनने वाली असाध्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जा सकेगी।
  • देश पहले से ही निष्क्रिय इच्छामृत्यु की अनुमति देता है।

सहायता प्राप्त मृत्यु ( Assisted Dying) और निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Passive Euthanasia) क्या है?

  • सहायता प्राप्त मृत्यु: इसमें वे लोग शामिल होते हैं जो असाध्य रूप से बीमार होते हैं और घातक दवाएँ प्राप्त करने के लिये चिकित्सा सहायता की मांग करते हैं, जिसे वे बाद में अपना जीवन समाप्त करने के लिये स्वयं लेते हैं।
    • यह आमतौर पर तब होता है जब मरीज़ किसी लाइलाज बीमारी के कारण असहनीय पीड़ा का सामना कर रहे होते हैं तथा अपनी मृत्यु के समय और तरीके पर नियंत्रण चाहते हैं। 
    • सहायता प्राप्त मृत्यु का प्राथमिक अंतर यह है कि व्यक्ति चिकित्सा पेशेवरों की सहायता से अपने जीवन को समाप्त करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
  • निष्क्रिय इच्छामृत्यु: निष्क्रिय इच्छामृत्यु तब होती है जब जीवन-निर्वाह उपचार रोक दिये जाते है अथवा हटा लिये जाते है, जिससे रोगी स्वाभाविक रूप से मर जाता है।
    • इसमें वेंटिलेटर, फीडिंग ट्यूब अथवा जीवन को बनाए रखने वाली दवाओं जैसे- चिकित्सा उपचारों को रोकने के निर्णय शामिल हो सकते हैं।
    • निष्क्रिय इच्छामृत्यु को प्राय: सक्रिय इच्छामृत्यु से अलग माना जाता है क्योंकि इसमें रोगी की मृत्यु सीधे तौर पर शामिल नहीं होती है, बल्कि यह प्राकृतिक तरीकों से मृत्यु की अनुमति देता है।
      • सक्रिय इच्छामृत्यु में किसी व्यक्ति के जीवन को समाप्त करने के लिये जानबूझकर घातक पदार्थों या कार्यों का उपयोग करना शामिल है।
  • कानूनी सहायता से मृत्यु अथवा इच्छामृत्यु वाले देश:
    • नीदरलैंड, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, स्पेन ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिये इच्छामृत्यु एवं सहायता प्राप्त आत्महत्या दोनों की अनुमति देता है जो "असहनीय पीड़ा" का सामना करते है जिसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है।
    • स्विट्ज़रलैंड इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध लगाता है लेकिन डॉक्टर अथवा चिकित्सक की उपस्थिति में सहायता से मृत्यु की अनुमति देता है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून हैं। वाशिंगटन, ओरेगॉन एवं मोंटाना जैसे कुछ राज्यों में इच्छामृत्यु की अनुमति है।
    • भारत निष्क्रिय इच्छामृत्यु की अनुमति देता है
      • सर्वोच्च न्यायालय ने अरुणा रामचन्द्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस के 2011 के मामले में निष्क्रिय इच्छामृत्यु को स्वीकार किया, जिससे उन रोगियों से जीवन-निर्वाह देखभाल वापस लेने की अनुमति प्राप्त हुई जो स्वयं निर्णय लेने में असमर्थ थे। इस मामले में अरुणा शानबाग निष्क्रिय अवस्था में थीं।
      • कॉमन कॉज़ बनाम भारत संघ, 2018 मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 'लिविंग विल' के महत्त्व को उजागर करते हुए निष्क्रिय इच्छामृत्यु/सहजमृत्यु (Euthanasia) को वैध बनाया
        • यह निर्णय मानसिक रूप से सक्षम वयस्कों को नैसर्गिक मृत्यु के चयन की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए विशिष्ट परिस्थितियों में चिकित्सा उपचार की मनाही अथवा इसे प्राप्त न करने के विकल्प का प्रावधान करता है।
        • न्यायालय ने इस तथ्य पर ज़ोर दिया कि मरण की प्रक्रिया में गरिमा संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है।
      • वर्ष 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने संबद्ध प्रक्रिया में सरलता और तीव्रता हेतु निष्क्रिय इच्छामृत्यु से संबंधित नियमों में संशोधन किया।
        • सर्वोच्च न्यायालय ने लिविंग विल हेतु नोटरी अथवा राजपत्रित अधिकारी द्वारा इसके सत्यापन को पर्याप्त बताते हुए लिविंग विल को मान्य करने के संबंध में न्यायिक मजिस्ट्रेट की आवश्यकता को समाप्त किया।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है? (2018)

(a) अनुच्छेद 14 और संविधान के 42वें संशोधन के अधीन उपबंध।
(b) अनुच्छेद 17 एवं भाग IV में दिये गए राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व।
(c) अनुच्छेद 21 एवं भाग III में गारंटी की गई स्वतंत्रताएँ।
(d) अनुच्छेद 24 एवं संविधान के 44वें संशोधन के अधीन उपबंध।

उत्तर: (c)


सामाजिक न्याय

स्नेकबाइट की रोकथाम और नियंत्रण

प्रिलिम्स के लिये:

स्नेकबाइट विष, स्नेकबाइट की रोकथाम और नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-SE), 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण, विश्व स्वास्थ्य संगठन, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग

मेन्स के लिये:

स्नेकबाइट विष, 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण

स्रोत: पी.आई.बी. 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण के तहत स्नेकबाइट की रोकथाम और नियंत्रण के लिये एक राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-SE) का शुभारंभ किया।

स्नेकबाइट की रोकथाम और नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-SE) क्या है?

  • परिचय:
    • NAP-SE भारत में सांप के काटने के ज़हर के प्रबंधन, रोकथाम और नियंत्रण के लिये एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है।।
    • यह NAP-SE स्नेकबाइट के कारण होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने की वैश्विक मांग को साझा करता है और और संबंधित हितधारकों के सभी रणनीतिक घटकों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की परिकल्पना करता है।
    • NAP-SE राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और हितधारकों के लिये उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी कार्य योजना विकसित करने के लिये एक मार्गदर्शन दस्तावेज़ है और इसका उद्देश्य एंटी-स्नेक वेनम की निरंतर उपलब्धता, क्षमता निर्माण, रेफरल तंत्र और लोक शिक्षा के माध्यम से स्नेकबाइट के खतरे को व्यवस्थित रूप से कम करना है।
  • लक्ष्य:
    • वर्ष 2030 तक स्नेकबाइट से होने वाली मौतों और दिव्यांगता के मामलों की संख्या को आधा करने के लिये इसे रोकना और नियंत्रित करना।
    • सांप के काटने से मनुष्यों में होने वाली रुग्णता, मृत्यु दर और उससे संबंधी जटिलताओं को धीरे-धीरे कम करना।
  • रणनीतिक कार्रवाइयाँ:
    • मानव स्वास्थ्य: मानव स्वास्थ्य घटक के लिये रणनीतिक कार्रवाई में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर साँप के जहर रोधी प्रावधान सुनिश्चित करना, मनुष्यों में स्नेकबाइट के मामलों एवं इससे होने वाली मौतों की निगरानी को मज़बूत करना शामिल है।
      • ज़िला अस्पतालों अथवा CHC में एम्बुलेंस सेवाओं, क्षेत्रीय विष केंद्रों के संस्थागतकरण तथा अंतर-क्षेत्रीय समन्वय सहित आपातकालीन देखभाल सेवाओं को मज़बूत करना शामिल है। 
    • वन्यजीव स्वास्थ्य: वन्यजीव स्वास्थ्य घटक के लिये रणनीतिक कार्रवाई में शिक्षा जागरूकता, विषरोधी वितरण, प्रमुख हितधारकों को मज़बूत करना, व्यवस्थित अनुसंधान एवं निगरानी तथा साँप के जहर का संग्रहण के साथ-साथ साँपों को स्थानांतरित करना शामिल है।
    • पशु एवं कृषि घटक: पशु और कृषि घटक के लिये रणनीतिक कार्रवाई में पशुधन में स्नेकबाइट की रोकथाम, सामुदायिक सहभागिता आदि शामिल हैं।

स्नेकबाइट एनवेनोमिंग (SE) क्या है ?

  • परिचय:
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्नेकबाइट एनवेनोमिंग (SE) को उच्च प्राथमिकता वाले उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • SE एक संभावित जीवन-घातक बीमारी है जो आमतौर पर एक जहरीले साँप के काटने के बाद विभिन्न विषाक्त पदार्थों (जहर) के मिश्रण के इंजेक्शन के परिणामस्वरूप होती है।
    • यह साँपों की कुछ प्रजातियों द्वारा आँखों में जहर छिड़कने के कारण भी हो सकता है, जिनमें बचाव के उपाय के रूप में जहर उगलने की क्षमता होती है।
    • कई लाखों लोग ग्रामीण एवं उपनगरीय क्षेत्रों में रहते हैं जो अपने अस्तित्व के लिये कृषि एवं निर्वाह खेती पर निर्भर हैं, जिससे अफ्रीका, मध्य-पूर्व, एशिया, ओशिनिया और लैटिन अमेरिका के ग्रामीण उष्णकटिबंधीय तथा उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्नेकबाइट एक गंभीर दैनिक स्वास्थ्य जोखिम बन गया है। 
  • प्रभाव:
    • कई स्नेकबाइट पीड़ित, विशेषकर विकासशील देशों में विकृति, अवकुंचन, विच्छेदन, दृश्य दोष, गुर्दे की जटिलता तथा मनोवैज्ञानिक संकट जैसी दीर्घकालिक व्याधियों से पीड़ित होते हैं।
  • व्यापकता:
    • भारत में प्रतिवर्ष अनुमानित 3-4 मिलियन स्नेकबाइट से लगभग 50,000 मौतें होती हैं, जो वैश्विक स्तर पर स्नेकबाइट से होने वाली सभी मौतों का आधा हिस्सा है।
      • विभिन्न देशों में स्नेकबाइट से पीड़ित लोगों का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही क्लीनिकों और अस्पतालों में रिपोर्ट करता है और स्नेकबाइट का वास्तविक बोझ बहुत कम बताया जाता है। 
    • केंद्रीय स्वास्थ्य जाँच ब्यूरो (Central Bureau of Health Investigation - CBHI) की रिपोर्ट (2016-2020) के अनुसार, भारत में स्नेकबाइट के मामलों की औसत वार्षिक संख्या लगभग 3 लाख है और लगभग 2000 मौतें स्नेकबाइट के कारण होती हैं।
    • भारत में लगभग 90% स्नेकबाइट सर्पों की चार बड़ी  प्रजातियों- कॉमन क्रेट/करैत, इंडियन कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर के कारण होते हैं। 
  • SE की रोकथाम के लिये WHO का रोडमैप:
    • WHO ने वर्ष 2030 तक स्नेकबाइट से होने वाली मृत्यु तथा दिव्यांगता के मामलों को आधा करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2019 में अपना रोडमैप लॉन्च किया था।
      • एंटीवेनम के लिये एक स्थायी बाज़ार विकसित करने हेतु वर्ष 2030 तक सक्षम निर्माताओं की संख्या में 25% की वृद्धि की आवश्यकता है।
      • WHO ने वैश्विक एंटीवेनम भंडार बनाने के लिये एक पायलट परियोजना तैयार की है।
      • प्रभावित देशों में स्नेकबाइट के उपचार तथा प्रतिक्रिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में एकीकृत करना, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों का बेहतर प्रशिक्षण एवं समुदायों को शिक्षित करना शामिल है।
  • भारतीय पहल:

वन हेल्थ दृष्टिकोण क्या है?

  • वन हेल्थ एक ऐसा दृष्टिकोण है, जो यह मानता है, कि लोगों का स्वास्थ्य जानवरों के स्वास्थ्य और हमारे साझा पर्यावरण से निकटता से जुड़ा हुआ है।
  • वन हेल्थ का दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO), विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) सहित त्रिपक्षीय-प्लस गठबंधन के बीच समझौते से अपना दृष्टिकोण प्राप्त करता है।
  • इसका उद्देश्य मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, पौधे, मृदा, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य जैसे विभिन्न विषयों में कई स्तरों पर अनुसंधान और ज्ञान साझा करने में सहयोग को प्रोत्साहित करना है, जिससे सभी प्रजातियों के स्वास्थ्य में सुधार, सुरक्षा और बचाव हो सके।

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTDs) क्या हैं?

  • NTDs संक्रमणों का एक समूह है, जो अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों में रहने वाले  वंचित समुदायों में सबसे सामान्य है
  • वे विभिन्न प्रकार के रोगजनकों जैसे वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोज़ोआ और परजीवी कीट के कारण होते हैं।
  • NTD विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम हैं, जहाँ लोगों के पास स्वच्छ जल या मानव अपशिष्ट के निपटान के सुरक्षित तरीके तक पहुँच नहीं है
  • तपेदिक, HIV-AIDS और मलेरिया जैसी बीमारियों की तुलना में इन बीमारियों पर आमतौर पर अनुसंधान और उपचार के लिये  कम धन मिलता है।
    • NTDs के उदाहरण: स्नेकबाइट, खुजली, ट्रेकोमा, लीशमैनियासिस और चगास रोग आदि।

और पढ़ें: सर्प विष को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन भारत में माइक्रोबियल रोगजनकों में बहु-दवा प्रतिरोध की घटना के कारण हैं? (2019)

  1. कुछ लोगों की आनुवंशिक प्रवृत्ति
  2.  बीमारियों को ठीक करने के लिये एंटीबायोटिक दवाओं की गलत खुराक लेना
  3.  पशुपालन में एंटीबायोटिक का प्रयोग
  4.  कुछ लोगों में कई पुरानी बीमारियाँ

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न: क्या डॉक्टर के निर्देश के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का अति प्रयोग और मुफ्त उपलब्धता भारत में दवा प्रतिरोधी रोगों के उद्भव में योगदान कर सकते हैं? निगरानी एवं नियंत्रण के लिये उपलब्ध तंत्र क्या हैं? इसमें शामिल विभिन्न मुद्दों पर आलोचनात्मक चर्चा कीजिये। (2014)


रैपिड फायर

ग्रामीण डिजिटल सशक्तीकरण

स्रोत: पी.आई.बी.

दूरसंचार विभाग (DoT) के तहत सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि/यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund- USOF) ने ग्रामीण भारत में डिजिटल सेवाओं की पहुँच को लोकतांत्रिक बनाने के लिये प्रसार भारती और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • त्रिपक्षीय MoU का उद्देश्य USOF के तहत भारतनेट बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाते हुए देश भर में सस्ती और सुलभ डिजिटल सेवाओं का विस्तार करना है।
  • ग्राम पंचायतों और गाँवों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड प्रदान करने में USOF की भूमिका प्रसार भारती के OTT प्लेटफॉर्म की पूरक होगी, जो लीनियर चैनल, लाइव टीवी और ऑन-डिमांड सामग्री प्रस्तुत करेगा।
  • प्रसार भारती अपनी व्यापक विरासत, उपभोक्ता पहुँच और ब्रांड पहचान का उपयोग करते हुए अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिये सामग्री तैयार करेगा।
  • ONDC विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल कॉमर्स को सक्षम करने के लिये तकनीकी विशेषज्ञता और बुनियादी ढाँचे में योगदान देगा, जिसमें ई-कॉमर्स से आगे बढ़कर शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त और कृषि को शामिल किया जाएगा।

संगठन

स्थापना एवं वैधानिक स्थिति

उद्देश्य

यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF)

संचार मंत्रालय के तहत 2002 में स्थापित; भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2003 के तहत वैधानिक समर्थन

ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में कुशल कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण ICT सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना 

प्रसार भारती

प्रसार भारती अधिनियम के तहत 1997 में स्थापित, वैधानिक स्वायत्त निकाय

देश का लोक सेवा प्रसारक

डिजिटल कॉमर्स के लिये ओपन नेटवर्क (ONDC)

डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत 2021 के अंत में स्थापित किया गया

विक्रेताओं से ग्राहकों तक सीधी बिक्री की सुविधा प्रदान करने वाले इंटरकनेक्टेड ई-मार्केटप्लेस का नेटवर्क

और पढ़ें… यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF), प्रसार भारती, ONDC एवं इसकी क्षमता


रैपिड फायर

वोकल फॉर लोकल पहल

स्रोत: पीआईबी

हाल ही में नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) ने अपने आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के तहत 'वोकल फॉर लोकल' पहल शुरू की है।

  • पहल का उद्देश्य 'आकांक्षा' के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन करके सतत् विकास को बढ़ावा देना है। GeM पोर्टल पर एक समर्पित विंडो स्थानीय उत्पादों के लिये ई-कॉमर्स की सुविधा प्रदान करती है।
    • इस पहल के एक भाग के रूप में, 500 आकांक्षी ब्लॉकों के स्वदेशी स्थानीय उत्पादों को आकांक्षा के तहत मैप और समेकित किया गया है।
  • नीति आयोग के सीईओ ने ज़िला कलेक्टरों और ब्लॉक-स्तरीय अधिकारियों से आकांक्षी ब्लॉक में सूक्ष्म उद्यमों के सतत् विकास को सुविधाजनक बनाने के लिये सरकारी ई-मार्केटप्लेस तथा ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स जैसे भागीदारों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
  • आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम केंद्रीय बजट 2022-23 में घोषित एक विकास पहल है, इसका उद्देश्य भारत के सबसे अविकसित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिये दिशा, मार्गदर्शन तथा समर्थन प्रदान करना एवं आबादी के वंचित वर्गों के लिये विकास लाभों को निर्देशित करना है।

और पढ़ें… आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम


रैपिड फायर

समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2024

स्रोत: द इकोनॉमिक टाइम्स

ईरान, रूस एवं चीन द्वारा ओमान की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शुरू किया। इस ड्रिल को "समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2024" कहा गया। इस अभ्यास में युद्धपोत और विमानन को शामिल किया गया, वर्ष 2019 के बाद से उनका चौथा संयुक्त सैन्य अभ्यास है।

  • अभ्यास के दौरान पाकिस्तान, कजाकिस्तान, अज़रबैजान, ओमान, भारत तथा दक्षिण अफ्रीका के नौसेना प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • ओमान की खाड़ी अरब सागर का पश्चिमी विस्तार है, साथ ही ईरान, ओमान एवं संयुक्त अरब अमीरात देशों के बीच मध्य पूर्व में स्थित है।
  • यह खाड़ी अरब सागर को होर्मुज़ जलडमरूमध्य से जोड़ती है, जो फारस की खाड़ी में गिरती है।
    • ओमान की खाड़ी की सीमा उत्तर में पाकिस्तान एवं ईरान, पश्चिम में संयुक्त अरब अमीरात से तथा दक्षिण में ओमान से लगती है।

और पढ़ें…  चीन-ईरान सामरिक सहयोग समझौता


रैपिड फायर

प्रसार भारती - प्रसारण और प्रसार के लिये साझा दृश्य-श्रव्य

स्रोत: पी.आई.बी.

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने प्रसार भारती- प्रसारण और प्रसार के लिये साझा दृश्य-श्रव्य  (PB-SHABD) का शुभारंभ किया, जो प्रसार भारती की एक समाचार-साझाकरण सेवा है, जिसका उद्देश्य भारत में समाचार प्रसार में बदलाव लाना है।

  • PB-SHABD व्यापक नेटवर्क की कमी वाले छोटे समाचार संगठनों के लिये  समाचार सामग्री के एकल-बिंदु स्रोत के रूप में कार्य करेगा।
  • SHABD सेवा को पहले वर्ष के लिये  निःशुल्क प्रदान करने का प्रावधान है।
  • इस दौरान मंत्री ने दूरदर्शन समाचार और आकाशवाणी समाचार के लिये  संशोधित प्लेटफार्मों और अपडेटेड न्यूज ऑन द एयर मोबाइल ऐप पर प्रकाश डाला, समाचार तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने तथा मीडिया उद्योग के भीतर सहयोग को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर बल दिया।
  • प्रसार भारती, भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक प्रसारण एजेंसी है। यह प्रसार भारती अधिनियम, 1997 द्वारा स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है।
    • प्रसार भारती निगम का मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षित करने के साथ मनोरंजन हेतु दूरदर्शन और आकाशवाणी को स्वायत्तता प्रदान करना है।

और पढ़ें… केवल प्रसार भारती के माध्यम से प्रसारण


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