सर्प विष को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी

स्रोत: द हिंदू

बंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्त्ताओं ने एक सिंथेटिक मानव एंटीबॉडी बनाई है जो कोबरा, किंग कोबरा, करैत और ब्लैक माम्बा जैसे एलापिडे साँपों द्वारा स्रावित/उत्पादित शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन को बेअसर करने में सक्षम है।

  • एलापिड्स, विषैले साँपों का एक विविध परिवार है, इसके सामने के दाँत नुकीले होते हैं जो ज़हर फैलाते हैं और इसमें विश्व स्तर पर विभिन्न आवासों में 300 प्रजातियाँ शामिल हैं।

नई विष-निष्क्रिय एंटीबॉडी क्या है?

  • परिचय:
    • भारतीय विज्ञान संस्थान की टीम ने एक नए एंटीबॉडी को संश्लेषित करने के लिये HIV और कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी की स्क्रीनिंग हेतु पहले से सफल दृष्टिकोण अपनाया, जो सर्पदंश के उपचार के लिये इस रणनीति के पहले अनुप्रयोग को चिह्नित करता है।
  • कार्यप्रणाली:
    • विभिन्न एलापिड प्रजातियों के बीच इस विष में भिन्नता के बावजूद, टीम का एंटीबॉडी एलापिड विष में पाए जाने वाले थ्री-फिंगर टॉक्सिंस (3FTx) के मूल में एक संरक्षित क्षेत्र को लक्षित करता है।
    • जीवों के मॉडल का उपयोग करते हुए शोधकर्त्ताओं ने ताइवानी बैंडेड क्रेट, मोनोकल्ड कोबरा एवं ब्लैक माम्बा के विषाक्त पदार्थों के विरुद्ध अपने सिंथेटिक एंटीबॉडी का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि एंटीबॉडी मानक एंटीवेनम की तुलना में लगभग 15 गुना अधिक शक्तिशाली थी, यहाँ तक कि यह ज़हर इंजेक्शन में हुई देरी के बाद भी दिया गया था।
      • पारंपरिक एंटीबॉडी अपनी संरचना में एक समान नहीं होते हैं, क्योंकि वे विभिन्न प्रकार के अणुओं का मिश्रण होते हैं जिनमें एंटीजन के विभिन्न एपिटोप्स के साथ अलग-अलग संबंध एवं विशिष्टता होती है जो उनके उत्पादन को उत्प्रेरित करती है।
  • आवश्यकता:
  • अनुप्रयोग:
    • शोधकर्त्ताओं का सुझाव है कि यह प्रगति हमें एक सार्वभौमिक एंटीबॉडी समाधान के करीब लाती है जो विभिन्न साँपों के ज़हर से व्यापक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

साँप के काटने से बचाव के लिये अन्य पहल:

  • WHO रोडमैप लॉन्च होने से पूर्व ही ICMR के शोधकर्त्ताओं द्वारा वर्ष 2013 से सामुदायिक जागरूकता और स्वास्थ्य प्रणाली क्षमता निर्माण शुरू किया गया था।
  • WHO की सर्पदंश विष निवारण रणनीति तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये संयुक्त राष्ट्र के सेंदाई फ्रेमवर्क के अनुरूप, भारत ने इस मुद्दे से निपटने के लिये वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय कार्य योजना की पुष्टि की।
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में सर्पदंश से निपटने के लिये वर्ष 2022-2030 क्षेत्रीय कार्य योजना का शुभारंभ किया गया जिसका लक्ष्य वैश्विक रणनीति के अनुरूप वर्ष 2030 तक सर्पदंश से संबंधित मौतों और दिव्यांग्ताओं में कमी लाना, स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ करने में सदस्य राज्यों, WHO, दानदाताओं तथा भागीदारों का मार्गदर्शन करना एवं विभिन्न रणनीतियों व प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के माध्यम से मानव-पशु-पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में कार्यों में तेज़ी लाना है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. समुद्री कच्छपों की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं। 
  2. मछली की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं। 
  3. समुद्री स्तनपाइयों की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं।
  4. साँपों की कुछ जातियाँ सजीव प्रजक होती हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2, 3, और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)


Q. किंग कोबरा एकमात्र ऐसा सर्प है जो अपना घोंसला स्वयं बनाता है। यह अपना घोंसला क्यों बनाता है? (2010)

(a) यह सर्प खाता है और घोंसला अन्य सर्पों को आकर्षित करने में मदद करता है
(b) यह एक जरायुज सर्प है और इसे अपनी संतति को जन्म देने के लिये घोंसले की आवश्यकता होती है
(c) यह एक अंडज सर्प है जो घोंसले में अपने अंडे देता है और अंडे प्रस्फुटित होने तक घोंसले की रक्षा करता है
(d) यह एक बड़ा, शीत-रक्तीय जीव है और शीत ऋतु में शीतनिद्रा में रहने के लिये इसे घोंसले की आवश्यकता होती है

उत्तर: (c)


Q.  निम्नलिखित में से किस सर्प का आहार मुख्यतः अन्य सर्प होते हैं? (2008)

(a) करैत 
(b) रसेल वाइपर
(c) रैटलस्नेक 
(d) किंग कोबरा

उत्तर: (d)