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शासन व्यवस्था

केवल प्रसार भारती के माध्यम से प्रसारण

  • 25 Oct 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्रसार भारती, TRAI

मेन्स के लिये:

TRAI और उसकी शक्तियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक परामर्श ज़ारी किया है जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि किसी भी तरह का प्रसारण केवल प्रसार भारती के माध्यम से ही किया जाए।

प्रसार भारती के विषय में:

  • प्रसार भारती एक सांविधिक स्वायत्त निकाय है। यह देश का सरकारी प्रसारण केंद्र है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1997 में प्रसार भारती अधिनियम के तहत की गई थी।
  • प्रसार भारती निगम का मुख्य उद्देश्य दूरदर्शन और आकाशवाणी को स्वायत्तता प्रदान करना है ताकि ‘जनता को शिक्षित करने के साथ ही उनका मनोरंजन किया जा सके’।

परामर्श क्या है?

  • इसमें कहा गया है कि मंत्रालयों, केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन या उनसे संबंधित संस्थाओं को प्रसारण गतिविधियों के अंतर्गत प्रसारण या वितरण कार्यों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
  • यदि केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेश और उनसे संबंधित संस्थाएँ पहले से ही अपनी सामग्री प्रसारित कर रही हैं, तो यह कार्य अब सार्वजनिक प्रसारण केंद्र प्रसार भारती के माध्यम से किया जाएगा।
  • यह भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI), सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा दी गई कानूनी राय की सिफारिशों के अनुरूप है।
    • सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, सार्वजनिक सेवा प्रसारण एक सांविधिक निगम या उन निगमों के हाथों में होना चाहिये, जिन्हें राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मामलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये विधि के तहत स्थापित किया गया हो।
  • विद्यमान नीति दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारत के सरकारी विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, कृषि विज्ञान केंद्र, केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालय, स्वायत्त निकाय और कृषि विश्वविद्यालयों में सामुदायिक रेडियो को स्थापित किया जा सकता है।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की सिफारिशें क्या थीं?

  • वर्ष 2012 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने परामर्श दिया था कि केंद्र और राज्य सरकार, उनकी कंपनियों, उपक्रमों, निजी क्षेत्र के साथ संयुक्त उद्यम तथा अन्य सरकारों द्वारा वित्तपोषित किसी भी तरह की संस्थाओं को टीवी चैनलों के प्रसारण और/या वितरण के व्यवसाय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये।
    • यह सरकारिया आयोग की सिफारिश और क्रिकेट संघ मामले के निर्णय पर निर्भर था।
  • प्रसार भारती के महत्त्व को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। यह निकाय प्रसारण गतिविधियों के संबंध में सरकारी संस्थाओं की विधिसम्मत आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु उत्तरदायी है, साथ ही अपनी स्वायत्तता और कार्यात्मक स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिये प्रसार भारती तथा सरकार के बीच निष्पक्ष संबंध का परामर्श भी देता है।

TRAI:

  • कानूनी समर्थन: TRAI की स्थापना 20 फरवरी, 1997 को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 द्वारा की गई थी।
  • उद्देश्य:
    • TRAI का उद्देश्य देश में दूरसंचार के विकास के लिये अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना एवं इसे बेहतर बनाना है।
    • TRAI दूरसंचार सेवाओं के लिये टैरिफ के निर्धारण/संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को नियंत्रित करता है जो पहले केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आता था।
    • इसका उद्देश्य एक स्वच्छ और पारदर्शी वातावरण प्रदान करना है जिससे कंपनियों के मध्य निष्पक्ष और स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा हो सकें।
  • मुख्यालय: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • शक्तियाँ:
    • सूचना प्रस्तुत करने का आदेश: यह किसी भी सेवा प्रदाता को अपने मामलों से संबंधित सूचना या स्पष्टीकरण लिखित रूप में प्रस्तुत करने के लिये कह सकता है जैसी प्राधिकरण की आवश्यकता हो सकती है।
    • जाँच के लिये नियुक्तियाँ: प्राधिकरण किसी भी सेवा प्रदाता के मामलों में जाँच करने के लिये एक या अधिक व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है।
    • निरीक्षण के लिये आदेश: इसे अपने किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को किसी भी सेवा प्रदाता के खातों या अन्य दस्तावेज़ों का निरीक्षण करने का निर्देश देने का अधिकार है।
    • सेवा प्रदाताओं को निर्देश जारी करना: प्राधिकरण के पास सेवा प्रदाताओं को ऐसे निर्देश जारी करने की शक्ति होगी जिसे सेवा प्रदाताओं द्वारा कार्य करने के लिये वह उचित एवं आवश्यक समझे।

स्रोत: द हिंदू

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