भारत ऊर्जा सप्ताह
भारत के प्रधानमंत्री ने 6 फरवरी, 2023 को कर्नाटक के बंगलूरू में भारत ऊर्जा सप्ताह (India Energy Week- IEW) 2023 का उद्घाटन किया।
- प्रधानमंत्री ने 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में तेल विपणन कंपनियों के 84 रिटेल आउटलेट्स पर E20 ईंधन भी लॉन्च किया और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) द्वारा आयोजित हरित गतिशीलता रैली को हरी झंडी दिखाई।
E20 इथेनॉल फ्यूल और हरित गतिशीलता रैली:
- E20 इथेनॉल फ्यूल:
- परिचय:
- ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम सरकार का एक प्रमुख केंद्रित क्षेत्र रहा है।
- E20, पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल का मिश्रण है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक इथेनॉल के 20% सम्मिश्रण को पूर्ण रूप से हासिल करना है और HPCL तथा अन्य तेल विपणन कंपनियों द्वारा 2G-3G इथेनॉल संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं जो प्रगति को सुगम बनाएगी।
- उपलब्धियाँ:
- सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2013-14 से इथेनॉल उत्पादन क्षमता में छह गुना वृद्धि हुई है।
- इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम और जैव ईंधन कार्यक्रम के तहत हासिल उपलब्धियों ने न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाया है बल्कि इसके परिणामस्वरूप 318 लाख मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन में कमी एवं लगभग 54,000 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत सहित कई अन्य लाभ भी प्राप्त हुए हैं।
- परिचय:
- हरित गतिशीलता रैली:
- हरित गतिशीलता रैली का उद्देश्य हरित ईंधन हेतु जन जागरूकता बढ़ाना है।
- इसमें स्थायी ऊर्जा स्रोतों जैसे E20, E85, फ्लेक्स फ्यूल, हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक आदि के उपयोग से चलने वाले 57 वाहनों की भागीदारी शामिल है।
- हरित गतिशीलता कार्बन उत्सर्जन को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने हेतु पर्यावरण के अनुकूल एवं टिकाऊ परिवहन विकल्पों के उपयोग को संदर्भित करती है।
- उचित नीति समर्थन, औद्योगिक कार्रवाई, बाज़ार निर्माण, निवेशकों की बढ़ती रुचि और स्वीकृति के साथ, भारत हरित गतिशीलता के क्षेत्र में कम लागत, शून्य-कार्बन विनिर्माण केंद्र के रूप में अपनी मज़बूत स्थिति सुनिश्चित कर सकता है, साथ ही आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के अपने लक्ष्य को पूरा कर सकता है।
- हरित गतिशीलता रैली का उद्देश्य हरित ईंधन हेतु जन जागरूकता बढ़ाना है।
- अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की 'अनबॉटल्ड' ('Unbottled') पहल के तहत वर्दी भी लॉन्च की। यह वर्दी पुनर्नवीनीकरण PET बोतलों से बनी हैं।
- प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल को भी समर्पित किया तथा इसके व्यावसायिक रोल-आउट को हरी झंडी दिखाई।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. सार्वजनिक परिवहन में बसों के लिये ईंधन के रूप में हाइड्रोजन समृद्ध CNG (H-CNG) के उपयोग के प्रस्तावों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. चार ऊर्जा फसलों के नाम नीचे दिये गए हैं। उनमें से किसकी खेती इथेनॉल के लिये की जा सकती है? (वर्ष 2010) (A) जेट्रोफा उत्तर: (B) प्रश्न. जैव ईंधन पर भारत की राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जैव ईंधन के उत्पादन के लिये निम्नलिखित में से किसका उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है? (2020)
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 5 और 6 उत्तर: (a) प्रश्न. राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति वाहनों को चलाने के बजाय लोगों को ले जाने पर ज़ोर देती है। इस संबंध में सरकार की विभिन्न रणनीतियों की सफलता की आलोचनात्मक विवेचना कीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2014) |
स्रोत: पी.आई.बी.
सरोजिनी नायडू- द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया
13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती मनाई जाती है। उन्हें भारतीय कोकिला (सरोजिनी नायडू- द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) के नाम से जाना जाता था।
- भारत में सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सरोजिनी नायडू:
- परिचय:
- सरोजिनी नायडू, एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्त्ता, कवि और राजनीतिज्ञ थीं।
- उनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद, भारत में हुआ था।
- वर्ष 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद वह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गईं।
- ब्रिटिश सरकार ने भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिये सरोजिनी नायडू को 'कैसर-ए-हिंद' पदक से सम्मानित किया।
- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान:
- INC की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष: सरोजिनी नायडू को वर्ष 1925 (कानपुर सत्र) में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (INC) की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और वर्ष 1928 तक वे इस पद पर बनी रहीं।
- एनी बेसेंट काॅन्ग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं जिन्होंने वर्ष 1917 में इसकी अध्यक्षता की थी।
- असहयोग आंदोलन में भागीदारी: नायडू ने वर्ष 1920 में गांधी द्वारा शुरू किये गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न स्वतंत्रता गतिविधियों में शामिल होने के कारण वे कई बार गिरफ्तार भी हुईं।
- नमक सत्याग्रह का नेतृत्त्व: वर्ष 1930 में भारत में नमक उत्पादन पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ अहिंसक विरोध, नमक सत्याग्रह का नेतृत्त्व करने के लिये गांधी ने नायडू का चयन किया था।
- भारत छोड़ो आंदोलन: वर्ष 1942 में सरोजिनी नायडू को "भारत छोड़ो" आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया और गांधीजी के साथ 21 महीने के लिये जेल में डाल दिया गया।
- जागरूकता बढ़ाने हेतु विदेश यात्रा: स्वतंत्रता हेतु भारत के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिये नायडू ने संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूनाइटेड किंगडम सहित विभिन्न देशों की यात्रा की।
- उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्त्व किया और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात की।
- INC की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष: सरोजिनी नायडू को वर्ष 1925 (कानपुर सत्र) में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (INC) की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और वर्ष 1928 तक वे इस पद पर बनी रहीं।
- एक राजनेता के रूप में योगदान:
- दूसरा गोलमेज़ सम्मेलन: भारतीय-ब्रिटिश सहयोग (1931) हेतु गोलमेज़ सम्मेलन के अनिर्णायक दूसरे सत्र के लिये वह गांधीजी के साथ लंदन गई थीं।
- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल: भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद नायडू को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया, जो भारत में राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं।
- अन्य योगदान:
- प्रसिद्ध कवयित्री: नायडू एक प्रसिद्ध कवयित्री थीं और उन्होंने अंग्रेज़ी तथा उर्दू दोनों में रचनाएँ कीं।
- वर्ष 1912 में प्रकाशित 'इन द बज़ार्स ऑफ हैदराबाद’' उनकी सबसे लोकप्रिय कविताओं में से एक है।
- उनके अन्य कार्यों में "द गोल्डन थ्रेशोल्ड (1905)", "द बर्ड ऑफ टाइम (1912)" और "द ब्रोकन विंग (1912)" शामिल हैं।
- महिला सशक्तीकरण: नायडू महिलाओं के अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं और उन्होंने भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु अथक प्रयास किया।
- वह अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की सदस्य भी थीं और उन्होंने भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार हेतु काम किया।
- प्रसिद्ध कवयित्री: नायडू एक प्रसिद्ध कवयित्री थीं और उन्होंने अंग्रेज़ी तथा उर्दू दोनों में रचनाएँ कीं।
- मृत्यु:
- 2 मार्च, 1949 को लखनऊ, भारत में उनका निधन हो गया।
- वर्तमान समय में सरोजिनी नायडू की प्रासंगिकता:
- सरोजिनी नायडू एक बहुआयामी व्यक्तित्त्व की थीं और भारत एवं विश्व भर में महिलाओं के लिये एक आदर्श बनी हुई हैं। उनके साहस, समर्पण और नेतृत्त्व ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया तथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. 'गोल्डन थ्रेशोल्ड' नामक कविता संग्रह की रचयिता निम्नलिखित में से कौन हैं? (2009) (a) अरुणा आसफ अली उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |
स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स
फाइलेरिया से मुकाबला
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फाइलेरिया रोग को समाप्त करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Mass Drug Administration- MDA) अभियान शुरू किया है।
- भारत का लक्ष्य वैश्विक लक्ष्य से तीन वर्ष पहले यानी वर्ष 2027 तक फाइलेरिया को समाप्त करना है।
- फाइलेरिया से प्रभावित उच्च दबाव वाले राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश हैं।
फाइलेरिया
- परिचय:
- फाइलेरिया सूक्ष्म, तंतु जैसे कृमियों के कारण होने वाला एक परजीवी संक्रमण है जिसे फाइलेरिया कहा जाता है। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है और यह दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लाखों लोगों को प्रभावित करता है।
- कारण और संचरण:
- लसीका फाइलेरिया, फिलारियोडिडिया परिवार के नेमाटोड (राउंडवॉर्म) के रूप में वर्गीकृत परजीवियों के संक्रमण के कारण होता है।
- ये तंतु-सदृश फाइलेरिया परजीवी 3 प्रकार के होते हैं:
- वुचेरेरिया बैनक्रोफ्टी (Wuchereria Bancrofti) जो 90% मामलों के लिये उत्तरदायी है।
- ब्रुगिया मलाई (Brugia Malayi) जो शेष अधिकांश मामलों के लिये उत्तरदायी है।
- ब्रुगिया तिमोरी (Brugiya Timori) भी इस रोग का कारण है।
- लक्षण:
- लसीका फाइलेरिया संक्रमण में स्पर्शोन्मुख, तीव्र और जीर्ण स्थितियाँ शामिल हैं।
- जीर्ण स्थितियों में इसके कारण अंगों में लिम्फोएडेमा (ऊतकों में सूजन) या एलिफेंटियासिस (त्वचा/ऊतकों में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोश की सूजन) हो जाता है।
- लसीका फाइलेरिया संक्रमण में स्पर्शोन्मुख, तीव्र और जीर्ण स्थितियाँ शामिल हैं।
- उपचार:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) फाइलेरिया के वैश्विक उन्मूलन में तेज़ी लाने के लिये तीन औषधीय उपचारों की सिफारिश करता है। उपचार, जिसे आईडीए (IDA) के रूप में जाना जाता है, में आइवरमेक्टिन (Ivermectin), डायथाइलकार्बामाज़िन साइट्रेट (Diethylcarbamazine Citrate) और एल्बेंडाज़ोल (Albendazole) का संयोजन शामिल है।
- ये दवाएँ लगातार दो वर्ष तक दी जाएंगी। परिपक्व कृमि का जीवनकाल चार वर्ष से अधिक नहीं होता है, इस प्रकार यह व्यक्ति को नुकसान पहुँचाए बिना स्वाभाविक रूप से नष्ट हो जाएगा।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) फाइलेरिया के वैश्विक उन्मूलन में तेज़ी लाने के लिये तीन औषधीय उपचारों की सिफारिश करता है। उपचार, जिसे आईडीए (IDA) के रूप में जाना जाता है, में आइवरमेक्टिन (Ivermectin), डायथाइलकार्बामाज़िन साइट्रेट (Diethylcarbamazine Citrate) और एल्बेंडाज़ोल (Albendazole) का संयोजन शामिल है।
संबंधित पहलें:
- वर्ष 2021-2030 के लिये WHO का नया रोडमैप
- लसीका फाइलेरिया को खत्म करने के लिये वैश्विक कार्यक्रम
- लसीका फाइलेरिया पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 फरवरी, 2023
राष्ट्रीय महिला दिवस
भारत में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को पहली महिला राज्यपाल (आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत) सरोजनी नायडू के जन्म दिवस को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्यों द्वारा किया गया था। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को, जबकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थी। उनकी साहित्यिक रचनाओं में गोल्डन थ्रेशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम, द मैजिक ट्री, द विजार्ड मास्क, द सेप्ट्रेड फ्लूट: सांग्स ऑफ इंडिया, द इंडियन वीवर्स आदि शामिल हैं। उन्हें भारत की पहली महिला राज्यपाल होने का भी गौरव प्राप्त है। सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिये भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वर्ष 1925 में वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष बनीं। वह उन अग्रणी नेताओं में से थीं जिन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। 2 मार्च, 1949 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। देश में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत उनकी 135वीं जयंती पर यानी 13 फरवरी, 2014 से की गई।
भाषिणी मिशन
हाल ही में 20 से अधिक स्थानीय भारतीय भाषाओं में उपलब्ध यूपीआई 123 पे के माध्यम से डिजिटल भुगतान करने के लिये मिशन भाषिणी की क्षमताओं को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के साथ जोड़ा किया गया है। भाषिणी का उद्देश्य, भाषा के लिये एक राष्ट्रीय डिजिटल मंच उपलब्ध कराना जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती नेचुरल लैंग्वेज टेक्नोलॉजियों का उपयोग कर योगदानकर्त्ताओं, साझेदार संस्थाओं तथा नागरिकों का एक मिलाजुला इकोसिस्टम विकसित करना है, जो कि भाषा की बाधाओं से परे एक आत्मनिर्भर भारत में सभी का डिजिटल समावेश व डिजिटल सशक्तीकरण सुनिश्चित करेगा। इससे सभी भारतीयों को उनकी मूल भाषाओं में इंटरनेट एवं डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करने में मदद मिलेगी। यूपीआई 123 पे एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्त्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन के बिना यूपीआई लेन-देन की अनुमति प्रदान करेगी। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया है।
महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले (दो वर्षीय) समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने स्मरणोत्सव के लिये एक लोगो (Logo) भी जारी किया। महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती प्रतिवर्ष मनाई जाती है। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 को टंकारा, गुजरात में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। दयानंद के विचार उनकी प्रसिद्ध रचना, सत्यार्थ प्रकाश (द ट्रू एक्सपोज़िशन) में प्रकाशित हुए। वह एक भारतीय दार्शनिक, सामाजिक नेता और आर्य समाज के संस्थापक थे। उनके सपनों के भारत का समाज एक वर्गहीन और जातिविहीन समाज था। उन्होंने वेदों से प्रेरणा ली तथा उन्हें शक्ति अथवा समर्थन का एक अटूट स्रोत माना। उन्होंने "वेदों की ओर लौटो" का नारा भी दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती के सपने को साकार करने के लिये वर्ष 1886 में DAV (दयानंद एंग्लो वैदिक) स्कूल अस्तित्त्व में आए।
और पढ़ें…आर्य समाज
अमृतपेक्स 2023
हाल ही में संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने AMRITPEX 2023 - राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। डाक टिकटों का यह पाँच दिवसीय महाकुंभ (11 से 15 फरवरी, 2023) प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आज़ादी के अमृत महोत्सव समारोह के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में देश के इतिहास और संस्कृति से संबंधित डाक टिकट तथा फोटोग्राफिक संग्रह प्रदर्शित किये जाएंगे। यह पाँच विषयों पर आधारित है- आज़ादी का अमृत महोत्सव और नया भारत, युवा शक्ति, नारी शक्ति, प्रकृति और वन्य जीवन तथा भारत की संस्कृति एवं इतिहास। भारत में पहली बार आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) और संवर्द्धित वास्तविकता (Augmented Reality) जैसी अत्याधुनिक तकनीक को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास तथा प्राकृतिक एवं वन्यजीवन को प्रदर्शित करते हुए टिकटों की यात्रा को प्रदर्शित करने के लिये नियोजित किया गया है।
और पढ़ें… 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पहल, आभासी वास्तविकता
दीनदयाल उपाध्याय
प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका जन्म वर्ष 1916 में नगला चंद्रभान गाँव में हुआ था, जिसे अब उत्तर प्रदेश में ‘दीनदयाल धाम’ कहा जाता है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए और वर्ष 1942 से RSS में पूर्णकालिक कार्य हेतु स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘राष्ट्र धर्म’ नाम से एक मासिक पत्रिका शुरू की, बाद में 'पाञ्चजन्य' (साप्ताहिक) तथा 'स्वदेश' (दैनिक) की शुरुआत की। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने वाराणसी-चंदौली सीमा पर पड़ाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र का उद्घाटन करते हुए पंडित उपाध्याय की 63 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया।
और पढ़ें… खिलाड़ियों के लिये पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (PDUNWFS)
NRIs और G-20 देशों की UPI तक पहुँच
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने G-20 देशों और अनिवासी भारतीयों (Non-resident Indians- NRI) को भारत में आने वाले यात्रियों को मर्चेंट भुगतान/P2M हेतु चुनिंदा हवाई अड्डों पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payment Interface- UPI) का उपयोग करने की अनुमति दी है। RBI के अनुसार, प्रीपेड भुगतान उपकरण (Prepaid Payment Instruments- PPI) जारी करने हेतु अधिकृत बैंक और गैर-बैंक विदेशी नागरिकों तथा भारत आने वाले अनिवासी भारतीयों को रुपया-मूल्यवर्ग पूर्ण-KYC PPI जारी कर सकते हैं। भारतीय रुपए में रूपांतरण केवल विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत विदेशी मुद्रा में व्यवहार करने हेतु अधिकृत संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है। PPIs भुगतान साधन हैं जो ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य के विरुद्ध वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं। ऐसे उपकरणों पर संग्रहीत मूल्य धारक द्वारा नकद, बैंक खाते में डेबिट या क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान किये गए मूल्य का प्रतिनिधित्त्व करता है।