प्रारंभिक परीक्षा
फेमा और पीएमएलए
- 26 Jul 2022
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 के 4,913 मामलों की तुलना में वर्ष 2019-20 और वर्ष 2021-22 के बीच विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम/फेमा (FEMA) और PMLA के तहत 14,143 मामले दर्ज किये हैं।
- वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक धनशोधन और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले देखे गए।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999:
- भारत में विदेशी मुद्रा लेन-देन के प्रशासन के लिये कानूनी ढाँचा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 द्वारा प्रदान किया गया है।
- FEMA जो कि 1 जून, 2000 से प्रभावी हुआ, के तहत विदेशी मुद्रा से जुड़े सभी लेन-देन को पूंजी या चालू खाता लेन-देन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- चालू खाता लेन-देन :
- निवासी द्वारा किये गए सभी लेन-देन जिनके कारण उसकी संपत्ति या देनदारियों (भारत के बाहर आकस्मिक देनदारियों सहित) में कोई परिवर्तन न हो, को चालू खाता लेन-देन के अंतर्गत रखा जाता है।
- उदाहरणार्थ- विदेशी व्यापार के संबंध में भुगतान, विदेश यात्रा, शिक्षा आदि के संबंध में व्यय।
- निवासी द्वारा किये गए सभी लेन-देन जिनके कारण उसकी संपत्ति या देनदारियों (भारत के बाहर आकस्मिक देनदारियों सहित) में कोई परिवर्तन न हो, को चालू खाता लेन-देन के अंतर्गत रखा जाता है।
- पूंजी खाता लेन-देन:
- इसमें वे लेन-देन शामिल हैं जो भारत के निवासी द्वारा किये जाते हैं जिससे भारत के बाहर उसकी परिसंपत्ति या देनदारियाँ बदल जाती हैं (या तो बढ़ जाती है या घट जाती है)।
- उदाहरण: विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश, भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण आदि।
- इसमें वे लेन-देन शामिल हैं जो भारत के निवासी द्वारा किये जाते हैं जिससे भारत के बाहर उसकी परिसंपत्ति या देनदारियाँ बदल जाती हैं (या तो बढ़ जाती है या घट जाती है)।
- चालू खाता लेन-देन :
- निवासी भारतीय:
- 'भारत में निवासी व्यक्ति' को FEMA, 1999 की धारा 2(v) में परिभाषित किया गया है:
- कुछ अपवादों को छोड़कर पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहने वाला व्यक्ति।
- भारत में पंजीकृत या निगमित कोई भी व्यक्ति या निकाय, कॉर्पोरेट।
- भारत में कार्यालय, शाखा या एजेंसी जो भारत के बाहर निवासी व्यक्ति के स्वामित्व या नियंत्रण में है।
- भारत के बाहर एक कार्यालय, शाखा या एजेंसी जिसका स्वामित्व या नियंत्रण भारत के निवासी के पास है
- 'भारत में निवासी व्यक्ति' को FEMA, 1999 की धारा 2(v) में परिभाषित किया गया है:
धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002:
- यह धनशोधन से निपटने के लिये भारत द्वारा स्थापित कानूनी ढाँचे का मूल तत्त्व है।
- इस अधिनियम के प्रावधान सभी वित्तीय संस्थानों, बैंकों (RBI सहित), म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और उनके वित्तीय मध्यस्थों पर लागू होते हैं।
- PMLA (संशोधन) अधिमियम, 2012:
- इसमें 'रिपोर्टिंग इकाई' की अवधारणा शामिल है जिसमें एक बैंकिंग कंपनी, वित्तीय संस्थान, मध्यस्थ आदि शामिल होंगे।
- PMLA, 2002 में 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान था, लेकिन संशोधन अधिनियम में इस ऊपरी सीमा को हटा दिया गया है।
- इसमें गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति की संपत्ति की अस्थायी कुर्की और ज़ब्ती का प्रावधान किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्रिंग में कैसे योगदान करती हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर धनशोधन की समस्या से निपटने के लिये विस्तृत उपायों पर चर्चा कीजिये। (2021, मुख्य परीक्षा) प्रश्न. दुनिया के दो सबसे बड़े अवैध अफीम उत्पादक राज्यों के साथ भारत की निकटता ने उसकी आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों जैसे- बंदूक रखना , मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के बीच संबंधों की व्याख्या कीजिये। इसे रोकने के लिये क्या उपाय किये जाने चाहिये? (2018, मुख्य परीक्षा) प्रश्न. भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में निम्नलिखित में से कौन-सा एक मद समूह सम्मिलित है? (2013) (a) विदेशी मुद्रा संपत्ति, विशेष आहरण अधिकार और विदेशों से ऋण उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। |