प्रिलिम्स फैक्ट्स (08 Jun, 2023)



होमो नलेदी द्वारा दफनाने और रॉक कला के दावे

हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि एक प्राचीन मानव प्रजाति होमो नलेदी ने अपने मृतकों को दफन किया होगा और एक गुफा में सार्थक प्रतीक बनाए होंगे।

  • हालाँकि इन दावों ने वैज्ञानिक समुदाय के बीच विवाद खड़ा कर दिया है।

 होमो नलेदी: 

  • होमो नलेदी वर्ष 2013 में दक्षिण अफ्रीका में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल, राइज़िंग स्टार गुफा प्रणाली में खोजी गई मानव की एक प्रजाति है।  
    • यहाँ वयस्कों, किशोरों और शिशुओं सहित कम-से-कम 15 व्यक्तियों के अवशेष पाए गए, जो इसे अफ्रीका में एकल होमिनिन प्रजातियों का सबसे बड़ा संग्रह बनाते हैं।
  • होमो नलेदी आदिम और आधुनिक विशेषताओं के संयोजन को प्रदर्शित करती है और यह आधुनिक मनुष्यों का प्रत्यक्ष पूर्वज नहीं है।
    • ऐसा माना जाता है कि वे 335,000 से 241,000 वर्ष पूर्व (शायद 20 मिलियन वर्ष पहले तक) दक्षिणी अफ्रीका में अस्तित्व में थे और आकार अथवा कद काठी में छोटे थे तथा उनका मस्तिष्क भी छोटा था। 

प्रमुख बिंदु 

  • दफन संबंधी दावे: 
    • होमो नलेदी ने मृतकों को सावधानीपूर्वक दफनाया, यह परिष्कृत अंत्येष्टि प्रथा के बारे में पूर्वकल्पित मान्यताओं को चुनौती देता है।
      • मृतक को दफनाने की प्रथा मनुष्य को अन्य पशुओं और प्राइमेट्स से अलग करती है। यह सामाजिक व्यवहार और मृत्यु की एक परिष्कृत समझ की विशेषता है। 
    • होमो नलेदी के अस्तित्व के 100,000 से अधिक वर्षों बाद, निएंडरथल और समकालीन मनुष्यों में इस प्रकार की प्रथा के शुरुआती प्रमाण पाए गए थे।
  • शैल कला संबंधी दावे: 
    • होमो नलेदी ने संभवतः राइज़िंग स्टार गुफाओं में शैल कलाकृतियों की रचना की होगी। वैसे यह मामला काफी पेचीदा है क्योंकि शैल कला का संबंध पारंपरिक रूप से होमो सेपियन्स और अन्य बड़े आकर के मस्तिष्क वाले वाले पूर्वजों से रहा है।
    • यह रिपोर्ट गहराई से प्रभावित क्रॉस-हैचिंग और ज्यामितीय आकृतियों जैसे वर्ग, त्रिकोण, क्रॉस एवं एक्स के रूप में उत्कीर्णन का वर्णन करती है। 
    • इसके अतिरिक्त होमो नलेदी के शरीर के पास पाई गई वस्तु से पता चलता है कि यह पत्थर का औजार हो सकता है।
  • आग का प्रयोग: 
    • होमो नलेदी ने गुफा में मुर्दाघर और उत्कीर्णन गतिविधियों के दौरान रोशनी हेतु रणनीतिक रूप से आग का इस्तेमाल किया।

संबंधित विवाद: 

  • होमो नलेदी द्वारा जान-बूझकर खोदे गए गड्ढों या कंकाल अवशेषों के संरचनात्मक संरेखण का कोई ठोस सबूत नहीं है।
  • कुछ कंकाल के टुकड़ों का भौगोलिक संबंध उद्देश्यपूर्ण दफन साबित नहीं होता है। वास्तव में उथली दरारों में गड्ढे खोदे नहीं जा सकते हैं, लेकिन प्राकृतिक खोह जहाँ शरीर जमा हो गए और बाद में आंशिक गुफा ढहने से भर गए।
  • हालाँकि उत्कीर्णन के लिये कालक्रम की अनुपस्थिति होमो नलेदी हेतु उनके आरोपण के बारे में संदेह उत्पन्न करती है। संबंधित अवशेषों, प्राकृतिक निक्षेपों, या पुरातात्त्विक स्तर से प्राप्त निश्चित तिथियों के बिना होमो नलेदी को उत्कीर्णन का श्रेय देना संदेहपूर्ण।

अध्ययन का महत्त्व: 

  • जबकि राइज़िंग स्टार गुफा की खोजों में प्राप्त साक्ष्य प्रारंभिक मनुष्यों के विषय में हमारी समझ को पुनः आकार देने की क्षमता रखते हैं तथा इन साक्ष्यों की गहन जाँच करना महत्त्वपूर्ण है। 
  • जबरन दफनाने, शेल चित्रकला और आग के उपयोग के लिये प्रस्तुत साक्ष्य वैज्ञानिक समुदाय के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। इन दावों को मान्यता देने तथा वैज्ञानिकों के बीच व्यापक स्वीकृति बनाने के लिये कथित कब्रों की खुदाई, उत्कीर्णन की डेटिंग और आग के उपयोग पर गहन शोध आवश्यक है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


रोलैंड-गैरोस

पेरिस के स्टेड रोलैंड-गैरोस में 28 मई से 11 जून, 2023 तक रोलैंड-गैरोस टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है, इसे फ्रेंच ओपन भी कहा जाता है।

रोलैंड-गैरोस:

  • परिचय:  
    • रोलैंड-गैरोस ऑस्ट्रेलियन ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन टेनिस जैसे चार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में से एक है। यह पेरिस, फ्राँस में स्टेड रोलैंड-गैरोस में दो सप्ताह से अधिक समय तक आयोजित किया जाता है।
    • क्ले कोर्ट पर खेला जाने वाला यह एकमात्र ग्रैंड स्लैम इवेंट है, जो इसे दुनिया में सबसे अधिक शारीरिक और रणनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंट बनाता है।
  • रोलैंड-गैरोस का इतिहास और महत्त्व:  
    • इस टूर्नामेंट और स्थल का नाम एक फ्राँसीसी एविएटर रोलैंड-गैरोस के नाम पर रखा गया है, जो वर्ष 1913 में पूरे भूमध्य सागर क्षेत्र में उड़ान भरने वाले पहले व्यक्ति थे।
      • वह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हवाई युद्ध के अग्रणी सैनिक भी थे जिनकी वर्ष 1918 में युद्ध के दौरान मौत हो गई।
    • यह टूर्नामेंट पहली बार वर्ष 1891 में केवल फ्राँसीसी खिलाड़ियों के लिये एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप के रूप में आयोजित किया गया था।  
      • यह वर्ष 1925 में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिये शुरू किया गया तथा वर्ष 1928 में पुनः अपनी मूल स्थिति पर आ गया।
      • यह वर्ष 1968 में "ओपन" टूर्नामेंट में शामिल होने वाला पहला ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट था जिसमें शौकिया और पेशेवर खिलाड़ी दोनों प्रतिस्पर्द्धा कर सकते थे।

नोट: रफाल नडाल ने रोलैंड-गैरोस में रिकॉर्ड 14 खिताब जीते हैं जिसमें वर्ष 2005 से 2008 तक लगातार चार तथा वर्ष 2010 से 2014 तक लगातार पाँच खिताब शामिल हैं। उनके पास सर्वाधिक मैच जीतने (105) और टूर्नामेंट में सबसे अधिक जीत प्रतिशत (98.2%) का रिकॉर्ड भी है। दुर्भाग्य से वह वर्ष 2023 के रोलैंड-गैरोस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले रहे हैं।

प्रमुख विशेषताएँ:  

  • फ्रेंच फेयर: रोलैंड-गैरोस न केवल एक टेनिस टूर्नामेंट है बल्कि एक सांस्कृतिक और कलात्मक कार्यक्रम भी है जो फ्रेंच स्वभाव एवं लालित्य को प्रदर्शित करता है।
  • कोर्ट: रोलैंड-गैरोस में 20 कोर्ट हैं जिनमें तीन मुख्य कोर्ट शामिल हैं: कोर्ट फिलिप- चेट्रियर, कोर्ट सुजैन- लेग्लेन और कोर्ट सिमोन- मैथ्यू। 
    • ये कोर्ट क्रश्ड ब्रिक और चूना पत्थर से बने होते हैं जो उन्हें अपना विशिष्ट लाल रंग देते हैं तथा गेंद की गति को धीमा कर देते हैं।
  • प्रमुख ट्राफियाँ: इस आयोजन में दो सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफियाँ हैं: पुरुषों हेतु कूप डेस मस्किटियर (मस्किटियर्स ट्रॉफी) और महिलाओं के लिये कूप सुज़ैन-लेंग्लेन (सुज़ैन लेंग्लेन ट्रॉफी) हैं।
    • ट्रॉफियों का नाम चार फ्राँसीसी टेनिस दिग्गजों के नाम पर रखा गया है: पुरुषों के लिये रेने लैकोस्टे, जीन बोरोत्रा, हेनरी कोकेट और जैक्स ब्रुगनॉन और महिलाओं हेतु सुज़ैन लेंग्लेन। 

ग्रैंड स्लैम:  

  • ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट, जिन्हें मेजर टूर्नामेंट भी कहा जाता है, चार सबसे महत्त्वपूर्ण वार्षिक टेनिस कार्यक्रम हैं।
  • ग्रैंड स्लैम कार्यक्रम में जनवरी के मध्य में ऑस्ट्रेलियन ओपन, मई के अंत से जून की शुरुआत तक फ्रेंच ओपन, जून-जुलाई में विंबलडन और अगस्त-सितंबर में यूएस ओपन शामिल हैं।
    •  प्रत्येक टूर्नामेंट दो सप्ताह की अवधि में खेला जाता है।
  • ऑस्ट्रेलियाई और संयुक्त राज्य अमेरिका के टूर्नामेंट- हार्ड कोर्ट परखेले जाते हैं, फ्रेंच- मिट्टी पर और विंबलडन- घास पर खेले जाते हैं।
    • विंबलडन सबसे पुराना है, जिसकी स्थापना वर्ष 1877 में हुई थी, इसके बाद 1881 में यूएस ओपन, 1891 में फ्रेंच ओपन और 1905 में ऑस्ट्रेलियन ओपन की स्थापना हुई।
  • नोवाक जोकोविच ने वर्ष 2023 का ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर राफेल नडाल के सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब के रिकॉर्ड की बराबरी की।   

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 44वें शतरंज ओलंपियाड, 2022 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023) 

  1. ऐसा पहली बार था जब शतरंज ओलंपियाड का आयोजन भारत में किया गया था।
  2. आधिकारिक शुभंकर का नाम 'थम्बी' रखा गया था।
  3. वेरा मेनचिक कप ओपन सेक्शन में विजेता टीम की ट्रॉफी है।
  4. हैमिल्टन-रसेल कप महिला वर्ग में विजेता टीम की ट्रॉफी है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं? 

(a) केवल एक 
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी 

उत्तर: (b) 

स्रोत: द हिंदू


एकल परमाणु का एक्स-रे

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एकल परमाणु की एक्स-रे इमेजिंग की सहायता से एक तत्त्व की पहचान कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है

  • वर्ष 1895 में विल्हेम कॉनराड रॉन्टजेन द्वारा खोजी गई एक्स-रे चिकित्सा और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक अभिन्न अंग बन गई है।
  • पहले, एक्स-रे किये जा सकने वाले प्रतिदर्श की सबसे छोटी मात्रा एक एटोग्राम होती है, (जो कि लगभग 10,000 परमाणु अथवा उससे अधिक है)। वैज्ञानिक लंबे समय से सिर्फ एक परमाणु का एक्स-रे करने में सफलता हासिल करना चाहते थे, जो अब संभव हो गया है।

एकल परमाणु एक्स-रे की नई तकनीक:

  • वैज्ञानिकों ने पहली बार एक परमाणु के एक्स-रे सिग्नेचर का पता लगाने के लिये सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोपी (SX-STM) नामक तकनीक का उपयोग किया है।
  • SX-STM स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोपी को सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे के साथ संयोजित करती है, जो एक गोलाकार पथ में इलेक्ट्रॉनों को गति प्रदान करने के पश्चात् उत्पन्न उच्च-ऊर्जा वाली एक्स-रे हैं। इसमें एक तेज़ धातु के सबसे उपरी हिस्से (टिप) का उपयोग किया जाता है जो किसी प्रतिदर्श के इलेक्ट्रॉनों के साथ बहुत निकटता में होता है।
  • सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे प्रतिदर्श को उत्तेजित करते हैं और धातु की नोक/टिप परमाणु द्वारा उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों को एकत्रित करती है जिससे इसकी पहचान और रासायनिक गुणों का पता चलता है।

पदार्थ विज्ञान: 

  • ठोस पदार्थों के गुणों/विशेषताओं का अध्ययन और संरचना तथा संरचना की सहायता से उन गुणों के निर्धारण के अध्ययन को पदार्थ विज्ञान कहा जाता है।
  • पदार्थ विज्ञान का महत्त्व: 
    • यह परमाणु-स्तर के गुणों और सामग्रियों की अंतःक्रियाओं के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
    • यह आणविक संरचनाओं और व्यवहारों की सटीक समझ को सक्षम बनाता है।
    • यह नई सामग्री और उपकरणों के डिज़ाइन और विकास की सुविधा प्रदान करता है।
    • यह उत्प्रेरक गतिविधि, बायोमोलेक्युलर इंटरैक्शन और क्वांटम घटना संबंधी जानकारी को बढ़ाता है।

एक्स-रे: 

  • यह दृश्य प्रकाश की तुलना में उच्च ऊर्जा, उच्च आवृत्ति और कम तरंग दैर्ध्य के साथ विद्युत चुंबकीय विकिरण का एक रूप है।
  • यह शरीर सहित अधिकांश वस्तुओं के माध्यम से गुज़र सकता है और आंतरिक संरचना छवियों का निर्माण कर सकता है।
  • आवेशित कणों या उत्प्रेरित परमाणुओं को तेज़ या कम करके उत्पादित किया जाता है।
  • इसका व्यापक रूप से विज्ञान, चिकित्सा, उद्योग और सुरक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है।
  • इसका अस्थि भंग का पता लगाने, रोगों का निदान करने, सामग्री की पहचान करने और वस्तुओं को स्कैन करने हेतु उपयोग किया जाता है

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. दृश्यमान प्रकाश संचार (VLC) तकनीक के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? (2020)

  1. दृश्यमान प्रकाश संचार विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम तरंग दैर्ध्य 375 से 780 nm का उपयोग करता है। 
  2. दृश्यमान प्रकाश संचार को लंबी दूरी के ऑप्टिकल वायरलेस संचार के रूप में जाना जाता है। 
  3. दृश्यमान प्रकाश संचार ब्लूटूथ की तुलना में बड़ी मात्रा में डेटा को तेज़ी से प्रसारित कर सकता है। 
  4. दृश्यमान प्रकाश संचार में कोई विद्युत चुंबकीय हस्तक्षेप नहींं है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • दृश्यमान प्रकाश संचार (VLC) प्रणाली संचार के लिये दृश्य प्रकाश को नियोजित करती हैं जो 375 nm से 780 nm तक विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का उपयोग करती है। अत: कथन 1 सही है।
  • VLC को कम दूरी के ऑप्टिकल वायरलेस संचार के रूप में जाना जाता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • Li-Fi, एक प्रकार का VLC है, जिसकी सीमा लगभग 10 मीटर है और यह दीवारों या किसी ठोस वस्तु से नहीं गुज़र सकता है।
  • VLC ब्लूटूथ की तुलना में बड़ी मात्रा में डेटा को तेज़ी से प्रसारित कर सकता है। VLC संचार के लिये 10 जीबी/सेकेंड तक की उच्च इंटरनेट गति प्रदान करने के लिये दृश्य प्रकाश का उपयोग करता है, जबकि ब्लूटूथ 4.0,  25 एमबी/सेकेंड तक की गति से डेटा भेज सकता है। अत: कथन 3 सही है।
  • VLC में कोई विद्युत चुंबकीय हस्तक्षेप नहीं है। रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) आधारित संकेतों में अन्य RF संकेतों के साथ हस्तक्षेप की समस्या होती है जैसे कि विमान में पायलट नौवहन उपकरण संकेतों के साथ इसका हस्तक्षेप। इसलिये विद्युत चुंबकीय विकिरण (जैसे वायुयान) के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में VLC  एक बेहतर समाधान हो सकता है। अत: कथन 4 सही है। अतः  विकल्प (c) सही है।

प्रश्न. अभिकथन (A) : रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्रों में मुड़ जाती हैं। 

कारण (R) : रेडियो तरंगें प्रकृति में विद्युत चुंबकीय होती हैं। (2008)

इन दोनों कथनों का सावधानीपूर्वक परीक्षण कीजिये और नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर इन प्रश्नांशों के उत्तर चुनिये: 

(a) A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है
(b) A और R दोनों सत्य हैं लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
(c) A सत्य है परंतु R असत्य है
(d) A असत्य है परंतु R सत्य है 

उत्तर: (A) 

  • विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम) सभी प्रकार की विद्युत चुंबकीय तरंगों की श्रेणी है। विकिरण वह ऊर्जा है जो संचारण करती है और फैलती है। घरों में दीपक से आने वाला दृश्य प्रकाश और रेडियो स्टेशन से आने वाली रेडियो तरंगें दो प्रकार की विद्युत चुंबकीय विकिरण हैं। अन्य प्रकार के विद्युत चुंबकीय विकिरण जो विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम बनाते हैं वे माइक्रोवेव, अवरक्त प्रकाश, पराबैंगनी प्रकाश, एक्स-रे और गामा-किरणें हैं।
  • वर्ष 1873 में स्कॉटिश भौतिक विज्ञानी जेम्स क्लार्क मैक्सवेल ने विद्युत चुंबकत्व का एकीकृत सिद्धांत विकसित किया, जो एक-दूसरे के साथ और चुंबकीय क्षेत्रों के साथ अंतःक्रिया करने वाले विद्युत आवेशित कण से आदान-प्रदान करते है। उन्होंने साबित किया कि चुंबकीय ध्रुव युग्म में होते हैं जो एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं तथाएक-दूसरे को पीछे हटाते हैं (जैसे कि मैक्सवेल समीकरणों के माध्यम से विद्युत आवेश)।
  • विद्युत चुंबकीय तरंगें तब बनती हैं जब किसी विद्युत क्षेत्र को चुंबकीय क्षेत्र के साथ जोड़ा जाता है। विद्युत चुंबकीय तरंग के चुंबकीय विद्युत क्षेत्र एक-दूसरे के लंबवत और तरंग की दिशा में होते हैं।
  • रेडियो तरंगें EM स्पेक्ट्रम की सबसे निचली सीमा पर होती हैं, जिनकी आवृत्ति लगभग 30 GHz तक होती है और तरंग दैर्ध्य लगभग 10 मिलीमीटर (0.4 इंच) से अधिक होते हैं।
  • रेडियो तरंगें विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम की तरंगें हैं (प्रकृति में विद्युत चुंबकीय), इस प्रकार ये तरंगें चुंबकीय और विद्युत दोनों क्षेत्रों में मुड़ती हैं। अतः अभिकथन (A) सही है और कारण (R) अभिकथन (A) की सही व्याख्या है। अतः विकल्प (A) सही है।

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जून, 2023

वित्त वर्ष 2023-24 हेतु भारत की आर्थिक वृद्धि पर विश्व बैंक का पूर्वानुमान 

विश्व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स के नवीनतम संस्करण में वैश्विक विकास वर्ष 2022 में 3.1% से घटकर 2023 में 2.1% होने का अनुमान है, साथ ही चीन के अलावा उभरते बाज़ारों एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (Developing Economies- EMDE) में पिछले वर्ष के 4.1% की तुलना में इस वर्ष 2.9% तक विकास दर धीमी होने की संभावना है। वर्ष 2023 की पहली तिमाही में भारत में बेरोज़गारी घटकर 6.8% हो गई, जो कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे कम है, साथ ही श्रम बल की भागीदारी में वृद्धि हुई है। इस संशोधन को उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती ऋण लागत एवं निजी तथा सरकारी खपत को प्रभावित करने वाले राजकोषीय समेकन जैसे कारकों हेतु ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। हालाँकि भारत सबसे बड़ी EMDE में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (कुल और प्रति व्यक्ति GDP दोनों के संदर्भ में) बना रहेगा। ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स विश्व बैंक समूह की प्रमुख रिपोर्ट है जो उभरते बाज़ारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ वैश्विक आर्थिक विकास एवं संभावनाओं की जाँच करती है। यह रिपोर्ट वर्ष में दो बार जनवरी व जून में जारी की जाती है, जो वैश्विक विकास, व्यापार, मुद्रास्फीति, वित्तीय बाज़ारों तथा क्षेत्रीय दृष्टिकोणों का विश्लेषण एवं पूर्वानुमान प्रदान करती है।

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सरकार ने 2000 PACS को जन औषधि केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी 

भारत सरकार ने 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Primary Agricultural Credit Societies- PACS) को देश भर में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र स्थापित करने की अनुमति देकर एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। ये केंद्र नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना का हिस्सा हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य सभी को वहनीय, उच्च गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराना है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ताकि स्वास्थ्य देखभाल के खर्च में कमी लाई जा सके। जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं जो अधिक महँगी ब्रांडेड दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावकारिता के बराबर होती हैं तथा ये कम कीमतों (ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% कम दर पर) पर उपलब्ध हैं । वे जन औषधि केंद्र संचालन की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिये आमतौर पर केमिस्ट की दुकानों में पाए जाने वाले संबद्ध चिकित्सा उत्पादों की भी बिक्री करते हैं। फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत सभी फार्मा सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (CPSUs) की सहायता से स्थापित फार्मास्यूटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज़ ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI), जेनेरिक दवाओं की खरीद, आपूर्ति और विपणन की देख-रेख करता है। PACS ग्राम-स्तरीय सहकारी ऋण संस्थाएँ हैं जो किसानों को ऋण और इनपुट सेवाएँ प्रदान करती हैं। PACS के लिये पुनर्वित्त का प्रबंध राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) और राज्य सहकारी बैंकों (StCB) के माध्यम से किया जाता है।

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विश्व महासागर दिवस

महासागरों के महत्त्व और समुद्री संसाधनों के सुरक्षा और संरक्षण के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। विश्व महासागर दिवस 2023 की थीम "महासागर ग्रह: लहरें बदल रही हैं" है। महासागर ग्रह के 70% से अधिक को कवर करता है। महासागर ग्रह के कम-से-कम 50% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, यह पृथ्वी की अधिकांश जैवविविधता का घर है और दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोगों के लिये प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। वर्ष 2030 तक महासागर आधारित उद्योगों द्वारा अनुमानित 40 मिलियन लोगों को रोज़गार देने के साथ महासागर हमारी अर्थव्यवस्था के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। अपने सभी लाभों के बावजूद महासागर के संरक्षण की आवश्यकता है। 90% बड़ी मछलियों की आबादी कम हो गई है और 50% प्रवाल भित्तियाँ नष्ट हो चुकी है, हम समुद्र से अधिक ले रहे हैं जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है। महासागर के साथ संतुलन बनाने के लिये एक साथ काम करने की आवश्यकता है जो इसके लाभों को कम नहीं करता है बल्कि इसकी जीवंतता को बहाल कर  इसे नया जीवन देगा।

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"व्यसन मुक्त अमृत काल" के लिये राष्ट्रीय अभियान 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हाल ही में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर राष्ट्रीय अभियान "व्यसन मुक्त अमृत काल" शुरू किया, जिसका उद्देश्य एक स्वस्थ और व्यसन मुक्त भारत बनाना है। तंबाकू मुक्त भारत के साथ यह अभियान विशेष रूप से देश में बच्चों के बीच तंबाकू और नशीली दवाओं की लत के मुद्दे को संबोधित करने पर केंद्रित है तथा बच्चों के लिये तंबाकू मुक्त पर्यावरण बनाने हेतु सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (COTPA) संशोधन अधिनियम के महत्त्व पर बल देता है। तंबाकू तथा नशीली दवाओं की लत से संबंधित उच्च स्वास्थ्य जोखिम है, भारत में तंबाकू के सेवन से सालाना 13 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू और नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में बच्चों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिये स्कूलों में 'प्रहरी क्लब' स्थापित किये गए हैं। अब तक लगभग 60,000 ऐसे क्लबों का गठन किया जा चुका है। ये क्लब बच्चों को अपने स्कूलों के पास किसी भी तंबाकू बेचने वाली दुकान की सूचना देकर सरकार की आँख और कान के रूप में सेवा करने में सक्षम बनाते हैं।

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