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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 08 Mar, 2024
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक

स्रोत: बिज़नेस लाइन

वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार भारत ने 'अत्यंत निर्धनता' में जीवन-यापन करने वाले लोगों का अनुपात 3% से कम करने का सफल प्रयास किया है।

वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?

  • परिचय:
    • वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक विश्व के लगभग सभी देशों के लिये वर्ष 2030 के लक्ष्य के साथ वास्तविक समय में निर्धनता अनुमान ट्रैक करती है और अत्यंत निर्धनता के उन्मूलन की दिशा में देशों की प्रगति की निगरानी करती है।
    • यह क्लॉक समग्र विश्व में अत्यंत निर्धनता में जीवन-यापन कर रहे लोगों की संख्या दर्शाता है, आयु, लिंग और ग्रामीण अथवा शहरी निवास के आधार पर उन्हें क्रमबद्ध करता है, गरीबी रेखा से उबरने तथा प्रत्येक सेकंड गरीबी रेखा से नीचे जाने वाले लोगों के संबंध में वास्विक समय में उनकी संख्या दर्शाता है।
      • पलायन दर (Escape Rate) विश्व की कुल निर्धनता में हुई कमी की वर्तमान दर की गणना करती है।
    • यह कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष और जर्मनी के संघीय आर्थिक सहयोग तथा विकास मंत्रालय द्वारा समर्थित है।

  • पद्धति और प्रमुख निष्कर्ष:
    •   गरीबी दर की गणना करते समय यह आय के स्तर को ध्यान में रखता है जिसमें गरीबी सीमा 2.15 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन निर्धारित की जाती है।
      • 2.15 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा, कुछ सबसे गरीब देशों में राष्ट्रीय गरीबी रेखा को दर्शाती है, जिसे आमतौर पर अत्यधिक गरीबी रेखा के रूप में जाना जाता है।
      • इसका प्रयोग वर्ष 2030 तक अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की हिस्सेदारी को 3% से कम करने के विश्व बैंक के लक्ष्य की दिशा में प्रगति की निगरानी के लिये किया जाएगा।
    • भारत में अत्यधिक गरीबी का सामना करने वाली जनसंख्या वर्ष 2022 में 4.69 करोड़ से घटकर वर्ष 2024 में लगभग 3.44 करोड़ हो गई, जो कुल जनसंख्या का 2.4% है।
      • ये आँकड़े नीति आयोग के CEO के दावे की पुष्टि करते हैं कि घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण, सत्र 2022-23 के आधार पर, 5% से कम भारतीयों के गरीबी रेखा से नीचे होने का अनुमान है, अत्यधिक गरीबी लगभग समाप्त हो गई है।
  • अन्य वैश्विक लक्ष्य:
    • SDG लक्ष्य 1.1 का लक्ष्य वर्ष 2030 तक वैश्विक गरीबी उन्मूलन है, जो सभी देशों, क्षेत्रों और समूहों के लिये एक ही अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा पर शून्य गरीबी तक पहुँचने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है।
  • गरीबी पर नीति आयोग का हालिया दस्तावेज़:
    • हाल ही में नीति आयोग के एक दस्तावेज़ में भारत में बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय कमी का पता चला, जो वर्ष 2013-14 में 29.17% से घटकर वर्ष 2022-23 में 11.28% हो गई, जिससे 9 वर्ष की अवधि में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
    • दस्तावेज़ द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण डेटा तथा NFHS डेटा के बिना वर्षों के अनुमान तरीकों का उपयोग करके वर्ष 2005-06 से वर्ष 2022-23 तक भारत में बहुआयामी गरीबी प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया।

और पढ़ें… घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2022-23

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. किसी दिये गए वर्ष में भारत में कुछ राज्यों में आधिकारिक गरीबी रेखा अन्य राज्यों की तुलना में उच्चतर है, क्योंकि:

(a) गरीबी की दर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है
(b) कीमत-स्तर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है
(c) सकल राज्य उत्पाद अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है
(d) सार्वजनिक वितरण की गुणता अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है

उत्तर: (b)


प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अधीन बनाए गए उपबंधों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. केवल वे ही परिवार सहायता प्राप्त खाद्यान्न लेने की पात्रता रखते हैं जो "गरीबी रेखा से नीचे" (बी.पी.एल.) श्रेणी में आते हैं। 
  2. परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की सबसे अधिक उम्र वाली महिला ही राशन कार्ड निर्गत किये जाने के प्रयोजन से परिवार का मुखिया होगी। 
  3. गर्भवती महिलाएँ एवं दुग्ध पिलाने वाली माताएँ गर्भावस्था के दौरान और उसके छः महीने बाद तक प्रतिदिन      1600 कैलोरी वाला राशन घर ले जाने की हक़दार हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. COVID-19 महामारी ने भारत में वर्ग असमानताओं और गरीबी को गति दे दी है। टिप्पणी कीजिये। (2020) 

प्रश्न: भारत सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के बावजूद, गरीबी अभी भी विद्यमान है। कारण सहित स्पष्ट कीजिये। (2018)


प्रारंभिक परीक्षा

FIR तथा सामान्य डायरी

स्रोत: लाइव लॉ

चर्चा में क्यों? 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शैलेश कुमार बनाम यूपी राज्य (अब उत्तराखंड राज्य) वर्ष 2024 मामले में पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा सामान्य डायरी/रोजनामचा प्रविष्टियों के पंजीकरण के संबंध में कानूनी स्थिति स्पष्ट की है।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि संज्ञेय अपराध का खुलासा करने वाली जानकारी को पुलिस अधिनियम, 1861 के तहत पुलिस द्वारा रखी गई सामान्य डायरी में दर्ज करने के बजाय निर्दिष्ट FIR बुक में FIR के रूप में दर्ज किया जाना चाहिये।
  • न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सामान्य डायरी प्रविष्टि FIR के पंजीकरण से पहले नहीं हो सकती जब तक कि प्रारंभिक जाँच आवश्यक न समझी जाए।

FIR क्या होती है?

  • प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) एक लिखित दस्तावेज़ है जिसे पुलिस द्वारा तब तैयार किया जाता है जब उन्हें किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने के बारे में सूचना प्राप्त होती है।
    • संज्ञेय अपराध वह होता है जिसमें पुलिस बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है।
    • FIR शब्द को भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 अथवा किसी अन्य कानून में परिभाषित नहीं किया गया है, किंतु पुलिस नियमों में, CrPC की धारा 154 के तहत दर्ज की गई जानकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के रूप में जाना जाता है। 
    • साथ ही इस बात पर भी ज़ोर दिया जाता है कि CrPC की धारा 154 के तहत संज्ञेय अपराध के लिये FIR दर्ज करना अनिवार्य है।
  • FIR दर्ज करने के अपवादित नियम:ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य, (2014) में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय किया कि CrPC की धारा 154 के तहत संज्ञेय अपराधों के लिये FIR दर्ज करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त कुछ निम्नलिखित मामलों में FIR दर्ज करने से पूर्व प्रारंभिक जाँच आवश्यक हो सकती है:
    • वैवाहिक/पारिवारिक विवाद
    • वाणिज्यिक अपराध
    • चिकित्सीय लापरवाही से संबंधित मामले
    • भ्रष्टाचार के मामले
    • आपराधिक मामला शुरू होने में देरी वाली स्थितियाँ, उदाहरण के लिये, देरी के कारणों को संतोषजनक ढंग से बताए बिना मामले की रिपोर्ट करने में 3 माह से अधिक का विलंब।
    • प्रारंभिक जाँच 7 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिये।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्णय किया कि पुलिस को प्रदत्त जानकारी द्वारा किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने का खुलासा नहीं होने की दशा में पुलिस FIR दर्ज करने के लिये बाध्य नहीं है।
    • ऐसे मामलों में पुलिस सामान्य डायरी/दैनिकी में जानकारी दर्ज कर सकती है और तदनुसार इत्तिला देने वाले को सूचित कर सकती है।

सामान्य डायरी क्या है?

  • सामान्य डायरी/दैनिकी किसी पुलिस स्टेशन में दैनिक आधार पर घटित होने वाले सभी क्रियाकलापों और घटनाओं का रिकॉर्ड है।
    • पुलिस अधिनियम, 1861 की धारा 44 राज्य सरकार को सामान्य डायरी के स्वरूप और उसके रखरखाव की विधि को निर्धारित करने का अधिकार देती है।
  • सामान्य डायरी में निम्नलिखित विभिन्न विवरण शामिल होते हैं:
    • पुलिस अधिकारियों का आगमन एवं प्रस्थान
    • व्यक्तियों की गिरफ्तारी
    • संपत्ति की ज़ब्ती
    • शिकायतों की प्राप्ति एवं समाधान
    • कोई अन्य जानकारी जिसे पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी दर्ज करना आवश्यक समझे।
  • सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय: CBI बनाम तपन कुमार सिंह (2003) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि एक सामान्य डायरी प्रविष्टि को एक उपयुक्त मामले में FIR के रूप में माना जा सकता है, जहाँ यह एक संज्ञेय अपराध के कृत्य का खुलासा करता है।

नोट:

  • केस डायरी एक विशिष्ट मामले के लिये जाँच अधिकारी द्वारा रखी जाती है, जबकि सामान्य डायरी एक पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी कानूनी घटनाओं को दर्ज करती है।

पहलू

सामान्य डायरी प्रविष्टि

FIR

उद्देश्य

प्रशासनिक उद्देश्यों या भविष्य के संदर्भ के लिये शिकायतों और घटनाओं को रिकॉर्ड करना 

संज्ञेय अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना करना

अपराध की प्रकृति

संज्ञेय और असंज्ञेय दोनों

केवल संज्ञेय अपराधों के लिये

प्रलेखन

आंतरिक पुलिस रिकॉर्ड

सार्वजनिक रिकॉर्ड के लिये

वितरण

शिकायतकर्त्ता या न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रतियाँ प्रदान नहीं की जाती हैं; वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाती हैं।

शिकायतकर्त्ता, वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रतियाँ प्रदान की जाती हैं।

न्यायिक निरीक्षण

मजिस्ट्रेट अनुरोध पर सामान्य डायरी का निरीक्षण कर सकता है। 

मजिस्ट्रेट निरीक्षण के लिये FIR की प्रतियाँ प्राप्त करता है।

शिकायतकर्त्ता के हस्ताक्षर की आवश्यकता 

आवश्यक नहीं

आवश्यक

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. न्यायिक हिरासत का अर्थ है कि अभियुक्त संबंधित मजिस्ट्रेट की हिरासत में है और ऐसे अभियुक्त को पुलिस स्टेशन के हवालात में रखा जाता है न कि जेल में।
  2. न्यायिक हिरासत के दौरान, मामले के प्रभारी पुलिस अधिकारी, न्यायालय की अनुमति के बिना संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ नहीं कर सकते।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


रैपिड फायर

पौराणिक द्वारका

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

सुदर्शन सेतु का उद्घाटन तथा शहर की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दौरा करना भारतीय प्रधानमंत्री की हाल की द्वारका, गुजरात यात्रा के मुख्य आकर्षण थे।

  • वर्तमान समय में द्वारका एक तटीय शहर है जो कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर अरब सागर के सामने स्थित है।
    • यहाँ 13वीं शताब्दी का द्वारकाधीश मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है।
    • हालाँकि इस प्राचीन शहर का सटीक स्थान विद्वानों के बीच बहस का विषय बना हुआ है।
  • 20वीं सदी के बाद से भूमि एवं जल दोनों पर विभिन्न अभियान आयोजित किये गए हैं। हालाँकि निष्कर्ष प्राय: अनिर्णायक रहे हैं, जिससे द्वारका का सटीक स्थान एवं प्रामाणिकता रहस्यमय बनी रही है।

और पढ़ें…सुदर्शन सेतु


रैपिड फायर

डाक कर्मयोगी परियोजना

स्रोत: पी.आई.बी. 

भारत सरकार के डाक विभाग ने डाक कर्मयोगी परियोजना के दूसरे चरण के सफल होने की स्मृति में विशेष कवर जारी कर एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की।

  • डाक कर्मयोगी एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य देश के लगभग 4 लाख ग्रामीण डाक सेवकों और डाक विभाग के कर्मचारियों की कार्य क्षमता बढ़ाना है।
    • इस पोर्टल को मिशन कर्मयोगी की परिकल्पना के तहत 'संस्‍‍थान में' (In-House) विकसित किया गया है।
  • मेघदूत पुरस्कार भारतीय डाक द्वारा डाक विभाग में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रदान किया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है।
    • इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता प्रदान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना था।

और पढ़ें…डाक कर्मयोगी


रैपिड फायर

लाइनमैन दिवस

स्रोत: पी.आई.बी.

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय ने नई दिल्ली में लाइनमैन दिवस (4 मार्च 2024) के चौथे संस्करण पर देश के विद्युत ऊर्जा क्षेत्र के फ्रंटलाइन श्रमिकों को श्रद्धांजलि दिया है।

  • लाइनमैन दिवस देश भर में निर्बाध विद्युत वितरण सुनिश्चित करने वाले लाइनमैन और ग्राउंड मेंटेनेंस स्टाफ के समर्पण तथा सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।
    • लाइनमैन दिवस की थीम 'सेवा, सुरक्षा, स्वाभिमान' लाइनमैन की प्रतिबद्धता, बलिदान और समाज में योगदान को रेखांकित करती है।
    • इस कार्यक्रम में सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, सुरक्षा यंत्रों और उपकरणों का प्रदर्शन एवं कार्यस्थल सुरक्षा प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करने के लिये वीडियो स्क्रीनिंग की सुविधा प्रदान की गई।
  • CEA का गठन निरस्त विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम, 1948 के तहत किया गया है, जिसे बाद में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 70 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।
    • केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के प्राथमिक कार्यों में विद्युत प्रणालियों के विकास एवं विनियमन के लिये नीतिगत मामलों और योजनाओं पर सलाह प्रदान करना शामिल है।  

और पढ़ें: वर्ष 2030 में भारत का विद्युत क्षेत्र


रैपिड फायर

भारतीय हीरा निर्यात में गिरावट

स्रोत: द हिंदू

भारत के हीरे निर्यात में भारी गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है। अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में इसके घटकर 5 वर्ष के निचले स्तर लगभग 15-16 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर आने की संभावना है।

  • इस निराशाजनक स्थिति का कारण अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाज़ारों द्वारा मांग में कमी है, जिनकी सामूहिक रूप से भारत के हीरे के निर्यात में लगभग 65% की हिस्सेदारी होती है।
  • इस निर्यात मंदी के प्रमुख कारणों में वैकल्पिक खर्च विकल्पों का उद्भव, प्रयोगशाला में निर्मित हीरों की बढ़ती लोकप्रियता एवं भू-राजनीतिक तनाव आदि हैं।
    • प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरों के विपरीत, प्रयोगशाला में निर्मित हीरों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। हालाँकि दोनों की रासायनिक संरचना एवं अन्य भौतिक व ऑप्टिकल गुण काफी समान हैं।
  • प्रमुख हीरा उत्पादक देश: रूस, बोत्सवाना, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य।
    • भारत में सूरत को डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है। इस शहर का बहुमूल्य रत्नों के प्रसंस्करण में अग्रणी स्थान है, विश्व के लगभग 90% कच्चे हीरे इसी शहर में काटे और पॉलिश किये जाते हैं।

रैपिड फायर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

स्रोत: इंटरनेशनल विमेंस डे 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है जो महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देने और संपूर्ण विश्व में लैंगिक समानता के समर्थन का प्रतीक है।

  • यह वैश्विक उत्सव महिलाओं के अधिकारों की दिशा में हुई प्रगति और वर्तमान में महिलाओं द्वारा उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में सामना किये जाने वाले बाधाओं को उजागर करता है।
  • इस उत्सव के उत्पत्ति की पृष्ठभूमि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के श्रमिक आंदोलनों से संबंधित है। पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मार्च 1911 में आयोजित किया गया था।
    • इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1975 में मनाया गया था।
  • वर्ष 2024 की थीम: इंस्पायर इंक्लूज़न

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस


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