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कृषि

जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव

  • 14 Feb 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

IFAD

मेन्स के लिये:

जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दे, जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रोम में आयोजित इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (The International Fund for Agricultural Development- IFAD) की गवर्निंग काउंसिल की 43वीं बैठक में कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संदर्भित किया गया।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • IFAD के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण वर्ष 2030 तक लगभग 100 मिलियन लोग गरीबी से प्रभावित हो सकते हैं जिनमें से लगभग आधे लोग कृषि क्षेत्र से संबंधित होंगे।
  • वैश्विक विकास और सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण विकास पर अधिक खर्च करने की अपील की गई, ताकि जलवायु आपातकाल से उत्पन्न होने वाली भयावह स्थिति से बचा जा सके।

कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से संबंधित तथ्य

  • कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव मौजूदा संघर्षों को बढ़ा रहे हैं जो कि दुनिया भर में नए संघर्ष पैदा करने की क्षमता रखते हैं। चूँकि संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं अतः संसाधनों पर अधिकार की महत्त्वाकांक्षा आपसी संघर्ष को जन्म देगी।
  • वर्ष 2018 में आपदाओं के कारण लगभग 17.2 मिलियन लोग विस्थापित हुए जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत लोग मौसम और जलवायु संबंधी घटनाओं से प्रभावित थे।
  • केवल अफ्रीका में वर्ष 2018 और वर्ष 2019 के बीच संघर्षों में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि यहाँ भूख और गरीबी में वृद्धि का प्रमुख कारण है। ध्यातव्य है कि आपसी संघर्ष कृषि उत्पादन में बाधा उत्पन्न करता है और लाखों लोगों के गरीबी से बाहर निकलने की प्रक्रिया को बाधित करता है।
  • गरीबी में वृद्धि प्रायः प्राकृतिक आपदाओं के कारण होती है, जैसे- पूर्वी अफ्रीका में टिड्डी दलों द्वारा फसलों को नष्ट करना जो कि मौजूदा संकट और जलवायु परिवर्तन के कारण अफ्रीकी खाद्य प्रणालियों के लिये खतरा उत्पन्न करते हैं। साथ ही ये प्रवासन और संघर्ष के सबसे बड़े कारक हैं।
  • इसके अतिरिक्त वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण जलवायवीय दशाओं में परिवर्तन होता है जिसका कृषि क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
  • IFAD की गवर्निंग काउंसिल ने जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि क्षेत्र में व्याप्त संकट का सामना करने के लिये ग्रामीण विकास में अधिक निवेश के लिये अपील की है।

इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (IFAD)

  • यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट संस्था है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1977 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के रूप में हुई।
  • इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विकासशील राष्ट्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की गरीबी का निवारण करना है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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