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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Feb, 2025
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

इंडो-यूरोपीय भाषाएँ

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों? 

नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में काकेशस लोअर वोल्गा लोगों को इंडो-यूरोपीय भाषाओं के संभावित प्रवर्तक के रूप में पहचाना गया है, जो पूर्व के यमनाया सिद्धांत को चुनौती देता है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

आनुवंशिक उत्पत्ति: काकेशस लोअर वोल्गा लोग, जो 6,500 वर्ष पूर्व वोल्गा नदी से काकेशस पर्वत तक फैले यूरेशियन मैदानों पर रहते थे, उन्हें इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के आनुवंशिक पूर्वज के रूप में पहचाना जाता है।

  • यमनाया लोगों की भूमिका: काकेशस लोअर वोल्गा के वंशज यमनाया लोगों (5,700-5,300 वर्ष पूर्व) ने यूरोप, भारतीय उपमहाद्वीप और चीन में प्रोटो-इंडो-यूरोपीय भाषाओं को फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • विशिष्ट यमनाया DNA का निर्माण इन प्राचीन लोगों द्वारा पश्चिम की ओर पलायन करने और आसपास की आबादी के साथ घुलमिल जाने के कारण हुआ था।
    • प्रारंभिक शोधों से पता चला है कि स्टेपी के प्राचीन यमनाया लोग प्रोटो-इंडो-यूरोपीय भाषा के प्रवर्तक थे, जो आधुनिक इंडो-यूरोपीय भाषाओं का अग्रदूत था।
  • आर्थिक परिवर्तन: यमनाया लोगों की नई आर्थिक प्रथाओं, जैसे पशुपालन और बैलगाड़ियों के उपयोग ने उनके प्रवास और विस्तार को सक्षम बनाया।
    • यमनया में जनसांख्यिकीय विस्फोट हुआ, तथा कुछ ही शताब्दियों में इसकी जनसंख्या कुछ हज़ार से बढ़कर अधिक हो गई।

Indo_European_Languages

इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार

  • इंडो-यूरोपीय भाषा विश्व का सबसे बड़ा भाषाई परिवार है, जिसमें 400 से अधिक भाषाएँ शामिल हैं। ये भाषाएँ कई उप-भाषाओँ में विभाजित हैं।

इंडो-यूरोपीय भाषा उप-परिवार

बोली

क्षेत्र

केल्टिक

ब्रेटन, कोर्निश, मैनक्स, आयरिश, स्कॉटिश गेलिक, वेल्श

पश्चिमी यूरोप, ब्रिटिश द्वीप समूह

युरोपीय

अंग्रेज़ी, जर्मन, डच, स्वीडिश, डेनिश, नॉर्वेजियन

उत्तरी और पश्चिमी यूरोप

रोमांस

लैटिन (शास्त्रीय), फ्रेंच, स्पेनिश, इतालवी, पुर्तगाली, रोमानियाई

दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप

यूनानी

ग्रीक (आधुनिक और प्राचीन)

ग्रीस, साइप्रस

अल्बानियन

अल्बानियन

अल्बानिया, कोसोवो, मैसेडोनिया के कुछ हिस्से, मोंटेनेग्रो

अर्मेनियाई

अर्मेनियाई

आर्मीनिया

बाल्टो-स्लाविक

लातवियाई, लिथुआनियाई, रूसी, पोलिश, चेक, स्लोवाक, यूक्रेनी, बेलारूसी

पूर्वी यूरोप, बाल्टिक क्षेत्र

भारतीय और ईरानी

फ़ारसी (फ़ारसी), कुर्दिश, पश्तो, बलूच, संस्कृत, पंजाबी, सिंधी, कश्मीरी, डोगरी, गुजराती, उर्दू, हिंदी, मराठी, मैथिली, नेपाली, बांग्ला, असमिया, उड़िया, सिंहली, धिवेही

भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य एशिया

नोट: दक्षिण एशिया में भाषाएँ चार प्रमुख भाषा परिवारों से संबंधित हैं: भारोपीय (भारतीय आर्य) भाषा, द्रविड़ियन, ऑस्ट्रो-एशियाटिक और चीनी-तिब्बती।

  • भारोपीय भाषाएँ: सबसे बड़ा भाषा समूह, जिसमें 73.30% जनसंख्या द्वारा 574 भाषाएँ बोली जाती हैं।
  • द्रविड़ भाषाएँ: 153 भाषाएँ, जो 24.47% जनसंख्या द्वारा बोली जाती हैं।
  • चीनी-तिब्बती भाषाएँ: 226 भाषाएँ, जिन्हें बोलने वाली जनसंख्या का 1% से भी कम हिस्सा इनमें शामिल है, जिसमें सियामी-चीनी उपपरिवार की खाम्पती भी शामिल है।
  • ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ: 65 भाषाएँ जो 6.19 मिलियन व्यक्तियों द्वारा बोली जाती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत के संदर्भ में, 'हल्बी, हो और कुई' पद किससे संबंधित हैं- (2021)

(a) पश्चिमोत्तर भारत का नृत्य रूप
(b) वाद्ययंत्र
(c) प्रागैतिहासिक गुफा चित्रकला 
(d) जनजातीय भाषाएँ

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित भाषाओं पर विचार कीजिये: (2014)

  1. गुजराती 
  2. कन्नड़
  3. तेलुगू

सरकार द्वारा उपरोक्त में से किसको 'शास्त्रीय भाषा' घोषित किया गया है?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रारंभिक परीक्षा

बजट 2025-26 में जनजातीय कल्याण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय बजट 2025-26 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिये बजटीय आबंटन में वर्ष 2024 की तुलना में 45.79% की वृद्धि की गई है, जिसमें शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और सामाजिक-आर्थिक विकास पर ज़ोर दिया गया है। 

जनजातीय कल्याण के लिये केंद्रीय बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • बजटीय आवंटन में वृद्धि: जनजातीय मामलों के मंत्रालय (MoTA) को बजट 2025-26 में 14,925.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो 2024-25 से 45.79% अधिक है।
    • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को 13,611 करोड़ रुपए (35.75% वृद्धि) प्राप्त हुए।
    • जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) अनुसूचित जनजातियों (ST) के कल्याण और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) SCs, STs, OBCs, PwDs, बुजुर्गों और ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिये कार्य करता है।
  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) का विस्तार: बजट 2025-26 में EMRS के लिये  7,088.60 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, जिसका उद्देश्य मार्च 2026 तक 728 विद्यालयों का संचालन करना है, जिससे जनजातीय समुदायों के 3.5 लाख छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा आवासीय सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
  • DA-JGUA: धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA), जिसका नाम मूलतः पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) था, को जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे, शिक्षा और आजीविका में सुधार लाने हेतु 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किये गए, जो 500 करोड़ रुपए से चार गुना अधिक है।
  • PM-जनमन का सुनिष्पादन: विशेष रूप से सुभेद्य जनजातीय समूहों (PVTG) की स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आजीविका में सुधार करने केक उद्देश्य से बजट 2025-26 में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-जनमन) के लिये आवंटन दोगुना कर 300 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
    • PM-जनमन आवास योजना में तेज़ी लाने के लिये, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने पीएम-आवास घरों के अनुमोदन प्रक्रिया को संशोधित किया, जिसका लक्ष्य PVTG के लिये 4.90 लाख घर निर्मित करना है।

Tribes_in_India

 

भारत में जनजातियों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?

और पढ़ें: भारत में जनजातियों के समक्ष आने वाली समस्याएँ

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय स्तर पर, अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये कौन-सा मंत्रालय केंद्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है? (2021)

(a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(b) पंचायती राज मंत्रालय
(c) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(d) जनजातीय कार्य मंत्रालय

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. PVTG 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में निवास करते हैं।
  2.  स्थिर या कम होती जनसंख्या PVTG स्थिति निर्धारण के मानदंडों में से एक है।
  3.  देश में अब तक 95 PVTG आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं।
  4.  PVTGs की सूची में ईरूलर और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है?

(a)1, 2 और 3
(b)2, 3 और 4
(c)1, 2 और 4
(d)1, 3 और 4

उत्तर: (c)


रैपिड फायर

सबसे कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली

स्रोत: द हिंदू

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट से सबसे कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) के लगातार तीन उड़ान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

  • VSHORADS: यह एक मानव-पोर्टेबल प्रणाली है जिसे अनुसंधान केंद्र द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है।
    • इसका वजन हल्का, अधिकतम सीमा 8 किमी तथा यह 4.5 किमी तक की ऊँचाई पर स्थित लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है।
    • इस प्रणाली में बहुत कम ऊँचाई और उच्च गति पर उड़ने वाले ड्रोन सहित हवाई खतरों को ध्वस्त करने की क्षमता है।
    • इसे भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं: सेना, नौसेना और वायु सेना की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • VSHORADS मिसाइल में उन्नत प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जैसे लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (miniaturized Reaction Control System- RCS) और इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स (मिसाइल नियंत्रण और नेविगेशन), जिनका कम ऊँचाई वाले हवाई खतरों को ध्वस्त करने के लिये सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
  • महत्व: VSHORADS प्रणाली एक महत्वपूर्ण वायु रक्षा उपकरण है, जो युद्ध के परिदृश्यों में हवाई खतरों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।
    • यह ड्रोन और अन्य घूमने वाले हथियारों के उभरते खतरे से निपटने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनका आधुनिक युद्ध में तेजी से उपयोग किया जा रहा है।

और पढ़ें: बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS)


रैपिड फायर

Gaia BH3 ब्लैक होल

स्रोत: द हिंदू

खगोलविदों ने आकाशगंगा में सर्वाधिक बड़े ज्ञात तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल, Gaia BH3 की खोज की है, जो एक्विला तारामंडल में स्थित है। 

  • यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Gaia टेलीस्कोप का उपयोग कर खोजा गया तीसरा ब्लैक होल है। (पिछली खोजें: वर्ष 2022 में Gaia BH1 और वर्ष 2023 में Gaia BH2)
  • Gaia BH3 का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 33 गुना अधिक है, जो इसे आकाशगंगा में विशालतम तारकीय द्रव्यमान वाला ब्लैक होल बनाता है।
    • तारकीय द्रव्यमान वाला ब्लैक होल एक प्रकार का ब्लैक होल है जिसका निर्माण सूर्य से 5 से 10 गुना अधिक वज़न वाले विशाल तारों के निपात होने से होता है।
  • Gaia BH3 में सक्रिय रूप से पदार्थ अथवा द्रव्य का अभिकर्षण नहीं होता है तथा इससे एक्स-रे भी उत्सर्जित नहीं होते, जिससे यह प्रमाणित हिता है कि ऐसे भी ब्लैक होल अस्तित्व में हैं जिनमें एक्स-रे उत्सर्जन नहीं होता
    • ब्लैक होल के चारों ओर विद्यमान गैस और धूल के वलय से एक्स-रे सहित प्रकाश उत्सर्जित होता है, जिससे यह संसूचनीय (पता लगाने योग्य) बन जाता है।
  • वर्ष 2020 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार आपेक्षिकता के व्यापक सिद्धांत के एक प्रमुख पूर्वानुमान के रूप में ब्लैक होल के निर्माण की पुष्टि करने और आकाशगंगा मिल्की वे के केंद्र में एक विशालकाय सुसंहत पिंड की खोज के लिये दिया गया था।

Black Hole

और पढ़ें: अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल


रैपिड फायर

तीसरी भारत - जापान इस्पात वार्ता

स्रोत: पी.आई.बी.

नई दिल्ली में आयोजित तीसरी भारत-जापान इस्पात वार्ता में दोनों देशों ने आर्थिक विकास, इस्पात व्यापार और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की।

  • संस्थागत तंत्र: यह वार्ता इस्पात क्षेत्र पर सहयोग ज्ञापन (MoC) का हिस्सा है, जिस पर वर्ष 2020 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किये गए थे, जिसका उद्देश्य सतत् विकास, नवाचार और कार्यस्थल सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
  • परिणाम: भारत ने जापानी कंपनियों के लिये व्यापार में सुगमता का आश्वासन दिया, जबकि जापान ने नई इस्पात प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिये अपने समर्थन की पुष्टि की।
  • EU CBAM: यह आयातित वस्तुओं पर कार्बन उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करने और वैश्विक स्तर पर स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये EU की प्रणाली है।
    • CBAM के संक्रमणकालीन चरण (2023-2025) में रिपोर्टिंग दायित्व शामिल हैं, जिसका पूर्ण वित्तीय कार्यान्वयन वर्ष 2026 से होगा, जिसमें लोहा, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, एल्यूमीनियम, विद्युत् और हाइड्रोजन शामिल होंगे।

और पढ़ें: ग्रीन स्टील नीति


रैपिड फायर

सेंटोरिनी द्वीप समूह

स्रोत: IE

ग्रीस के ज्वालामुखी द्वीप स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल सेंटोरिनी में लगातार भूकंप देखने को मिल रहे हैं।

  • ज्वालामुखीय गतिविधि के बजाय, इन भूकंपों का कारण अफ्रीकी-यूरेशियन प्लेट संपर्क से उत्पन्न टेक्टोनिक प्लेटों की हलचलों को माना गया है।
  • सेंटोरिनी: यह मुख्य भूमि से 200 कि.मी. दक्षिण पूर्व में दक्षिणी एजियन सागर में स्थित है। इसकी राजधानी फिरा (Fira) है। 
    • यह दक्षिणी साइक्लेड्स ( दक्षिणी एजियन सागर में लगभग 2200 यूनानी द्वीपों का समूह) का एक हिस्सा है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 73 km2 है और यह हेलेनिक ज्वालामुखीय आर्क पर स्थित है, जो ज्वालामुखीय सक्रियता से निर्मित द्वीपों की एक शृंखला है।
  • अन्य अनूठी विशेषताएँ: सेंटोरिनी इसके समुद्र तटों, मदिरा, अक्रोटिरी भग्नावशेषों और वर्ष भर भूमध्यसागरीय जलवायु के लिये भी प्रसिद्ध है।

और पढ़ें: समोस द्वीप


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