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विकसित भारत संकल्प यात्रा और पीएम-किसान योजना

  • 02 Jan 2024
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विकसित भारत संकल्प यात्रा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना, आधार लिंकेज, संतृप्ति अभियान

मेन्स के लिये:

समृद्ध भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से संतृप्ति अभियान और पीएम किसान लाभार्थियों पर इसका प्रभाव।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के लाभार्थियों की संख्या में 20% से अधिक की गिरावट आई है, जो अप्रैल-जुलाई 2022 में 10.47 करोड़ से घटकर 8.12 करोड़ हो गई है।

  • सरकार के सक्रिय उपायों, विशेष रूप से विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत शुरू किये गए "संतृप्ति अभियान" ने 34 लाख किसानों को लाभार्थियों की सूची में वापस जोड़ दिया है।

विकसित भारत संकल्प यात्रा क्या है?

  • परिचय: 
    • यह सरकार की योजनाओं की संतृप्ति प्राप्त करने के लिये विस्तारित गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने का एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। इसके अंतर्गत पूरे देश में भारत की सभी ग्राम पंचायतें, नगर पंचायतें और शहरी स्थानीय निकाय शामिल हैं।
    • यह अभियान भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार के संगठनों और संस्थानों की सक्रिय भागीदारी के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण अपनाकर चलाया जा रहा है।
  • उद्धेश्य:
    • यह अभियान कमज़ोर लोगों तक पहुँच प्रदान करता है, जो विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र हैं जिन्होंने इसका अभी तक लाभ नहीं उठाया है।
    • जानकारी उपलब्ध करवाना और योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
    • व्यक्तिगत आख्यानों और अनुभवों (stories/ experience) को साझा करने के माध्यम से सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्तकर्त्ताओं के साथ प्रत्यक्ष जुड़ाव।
    • विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान विवरण के माध्यम से संभावित लाभार्थियों का नामांकन।

PM किसान सम्मान निधि योजना (PM-किसान) क्या है?

  • परिचय:
    • इसे देश के किसानों की वित्तीय आवश्यकतों को पूरा करने के लिये शुरू किया गया था।
    • इसका संचालन दिसंबर, 2018 से शुरू हुआ है।
  • वित्तीय लाभ:
    • इसके तहत प्रत्येक चार महीने में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000/- रुपए का वित्तीय लाभ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है।
  • योजना का दायरा:
    • यह योजना प्रारंभ में 2 हेक्टेयर भूमि वाले छोटे तथा सीमांत किसानों (Small and Marginal Farmers- SMF) के लिये थी किंतु सभी भूमि धारक किसानों को लाभ प्रदान करने हेतु योजना का दायरा बढ़ा दिया गया।
  • वित्तपोषण तथा कार्यान्वयन:
    • यह भारत सरकार से 100% वित्तपोषण प्राप्त एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
    • इसका कार्यान्वन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • उद्देश्य:
    • प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य तथा उचित पैदावार सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद में छोटे व सीमांत किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना।
    • अमुक व्यय को पूरा करने के लिये उन्हें साहूकारों के चंगुल में फँसने से बचाना तथा कृषि गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
  • PM-किसान मोबाइल ऐप:
    • इसे इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित तथा डिज़ाइन किया गया था।
  • वास्तविक रूप से सत्यापन की व्यवस्था:
    • योजना में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक वर्ष 5% लाभार्थियों का अनिवार्य रूप से वास्तविक सत्यापन किया जा रहा है।

PM-किसान से संबंधित चुनौतियाँ क्या हैं?

  • अनिवार्य प्रावधान तथा आधार लिंकेज:
    • अनिवार्य भूमि बीजारोपण प्रावधानों तथा आधार को सक्रिय बैंक खातों से जोड़ने की आवश्यकता ने इस योजना को जटिल बना दिया है, जिससे किसानों के लिये इन शर्तों का अनुपालन करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
    • किसानों, विशेष रूप से दूरवर्ती क्षेत्रों के किसानों को आधार लिंकेज तथा भूमि बीजारोपण आवश्यकताओं को पूरा करने में तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे PM-किसान लाभों तक उनकी पहुँच में बाधा आ सकती है।
  • जागरूकता और आउटरीच: 
    • कई पात्र किसान अभी भी PM-Kisan योजना से अनजान हैं या उन्हें आवेदन प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होगी।
    • प्रयासों के बावजूद, आउटरीच पहल को कृषक समुदाय के सभी वर्गों तक पहुँचने में संघर्ष करना पड़ सकता है, विशेषकर दूरदराज़ या हाशिये पर रहने वाले क्षेत्रों में।
  • प्रौद्योगिकी पहुँच:
    • स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी सहित प्रौद्योगिकी पहुँच में असमानताएँ, किसानों की PM-Kisan नामांकन तथा अनुपालन के लिये आवश्यक ऑनलाइन प्रक्रियाओं से जुड़ने की क्षमता में बाधा बन सकती हैं।

आगे की राह 

  • सरलता और दक्षता के लिये अनिवार्य भूमि बीजारोपण प्रावधानों एवं आधार लिंकेज आवश्यकताओं की व्यापक समीक्षा की जानी चाहिये।
  • निर्बाध अनुपालन हेतु उपयोगकर्त्ता-अनुकूल प्लेटफार्म बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने की आवश्यकता है।
  • कमज़ोर किसानों तक पहुँचने के लिये समुदाय-स्तरीय सहभागिता कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिये।
  • PM-Kisan के लाभों से अनजान पात्र किसानों की पहचान कर उनका समर्थन करने के लिये स्थानीय अधिकारियों, कृषि सेवाओं और गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी करने के पश्चात् इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • आधार प्लेटफॉर्म सेवा प्रदाताओं को निवासियों की पहचान को सुरक्षित और त्वरित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रमाणित करने में मदद करता है, जिससे सेवा वितरण अधिक लागत प्रभावी एवं कुशल हो जाता है। भारत सरकार और UIDAI के अनुसार, आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। अतः कथन 1 सही नहीं है। 
  • हालाँकि UIDAI ने आकस्मिकताओं का एक सेट भी प्रकाशित किया है जो उसके द्वारा जारी आधार की अस्वीकृति के लिये उत्तरदायी है। मिश्रित या विषम बायोमेट्रिक जानकारी वाला आधार निष्क्रिय किया जा सकता है। आधार का लगातार तीन वर्षों तक उपयोग न करने पर भी उसे निष्क्रिय किया जा सकता है। अतः कथन 2 सही नहीं है। 
  •      अतः विकल्प (d) सही है।
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