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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 06 Dec, 2024
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

लेक इफेक्ट स्नो

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में उत्तरी अमेरिका के ग्रेट लेक्स के तटों स्थित अपस्टेट न्यूयॉर्क, पेंसिल्वेनिया, ओहियो और मिशिगन के कुछ हिस्सों में "लेक इफेक्ट स्नो" देखी गई। 

  • न्यूयॉर्क में एरी झील के पास इस घटना के कारण आए भारी हिमपात ने घरों को बर्फ से ढके इग्लू में परिवर्तित कर दिया है।

लेक इफेक्ट स्नो क्या है?

  • परिभाषा: लेक इफेक्ट स्नो एक स्थानीय मौसमी परिघटना है, जिसमें भारी बर्फबारी देखने को मिलती है, जो वृहद् जल निकायों के पास देखी जाती है, जैसे कि उत्तरी अमेरिका में ग्रेट लेक्स। 
    • यह सामान्यतः शीतकाल के दौरान होती है जब शीतल वायु अपेक्षाकृत उष्ण झील की सतह से गुजरती है, जिसके परिणामस्वरूप बर्फबारी की तीव्र और संकीर्ण पेटियाँ निर्मित होती हैं।
  • निर्माण की प्रक्रिया:
    • शीतल वायु का प्रवाह: शीतल वायु प्रायः कनाडा से आती है, जो उत्तरी अमेरिका में ग्रेट लेक्स के हिम रहित, उष्ण जल के ऊपर से प्रवाहित होती है। 
      • झीलें सतह पर शीतल वायु में उष्ण और आर्द्र रूप में स्थानांतरित होती हैं।
    • मेघ निर्माण: जब उष्ण, आर्द्र वायु ऊपर उठती है, ऊपरी शीतल वातावरण में तीव्रता से शीतलता छा जाती है, जो संघनित होकर मेघों का निर्माण करती हैं।
    • बर्फबारी: ये मेघ संकीर्ण पेटियों में विकसित हो जाते हैं, जिनसे तीव्र बर्फबारी होती है, जो प्रायः प्रति घंटे 2-3 इंच या उससे अधिक की दर से होती है।

Lake_Effect_Snow

उत्तरी अमेरिका की ग्रेट लेक्स

  • सुपीरियर, मिशिगन, ह्यूरॉन, एरी और ओंटारियो (पश्चिम से पूर्व तक) से मिलकर निर्मित ग्रेट लेक्स विश्व के सबसे महत्त्वपूर्ण स्वच्छ जल के पारिस्थितिकी तंत्रों में से हैं।
  • भूगोल और दायरा: ग्रेट लेक्स बेसिन दो देशों, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बड़े हिस्से को कवर है। मिशिगन झील को छोड़कर ग्रेट लेक्स कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है।
    • ये झीलें सेंट लॉरेंस नदी के माध्यम से अटलांटिक महासागर से, तथा इलिनोइस जलमार्ग के माध्यम से मिसिसिपी नदी बेसिन से जुड़ती हैं।
  • वैश्विक महत्त्व: अमेरिकी ग्रेट लेक्स पृथ्वी की सतह के स्वच्छ जल का 21% हिस्सा हैं।

Great_Lakes_North America


प्रारंभिक परीक्षा

10-वर्षीय बॉण्ड यील्ड में गिरावट

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भारत सरकार की बॉण्ड यील्ड में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जिसमें 10-वर्षीय बेंचमार्क यील्ड वर्ष 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई। 

  • इस बदलाव का श्रेय भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में संभावित ढील दिये जाने के बारे में बढ़ती आशावाद को दिया जा रहा है।

बॉण्ड प्रतिफल में गिरावट के लिये कौन से कारक ज़िम्मेदार हैं?

  • आर्थिक विकास मंदी : सितंबर 2024 तिमाही में भारत की GDP वृद्धि 5.4% तक धीमी हो गई, जो 7 तिमाहियों में सबसे कम वृद्धि है। 
    • आर्थिक मंदी ने चिंताएँ बढ़ा दी हैं, जिससे RBI द्वारा ब्याज दरों में कमी या तरलता उपायों के माध्यम से मौद्रिक ढील दिये जाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिससे बॉण्डों की मांग बढ़ गई है और परिणामस्वरूप प्रतिफल में गिरावट आई है।
  • RBI द्वारा उठाए गए कदम: खुले बाज़ार परिचालन (OMO) के माध्यम से तरलता प्रवाह की प्रत्याशा या RBI द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में लगभग 50 आधार अंकों की कटौती से बैंकिंग प्रणाली में  लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपए जारी हो सकते हैं।
    • इस कदम से संभवतः अल्पावधि बॉण्ड प्रतिफल में कमी आएगी तथा तरलता में वृद्धि होगी।
  • विदेशी निवेश: भारतीय बॉण्डों में विदेशी निवेश में वृद्धि, जिसमें अल्पावधि में 7,700 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद और विदेशी ऋणदाताओं द्वारा 20,200 करोड़ रुपए शामिल हैं, ने मांग को बढ़ावा दिया है, जिससे प्रतिफल में कमी आई है और अर्थव्यवस्था में निवेशकों के विश्वास का संकेत मिला है।

बॉण्ड और बॉण्ड यील्ड क्या है?

  • बॉण्ड: बॉण्ड पैसे उधार लेने का एक साधन है। यह एक IOU (I owe you अर्थात् मैं आपका ऋणी हूँ) की तरह है।
    • बॉण्ड किसी देश की सरकार या किसी कंपनी द्वारा धन जुटाने के लिये एक बॉण्ड जारी किया जा सकता है।
    • चूँकि सरकारी बॉण्ड (भारत में  G-सेक, अमेरिका में ट्रेज़री और यूके में गिल्ट्स के रूप में संदर्भित) संप्रभु गारंटी के साथ आते हैं, उन्हें सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक माना जाता है।
  • बाॅण्ड यील्ड:
    • बॉण्ड प्रतिफल एक निवेशक को बॉण्ड से मिलने वाले रिटर्न को दर्शाता है, जिसे प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। 
    • हालाँकि यह रिटर्न तय नहीं है और बॉण्ड के बाज़ार मूल्य में बदलाव के साथ बदलता रहता है। यह बॉण्ड की कीमतों से विपरीत रूप से संबंधित है यानी जब बॉण्ड की कीमतें बढ़ती हैं, तो प्रतिफल गिरता है। 
  • प्रत्येक बॉण्ड में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • अंकित मूल्य: बॉण्ड का नाममात्र मूल्य, जो आमतौर पर परिपक्वता पर चुकाया जाता है।
    • कूपन भुगतान: बॉण्डधारक को किया जाने वाला निश्चित वार्षिक भुगतान।
    • कूपन दर: बॉण्ड के अंकित मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त वार्षिक ब्याज दर।
  • उदाहरण के लिये 10-वर्षीय G-sec का अंकित मूल्य 100 रुपए है और इसका कूपन भुगतान 5 रुपए है तथा कूपन दर 5% है। इस बाॅण्ड के खरीदार सरकार को 100 रुपए (अंकित मूल्य) देंगे, बदले में, सरकार उन्हें अगले 10 वर्षों तक प्रतिवर्ष 5 रुपए (कूपन भुगतान) का भुगतान करेगी, तथा अंत में उनके 100 रुपए को वापस कर देगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में सम्मिलित है? (2020)

  1. परिवारों का बकाया गृह ऋण
  2. क्रेडिट कार्डों पर बकाया राशि
  3. राजकोष बिल

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 
(b) केवल 1 और 2 
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक भारत सरकार की प्रतिभूतियों का प्रबंधन और सेवाएँ प्रदान करता है, लेकिन किसी राज्य सरकार की प्रतिभूतियों का नहीं। 
  2. भारत सरकार कोष-पत्र (ट्रेज़री बिल) जारी करती है और राज्य सरकारें कोई कोष-पत्र जारी नहीं करतीं। 
  3. कोष-पत्र ऑफर अपने समतुल्य मूल्य से बट्टे पर जारी किये जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3 
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न 3. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, 'खुला बाज़ार प्रचालन' किसे निर्दिष्ट करता है? (2013) 

(a)  अनुसूचित बैंकों द्वारा RBI से ऋण लेना
(b) वाणिज्यिक बैंकों द्वारा उद्योग और व्यापार क्षेत्रों को ऋण देना
(c) RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय और विक्रय 
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c)


रैपिड फायर

शी-बॉक्स पोर्टल

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिये SHe-Box पोर्टल लॉन्च किया गया है। 

  • पोर्टल को शिकायतकर्त्ता के विवरण को छिपाने तथा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है तथा केवल आंतरिक समिति (Internal Committee- IC) या स्थानीय समिति (Local Committee- LC) के अध्यक्ष को ही इस जानकारी तक पहुँच होगी। 
  • पोर्टल पर शिकायत एक पीड़ित महिला या शिकायतकर्ता की ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज की जा सकती है। यदि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति स्वयं पीड़ित महिला है, तो उसे अपने मूल विवरण जैसे कि उसकी कार्य स्थिति, नाम, फोन नंबर और ईमेल दर्ज करके पोर्टल पर लॉग इन करना होगा।
    • यदि पीड़ित महिला का IC या LC पोर्टल पर पंजीकृत है, तो शिकायत स्वचालित रूप से जमा हो जाएगी और संबंधित IC/LC को भेज दी जाएगी। 
  • पोर्टल में विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर नोडल अधिकारियों के लिए एक निगरानी डैशबोर्ड शामिल है, जिससे निपटाए गए और लंबित मामलों की संख्या देखी जा सकती है।। 
    • अधिनियम के तहत जाँच के लिये 90 दिन का समय निर्धारित है।

और पढ़ें: यौन उत्पीड़न के मामलों को देखने के लिये सरकार द्वारा पैनल गठित


रैपिड फायर

कैलिफोर्निया में भूजल अवतलन

स्रोत: नेचर.कॉम

हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि कैलिफोर्निया की सैन जोकिन घाटी अत्यधिक भूजल दोहन के कारण रिकॉर्ड गति से डूब रही है तथा कुछ क्षेत्रों में वर्ष 2006 से प्रति वर्ष एक फुट से अधिक की गिरावट देखी जा रही है।

  • घाटी में भूमि के धंसने का इतिहास रहा है, जिसमें आक्रामक भूजल पम्पिंग के कारण वर्ष 1925 से 1970 तक महत्त्वपूर्ण भूमि धंसाव हुआ था।
  • शोधकर्त्ताओं ने भूमि की ऊँचाई में परिवर्तन को सटीक रूप से मापने के लिये इंटरफेरोमेट्रिक सिंथेटिक अपर्चर रडार (InSAR) का उपयोग किया।
    • यह प्रौद्योगिकी बड़े क्षेत्रों में भू-धंसाव की लगातार निगरानी करने की अनुमति देती है, जिससे समस्या के समाधान के लिये मूल्यवान डेटा उपलब्ध होता है।
  • भूमि अवतलन:
    • NOAA के अनुसार, भूमिगत सामग्री की हलचल के कारण भूमि का धंसना हो रहा है।
    • भूमिगत संसाधनों जैसे जल, पेट्रोलियम और खनिजों का अत्यधिक दोहन, छिद्र दबाव को कम करता है तथा प्रभावी तनाव को बढ़ाता है, जिसके कारण भूमि अवतलन होता है।
    • बाढ़-प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण रणनीतियाँ जलभृतों को पुनर्भरित करके अवतलन को कम कर सकती हैं।
  • भारत में भूमि धंसाव: जोशीमठ डूब रहा है।

San_Joaquin_Valley

और पढ़ें: चिनाब घाटी में भूमि अवतलन


रैपिड फायर

अमेरिका में छात्रों के प्रवेश के मामले में भारत शीर्ष पर

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

15 वर्षों में पहली बार अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या 29.4% हो गई है, जो अन्य सभी देशों से अधिक है।

  • अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रमुख स्रोत के रूप में भारत (जहाँ अब 277,398 छात्र) ने चीन को पीछे छोड़कर अपनी स्थिति फिर से हासिल कर ली है।
    • इस शैक्षणिक वर्ष (2023-24) में 331,602 भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23% अधिक है।
  • भारतीय छात्र लगातार दूसरे वर्ष स्नातक नामांकन (स्नातकोत्तर और PhD स्तर) में अग्रणी हैं, जिसमें 19% की वृद्धि हुई है तथा इसकी संख्या 196,567 तक पहुँच गई है।
    • स्नातक नामांकन में भी 13% की वृद्धि के साथ कुल 36,053, जबकि गैर-स्नातक छात्रों की संख्या 28% घटकर 1,426 हो गई है।
  • अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिये 1,126,690 तक पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% की वृद्धि दर्शाती है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये प्राथमिक वित्तपोषण स्रोतों में व्यक्तिगत और पारिवारिक निधि (54.5%), वर्तमान रोज़गार (21.8%), और अमेरिकी कॉलेज या विश्वविद्यालय वित्तपोषण (19.0%) शामिल हैं। 
  • भारत सरकार द्वारा की गई पहल:
    • शिक्षा सेवाएँ एवं उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण (ES-IHE)- चैंपियन सर्विस सेक्टर स्कीम (CSSS)।
    • शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग संवर्द्धन योजना (SPARC)
  • भारत में अध्ययन 
    • भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों के लिये UGC दिशा-निर्देश।

और पढ़ें: ‘अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्द्धन योजना’ (SPARC)


रैपिड फायर

ICMR की 'वर्ल्ड फर्स्ट चैलेंज' फॉर इनोवेशन पहल

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने “वर्ल्ड फर्स्ट चैलेंज” नामक पहल की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी ज्वलंत मुद्दों के लिये नवीन समाधानों को प्रोत्साहित करना है।

  • इस पहल का उद्देश्य नवीन, विशिष्ट विचारों को बढ़ावा देना तथा टीके, औषधियों और निदान समेत महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों की खोज और विकास को बढ़ावा देना है ।
  • प्रस्तावों में साहसिक, प्रभावशाली वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान संबंधी अवधारणाओं की आवश्यकता है, न कि 'संवृद्धिशील नवाचार' या 'प्रक्रियात्मक नवाचार'उच्च जोखिम, उच्च पारितोषिक संबंधी चुनौतियों का लक्ष्य संभावित विफलताओं के बावज़ूद क्रांतिकारी जैव चिकित्सा में सफलताएँ प्राप्त करना है।
    • यह प्रस्ताव किसी एक या एक से अधिक संस्थानों के व्यक्तियों या टीमों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसका मूल्यांकन विशेषज्ञों की एक चयन समिति द्वारा किया जाएगा।
  • हाल ही में ICMR ने अपने 'फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल फॉर नेटवर्क' के अंतर्गत समझौतों को औपचारिक रूप दिया है, जिसमें मल्टीपल मायलोमा और जीका वायरस जैसी विभिन्न बीमारियों के लिये उपचार विकसित करने के लिये सहयोग शामिल है।
    • इस पहल का उद्देश्य भारत को फार्मास्यूटिकल अभिकर्त्ताओं और नवीन स्वास्थ्य समाधानों के नैदानिक ​​विकास में अग्रणी बनाना है।
  • ICMR भारत में जैव-चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और संवर्द्धन के लिये सर्वोच्च निकाय है ।
  • यह स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoH&FW) के अधीन है।

और पढ़ें: संसद टीवी विशेष: कार टी-सेल थेरेपी


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