प्रिलिम्स फैक्ट्स (04 Jul, 2023)



राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर

हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, लोथल की समीक्षा की।

  • NMHC परिसर में विश्व का सबसे ऊँचा लाइटहाउस संग्रहालय, एशिया का सबसे बड़ा जलीय समुद्री संग्रहालय और भारत का सबसे भव्य नौसेना संग्रहालय होगा।

राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर:

  • परिचय:
    • गुजरात में लोथल के ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में NMHC का निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत किया जा रहा है।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राचीन से लेकर आधुनिक काल तक की भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना, शिक्षा और मनोरंजन के सहयोगात्मक दृष्टिकोण का उपयोग एवं नवीनतम तकनीक को शामिल करना है।
  • महत्त्व:
    • NMHC विश्व का सबसे बड़ा समुद्री संग्रहालय परिसर और एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनेगा।
    • यह आगंतुकों/पर्यटकों को भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास के बारे में शिक्षित करने और वैश्विक समुद्री क्षेत्र में भारत की छवि को नया आयाम प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
    • यह सागरमाला परियोजना का एक हिस्सा है और इसे सार्वजनिक तथा निजी संस्थानों, संगठनों एवं कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल की भागीदारी के साथ विकसित किया जा रहा है। भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने इस परियोजना का समर्थन करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की है।
  • NMHC की विशेषताएँ:
    • इसमें लोथल मिनी-रिक्रिएशन जैसी कई विशेषताएँ होंगी; जिसमें चार थीम पार्क हैं- मेमोरियल थीम पार्क, मैरीटाइम एंड नेवी थीम पार्क, क्लाइमेट थीम पार्क और एडवेंचर एंड एम्यूज़मेंट थीम पार्क।

लोथल:

  • परिचय:
    • यह सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) के सबसे दक्षिणी स्थलों में से एक था, जो अब गुजरात राज्य के भाल क्षेत्र में स्थित है। माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 2,200 ईसा पूर्व हुआ था।
    • यह 2,200 ईसा पूर्व के आसपास एक व्यापार केंद्र के रूप में विकसित हुआ, जिसके व्यापारिक संबंध पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक थे।
    • यह मोतियों, रत्नों और गहनों के व्यापार के लिये जाना जाता है।
    • गुजराती में लोथल (लोथ और थाल का एक संयोजन) का अर्थ है "मृतकों का टीला।
    • लोथल का उत्खनन स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र बंदरगाह शहर है।
  • UNESCO विश्व धरोहर स्थल के लिये नामांकन:

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन नगर अपने उन्नत जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिये सुप्रसिद्ध है, जहाँ बाँधों की शृंखला का निर्माण किया गया था और संबद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था? (2021)

(a) धौलावीरा
(b) कालीबंगा
(c) राखीगढ़ी
(d) रोपड़

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • धौलावीरा शहर कच्छ के रण में खादिर बेट द्वीप पर स्थित था, जहाँ स्वच्छ जल तथा उपजाऊ मिट्टी थी। कुछ अन्य हड़प्पाकालीन शहरों, जिन्हें दो भागों में विभाजित किया गया था, के विपरीत धौलावीरा को तीन भागों में विभाजित किया गया था, साथ ही प्रत्येक भाग विशाल पत्थर की दीवारों से घिरा हुआ था, जिसमें विशाल प्रवेश द्वार बनाए गए थे।
  • बस्ती में एक बड़ा खुला क्षेत्र भी था, जहाँ सार्वजनिक समारोह आयोजित किये जाते थे। अन्य खोजों में हड़प्पा लिपि के बड़े अक्षर शामिल हैं जो सफेद पत्थर से उकेरे गए थे, साथ ही ये शायद लकड़ी से जड़े हुए थे। यह एक अनोखी खोज थी क्योंकि सामान्य रूप से हड़प्पाकालीन लिपि मुहरों जैसी छोटी वस्तुओं पर प्राप्त की गई थी।
  • अब तक खोजे गए 1,000 से अधिक हड़प्पा स्थलों में से छठा सबसे बड़ा होने के साथ 1,500 वर्षों से अधिक समय तक अधिकार में रहने वाला धौलावीरा न केवल मानव जाति की इस प्रारंभिक सभ्यता के उत्थान और पतन के पूरे प्रक्षेप पथ का साक्षी है, बल्कि शहरी संदर्भ में इसकी बहुमुखी उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करता है। यह शहरी योजना, निर्माण तकनीक, जल प्रबंधन, सामाजिक शासन के साथ विकास, कला, विनिर्माण, व्यापार एवं विश्वास प्रणाली को प्रदर्शित करता है।
  • अत्यंत समृद्ध कलाकृतियों के साथ धौलावीरा की उचित रूप से संरक्षित शहरी बस्ती अपनी विशेषताओं के साथ क्षेत्रीय केंद्र का एक ज्वलंत चित्र दर्शाती है, जो समग्र रूप से हड़प्पा सभ्यता के वर्तमान ज्ञान में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देती है।
  • अतः विकल्प (A) सही उत्तर है।

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा/से लक्षण सिंधु सभ्यता के लोगों का सही चित्रण करता है/करते हैं? (2013)

  1. उनके विशाल महल और मंदिर होते थे।
  2. वे देवियों और देवताओं, दोनों की पूजा करते थे।
  3. वे युद्ध में घोड़ों द्वारा खींचे गए रथों का प्रयोग करते थे।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही कथन/कथनों को चुनिये:

(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2
(C) 1, 2 और 3
(D) उपर्युक्त कथनों में से कोई भी सही नहीं है

उत्तर: (B)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक हड़प्पा स्थल नहीं है? (2019)

(a) चन्हुदड़ो
(b) कोट दीजी
(c) सोहगौरा
(d) देसलपुर

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • कोट दीजी (अब पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में) सिंधु नदी के पूर्वी तट पर एक प्रारंभिक हड़प्पा स्थल था तथा इसकी खुदाई वर्ष 1955 और वर्ष 1957 के बीच की गई थी।
  • पाकिस्तान में चन्हुदड़ो और गुजरात में देसलपुर परिपक्व हड़प्पा स्थल हैं।
  • उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सोहगौरा जो ताम्रपत्र शिलालेख के लिये विख्यात है, को मौर्य काल का माना जाता है। यह हड़प्पाकालीन स्थल नहीं है।
  • अतः विकल्प (C) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.


ऊर्जा संक्रमण सूचकांक 2023: WEF

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपने ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (ETI) में भारत को वैश्विक स्तर पर 67वें स्थान पर रखा है।

  • सूचकांक के अनुसार, भारत एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसमें सभी आयामों में ऊर्जा परिवर्तन की गति तेज़ देखी गई है और सिंगापुर एकमात्र अन्य प्रमुख देश है जो संतुलित तरीके से स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और इक्विटी को बढ़ाकर "उचित गति" प्रदर्शित कर रहा है।

नोट: ETI 120 अर्थव्यवस्थाओं के लिये आर्थिक विकास एवं वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, अभिगम संकेतकों और सुरक्षित, स्थायी, किफायती तथा समावेशी ऊर्जा प्रणालियों में संक्रमण की उनकी तत्परता के आधार पर ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन पर मानदंड सुनिश्चित करता है।

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ:

  • रैंकिंग:
    • इस सूची में स्वीडन शीर्ष पर है और उसके बाद 120 देशों की सूची में शीर्ष पाँच में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड और स्विट्ज़रलैंड हैं।
    • शीर्ष 10 देशों में फ्राँस (7वें) एकमात्र G20 देश था, उसके बाद जर्मनी (11वें), अमेरिका (12वें) और यूनाइटेड किंगडम (13) का स्थान है।
  • वैश्विक दृष्टिकोण:
    • वर्ष 2014 के बाद से वैश्विक औसत ETI स्कोर में 10% की वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में न्यूनतम वृद्धि देखी गई है।
    • पिछले दशक में केवल 41 देशों ने लगातार प्रगति प्रदर्शित की है।

भारत की ऊर्जा संक्रमण प्रगति और चिंताएँ:

  • योगदानकर्ता: सार्वभौमिक विद्युत पहुँच, खाना पकाने के आदर्श विकल्प और नवीकरणीय ऊर्जा परिनियोजन ने भारत के प्रदर्शन में सुधार किया है।
    • प्राकृतिक गैस पर कम निर्भरता तथा मौजूदा क्षमताओं के प्रभावी उपयोग से भारत को हाल के ऊर्जा संकट का सामना करने में सहायता प्राप्त हुई।
  • चिंताएँ: वैश्विक ऊर्जा बाज़ार की अस्थिरता मुख्य रूप से कार्बन-सघन ऊर्जा मिश्रण के बीच आयात पर बढ़ती निर्भरता की चुनौतियों में आर्थिक विकास को संतुलित करना तथा बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी के लिये गुणवत्तापूर्ण नौकरियाँ सृजित करना शामिल है।
  • अनुशंसाएँ: दीर्घकालिक ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये निरंतर गति, प्रभावी नीति प्रबंधन के साथ-साथ साझेदारी महत्त्वपूर्ण है। इसमें समावेशिता सुनिश्चित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा निवेश, नवाचार तथा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना भी शामिल है।
    • भारत के सफल ऊर्जा संक्रमण के लिये एक कुशल कार्यबल का निर्माण, सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ कार्बन न्यून प्रौद्योगिकी अनुसंधान तथा विकास में निवेश करना आवश्यक है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम

  • परिचय:
    • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।
    • यह सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में स्विस सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
  • मिशन:
    • WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापारिक, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र और समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
  • संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष: क्लॉस श्वाब (Klaus Schwab)।
  • WEF द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन, विश्व के देशों के लिये सार्वभौम लैंगिक अंतराल सूचकांक का श्रेणीकरण प्रदान करता है? (2017)

(a) विश्व आर्थिक मंच
(b) UN मानव अधिकार परिषद
(c) UN वूमन
(d) विश्व स्वास्थ्य संगठन

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) के संस्थापक हैं? (2009)

(a) क्लॉस श्वाब
(b) जॉन केनेथ गैलब्रेथ
(c) होबार्ट ज़ोएलिक
(d) पॉल क्रूगमैन

उत्तर: (a)


प्रश्न. वैश्विक प्रतियोगित्व रिपोर्ट (ग्लोबल कम्पिटिटिवनेस रिपोर्ट) कौन प्रकाशित करता है? (2019)

(a) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(b) संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट)
(c) विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम)
(d) विश्व बैंक

उत्तर: (c)

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जुलाई, 2023

राजनीतिक दलों के लिये ऑनलाइन वित्तीय रिपोर्टिंग प्लेटफाॅर्म 

राजनीतिक दलों हेतु अपनी वित्तीय रिपोर्टिंग को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज करने के लिये भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक ऑनलाइन वेब पोर्टल की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार योगदान संबंधी रिपोर्ट, लेखा परीक्षित वार्षिक खाते और चुनाव व्यय विवरण जमा करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करना है। वित्तीय प्रकटीकरण में अनुपालन एवं पारदर्शिता के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए ECI ने राजनीतिक दलों के लिये लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। ऑनलाइन दाखिल न करने का विकल्प चुनने वालों को लिखित विवरण प्रदान करना होगा और इन दोनों प्रकार के रिपोर्ट और स्पष्टीकरण का प्रकाशन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने प्लेटफाॅर्म पर किया जाएगा। ECI एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के प्रशासन के लिये उत्तरादायी है। इसकी स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार की गई थी (इसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है)। इस आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में है। यूनाइटेड किंगडम ने अप्रैल 2019 में दिशा-निर्देश जारी किये, जिन्हें बाद में डेटा संरक्षण अधिनियम, 2018 के तहत लागू किया गया, ताकि कंपनियाँ कम उम्र के उपयोगकर्त्ताओं को लुभाने के लिये चालाकीपूर्ण रणनीति का उपयोग न कर सकें।

महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना: eSARAS एप 

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने eSARAS मोबाइल एप लॉन्च करके स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाओं को समर्थन देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस एप का उद्देश्य SHG द्वारा बनाए गए उत्पादों के विपणन पहल को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय और टाटा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से गठित गैर-लाभकारी कंपनी फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेन्स (FDRVC) द्वारा प्रबंधित eSARAS पोर्टल एवं एप के माध्यम से खरीदे गए उत्पादों के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और शिपिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। यह प्रामाणिक हस्तशिल्प तथा हथकरघा को बढ़ावा देने के लिये एक उपयोगकर्ता-अनुकूल मंच प्रदान करता है, साथ ही ग्राहकों तक सीधे ऑनलाइन ऑर्डर पहुँचाने के लिये योग्य रसद भी सुनिश्चित करता है।
और पढ़ें…स्वयं सहायता समूह

लुसाने डायमंड लीग 2023 में नीरज चोपड़ा प्रथम स्थान पर रहे  

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने लुसाने डायमंड लीग 2023 में भाला फेंक स्पर्द्धा में 87.66 मीटर का उल्लेखनीय थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। लुसाने मीट नीरज चोपड़ा की इस वर्ष की दूसरी प्रतियोगिता थी और दोहा डायमंड लीग के बाद पहली प्रतियोगिता थी। लुसाने डायमंड लीग 2023 डायमंड लीग एथलेटिक्स शृंखला की छठी स्पर्द्धा थी, जो स्विट्ज़रलैंड के एथलेटिसिमा स्टेडियम में आयोजित हुई।
और पढ़ें…ओलंपिक

भारतीय रिफाइनरों का रूसी तेल भुगतान के लिये चीनी युआन की ओर रुख  

भारतीय रिफाइनर ने रूस से तेल आयात के लिये वैकल्पिक भुगतान पद्धति के रूप में चीनी युआन का रुख किया है। भारत में रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऐसा करने वाला पहला रिफाइनर बन गया। रूस-यूक्रेन विवाद के बाद रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूस और उसके ग्राहकों को भुगतान करने हेतु अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाशने के लिये प्रेरित किया है। रूस के शीर्ष कच्चे तेल आपूर्तिकर्त्ता के रूप में चीन पहले ही रूस से अपने अधिकांश ऊर्जा आयात हेतु भुगतान को युआन में स्थानांतरित कर चुका है। भारत ने भुगतान विकल्पों में विविधता लाने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठाए है जो अब समुद्री रास्ते से रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। हालाँकि भारतीय रिफाइनरों द्वारा युआन में खरीदे गए रूसी तेल की सटीक सीमा स्पष्ट नहीं है। यह स्थिति उभरती भू-राजनीतिक गतिशीलता के बीच भुगतान के तरीकों में एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है। 
और पढ़ें… रूस-यूक्रेन विवाद

डेटा कार्बन लैडर 

वैज्ञानिकों ने डेटा कार्बन लैडर नामक एक उपकरण विकसित किया है, जो व्यवसायों को उनके डिजिटल डेटा से जुड़े कार्बन उत्सर्जन की गणना करने में सक्षम बनाता है। र्ष 2025 तक वैश्विक डेटा मात्रा 180 ज़ेटाबाइट्स से अधिक होने के साथ प्रति दो वर्ष में दोगुना होने का अनुमान है, डिजिटल डेटा के कार्बन डाइऑक्साइड आउटपुट को समझना अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह उपकरण सामान्य रूप से उपेक्षित कारक, डेटा के कार्बन फुटप्रिंट पर विचार करके वैश्विक डी-कार्बोनाइज़ेशन नीतियों में एक महत्त्वपूर्ण निरीक्षण को संबोधित करता है। डेटा सेंटर जो सभी मानव-प्रेरित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के 2.5% से 3.7% के लिये ज़िम्मेदार हैं, विमानन उद्योग के उत्सर्जन (2.1%) से अधिक है। इस उपकरण का उपयोग करके व्यवसाय और संगठन अपनी डेटा परियोजनाओं की स्थिरता में सुधार कर सकते हैं, उनके र्यावरणीय प्रभाव को कम कर सकते हैं तथा साथ ही अधिक कुशल एवं पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्राप्त किया जा सकता है। 
और पढ़ें… कार्बन उत्सर्जन, डी-कार्बोनाइज़ेशन