कल्लकाडल
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में कल्लकाडल (Kallakkadal) नाम की ऊँची समुद्री लहरों के कारण केरल के कई तटीय इलाकों के सैकड़ों घरों में पानी भर गया है।
- लक्षद्वीप और तमिलनाडु तट अन्य क्षेत्र हैं जो अक्सर कल्लकाडल से प्रभावित होते हैं।
कल्लकाडल क्या है?
- परिचय:
- कल्लकाडल का तात्पर्य प्री-मॉनसून सीज़न (अप्रैल-मई) के दौरान और कभी-कभी भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर मॉनसून के बाद की लहरों के कारण होने वाली तटीय बाढ़ से है।
- स्थानीय मछुआरों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द कल्लकाडल दो मलयालम शब्दों से मिलकर बना है, जिनमें कल्लन और काडल शामिल हैं। कल्लन का अर्थ है ‘चोर’ और काडल का अर्थ है ‘समुद्र’, अर्थात् इसका अर्थ ‘समुद्र का चोर’ है।
- कारण:
- यह समुद्र की तेज़ लहरों से बनी होती है, जो तूफान या लंबे समय तक चलने वाली तीव्र तूफानी हवाओं (आमतौर पर हिंद महासागर के दक्षिणी भाग में) से उत्पन्न होती हैं।
- ये तूफान, पवन ऊर्जा को जल में स्थानांतरित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक ऊँची लहरें बनती हैं।
- ये लहरें तूफान केंद्र से तटरेखा तक पहुँचने तक काफी दूरी तय कर सकती हैं।
- कल्लकाडल की घटना पूर्ववर्ती या किसी भी प्रकार की स्थानीय पवन गतिविधि के बिना होती है और परिणामस्वरूप, तटीय आबादी के लिये अग्रिम चेतावनी प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो गया है।
- हालाँकि, वर्ष 2020 में भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) द्वारा शुरू की गई स्वेल सर्ज फोरकास्ट सिस्टम जैसी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ सात दिन पहले ही पूर्व चेतावनी दे देती हैं।
कल्लकाडल सुनामी से भिन्न क्यों है?
- वर्ष 2004 की सुनामी के बाद कल्लकाडल सुर्खियों में आया और प्रायः इसे सुनामी समझ लिया जाता है। हालाँकि, सुनामी सागरीय जल की गहराई में अशांति से उत्पन्न होने वाली विशालकाय लहरों की एक शृंखला है, जो आमतौर पर समुद्रतल में या उसके समीप होने वाले भूकंपों से संबद्ध होती है।
- महासागरीय लहरों (जैसे कल्लकाडल) की तरंगदैर्ध्य केवल 30 अथवा 40 मीटर होती है जबकि सुनामी की तरंगदैर्घ्य अत्यधिक लंबी होती है जो सैकड़ों किलोमीटर लंबी भी हो सकती है।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS)
- INCOIS पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences- MoES) के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक स्वायत्त संगठन है।
- यह हैदराबाद में स्थित है और इसे वर्ष 1999 में स्थापित किया गया था।
- यह पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (ESSO), नई दिल्ली की एक इकाई है।
- इसका कार्य व्यवस्थित और केंद्रित अनुसंधान का प्रयोग करते हुए निरंतर समुद्री अवलोकन तथा निरंतर सुधार के माध्यम से समाज, उद्योग, सरकारी अभिकरणों एवं वैज्ञानिक समुदाय को सर्वोत्तम संभव समुद्री जानकारी व सलाहकार सेवाएँ प्रदान करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. भारत में एक ऐसा स्थान है, जहाँ यदि आप समुद्र किनारे खड़े होकर समुद्र का अवलोकन करें, तो आप पाएंगे कि दिन में दो बार समुद्री जल तटीय रेखा से कुछ किलोमीटर पीछे की ओर चला जाता है और फिर तट पर वापस आता है तथा जब जल पीछे हटा होता है, तब आप वास्तव में समुद्र तल पर चल सकते हैं। यह अनूठी घटना कहाँ देखी जाती है? (a) भावनगर में उत्तर: C |
इस्लामिक स्टेट-खुरासान
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में एक आतंकवादी हमले से 137 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई जिससे इस्लामिक स्टेट (IS) के पुनः प्रभुत्वशाली होने और आतंकवाद संबंधी इसकी बढ़ती क्षमताओं के संबंध में चिंताएँ फिर से बढ़ गई हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार यह हमला संभवतः इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान-पाकिस्तान शाखा IS खुरासान (IS-K) द्वारा किया गया था।
इस्लामिक स्टेट-खुरासान (IS-K) क्या है?
- IS-K:
- IS-K, इस्लामिक स्टेट (IS) की अफगानिस्तान स्थित शाखा है जो ईरान के करमान में हुए दो बम धमाकों सहित हाल के हमलों के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2015 में अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में की गई। IS-K में मध्य एशिया के आतंकवादी शामिल हैं और अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद यह प्रभुत्वशाली हुआ।
- IS-K अफगानिस्तान के शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है और मध्य एशिया तथा अफगानिस्तान के ताज़िक एवं उज़्बेक अल्पसंख्यकों के कट्टरपंथी युवाओं को अपने संगठन में शामिल करता है।
- IS-K मध्य एशियाई, अफगानों तथा पाकिस्तानियों के बीच भर्ती के लिये रूसी विरोधी एवं ईरानी विरोधी प्रचार का उपयोग करता है।
- अफगानिस्तान तथा पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में भू-राजनीतिक अस्थिरता IS-K को फिर से संगठित होने एवं हमले शुरू करने हेतु उर्वर ज़मीन प्रदान करती है।
- रूस के लिये सुरक्षा चुनौतियाँ:
- हज़ारों मध्य एशियाई प्रवासी मज़दूरों की मेज़बानी करने वाले रूस को IS-K की गतिविधियों के कारण गंभीर सुरक्षा चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
- रूस पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने तथा IS-K के पुनरुत्थान को बढ़ावा देने वाले मूल कारणों का समाधान करने का दबाव भी है।
इस्लामिक स्टेट:
- इस्लामिक स्टेट (IS) जिसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) तथा इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट (ISIL) के नाम से भी जाना जाता है, एक सलाफी-जिहादी आतंकवादी संगठन है।
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय सुन्नी विद्रोही समूह है जो मुख्य रूप से पश्चिमी इराक एवं पूर्वी सीरिया में सक्रिय है जो इराक तथा सीरिया में इस्लामी विद्रोह के साथ इसे एक वैश्विक सलाफी-जिहादी आंदोलन बनाना चाहता है।
- IS ने भारत में एक "प्रांत" की स्थापना का दावा किया जिसे "विलायाह ऑफ हिंद" कहा जाता है।
- विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत भारत में ISIS को एक गैरकानूनी संगठन की मान्यता दी गई है। केंद्र सरकार ने ISIS को इस अधिनियम की पहली अनुसूची में शामिल किया है।
पाकिस्तान में प्रमुख भारत-केंद्रित आतंकवादी संगठन
नाम |
गठन |
FTO डिज़ाइन-एशन |
परिचय |
गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के अनुसार भारत में स्थिति |
लश्कर-ए-तैयबा (LET) |
1980 के दशक के अंत में |
वर्ष 2001 |
मुंबई में वर्ष 2008 के प्रमुख हमलों और साथ ही कई अन्य हाई-प्रोफाइल हमलों के लिये ज़िम्मेदार। |
प्रतिबंधित |
जैश-ए-मोहम्मद(JEM) |
वर्ष 2000 |
वर्ष 2001 |
LET के साथ मिलकर यह वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के लिये ज़िम्मेदार था। |
प्रतिबंधित |
हरकत-उल जिहाद इस्लामी (HUJI) |
वर्ष 1980 |
वर्ष 2010 |
प्रारंभ में इसका गठन सोवियत सेना से लड़ने के लिये किया गया था, बाद में इसने भारत की ओर अपने प्रयासों को पुनर्निर्देशित किया। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा भारत में सक्रिय है और कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की मांग कर रहा है। |
प्रतिबंधित |
हरकत-उल-मुजाहिदीन (HUM) |
वर्ष 1985 |
वर्ष 1997 |
मुख्य रूप से पाक-अधिकृत कश्मीर और कुछ पाकिस्तानी शहरों से संचालित होता है। |
प्रतिबंधित |
हिज्बुल मुजाहिदीन |
वर्ष 1989 |
वर्ष 2017 |
पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक पार्टी की आतंकवादी शाखा तथा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े और सबसे पुराने आतंकवादी समूहों में से एक है। |
प्रतिबंधित |
अल कायदा |
वर्ष 1988 |
वर्ष 1999 |
यह मुख्य रूप से कराची एवं अफगानिस्तान में पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों से संचालित होता है। |
प्रतिबंधित |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षप्रिलिम्सप्रश्न. भारत-चीन संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास 'हैंड-इन-हैंड 2019' का 8वाँ संस्करण किस राष्ट्र में आयोजित किया गया था? (2008) (a) चीन उत्तर: (a) |
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट, 2024
स्रोत: इंडियन एक्सपेस
हाल ही में हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट, 2024 जारी की गई। यह रैंकिंग का 13वाँ वर्ष है।
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट, 2024 से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- सूची के अनुसार 92 अरबपतियों के साथ मुंबई विश्व में अरबपतियों की बढ़ती संख्या के संबंध में शीर्ष राजधानी बन गई है, जिसमें विगत वर्ष से 26 नए अरबपति शामिल हुए हैं और वर्तमान में विश्व में इसका स्थान तीसरा है।
- एशिया की अरबपतियों की राजधानी के मामले में मुंबई अब बीजिंग से आगे निकल गया है।
- भारत में वर्ष 2023 के दौरान 94 नए अरबपति शामिल हुए, जो अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जिससे कम-से-कम 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कुल संपत्ति वाले अरबपतियों की संख्या 271 हो गई है।
- रिपोर्ट हाल के दिनों में भारत की बढ़ती आर्थिक प्रमुखता का संकेत देती है।
- सामूहिक रूप से, इन भारतीय अरबपतियों के पास 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, जो कुल वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7% है, जो भारत के महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव को उजागर करता है।
- भारत के अरबपतियों के बीच प्रमुख उद्योगों में 39 व्यक्तियों के साथ फार्मास्यूटिकल्स, 27 के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स तथा 24 व्यक्तियों के साथ केमिकल्स शामिल हैं।
वर्ल्ड इनिक्वेलिटी लैब रिपोर्ट 2022-23
- पेरिस स्थित शोध संगठन, वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब द्वारा हाल ही में जारी एक वर्किंग पेपर में अनुमान लगाया गया है कि 2000 के दशक की शुरुआत से भारत में आर्थिक असमानता काफी बढ़ गई है।
- "भारत में आय और धन असमानता, वर्ष 1922 से वर्ष 2023: अरबपतियों के उदय" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में मौजूदा असमानता ब्रिटिश राज काल से भी अधिक है।
- भारत के शीर्ष 1% की आय के साथ ही संपत्ति का हिस्सा क्रमशः 22.6% तथा 40.1% है, जो वर्ष 2022-23 में अपने उच्चतम ऐतिहासिक स्तर पर है।
- भारत के सबसे अमीर 1% लोगों की आय दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील तथा अमेरिका के लोगों से अधिक है। भारत के सबसे अमीर 1% की औसत संपत्ति 5.4 करोड़ रुपए है, जो देश के औसत आय स्तर से 40 गुना अधिक है।
और पढ़ें: समावेशी विकास
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में उल्लिखित समावेशी विकास में निम्नलिखित में से कौन-सा एक शामिल नहीं है: (2010) (a) गरीबी में कमी लाना उत्तर: C मेन्स:प्रश्न. कोविड-19 महामारी से भारत में वर्ग असमानताओं और गरीबी को बढ़ावा मिला है। टिप्पणी कीजिये। (2020) |
बीमा सुगम
स्रोत: इकॉनमी टाइम्स
हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा पॉलिसी खरीदने, बेचने तथा सर्विसिंग के साथ-साथ दावों के निपटान हेतु एक ऑनलाइन बीमा बाज़ार (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तरह) बीमा सुगम की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है।
- यह उन सभी कंपनियों को शामिल करेगा जो एक छत के नीचे, जीवन एवं गैर-जीवन बीमा उत्पाद प्रस्तुत करती हैं।
- बीमा सुगम एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करेगा, जो सरकारी डेटाबेस, बीमाकर्त्ताओं, मध्यस्थों तथा बीमा रिपॉजिटरी के साथ एकीकृत होगा।
- यह ग्राहक विवरण प्राप्त करेगा, उत्पाद की जानकारी प्रदान करेगा और साथ ही बीमा पॉलिसियों की खरीद एवं सर्विसिंग की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- एकल इंटरफेस के रूप में कार्य करते हुए, यह ग्राहकों, मध्यस्थों एवं एजेंटों को एकीकृत करेगा, जिससे उन्हें विभिन्न बीमाकर्त्ताओं (जीवन, स्वास्थ्य, गैर-जीवन) से जुड़ने के साथ-साथ लेन-देन करने में भी सक्षम बनाया जा सकेगा।
- ग्राहकों के लिये लाभ:
- बीमा पॉलिसियाँ इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में उपलब्ध हैं, जिससे भौतिक दस्तावेज़ों पर निर्भरता कम हो जाती है।
- बीमा सुगम का लक्ष्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ प्रशासनिक लागत को कम करके जीवन बीमा को अधिक किफायती बनाना है।
और पढ़ें …बीमा सुगम
भारत का पहला वाणिज्यिक कच्चे तेल का भंडारण
स्रोत: द हिंदू
भारत कच्चे तेल का अपना पहला वाणिज्यिक रणनीतिक भंडारण बनाने की योजना बना रहा है। इसका लक्ष्य आपात स्थिति में आपूर्ति बाधा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटना है।
- इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व्स लिमिटेड (ISPRL) ने कर्नाटक के पादुर में 2.5 मिलियन टन भूमिगत भंडारण के निर्माण के लिये बोलियाँ आमंत्रित की।
- सामरिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) कार्यक्रम:
चरण |
स्थान |
स्थिति |
चरण I |
विशाखापत्तनम |
पूरित (सामरिक प्रकृति का) |
चरण I |
मंगलुरु |
पूरित (सामरिक प्रकृति का) |
चरण I |
पादुर |
पूरित (सामरिक प्रकृति का) |
चरण II |
चंडीखोल |
अनुमोदित (PPP आधारित) |
चरण II |
पादुर |
अनुमोदित (PPP आधारित) |
- भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर कच्चे तेल के भंडार भूमिगत चट्टानी गुफाओं में निर्मित किये गए हैं जिन्हें हाइड्रोकार्बन भंडारण के लिये सबसे सुरक्षित साधन के रूप में जाना जाता है।
- इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व्स लिमिटेड (ISPRL):
- ISPRL, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन तेल उद्योग विकास बोर्ड (OIDB) की सहायक कंपनी है जो रणनीतिक कच्चे तेल भंडारण सुविधाओं का प्रबंधन करती है। जिसमें इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL) परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में भंडारण संचालन की देखरेख करती है और सरकारी अधिकार प्राप्त समिति के माध्यम से आपूर्ति में उत्पन्न होने वाले व्यवधान की दशा में स्टॉक जारी करने का समन्वय करती है।
और पढ़ें…भारत का सामरिक पेट्रोलियम भंडार
टोर्नेडो/बवंडर
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले के मैनागुड़ी में एक घातक टोर्नेडो/बवंडर की घटना हुई, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जो भारत में बवंडर की बढ़ती आवृत्ति को उजागर करता है।
टोर्नेडो:
- बवंडर वायु का एक घूर्णी/घूर्णन करता हुआ स्तंभ है जो तूफान/थंडरस्टॉर्म के कारण बनता है और ज़मीन पर घटित होता है, जबकि समुद्रतल पर इसे जलजलव्रज/जलस्तंभ के रूप में जाना जाता है।
- गर्त जैसी कम दाब प्रणाली (Low-Pressure System) की उपस्थिति में शुष्क, ठंडी हवा के साथ गर्म, नम हवा का कोई भी संघट्टन थंडरस्टॉर्म और टोर्नेडो का कारण बनता है।
- टोर्नेडो में वायु की गति 105 से 322 किमी/घंटा तक हो सकती है, सिस्टम संभावित रूप से स्थिर हो सकता है या लगभग 97 किमी/घंटा की गति से चल सकता है।
- टोर्नेडो आमतौर पर मध्य अक्षांशीय क्षेत्रों में आते हैं।
- ये संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना और बांग्लादेश में सबसे आम हैं।
- चरम तूफान की घटना जो भारत में कभी कभी होती है, ज़्यादातर मानसून पूर्व अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के पूर्वी राज्यों में आते हैं तथा उनके कुछ प्रमाण उत्तर-पश्चिम भारत में भी लक्षित होते हैं।
- भारत में, टोर्नेडो की कोई आधिकारिक निगरानी नहीं है, हालाँकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के टोर्नेडो को रिकॉर्ड किया है।
और पढ़ें: चक्रवात
नेगेटिव लीप सेकंड
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में ग्लेशियर तथा हिम परत तेज़ी से पिघल रही हैं, जिससे पूरे ग्रह पर दबाव का पुनर्वितरण हो रहा है एवं पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना थोड़ा धीमा हो गया है।
- पृथ्वी कुछ दशकों से सामान्य से थोड़ी तेज़ी से घूम रही है।
- टाइमकीपरों ने पृथ्वी की घूर्णन गति में इस वृद्धि को समायोजित करने के लिये विश्व भर की घड़ियों में एक अतिरिक्त "लीप सेकंड" जोड़ा है उन्होंने 1970 के दशक से ऐसा 27 बार किया है।
- इस लीप सेकेंड को वर्ष 2026 में पहली बार हटाने की योजना थी, इस परिवर्तन को उन्होंने “नेगेटिव लीप सेकेंड” कहा।
- हाल के अध्ययन के अनुसार, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड से बर्फ के पिघलने में तेज़ी ने एक ब्रेक की तरह काम किया है, जिससे घूर्णन धीमा हो गया है तथा संभावित रूप से वर्ष 2029 या उसके बाद तक "नेगेटिव लीप सेकंड" समायोजन की आवश्यकता में देरी हो रही है।