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बीमा सुगम

  • 25 Sep 2023
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अपने महत्त्वाकांक्षी 'बीमा सुगम' ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिये शीर्ष निर्णायक संस्था के रूप में कार्य करने के लिये एक संचालन समिति का गठन किया है।

  • IRDAI का मानना है कि बीमा सुगम एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस प्रोटोकॉल है जो भारत में बीमा का सार्वभौमिकीकरण करेगा। इस प्रोटोकॉल को इंडिया स्टैक से जोड़ा जाएगा।

बीमा सुगम:

  • परिचय:
    • यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ ग्राहक विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न विकल्पों में से एक उपयुक्त योजना चुन सकते हैं।
    • बीमा सुगम जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा (मोटर व यात्रा सहित) सहित सभी बीमा ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता करेगा।
  • विशेषताएँ:
    • यह बीमा बाज़ार को सरल एवं डिजिटलीकृत करेगा जिसमें पॉलिसी (बीमा) खरीदने से लेकर उसका नवीनीकरण, दावा निपटान और एजेंट तथा पॉलिसी पोर्टेबिलिटी आदि शामिल हैं।
    • यह उपभोक्ताओं की बीमा संबंधी सभी समस्याओं का हल करेगा।
  • भूमिका:
    • प्रस्तावित प्लेटफॉर्म पॉलिसीधारकों के लिये अपने बीमा कवरेज के प्रबंधन हेतु एकल खिड़की के रूप में कार्य करेगा।
    • यह ग्राहकों की बीमा खरीद, सेवा और निपटान संबंधी संपूर्ण समाधान प्रदान करेगा।
  • उपयोगिता:
    • इससे बीमा कंपनियों के लिये विभिन्न टच पॉइंट्स से सत्यापित और प्रामाणिक डेटा तक वास्तविक समय में पहुँच प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
    • प्लेटफॉर्म बिचौलियों और एजेंटों के लिये नीतियाँ बेचने एवं पॉलिसीधारकों को सेवाएँ प्रदान करने तथा कागज़ी कार्रवाई को कम करने के लिये इंटरफेस करेगा।
  • हितधारक:
    • बीमा सुगम प्लेटफॉर्म में जीवन बीमा एवं सामान्य बीमा कंपनियों की 47.5% हिस्सेदारी होगी, जबकि ब्रोकर और एजेंट निकायों की 2.5% हिस्सेदारी होगी।

IRDAI:

  • IRDAI, वर्ष 1999 में स्थापित, बीमा ग्राहकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से बनाई गई एक नियामक संस्था है।
    • यह IRDA अधिनियम 1999 के तहत एक वैधानिक निकाय है और वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।
  • यह बीमा-संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हुए बीमा उद्योग के विकास को नियंत्रित करता है।
  • प्राधिकरण की शक्तियाँ एवं कार्य IRDAI अधिनियम, 1999 और बीमा अधिनियम, 1938 में निर्धारित हैं।

इंडिया स्टैक: 

  • परिचय:
    • इंडिया स्टैक API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का एक सेट है जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप और डेवलपर्स को उपस्थिति-रहित, कागज़ रहित एवं कैशलेस सेवा वितरण की दिशा में भारत की कठिन समस्याओं को हल करने के लिये एक अद्वितीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देता है।
    • इसका उद्देश्य जनसंख्या पैमाने पर पहचान, डेटा और भुगतान की आर्थिक प्राथमिकताओं को अनलॉक करना है।
  • विशेषताएँ: 
    • इंडिया स्टैक के माध्यम से डिजिटल लेनदेन में प्रायः पारंपरिक तरीकों की तुलना में लेनदेन लागत कम होती है। इससे विभिन्न लेनदेन करने की लागत कम होकर व्यवसायों, उपभोक्ताओं और सरकार को लाभ होता है।
    • धन के अंतर को कम करना तथा एक कुशल और लचीली डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जो आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति दे।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी करने के पश्चात्, इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • आधार प्लेटफॉर्म सेवा प्रदाताओं को निवासियों की पहचान को सुरक्षित और त्वरित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रमाणित करने में मदद करता है, जिससे सेवा वितरण अधिक लागत प्रभावी एवं कुशल हो जाता है। भारत सरकार और UIDAI के अनुसार आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। 
  • हालाँकि UIDAI ने आकस्मिकताओं का एक सेट भी प्रकाशित किया है जो उसके द्वारा जारी आधार अस्वीकृति के लिये उत्तरदायी है। मिश्रित या विषम बायोमेट्रिक जानकारी वाला आधार निष्क्रिय किया जा सकता है। आधार का लगातार तीन वर्षों तक उपयोग न करने पर भी उसे निष्क्रिय किया जा सकता है।
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