ऑस्कर पुरस्कार 2025
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
97वें ऑस्कर पुरस्कार का आयोजन लॉस एंजिल्स में किया गया। सीन बेकर की फिल्म 'अनोरा' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा एवं सर्वश्रेष्ठ फिल्म संपादन के रूप में सबसे अधिक 5 ऑस्कर पुरस्कार मिले।
ऑस्कर पुरस्कार:
- वर्ष 1929 में स्थापित ये पुरस्कार वैश्विक फिल्म उद्योग में उत्कृष्टता को मान्यता देने के क्रम में प्रतिष्ठित वार्षिक सम्मान हैं।
- इन्हें एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (AMPAS) द्वारा दिया जाता है, जो 9,000 से अधिक सदस्यों वाला एक पेशेवर संगठन है।
- इस समारोह का आयोजन पारंपरिक रूप से फरवरी के अंत या मार्च के प्रारंभ में होता है।
गिलोय
स्रोत: पी.आई.बी.
गत एक दशक में गिलोय (Tinospora cordifolia) से संबंधित शोध प्रकाशनों में 376.5% की वृद्धि हुई है (वर्ष 2014 में 243 से वर्ष 2024 में 913), जो इस पौधे की चिकित्सीय क्षमता में बढ़ती वैश्विक रुचि को उजागर करता है।
- परिचय: यह मेनिस्पर्मेसी कुल से संबंधित एक आरोही क्षुप (Shrub) है।
- यह मूलतः भारत में पाया जाता है, लेकिन चीन, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
- इसकी सर्वोत्तम वृद्धि कोष्ण जलवायु और मध्यम काली या लाल मृदा में होती है।
- इसका प्रयोग पारंपरिक रूप से बुखार, मधुमेह, संक्रमण, गठिया, पीलिया, अस्थमा, अतिसार और त्वचा रोगों के उपचार के लिये किया जाता है।
- कोविड-19 महामारी से प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली प्राकृतिक औषधियों में वैज्ञानिकों की रुचि बढ़ी, जिससे अधिक शोध किया गया।
- नैदानिक अध्ययनों के अनुसार गिलोय निम्नलिखित मामलों में प्रभावी है:
- कैंसर चिकित्सा (जैसे, HPV-पॉज़िटिव गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर उपचार)।
- स्वप्रतिरक्षी रोग प्रबंधन (जैसे, इडियोपैथिक ग्रैनुलोमैटस मैस्टाइटिस)।
- चिरकालिक रोगों में सूजनरोधी अनुप्रयोग।
- गिलोय (गुडुची या अमृता) का उपयोग आयुष प्रणालियों में सदियों से इसके प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले और अनुकूली गुणों के कारण किया जाता रहा है।
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मोरारजी देसाई की 129 वीं जयंती
स्रोत: पी.आई.बी.
लोकसभा अध्यक्ष ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोरारजी देसाई के बारे में: उनका जन्म 29 फरवरी 1896 को हुआ था और वे छठी लोकसभा के दौरान भारत के चौथे प्रधानमंत्री (1977 से 1979) के रूप में कार्यरत रहे।
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये 12 वर्ष की ब्रिटिश सेवा के बाद वर्ष 1930 में उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया।
- उन्हें व्यक्तिगत सत्याग्रह (वर्ष 1941) के दौरान हिरासत में लिया गया और भारत छोड़ो आंदोलन (वर्ष 1942) के दौरान गिरफ्तार किया गया।
- स्वतंत्रता के बाद: वर्ष 1956 में वे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बने तथा वर्ष 1958 में वित्त विभाग संभाला ।
- उन्होंने कामराज योजना (वर्ष 1963) के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसमें सरकारी पदों पर बैठे वरिष्ठ काॅन्ग्रेस नेताओं से स्वेच्छा से इस्तीफा देने और ज़मीनी स्तर पर मज़बूती पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया गया था।
- सरकारी प्रशासन के पुनर्गठन के लिये उन्हें प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (1966) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- उन्होंने वर्ष 1977 के लोकसभा चुनावों में जनता पार्टी को जीत दिलाई और प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान, कानून के शासन को बनाए रखने के लिये 44 वाँ संशोधन अधिनियम, 1978 लागू किया गया था।
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भारत द्वारा क्रिटिकल मिनरल्स का अन्वेषण
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत क्रिटिकल मिनरल्स को सुरक्षित करने के लिये अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में वैश्विक साझेदारी का विस्तार कर रहा है।
- सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण के लिये 4,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- भारत ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के नेतृत्व में ताँबा-कोबाल्ट अन्वेषण के लिये ज़ाम्बिया में 9,000 वर्ग किमी क्षेत्र हासिल किया है, तथा 2-3 वर्षों में खनन अधिकार मिलने की उम्मीद है।
- कनाडा और चीन के मौजूदा निवेश के साथ ज़ाम्बिया ताँबे के उत्पादन में 7 वें और कोबाल्ट उत्पादन में 14 वें स्थान पर है (वर्ष 2023)।
- भारत क्रिटिकल मिनरल्स परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिये कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, तंज़ानिया, मोज़ाम्बिक और रवांडा के साथ वार्ता कर रहा है।
- भारत पहले से ही दक्षिण अमेरिका (अर्जेंटीना, चिली) और ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है, जहाँ खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) लिथियम और कोबाल्ट परिसंपत्तियों का अन्वेषण कर रहा है।
- क्रिटिकल मिनरल्स वे खनिज हैं जो किसी देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हित के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- भारत ने 30 प्रमुख खनिजों की पहचान की है, जिनमें लिथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट, निकल और दुर्लभ मृदा तत्त्व (REE) शामिल हैं।
और पढ़ें: नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन, क्रिटिकल मिनरल्स के लिये भारत का रोडमैप।