प्रिलिम्स फैक्ट्स (01 Jul, 2022)



आपदा रोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन (CDRI)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपदा रोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन (CDRI) को "अंतर्राष्ट्रीय संगठन" के रूप में श्रेणीबद्ध करने को मंज़ूरी दे दी है। 

  • इसने मुख्यालय समझौते (Headquarters Agreement) पर हस्ताक्षर करने को भी मंज़ूरी दे दी एवं इसे संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 द्वारा परिकल्पित छूट, उन्मुक्ति तथा विशेषाधिकार प्रदान किया गया है, जिसका अर्थ है कि सदस्य की संपत्ति और संपत्ति जहाँ कहीं भी स्थित है और जिसके पास भी है, उसे हर प्रकार की कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त होगी, सिवाय किसी विशेष मामले को छोड़कर जिसने अपनी प्रतिरक्षा को स्पष्ट रूप से छूट प्रदान कर दिया है। 

श्रेणीबद्ध करने का महत्त्व: 

  • विशेषज्ञ परामर्श: 
    • यह अन्य देशों में विशेषज्ञों को नियुक्त करेगा, जो विशेष रूप से आपदा जोखिम के प्रति संवेदनशील हैं और/या आपदा के बाद के राहत कार्यों के लिये उन्हें समर्थन की आवश्यकता है तथा इसी तरह के उद्देश्यों के लिये सदस्य देशों के विशेषज्ञों को भारत लाएगा आदि। 
    • यह देशों को उनकी आपदा एवं जलवायु जोखिम और संसाधनों के अनुसार सहनीय अवसंरचना विकसित करने में सहायता के लिये तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराएगा। 
    • यह सहनीय अवसंरचना के लिये उपयुक्त जोखिम रोधी शासन व्यवस्था और रणनीति अपनाने में देशों को सहायता प्रदान करेगा। 
  • वित्तपोषण और सहयोग में योगदान: 
    • यह CDRI गतिविधियों के लिये विश्व स्तर पर वित्त की उपलब्धता और सदस्य देशों से योगदान प्राप्त करने में मदद करेगा। 
    • यह सदस्य देशों को सतत् विकास लक्ष्यों (SDG), पेरिस जलवायु समझौते और आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंदाई फ्रेमवर्क के अनुसार उनके मौजूदा एवं भविष्य के बुनियादी ढांँचे को आपदा व जलवायु लचीलापन सुनिश्चित करने के लिये तंत्र को उन्नयन करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगा। 
    • यह घर पर आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांँचे को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव सुनिश्चित करेगा और भारतीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों के साथ-साथ बुनियादी ढांँचा विकासकर्त्ताओं को वैश्विक विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगा। 

आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांँचे हेतु गठबंधन (CDRI): 

  • परिचय: 
    • CDRI राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों एवं वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र तथा शैक्षणिक वअनुसंधान संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है। 
    • इसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों हेतु अवसंरचना प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ाना है, जिससे सतत् विकास सुनिश्चित हो सके। 
    • इसे 2019 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था। 
    • यह अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद भारत सरकार की दूसरी प्रमुख वैश्विक पहल है, यह जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रतिरोधी मुद्दों पर भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित काती है। 
  • सदस्य: 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू) 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016) 

  1. सतत् विकास लक्ष्यों को पहली बार 1972 में 'क्लब ऑफ रोम' नामक एक वैश्विक थिंक टैंक द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
  2. सतत् विकास लक्ष्यों को 2030 तक हासिल करना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?  

(a) केवल 1   
(b) केवल 2 
(c)  1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (b)  

  • 17 सतत् विकास लक्ष्य (SDGs), जिन्हें वैश्विक लक्ष्यों के रूप में भी जाना जाता है, गरीबी को समाप्त करने, ग्रह की रक्षा करने और सभी लोगों की शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये कार्रवाई हेतु एक सार्वभौमिक आह्वान है। वे सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों की सफलता पर निर्भर हैं जिनमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक समानता, नवाचार, सतत् उपभोग, शांति और न्याय जैसे नए क्षेत्रों सहित कई अन्य प्राथमिकताएंँ शामिल हैं। 
  • लक्ष्य आपस में जुड़े हुए हैं, अक्सर एक की सफलता दूसरे मुद्दे से निपटने की कुंजी है। वर्ष 2015 में अपनाया गया, एसडीजी जनवरी 2016 में लागू हुआ। इन्हें वर्ष 2030 तक हासिल किया जाना है। अतः कथन 2 सही है। SDG को वर्ष 2012 में रियो डी जनेरियो में सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया था। क्लब ऑफ रोम ने पहली बार वर्ष 1968 में अधिक व्यवस्थित तरीके से संसाधन संरक्षण की वकालत की थी। अतः कथन 1 सही नहीं है। अतः विकल्प (B) सही उत्तर है। 

स्रोत: पी.आई.बी.


अभ्यास: हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट

हाल ही में भारत ने स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किये गए अभ्यास: हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (Abhyas: High-speed Expendable Aerial Target- HEAT) का ओडिशा में सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 

Abhyas

अभ्यास के बारे में: 

  • डिज़ाइन और विकास: 
    • अभ्यास को DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment- ADE) द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। 
      • ADE, DRDO  के तहत एक प्रमुख वैमानिकी प्रणाली डिज़ाइन प्रयोगशाला है। 
      • यह भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अत्याधुनिक मानवरहित हवाई वाहनों (Unmanned Aerial Vehicles- UAV) और वैमानिकी प्रणालियों तथा प्रौद्योगिकियों के डिज़ाइन एवं विकास में शामिल है। 
  • विशेषताएँ: 
    • यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी उड़ान को बनाए रखता है। 
    • यह मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिये उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (FCC) के साथ नेविगेशन हेतु   माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम (Microelectromechanical Systems- MEMS) आधारित इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम (INS) से लैस है। 
    • वाहन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिये क्रमादेशित किया गया है। एयर व्हीकल का परीक्षण लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (Ground Control System-GCS) का उपयोग करके किया जाता है। 
    • अभ्यास प्रणाली रडार क्रॉस-सेक्शन (Radar Cross-Section- RCS) और इन्फ्रारेड सिग्नेचर से युक्त है जिसका उपयोग विमान-रोधी युद्ध अभ्यास और हवाई लक्ष्यों को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन किये गए परीक्षण हेतु विभिन्न प्रकार के विमानों को अनुकरण (Simulate) करने के उद्देश्य से किया जा सकता है। 
  • उपयोगिता: 
    • इसका उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु एक लक्ष्य के रूप में किया जाएगा। 
      • यह हथियार प्रणालियों के अभ्यास हेतु एक वास्तविक खतरे के परिदृश्य (Realistic Threat Scenario) को प्रस्तुत करता है। 

हाल के विकास: 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


लघु बचत योजनाएँ

हाल ही में सरकार ने मुद्रास्फीति के ऊँचे स्तर के कारण वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के लिये राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (National Savings Certificate- NSC) और सार्वजनिक भविष्य निधि  (Public Provident Fund- PPF) सहित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। 

  • लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से कोई संशोधन नहीं किया गया है 
  • सरकारी बॉण्ड पर प्रतिफल में वृद्धि को देखते हुए दर में वृद्धि की उम्मीद की गई थी, जिससे उनका रिटर्न एक फार्मूले के अनुसार जुड़ा हुआ है। 

लघु बचत योजनाएँ/साधन: 

  • परिचय: 
    • ये भारत में घरेलू बचत के प्रमुख स्रोत हैं और इसमें 12 उपकरण/प्रपत्र (Instrument) शामिल हैं। 
    • इसमें जमाकर्त्ताओं को उनके धन पर सुनिश्चित ब्याज मिलता है। 
    • सभी लघु बचत प्रपत्रों से संग्रहीत राशि को राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा किया जाता है। 
    • कोविड-19 महामारी के कारण सरकारी घाटे में वृद्धि की वजह से उधार की उच्च आवश्यकता को पूरा करने के लिये छोटी बचतें सरकारी घाटे के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरी हैं। 
  • वर्गीकरण: लघु बचत उपकरणों को तीन प्रमुख भागों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है: 
    • डाक ज़मा (बचत खाता, आवर्ती जमा, अलग-अलग परिपक्वता की सावधि ज़मा और मासिक आय योजना शामिल है)। 
    • बचत प्रमाण पत्र: राष्ट्रीय लघु बचत प्रमाणपत्र (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP)। 
    • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ: सुकन्या समृद्धि योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)। 
  • दरों का निर्धारण: 
    • छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज़ दरों को तिमाही आधार पर निर्धारित किया जाता है जो कि समान परिपक्वता वाले बेंचमार्क सरकारी बॉण्डों में संचलन के अनुरूप होते हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा समय-समय पर दरों की समीक्षा की जाती है। 
    • लघु बचत योजना पर गठित श्यामला गोपीनाथ पैनल (वर्ष 2010) ने छोटी बचत योजनाओं के लिये बाज़ार से जुड़ी ब्याज दर प्रणाली का सुझाव दिया था। 

स्रोत: द हिंदू


राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस

सांख्यिकी और आर्थिक योजना के क्षेत्र में दिवंगत प्रोफेसर और वैज्ञानिक प्रशांत चंद्र महालनोबिस के कार्यों और योगदानों के सम्मान में भारत प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाता है। 

  • इस अवसर पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) भी इस उद्देश्य के लिये स्थापित पुरस्कारों के माध्यम से प्रायोगिक और सैद्धांतिक सांख्यिकी के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान द्वारा आधिकारिक सांख्यिकीय प्रणाली में उत्कृष्ट योगदानों को मान्यता प्रदान करता है। 

दिवस की मुख्य विशेषताएंँ:  

  • उद्देश्य:  
    • दैनिक जीवन में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाना और जनता को इस बात के प्रति संवेदनशील बनाना कि सांख्यिकी नीतियों को आकार देने तथा तैयार करने में किस प्रकार मदद करती है। 
    • सामाजिक-आर्थिक नियोजन में सांख्यिकी की भूमिका के बारे में विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच जन जागरूकता बढ़ाना। 
  • वर्ष 2022 के लिये थीम: 'सतत विकास के लिये आँकड़े’।  
    • प्रत्येक वर्ष सांख्यिकी दिवस को वर्तमान राष्ट्रीय महत्त्व के विषय के साथ मनाया जाता है। 

प्रशांत चंद्र महालनोबिस  

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  • परिचय: 
    • प्रशांत चंद्र महालनोबिस एक विश्व प्रसिद्ध भारतीय सांख्यिकीविद् थे जिन्होंने वर्ष 1932 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना की थी। 
    • वह एक प्रशिक्षित भौतिक विज्ञानी थे, अपने शिक्षक डब्ल्यू एच मैकाले के कहने पर उन्होंने ‘बायोमेट्रिका’ नामक किताब पढ़ी। इस किताब को पढ़ने के बाद ही इनका रुझान सांख्यिकी की ओर होने लगा। इस किताब से प्रभावित होकर उन्होंने पत्रिका के संस्करणों का पूरा सेट खरीद लिया। 
    • उन्होंने जल्द ही पता लगाया कि मौसम विज्ञान और मानव-विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में सांख्यिकी का उपयोग किया जा सकता है तथा यह उनके वैज्ञानिक जीवन में एक महत्त्वपूर्ण क्षण साबित हुआ। 
    • डॉ. महालनोबिस ने सांख्यिकी में कई योगदान दिये, जिसमें 'महालनोबिस दूरी' भी शामिल है, जो एक सांख्यिकीय माप है। इसके अलावा वह भारत में एंथ्रोपोमेट्री या मानव माप के अध्ययन के क्षेत्र में अग्रणी थे और उन्होंने बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण एवं नमूनाकरण विधियों के डिज़ाइन में सहायता की। 
    • उन्होंने फेल्डमैन-महालनोबिस मॉडल भी बनाया, जो आर्थिक विकास का एक नव-मार्क्सवादी मॉडल था जिसका उपयोग भारत की दूसरी पंचवर्षीय योजना में किया गया था, जिसने देश में तेज़ी से औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया। 
    • महालनोबिस ने भारत के पहले योजना आयोग में भी कार्य किया। उन्हें पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कार भी मिले। 

रवींद्रनाथ टैगोर के साथ संबंध: 

  • वे पहली बार 1910 में शांति निकेतन में मिले थे। 
  • महालनोबिस के करीबी रवींद्रनाथ टैगोर ने सांख्य के दूसरे खंड में लिखा है, "ये समय और स्थान के क्षेत्र में संख्याओं के नृत्य चरण हैं, जो उपस्थिति की माया को बुनते हैं, परिवर्तनों का निरंतर प्रवाह जो कभी है और नहीं है।" 
  • महालनोबिस ने प्रतिष्ठित बंगाली पत्रिका प्रोबाशी के लिये 'रवींद्र परिचय' ('रवींद्र का परिचय') नामक निबंधों की एक शृंखला लिखी।   
  • पीसी महालनोबिस ने भी विश्व भारती की स्थापना में रवींद्रनाथ टैगोर की मदद की। 
  • कालक्रम: 
    • 1930: पहली बार ‘महालनोबिस दूरी’ का प्रस्ताव किया गया, जो दो डेटा सेट के बीच तुलना हेतु एक माप है 
      • कई आयामों में माप के आधार पर एक बिंदु और वितरण के बीच की दूरी को खोजने के लिये सूत्र का उपयोग किया जाता है। यह क्लस्टर विश्लेषण (Cluster Analysis)और वर्गीकरण (Classification) के क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। 
    • 1932: कोलकाता में ISI की स्थापना, जिसे वर्ष 1959 में राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया। 
    • 1933: 'सांख्य: द इंडियन जर्नल ऑफ स्टैटिस्टिक्स' की शुरुआत। 
    • 1950: राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (National Sample Survey) की स्थापना और सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय के लिये केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (Central Statistical Organisation- CSO) की स्थापना। 
    • 1955: योजना आयोग के सदस्य बने और वर्ष 1967 तक उस पद पर बने रहे। 
    • उन्होंने भारत की दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-1961) तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने भारत में औद्योगीकरण और विकास का खाका तैयार किया। 
    • 1968: पद्म विभूषण से सम्मानित। 
    • उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। 

स्रोत: पी.आई.बी.


ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग: बीआरएपी 2020

हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EoDB) रैंकिंग जारी की है, जो बिज़नेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान (BRAP) रिपोर्ट, 2020 पर आधारित है। 

रैंकिंग के बारे में: 

  • उद्देश्य: 
    • निवेशकों को प्रोत्साहित करने हेतु व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना और बीआरएपी में उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्यों का आकलन करने की एक प्रणाली के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धात्मक माहौल द्वारा देश भर में व्यापार करने कि स्थिति को आसान बनाना। 
  • घटक: 
    • मापदंडों में विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं, जैसे- निर्माण परमिट, श्रम विनियमन, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंँच, भूमि की उपलब्धता और एकल खिड़की प्रणाली। 

ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस: 

  • टॉप अचीवर्स: 
    • सात राज्यों - आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में 'टॉप अचीवर्स' के रूप में वर्गीकृत किया गया था। 
  • अचीवर्स: 
    • हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश अन्य राज्य हैं जिन्हें रैंकिंग में अचीवर्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 
  • उभरते व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र: 
    • छह राज्य - मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, पुद्दुचेरी और जम्मू-कश्मीर - 'उभरते व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र' थे। 
  • आकांक्षीे: 
    • सात राज्यों - गोवा, असम, केरल, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बंगाल को 'आकांक्षी' ज़िलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

BRAP के बारे में: 

  • परिचय: 
    • इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। 
    • यह ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस इंडेक्स BRAP पर आधारित है। 
    • इसे राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करने के लिये प्रस्तुत किया गया था। 
    • इससे प्रत्येक राज्य में निवेश आकर्षित करने और आसानी से व्यवसाय करने में मदद मिलेगी।   
    • उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT), वर्ष 2014 से BRAP अभ्यास में निर्धारित सुधारों के कार्यान्वयन में राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आधार पर उनका आकलन कर रहा है। 
    • अब तक वर्ष 2015, वर्ष 2016, वर्ष 2017-18, वर्ष 2019 और वर्ष 2022 के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का आकलन जारी किया जा चुका है। 
  • BRAP 2020: 
    • रिपोर्ट में 301 सुधार बिंदु शामिल हैं जो सूचना तक पहुंँच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम, पर्यावरण, क्षेत्रीय सुधार और एक विशिष्ट व्यवसाय के जीवन चक्र में फैले अन्य सुधारों जैसे 15 व्यावसायिक नियामक क्षेत्रों को कवर करते हैं। 
    • BRAP 2020 में पहली बार क्षेत्रीय सुधार पेश किये गए हैं, जिसमें 9 क्षेत्रों में 72 सुधारों की पहचान की गई है, जैसे- ट्रेड लाइसेंस, हेल्थकेयर, लीगल मेट्रोलॉजी, सिनेमा हॉल, हॉस्पिटैलिटी, फायर एनओसी, टेलीकॉम, मूवी शूटिंग और टूरिज़्म। 

स्रोत : द हिंदू 


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 जुलाई, 2022

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 

भारत में प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) मनाया जाता है, इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रति चिकित्सकों के योगदान और उनकी प्रतिबद्धता के लिये उनका आभार व्यक्त करना है। ध्यातव्य है कि भारतीय समाज में चिकित्सकों को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है। भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के आयोजन की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1991 में हुई थी, तभी से प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में किया जाता है। डॉ. बिधानचंद्र रॉय का जन्म 01 जुलाई, 1882 को हुआ था और संयोगवश उनकी मृत्यु भी 1962 में 01 जुलाई को हुई थी। डॉ. बिधानचंद्र रॉय एक प्रख्यात भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1948 से वर्ष 1962 में अपनी मृत्यु तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। 

जीएसटी दिवस 

01 जुलाई को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष वस्तु और सेवा कर के ऐतिहासिक कर सुधार के कार्यान्वयन की वर्षगाँंठ है। पहला जीएसटी दिवस 01 जुलाई, 2018 को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) की पहली वर्षगाँठ को चिह्नित करने के रूप में मनाया गया था। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में 30 जून और 1 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि में जीएसटी को लागू किया गया था। गौरतलब है कि GST एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे भारत को एकीकृत साझा बाज़ार बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। यह निर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगने वाला एकल कर है। GST के अंतर्गत जहाँ एक ओर केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, काउंटरवेलिंग ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर शामिल हैं,  वहीं दूसरी ओर राज्यों में लगाए जाने वाले मूल्यवर्द्धन कर, मनोरंजन कर, चुंगी तथा प्रवेश कर, विलासिता कर आदि भी सम्मिलित हैं।   

भगवान जगन्‍नाथ की विश्‍व प्रसिद्ध रथयात्रा  

विश्‍व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा 01 जुलाई, 2022 से ओडिशा के जगन्‍नाथ पुरी में शुरू हो रही है। जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ भगवान श्रीकृष्ण रूप में विराजमान हैं। हर साल आषाढ़ माह में अमावस्या के बाद उनकी रथ यात्रा निकाली जाती है। भगवान जगन्‍नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रहों की नौ दिन की रथयात्रा में भाग लेने के लिये हज़ारों श्रद्धालु पुरी पहुंँच रहे हैं। यह यात्रा कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद आयोजित हो रही है। भगवान जगन्‍नाथ, बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ अपने पारंपरिक यात्रा मार्ग से गुंडिचा मंदिर तक जाएंगेे। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश (Eastern Ganga Dynasty) के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा किया गया था। जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, इसके अलावा इस मंदिर को "सफेद पैगोडा" भी कहा जाता था और यह चारधाम तीर्थयात्रा (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है। मंदिर के चार (पूर्व में ‘सिंह द्वार’, दक्षिण में 'अश्व द्वार’, पश्चिम में 'व्याघ्र द्वार' और उत्तर में 'हस्ति द्वार’) मुख्य द्वार हैं। प्रत्येक द्वार पर नक्काशी की गई है। इसके प्रवेश द्वार के सामने अरुण स्तंभ या सूर्य स्तंभ स्थित है, जो मूल रूप से कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थापित था। 

अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस 

अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस (International Day of Parliamentarism) प्रत्येक वर्ष 30 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस संसद की उन प्रक्रियाओं को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है जिनके द्वारा सरकार की संसदीय प्रणालियाँ दुनिया भर के लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को बेहतर बनाती हैं। साथ ही यह संसद/सांसदों के लिये चुनौतियों का सामना करने और उनसे प्रभावी तरीके से निपटने के लिये आपस में विचार-विमर्श   का एक अवसर भी है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा की गई थी। इसके अलावा यह दिन अंतर-संसदीय संघ के गठन की तिथि को भी चिह्नित करता है, जो संसदों का वैश्विक संगठन है,  जिसे वर्ष 1889 में स्थापित किया गया था। अंतर-संसदीय संघ सभी देशों की संसद तथा सांसदों के बीच समन्वय और अनुभवों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। यह मानवाधिकारों की रक्षा एवं सवर्द्धन में योगदान देने के साथ ही प्रतिनिधि संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा विकास में भी योगदान देता है।