यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट
प्रिलिम्स के लिये:यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा मेन्स के लिये:यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और जलवायु एवं स्वच्छ वायु गठबंधन (Climate and Clean Air Coalition) ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-6) के छठे सत्र के आयोजन से पूर्व एक रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट-ग्लोबल ओवरव्यू ऑफ यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स: फ्लो, स्केल एंड रेगुलेशन है।
- UNEA-6 के आयोजन की शुरुआत नैरोबी में 26 फरवरी से 1 मार्च 2024 की अवधि के साथ की गई। इस वर्ष का आयोजन “तीन ग्रहों के संकट: जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैवविविधता ह्रास, तथा प्रदूषण एवं अपशिष्ट" से निपटने के लिये “प्रभावी, समावेशी व सतत् बहुपक्षीय कार्रवाइयाँ” के विषय के तहत किया गया।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा क्या है?
- यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का शासी निकाय है।
- यह पर्यावरण के संबंध में विश्व की सर्वोच्च स्तरीय निर्णायक संस्था है।
- इस सभा में संयुक्त राष्ट्र के 193 राष्ट्र सदस्य शामिल होते हैं तथा वैश्विक पर्यावरण प्रशासन के संबंध में निर्णय करने के उद्देश्य के साथ इसका आयोजन प्रत्येक दूसरे वर्ष किया जाता है।
- इसका गठन जून 2012 में सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान किया गया था जिसे RIO+20 भी कहा जाता है।
रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- प्रदूषण स्तर में वृद्धि:
- विशेष रूप से वर्ष 2000 के बाद से हेवी-ड्यूटी वाहनों (Heavy-Duty Vehicle- HDV) के बढ़ते उपयोग के कारण प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
- HDV के उपयोग से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है।
- 3.5 टन से अधिक वज़न वाले HDV का कुल वैश्विक उत्सर्जन में प्रमुख योगदान होता हैं जिसमें ट्रक प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं।
- HDV वे वाहन हैं जो भारी कार्यों, जैसे- माल, सामग्री अथवा बड़ी संख्या में लोगों को लंबी दूरी की यात्रा करने के उद्देश्य के साथ डिज़ाइन किये जाते हैं।
- इन HDV का ऑन-रोड नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन में 40% से अधिक, ऑन-रोड पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) में 60% से अधिक तथा ब्लैक कार्बन उत्सर्जन में 20% से अधिक का योगदान होता है।
- संख्या वृद्धि प्रक्षेपण:
- रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक गतिविधियों और परिवहन की आवश्यकता के कारण सड़कों पर HDV की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के अनुमान हैं। पूर्व के रुझानों के अनुसार वर्ष 2000-2015 के बीच संपूर्ण विश्व में ट्रक और बस की बिक्री दोगुनी हुई।
- वैश्विक व्यापार:
- वैश्विक रूप से प्रयुक्त HDV का विश्लेषण उनके प्रवाह और पैमाने को रेखांकित करता है, विशेष रूप से विकासशील देशों में उनकी आयात निर्भरता पर ध्यान देता है।
- जापान, यूरोपीय संघ और कोरिया गणराज्य नवीन तथा प्रयुक्त दोनों HDV के वैश्विक निर्यात बाज़ार में हिस्सेदारी का लगभग 60% हिस्सा बनाते हैं।
- वर्ष 2015 में, विश्व भर में कुल 6.3 मिलियन नवीन और प्रयुक्त HDV का विक्रय किया गया।
- इनमें 34 लाख इकाइयाँ नवनिर्मित पाई गईं। यह आँकड़ा प्रयुक्त HDV की संख्या को कुल विक्रय का लगभग आधा बनाता है।
- विनियमन और प्रवर्तन:
- कई विकासशील देश अपने जहाज़ी बेड़े (Fleet) को बढ़ाने के लिये प्रयुक्त HDV के आयात पर निर्भर हैं, आयातित प्रयुक्त HDV की गुणवत्ता के संबंध में विनियमन तथा प्रवर्तन की कमी है, जिससे पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव बढ़ रहा है।
- कई आयातक देशों में कमज़ोर या अस्तित्वहीन नियम हैं, जिसके कारण अपर्याप्त प्रवर्तन होता है।
- नीदरलैंड ने अफ्रीका में शिपमेंट से पूर्व कई वाहनों से कैटेलिटिक कन्वर्टर हटा दिये। अधिक पुराने हो जाने के कारण उनमें डीज़ल पार्टिकुलेट फिल्टर की भी कमी पाई गई।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफ़ारिशें क्या हैं?
- प्रयुक्त वाहनों को स्वच्छता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना:
- रिपोर्ट में विकासशील देशों में सड़कों पर स्वच्छ और सुरक्षित रूप से चलाए गए वाहन सुनिश्चित करने के लिये आयात तथा निर्यात करने वाले देशों की ज़िम्मेदारी साझा करने के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया है।
- इसने न्यूनतम मानकों को प्रस्तुत करने और लागू करने में क्षेत्रीय सहयोग की बढ़ती आवश्यकता को रेखांकित किया।
- उत्सर्जन मानक और आयु सीमाएँ:
- रिपोर्ट में उत्सर्जन मानकों एवं आयु सीमा, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने, पर्यावरण तथा सड़क सुरक्षा लाभों के लिये और अधिक शोध की आवश्यकता का सुझाव दिया गया है।
- इसने उदाहरण दिया कि यूरो VI समकक्ष वाहन उत्सर्जन मानकों और स्वच्छ ईंधन को अपनाने जैसे कदमों से वर्ष 2030 तक 700 हज़ार असामयिक मौतों से बचा जा सकता है।
- वर्तमान में, यूरोपीय संघ में सभी नए पंजीकृत ट्रकों में से 97% और 73% बसें डीज़ल पर चलती हैं।
- प्रयुक्त HDV पर बेहतर नियमन:
- रिपोर्ट ने विकासशील देशों में इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिये प्रयुक्त HDV पर बेहतर नियमों की सिफारिश की।
- सुपर पॉल्यूटैंट्स के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों या मीथेन, ब्लैक कार्बन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसे "सुपर पॉल्यूटैंट्स (प्रदूषकों)" को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
- सुपर प्रदूषकों को "सुपर" कहा जाता है क्योंकि उनमें सबसे प्रसिद्ध ग्रीनहाउस गैस कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) की तुलना में प्रति यूनिट द्रव्यमान में बहुत अधिक ग्लोबल वार्मिंग क्षमता होती है।
- दीर्घकालिक प्रदूषक वे हैं जो लंबे समय तक वायुमंडल में बने रहते हैं, जो समय के साथ चल रहे पर्यावरणीय मुद्दों में योगदान करते हैं।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों को संबोधित करके, विश्व जलवायु कार्रवाई कर सकती है और वायु गुणवत्ता तथा मानव स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों या मीथेन, ब्लैक कार्बन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसे "सुपर पॉल्यूटैंट्स (प्रदूषकों)" को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन (CCAC) क्या है?
- UNEP-CCAC 160 से अधिक सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की साझेदारी है।
- यह शक्तिशाली लेकिन अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों- मीथेन, ब्लैक कार्बन, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) और ट्रोपोस्फेरिक ओज़ोन को कम करने के लिये काम करता है जो जलवायु परिवर्तन तथा वायु प्रदूषण दोनों को बढ़ाते हैं।
- इसका उद्देश्य महत्त्वाकांक्षी एजेंडा-सेटिंग (Ambitious Agenda-Setting) को देशों और क्षेत्रों के भीतर लक्षित शमन कार्रवाई से जोड़ना है।
- सुदृढ़ विज्ञान और विश्लेषण इसके प्रयासों को रेखांकित करता है तथा इसके ट्रस्ट फंड द्वारा समर्थित, इसने उच्च स्तर की राजनीतिक प्रतिबद्धता, देश में समर्थन एवं उपकरणों की एक शृंखला को जन्म दिया है जो कार्रवाई व समर्थन कार्यान्वयन के लिये केस बनाने में मदद करते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, वित्त वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. हमारे देश के शहरों में वायु गुणता सूचकांक का परिकलन करने में साधारणतया निम्नलिखित वायुमंडलीय गैसों में से किनकों विचार में लिया जाता है? (2016)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a)केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी किये गए संशोधित वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों (AQG) के मुख्य बिंदुओं का वर्णन कीजिये। विगत वर्ष 2005 अद्यतन से ये किस प्रकार भिन्न हैं? इन संशोधित मानकों को प्राप्त करने के लिये भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में किन परिवर्तनों की आवश्यकता है? (2021) |
सरकारी प्रतिभूतियाँ
प्रिलिम्स के लिये:सरकारी प्रतिभूतियाँ ,भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ,राजकोषीय घाटा, ट्रेज़री बिल (टी-बिल), ओपन मार्केट ऑपरेशंस (खुले बाज़ार संचालन) मेन्स के लिये:सरकारी प्रतिभूतियाँ, भारतीय अर्थव्यवस्था एवं योजना, संसाधन जुटाने, वृद्धि, विकास एवं रोज़गार से संबंधित मुद्दे। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिये सरकारी प्रतिभूति उधार पूरा कर लिया है और उसे वित्तीय वर्ष 25 (FR 25) में भारतीय रिज़र्व बैंक से वित्त वर्ष 24 के समान ही लाभांश की आशा है।
- उधार लेने के प्रति सरकार का दृष्टिकोण सतर्क रहता है, वह विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करती है साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि उधार वास्तविक ज़रूरतों के अनुरूप हो।
- G-Sec उधार का पूरा होना, RBI से लाभांश आय की अपेक्षाओं के साथ मिलकर, राजकोषीय स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ व्यय लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों को दर्शाता है।
RBI द्वारा सरकार को अधिशेष हस्तांतरित करने को कौन-से नियम नियंत्रित करते हैं?
- RBI भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अधिशेष लाभ का आवंटन) के अनुसार अपना अधिशेष सरकार को हस्तांतरित करता है।
- वाई.एच.मालेगाम (2013) की अध्यक्षता में RBI बोर्ड की एक तकनीकी समिति, जिसने भंडार की पर्याप्तता एवं अधिशेष वितरण नीति की समीक्षा के अनुरूप सरकार को उच्च हस्तांतरण की सिफारिश की।
- इस खंड में कहा गया है कि RBI, आरक्षित एवं बनाए रखे गए राजस्व की अनुमति देने के बाद अतिरिक्त राशि सरकार को हस्तांतरित करता है।
- हस्तांतरित राशि विभिन्न कारकों के आधार पर निर्धारित की जाती है, जिसमें घरेलू एवं विदेशी प्रतिभूतियों की होल्डिंग्स पर ब्याज, इसकी सेवाओं से शुल्क तथा कमीशन, विदेशी मुद्रा लेन-देन से लाभ के साथ-साथ सहायक कंपनियों एवं सहयोगियों से रिटर्न जैसे स्रोतों से RBI की आय शामिल है।
- व्यय में, RBI मुद्रा नोटों की छपाई, जमा तथा उधार पर ब्याज का भुगतान, कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन, कार्यालयों तथा शाखाओं के परिचालन व्यय साथ ही आकस्मिकताओं व मूल्यह्रास के प्रावधान जैसी लागतें वहन करता है।
सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Sec) क्या हैं?
- परिचय:
- सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकारों द्वारा जारी एक व्यापार योग्य लिखत (Instrument) है।
- G-Sec एक प्रकार का ऋण साधन है जो सरकार द्वारा अपने राजकोषीय घाटे के वित्तपोषण हेतु जनता से धन उधार लेने के लिये जारी किया जाता है।
- ऋण लेख एक वित्तीय साधन है जो जारीकर्त्ता द्वारा निर्दिष्ट तिथि पर धारक को एक निश्चित राशि, जिसे मूलधन अथवा अंकित मूल्य के रूप में जाना जाता है, का भुगतान करने के लिये संविदात्मक दायित्व का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह सरकार के ऋण दायित्व को स्वीकार करता है।
- ऐसी प्रतिभूतियाँ अल्पावधि (आमतौर पर राजकोष/खजाना बिल कहलाती हैं, एक वर्ष से कम की मूल परिपक्वता के साथ- वर्तमान में तीन अवधियों में जारी की जाती हैं अर्थात् 91-दिन, 182 दिन और 364 दिन) अथवा दीर्घावधि (जिसे आमतौर पर सरकारी बॉण्ड या दिनांकित कहा जाता है, एक वर्ष अथवा उससे अधिक की मूल परिपक्वता वाली प्रतिभूतियाँ) की होती हैं।
- भारत में केंद्र सरकार राजकोष बिल (Treasury Bill) और बॉण्ड अथवा दिनांकित प्रतिभूतियाँ दोनों जारी करती है, जबकि राज्य सरकारें केवल बॉण्ड या दिनांकित प्रतिभूतियाँ जारी करती हैं, जिन्हें राज्य विकास ऋण कहा जाता है।
- G-Sec में व्यावहारिक रूप से डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं होता है और इसलिये ये जोखिम मुक्त श्रेष्ठ प्रतिभूति लिखत (Risk-Free Gilt-Edged Instruments) कहलाते हैं।
- श्रेष्ठ प्रतिभूति, उच्च-श्रेणी के निवेश बॉण्ड हैं जो सरकारों और बड़े निगमों द्वारा ऋण ग्रहण करने के साधन के रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं।
- सरकारी प्रतिभूतियों के प्रकार:
- राजकोष बिल (T-बिल):
- राजकोष/ट्रेज़री बिल शून्य कूपन प्रतिभूतियाँ हैं और उन पर कोई ब्याज प्रदान नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्हें छूट पर जारी किया जाता है और परिपक्वव होने पर इनका मोचन (Redeem) अंकित मूल्य पर किया जाता है।
- नकद प्रबंधन बिल (CMBs):
- वर्ष 2010 में भारत सरकार ने RBI के परामर्श से भारत सरकार के नकदी प्रवाह में अस्थायी विसंगतियों का समाधान करने के लिये एक नया अल्पकालिक साधन पेश किया जिसे CMB के रूप में जाना जाता है।
- CMBs में सामान्यतः T-बिल के समान विशेषताएँ होती हैं किंतु यह 91 दिनों से कम की परिपक्वता अवधि के लिये जारी किया जाता है।
- वर्ष 2010 में भारत सरकार ने RBI के परामर्श से भारत सरकार के नकदी प्रवाह में अस्थायी विसंगतियों का समाधान करने के लिये एक नया अल्पकालिक साधन पेश किया जिसे CMB के रूप में जाना जाता है।
- दिनाँकित G-Sec:
- दिनांकित G-Sec ऐसी प्रतिभूतियाँ हैं जिनमें एक निश्चित अथवा अस्थिर (Floating) कूपन दर (ब्याज दर) होती है जिसका भुगतान अंकित मूल्य पर अर्द्ध-वार्षिक आधार पर किया जाता है। दिनांकित प्रतिभूतियों की अवधि सामान्यतः 5 वर्ष से 40 वर्ष तक होती है।
- राज्य विकास ऋण (SDL):
- राज्य सरकारें भी बाज़ार से ऋण लेती हैं जिन्हें SDL कहा जाता है। SDL, केंद्र सरकार द्वारा जारी दिनांकित प्रतिभूतियों के लिये आयोजित नीलामी के समान सामान्य नीलामी के माध्यम से जारी दिनांकित प्रतिभूतियाँ हैं।
- राजकोष बिल (T-बिल):
- जारी करने का तंत्र:
- RBI धन की आपूर्ति की स्थिति को समायोजित करने के हेतु G-secs की बिक्री या खरीद के लिये खुला बाज़ार परिचालन आयोजित करता है।
- RBI द्वारा सिस्टम से तरलता को हटाने हेतु जी-सेक की बिक्री की जाती है और सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिये जी-सेक को वापस खरीदा जाता है।
- बैंकों को उधार देना जारी रखने की अनुमति देते हुए मुद्रास्फीति को संतुलित करने हेतु इन कार्यों को अक्सर दैनिक आधार पर किया जाता है।
- RBI वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से खुला बाज़ार परिचालन (OMO) आयोजित करता है और जनता के साथ सीधे व्यवहार नहीं करता है।
- RBI सिस्टम में रुपए की मात्रा और कीमत को समायोजित करने हेतु रेपो दर, नकद आरक्षित अनुपात तथा वैधानिक तरलता अनुपात जैसे अन्य मौद्रिक नीति उपकरणों के साथ OMO का उपयोग करता है।
- RBI धन की आपूर्ति की स्थिति को समायोजित करने के हेतु G-secs की बिक्री या खरीद के लिये खुला बाज़ार परिचालन आयोजित करता है।
T-बिलों की खुदरा बिक्री और खरीद:
- खरीद की विधि: खुदरा निवेशक सीधे टी-बिल खरीदने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के साथ एक ऑनलाइन रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) खाता खोल सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे चुनिंदा बैंकों और पंजीकृत प्राथमिक एजेंटों के माध्यम से बोली लगा सकते हैं।
- खरीद के लिये पोर्टल: RBI द्वारा प्रदान किया गया रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) प्लेटफॉर्म खुदरा निवेशकों हेतु टी-बिल की खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
- खरीद और बिक्री के संबंध में नियम: खुदरा निवेशकों को टी-बिल खरीदते और बेचते समय कुछ नियमों तथा विनियमों का पालन करना चाहिये। इसमें न्यूनतम निवेश राशि की आवश्यकता (विभिन्न अवधियों के लिये प्रति लॉट 10,000 रुपए) को पूरा करना और RBI दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल है।
- प्राथमिक बाज़ार में भागीदारी: खुदरा निवेशक पहले उल्लिखित निर्दिष्ट चैनलों के माध्यम से टी-बिल के लिये बोली लगाकर प्राथमिक बाज़ार में भाग ले सकते हैं। इससे उन्हें भारत सरकार की ओर से सीधे RBI से नए जारी किये गए टी-बिल खरीदने की अनुमति मिलती है।
- द्वितीयक बाज़ार में भागीदारी: खुदरा निवेशक अपने डीमैट खातों के माध्यम से T-बिल के लिये द्वितीयक बाज़ार में भी भाग ले सकते हैं। द्वितीयक बाज़ार में, निवेशक अपनी परिपक्वता तिथि से पहले T-बिल खरीद और बेच सकते हैं, जिससे चल निधि तथा व्यापार के अवसर मिलते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, 'खुला बाज़ार प्रचालन' किसे निर्दिष्ट करता है? (2013) (a) अनुसूचित बैंकों द्वारा RBI से ऋण लेना उत्तर: (c) प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में सम्मिलित है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d)
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |
उइगर बलात् श्रम
प्रिलिम्स के लिये:उइगर बलात् श्रम रोकथाम अधिनियम (UFLPA), उइगर, उइगर स्वायत्त क्षेत्र, अमेरिका के आयुक्त सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP), यूरोपीय यूनियन (EU), विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) मेन्स के लिये:मानव अधिकार का उल्लंघन और समाज पर इसका प्रभाव। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीन स्थित एक जर्मन वाहन ब्रांड (वोक्सवैगन (VW)) को उइगर बलात् श्रम रोकथाम अधिनियम (UFLPA) के उल्लंघन के कारण अमेरिका में ज़ब्त कर लिया गया है।
- चीन के शिनजियांग प्रांत में बलात् श्रम में शामिल होने के संबंध में एप्पल और ज़ारा (स्पेन) सहित अमेरिका तथा यूरोपीय यूनियन की कई उल्लेखनीय कंपनियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
- अमेरिकी राज्य विभाग और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त की रिपोर्ट उइगर दमन को नरसंहार तथा मानवता के खिलाफ संभावित अपराधों के रूप में उजागर करती है।
उइगर कौन हैं?
- परिचय:
- उइगर मुख्य रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
- उइगर अपनी स्वयं की भाषा बोलते हैं, जो कि काफी हद तक तुर्की भाषा के समान है और उइगर स्वयं को सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब पाते हैं।
- उइगर मुस्लिमों को चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 55 जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
- हालाँकि चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और यह अस्वीकार करता है कि वे स्वदेशी समूह हैं।
- वर्तमान में उइगर जातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।
- उइगर मुस्लिमों की एक महत्त्वपूर्ण आबादी पड़ोसी मध्य एशियाई देशों, जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी रहती है।
- शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन के भीतर एक स्वायत्त क्षेत्र है और यह क्षेत्र खनिजों से समृद्ध है तथा भारत, पाकिस्तान, रूस एवं अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ सीमा साझा करता है।
- उइगर मुस्लिमों की एक महत्त्वपूर्ण आबादी पड़ोसी मध्य एशियाई देशों, जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी रहती है।
- उइगर मुख्य रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
- उइगरों के मानवाधिकारों के खिलाफ चीन का कदम:
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि शिनजियांग में मुख्य रूप से उइगर के साथ-साथ अन्य मुस्लिम समुदायों के साथ "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन" हुआ है।
- इन उल्लंघनों में यातना, दुर्व्यवहार, बलात् चिकित्सा उपचार के साथ-साथ यौन एवं लिंग आधारित हिंसा के आरोप शामिल हैं।
- मनमाने ढंग से हिरासत में लेना: उइगरों के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मनमाने ढंग से हिरासत की सीमा, मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंधों के साथ, मानवता के विरुद्ध अपराध हो सकता है।
- चीनी सरकार की चरमपंथ विरोधी रणनीति में तथाकथित व्यावसायिक शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण केंद्र (VETC) अथवा पुन: शिक्षा शिविरों का उपयोग शामिल है।
- प्रतिबंधों के इंटरलॉकिंग पैटर्न: शिनजियांग में चीन की नीतियों के कारण मानवाधिकारों की एक विस्तृत शृंखला पर गंभीर एवं अनुचित प्रतिबंध लगाए हैं। भले ही VETC प्रणाली को कम प्रभावी किया गया है, अंतर्निहित कानून एवं नीतियाँ निर्मित की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 के बाद से कारावास तथा दुर्व्यवहार में वृद्धि हुई है।
- विभेद: ये उल्लंघन उइगर तथा अन्य अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाले व्यापक भेदभाव की पृष्ठभूमि में होते हैं।
- अपने चरमपंथ विरोधी उपायों के माध्यम से आतंकवादियों को निशाना बनाने के चीनी सरकार के दावे ने गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय निंदा: संयुक्त राष्ट्र के 51 सदस्य देशों ने एक संयुक्त घोषणा जारी कर उइगरों के साथ-साथ अन्य समुदायों के खिलाफ मानवता विरुद्ध चीन के अपराधों की निंदा की।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि शिनजियांग में मुख्य रूप से उइगर के साथ-साथ अन्य मुस्लिम समुदायों के साथ "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन" हुआ है।
- उइगरों के मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर चीन की प्रतिक्रिया:
- बीजिंग द्वारा या तो नज़रबंदी शिविरों के अस्तित्व से इनकार किया या ऐसे दावों को झूठ कहकर खारिज कर दिया।
- सरकार ने उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में वर्णित किया है जिसका उद्देश्य रोज़गार के अवसर प्रदान करना और उइगर मुस्लिम आबादी के बीच धार्मिक तथा अलगाववादी उग्रवाद को संबोधित करना है।
- वैश्विक आरोपों की प्रतिक्रिया में चीनी सरकार ने बंदियों को देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया है और साथ ही शिनजियांग से निर्यात को पुनर्निर्देशित भी किया है।
उइगरों के विरुद्ध मानवाधिकार उल्लंघनों पर विभिन्न राष्ट्र की प्रतिक्रिया क्या है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका:
- पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में विशेष रूप से झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र से संयुक्त राज्य अमेरिका में बलात् श्रम द्वारा पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से निर्मित वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध को लागू करने में सहायता हेतु एक योजना उइगर बलात् श्रम रोकथाम अधिनियम (UFLPA) द्वारा आवश्यक बनाया गया है।
- कानून एक धारणा बनाता है कि चीन से वस्तुओं का आयात करना या इस क्षेत्र में कुछ संस्थाओं द्वारा विनिर्मित वस्तु, टैरिफ अधिनियम,1930 की धारा 307 के तहत प्रतिबंधित है।
- ऐसी वस्तुएँ और मद संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश के हकदार नहीं हैं।
- यह अवधारणा तब तक लागू होती है जब तक कि अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा आयुक्त स्पष्ट एवं ठोस सबूतों के माध्यम से यह निर्धारित नहीं करते हैं कि वस्तुओं या मद का उत्पादन बलपूर्वक श्रम का प्रयोग करके नहीं किया गया था।
- यह अधिनियम अत्याचार, मनमानी हिरासत और बलात् श्रम जैसे मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिये घरेलू कंपनियों को दंडित करने का प्रयास करता है, जिससे लगभग दस लाख उइगर मुस्लिम प्रभावित होते हैं, जिन्हें चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में नज़रबंदी शिविरों में रखा गया है।
- यह कानून अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा प्रदत्त बलात् श्रम की परिभाषा का उपयोग करने और बड़े निगमों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है।
- यूरोपीय संघ:
- अमेरिकी प्रतिबंध के विपरीत, जो मुख्य रूप से झिंजियांग से आयात को लक्षित करता है, यूरोपीय संघ ने एक व्यापक कानून पेश किया है जो 27-सदस्यीय ब्लॉक के भीतर निर्मित उत्पादों सहित बलात् श्रम पर आधारित सभी उत्पादों को प्रतिबंधित करता है।
- चिंता यह है कि कुछ निश्चित देशों को लक्षित करने वाले प्रतिबंधों को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुसार भेदभावपूर्ण कार्रवाइयों के रूप में देखा जा सकता है।
- आपूर्ति शृंखलाओं में सामाजिक, पर्यावरणीय और मानवाधिकारों के हनन को नियंत्रित करने वाला EU-वाइड कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी ड्यू डिलिजेंस डायरेक्टिव, वर्ष 2022 से स्थिर/निष्क्रिय है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
- परिचय:
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) वर्ष 1919 से एकमात्र त्रिपक्षीय संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है। यह श्रम मानकों को निर्धारित करने, नीतियाँ विकसित कर सभी महिलाओं और पुरुषों के लिये उचित कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम अभिकल्पित करने हेतु 187 सदस्य राष्ट्रों की सरकारों, नियोक्ताओं तथा श्रमिकों को एक साथ लाता है।
- गठन:
- इसका गठन वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ के एक संबद्ध अभिकरण में किया गया था।
- वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र का पहला संबद्ध विशेष अभिकरण बना।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।
- स्थापना का उद्देश्य: वैश्विक एवं स्थायी शांति हेतु सामाजिक न्याय आवश्यक है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानवाधिकारों एवं श्रमिक अधिकारों को बढ़ावा देता है।
- नोबेल शांति पुरस्कार:
- वर्ष 1969 में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- विभिन्न सामाजिक वर्गों के मध्य शांति स्थापित करने हेतु।
- श्रमिकों के लिये सभ्य कार्य एवं न्याय के पक्षधर की भूमिका हेतु।
- अन्य विकासशील राष्ट्रों को तकनीकी सहायता प्रदान करने हेतु।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2016) समाचारों में कभी-कभी उल्लिखित समुदाय :
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c)
अत: विकल्प (c) सही उत्तर है। |
गूगल डीपमाइंड का जिनी
प्रिलिम्स के लिये:गूगल डीपमाइंड का जिनी, ChatGPT और डीप फेक, जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग मेन्स के लिये:गूगल डीपमाइंड का जिन्न, जेनरेटिव AI, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैतिकता से संबंधित मुद्दे |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) ने जिनी AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) प्रस्तुत किया है। यह एक नवीन मॉडल है जो केवल एक टेक्स्ट अथवा इमेज प्रॉम्प्ट से इंटरैक्टिव वीडियो गेम विकसित कर सकता है।
- गूगल डीपमाइंड एक ब्रिटिश-अमेरिकी AI अनुसंधान प्रयोगशाला है जो गूगल की सहायक कंपनी है। डीपमाइंड लंदन में स्थित है और इसके अनुसंधान केंद्र कनाडा, फ्राँस, जर्मनी तथा अमेरिका में स्थित हैं।
जिनी क्या है?
- परिचय:
- जेनरेटिव इंटरएक्टिव एन्वायरन्मेंट्स (Genie/जिनी) एक फाउंडेशन वर्ल्ड मॉडल है जिसे इंटरनेट से प्राप्त वीडियो का उपयोग कर प्रशिक्षित किया गया है।
- यह मॉडल "सिंथेटिक इमेजिस, चित्रों और रेखाचित्रों के माध्यम से विविध खेलने योग्य (क्रिया-नियंत्रित) विडियो गेम्स उत्पन्न कर सकता है"।
- यह पहला जेनरेटिव इंटरैक्टिव एन्वायरन्मेंट है जिसे बिना लेबल वाले इंटरनेट वीडियो से बिना पर्यवेक्षित तरीके से प्रशिक्षित किया गया है।
- यह मॉडल अवर्गीकृत इंटरनेट वीडियो का उपयोग कर बिना पर्यवेक्षित तरीके से प्रशिक्षित पहला जेनरेटिव इंटरैक्टिव एन्वायरन्मेंट है।
- जेनरेटिव इंटरएक्टिव एन्वायरन्मेंट्स (Genie/जिनी) एक फाउंडेशन वर्ल्ड मॉडल है जिसे इंटरनेट से प्राप्त वीडियो का उपयोग कर प्रशिक्षित किया गया है।
- महत्त्व:
- जिनी के माध्यम से इंटरैक्टिव और नियंत्रणीय एन्वायरन्मेंट का एक विविध सेट उत्पन्न किया जा सकता है हालाँकि इसे केवल वीडियो डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है।
- जिन्न न केवल यह जानने में सक्षम है कि अवलोकन के कौन-से हिस्से आम तौर पर नियंत्रणीय हैं बल्कि यह उत्पन्न एन्वायरन्मेंट में सुसंगत विभिन्न अव्यक्त क्रियाओं का भी अनुमान लगाता है।
- जिनी एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह एक ही इमेज प्रॉम्प्ट के माध्यम से खेलने योग्य एन्वायरन्मेंट विकसित करता है। जिनी को उन छवियों से प्रेरित किया जा सकता है जिन्हें उसने कभी नहीं देखा है। यही बात रेखाचित्रों के साथ भी की जा सकती है।
- इसमें वास्तविक दुनिया की चित्र, रेखाचित्र शामिल हैं, जो लोगों को उनकी काल्पनिक आभासी परिवेश को अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं।
- यह मॉडल विशेष रूप से आभासी परिवेश विकसित करने और उसमें विकास करने के संबंध में नई संभावनाओं के मार्ग प्रदान कर सकता है।
- नए विश्व मॉडल को सीखने और विकसित करने की इस मॉडल की क्षमता सामान्य AI एजेंटों (एक स्वतंत्र कार्यक्रम अथवा इकाई जो सेंसर के माध्यम से अपने परिवेश को समझकर एन्वायरन्मेंट विकसित करे) की ओर एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का संकेत देती है।
- जिनी के माध्यम से इंटरैक्टिव और नियंत्रणीय एन्वायरन्मेंट का एक विविध सेट उत्पन्न किया जा सकता है हालाँकि इसे केवल वीडियो डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है।
जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GAI) क्या है?
- परिचय:
- GAI AI की तेज़ी से बढ़ती हुई शाखा है जो डेटा से सीखे गए पैटर्न और नियमों के आधार पर नए कंटेंट (जैसे– चित्र, ऑडियो, टेक्स्ट इत्यादि) जेनरेट करने पर केंद्रित है।
- GAI के उदय का श्रेय उन्नत जेनरेटर मॉडल, जैसे जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (GAN) और वेरिएशनल ऑटोएन्कोडर्स (VAE) के विकास को दिया जा सकता है।
- ये मॉडल बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित होते हैं और नए आउटपुट जेनरेट करने में सक्षम होते हैं जो प्रशिक्षण डेटा के समान होते हैं। उदाहरण के लिये, चेहरों की इमेज पर प्रशिक्षित एक GAN चेहरों की नवीन सिंथेटिक इमेज जेनरेट कर सकता है जो वास्तविक दिखती हैं।
- जबकि GAI प्रायः ChatGPT और डीप फेक से संबद्ध है, इस तकनीक का उपयोग प्रारंभ में डिजिटल इमेज सुधार एवं डिजिटल ऑडियो सुधार में उपयोग की जाने वाली पुनरावर्ती प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिये किया गया था।
- तर्कसंगत रूप से, चूँकि मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग स्वाभाविक रूप से जेनरेटिव प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं, उन्हें GAI के प्रकार भी माना जा सकता है।
- अनुप्रयोग:
- कला और रचनात्मकता: इसका उपयोग कला के नए कार्यों को जेनरेट करने के लिये किया जा सकता है जो विशिष्ट और अभिनव हैं, कलाकारों तथा रचनाकारों को नए विचारों का पता लगाने व पारंपरिक कला रूपों की सीमाओं को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
- डीपड्रीम जेनरेटर- एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म जो, स्वप्नील छवियाँ/इमेज जेनरेट करने के लिये डीप लर्निंग एल्गोरिदम का प्रयोग करता है।
- DALL·E2 - OpenAI का यह AI मॉडल टेक्स्ट विवरण से नए इमेज जेनरेट करता है।
- म्युज़िक: यह संगीतकारों और संगीत निर्माताओं को नई ध्वनियों व शैलियों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जिससे संगीत को विविध एवं रोचक बनाने में काफी मदद मिल सकती है।
- एम्पर म्यूज़िक- पहले से रिकॉर्ड किये गए सैंपल से म्यूज़िकल ट्रैक बनाता है।
- AIVA- विभिन्न विधाओं और शैलियों में मूल संगीत तैयार करने के लिये AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
- कंप्यूटर ग्राफिक्स: यह नए 3D मॉडल, एनिमेशन और स्पेशल इफेक्ट जेनरेट कर सकता है, जिससे मूवी स्टूडियो एवं गेम डेवलपर्स को अधिक वास्तविक तथा आकर्षक अनुभव क्रिएट करने में मदद मिलती है।
- स्वास्थ्य देखभाल: नई चिकित्सा छवियाँ और सिमुलेशन जेनरेट करके, चिकित्सा निदान एवं उपचार की सटीकता व दक्षता में सुधार करना।
- विनिर्माण और रोबोटिक्स: यह विनिर्माण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने, इन प्रक्रियाओं की दक्षता और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
- कला और रचनात्मकता: इसका उपयोग कला के नए कार्यों को जेनरेट करने के लिये किया जा सकता है जो विशिष्ट और अभिनव हैं, कलाकारों तथा रचनाकारों को नए विचारों का पता लगाने व पारंपरिक कला रूपों की सीमाओं को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
- भारत के लिये महत्त्व:
- NASSCOM के आँकड़ों के अनुसार, भारत में AI संबंधी रोज़गार में कुल मिलाकर लगभग 4,16,000 पेशेवर कार्यरत हैं।
- इस क्षेत्र की विकास दर लगभग 20-25% होने का अनुमान है। इसके अलावा AI से वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की उम्मीद है।
GAI से संबंधित चिंताएँ क्या हैं?
- सटीकता: सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह सुनिश्चित करना है कि GAI द्वारा उत्पन्न आउटपुट उच्च गुणवत्तायुक्त और सटीक हो।
- इसके लिये उन्नत जेनरेटिव मॉडल के विकास की आवश्यकता है जो डेटा से सीखे गए पैटर्न और नियमों को सटीक रूप से कैप्चर कर सके।
- पक्षपातपूर्ण GAI मॉडल: GAI मॉडल को बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है और यदि वह डेटा पक्षपाती है, तो GAI द्वारा उत्पन्न आउटपुट भी पक्षपाती हो सकते हैं।
- यह भेदभाव को जन्म दे सकता है और मौज़ूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों को मज़बूत कर सकता है।
- गोपनीयता: GAI मॉडल के प्रशिक्षण हेतु बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुँच की आवश्यकता होती है, जिसमें व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी शामिल हो सकती है।
- इस बात का जोखिम है कि इस डेटा का उपयोग अनैतिक उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जैसे– लक्षित विज्ञापन या राजनीतिक हेरफेर के लिये।
- गलत सूचना के लिये जवाबदेही: चूँकि GAI मॉडल नई सामग्री जैसे चित्र, ऑडियो या टेक्स्ट उत्पन्न कर सकते हैं इसलिये इसका उपयोग फेक न्यूज़ या अन्य दुर्भावनापूर्ण सामग्री उत्पन्न करने हेतु किया जा सकता है, यह जाने बिना कि आउटपुट के लिये कौन उत्तरदायी है।
- इससे उत्तरदायित्व पर नैतिक दुविधा उत्पन्न हो सकती हैं।
- स्वचालित यंत्र एवं रोज़गार को कम करना: GAI में कई प्रक्रियाओं को स्वतः संचालित करने की क्षमता है, जिससे उन क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों के रोज़गार का विस्थापन हो सकता है।
- यह रोज़गार के विस्थापन के लिये AI का उपयोग करने की नैतिकता और श्रमिकों तथा समाज पर संभावित प्रभाव के बारे में प्रश्न उठाता है।
जेनरेटिव AI के लिये भारत की पहल क्या हैं?
- जेनरेटिव AI रिपोर्ट लॉन्च करना: भारत सरकार के राष्ट्रीय AI पोर्टल ‘INDIAai’ द्वारा जेनरेटिव AI, AI नीति, AI शासन एवं शिक्षा जगत से संलग्न कई प्रमुख व्यक्तियों के साथ जेनरेटिव AI के प्रभाव, इससे संबंधित नैतिक एवं विनियामक प्रश्न और भारत के समक्ष इससे संबंधित मौजूद अवसरों के संदर्भ में तीन बैठकों का आयोजन किया गया है।
- GPAI में शामिल होना: वर्ष 2020 में भारत, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना हेतु 15 अन्य देशों के साथ शामिल हुआ था। इस गठबंधन का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों के उत्तरदायित्वपूर्ण उपयोग हेतु ढाँचा स्थापित करना है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना: भारत सरकार अनुसंधान एवं विकास में निवेश करके, स्टार्टअप तथा इनोवेशन हब का समर्थन करके, AI नीतियों के साथ रणनीतियों का निर्माण करके और साथ ही AI शिक्षा व कौशल को बढ़ावा देकर देश के भीतर AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये समर्पित है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति: सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुसंधान के साथ उसे अपनाने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की है।
- अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन: इस मिशन के भागों के रूप में AI एवं ML पर आईआईटी खड़गपुर में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) की स्थापना की गई है। उनका लक्ष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों एवं टेक्नोक्रेट की अगली पीढ़ी के विकास के लिये अत्याधुनिक प्रशिक्षण के साथ-साथ क्षमता निर्माण में वृद्धि करना है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) रिसर्च, एनालिटिक्स एंड नॉलेज एसिमिलेशन प्लेटफॉर्म: यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका लक्ष्य AI के संबंध में भारत को उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाने साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शहरीकरण एवं गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में परिवर्तन लाना है।
निष्कर्ष:
- जेनरेटिव AI, एक शक्तिशाली एवं आशाजनक तकनीक है जिसके कई लाभ हैं। हालाँकि इसमें कई चुनौतियाँ तथा जोखिम भी हैं जिनका प्रभावी और ज़िम्मेदारीपूर्ण विनियमन द्वारा समाधान करने की आवश्यकता है।
- भारत को जेनेरिक AI कार्यान्वयन के लिये सक्रिय एवं संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये जो इसकी सुरक्षा, सुरक्षा के साथ नैतिक उपयोग भी सुनिश्चित करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1और 3 उत्तर: (b) |