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जैव विविधता और पर्यावरण

मीथेन उत्सर्जन से निपटने के लिये विश्व बैंक की योजना

  • 06 Dec 2023
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मीथेन, COP-28, सिकोइया क्लाइमेट फाउंडेशन, बेज़ोस अर्थ फंड, ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल (GWP), सल्फर हेक्साफ्लोराइड, विश्व बैंक, ग्लोबल मीथेन रिडक्शन प्लेटफॉर्म फॉर डेवलपमेंट (CH4D), ग्लोबल फ्लेयरिंग एंड मीथेन रिडक्शन पार्टनरशिप (GFMR)

मेन्स के लिये:

मीथेन उत्सर्जन के कारण पर्यावरणीय क्षरण तथा संधारणीयता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

मीथेन उत्सर्जन के बढ़ते खतरे से निपटने के प्रयास में विश्व बैंक ने अपने निवेश जीवन अवधि के दौरान 10 मिलियन टन तक मीथेन को कम करने के लिये कई देशों के नेतृत्व वाले कार्यक्रमों की एक शृंखला शुरू करने की योजना की घोषणा की है।

मीथेन उत्सर्जन से संबंधित विश्व बैंक की योजना क्या है? 

  • योजना की आवश्यकता:
    • वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) में मीथेन का योगदान लगभग 19% है जो इसे जलवायु परिवर्तन में प्रमुख योगदानकर्त्ता बनाता है।
    • चावल उत्पादन में 8%, पशुधन में 32% तथा सभी मानव-चालित मीथेन उत्सर्जन में 18% अपशिष्ट शामिल है, जिससे इन क्षेत्रों में लक्षित प्रयास महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं।
      • मीथेन में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में बहुत अधिक ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (GWP) है।
      • ग्रह पर ऊष्मा उत्पन्न करने के मामले में मीथेन कार्बन डाइऑक्साइड से 80 गुना अधिक शक्तिशाली है, इसके बावजूद इस पर कम ध्यान देने के साथ ही कम  धन आवंटन किया जाता है।
  • विश्व बैंक की योजना:
    • विश्व बैंक की योजना अगले 18 महीनों के भीतर कम-से-कम 15 देशों के नेतृत्व वाले कार्यक्रम शुरू करना है।
      • विश्व बैंक के अनुसार, यह कदम वैश्विक तापमान में चिंताजनक वृद्धि को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति सबसे संवेदनशील समुदायों का समर्थन करने की दिशा में उठाया गया है।
      • ये कार्यक्रम विशेष रूप से मीथेन उत्सर्जन को लक्षित करेंगे, पर्यावरणीय गिरावट को रोकने और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिये रणनीतिक हस्तक्षेपों को नियोजित करेंगे।
    • विश्व बैंक का ट्रिपल विन दृष्टिकोण: 
      • महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम चावल उत्पादन, पशुधन संचालन और अपशिष्ट प्रबंधन सहित विभिन्न स्रोतों से मीथेन उत्सर्जन को कम करने पर केंद्रित होंगे।
      • विश्व बैंक द्वारा मीथेन कटौती के लिये उल्लिखित व्यापक दृष्टिकोण ट्रिपल विन- उत्सर्जन को कम करना, लचीलापन बढ़ाना और आजीविका को सशक्त बनाने पर बल देता है।
  • निधीयन तंत्र:
    • वर्तमान में मीथेन उपशमन के लिये कुल वित्त वैश्विक जलवायु वित्त का 2% से भी कम है।
    • विश्व बैंक ने वर्ष 2024 से वर्ष 2030 के दौरान सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के चैनलों के माध्यम से मीथेन कटौती के लिये वित्तपोषण में पर्याप्त वृद्धि की कल्पना की है।
      • संस्था प्रभावी समाधान उपायों को लागू करने और संपूर्ण ऊर्जा मूल्य शृंखला में मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिये जर्मनी, नॉर्वे, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात तथा निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करने के लिये तैयार है।
  • साझेदारी प्लेटफॉर्म:
    • अपने प्रयासों को क्रियान्वित करते हुए विश्व बैंक दो साझेदारी मंच लॉन्च कर रहा है:
      • ग्लोबल मीथेन रिडक्शन प्लेटफॉर्म फॉर डेवलपमेंट (CH4D) कृषि और अपशिष्ट में मीथेन में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
      • ग्लोबल फ्लेयरिंग एंड मीथेन रिडक्शन पार्टनरशिप (GFMR) तेल और गैस क्षेत्र में मीथेन के रिसाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (GWP): 

  • GWP इस बात का परिमाण है कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की तुलना में कोई ग्रीनहाउस गैस एक विशिष्ट समय अवधि, आमतौर पर 100 वर्षों में वातावरण में कितनी हिट ट्रैप करती है।
  • इसका उपयोग ग्लोबल वार्मिंग पर विभिन्न ग्रीनहाउस गैसों के संभावित प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिये किया जाता है। GWP वायुमंडल में उष्मा को अवशोषित करने और इसे बनाए रखने की उनकी क्षमता के आधार पर विभिन्न गैसों के वार्मिंग प्रभावों की तुलना करने में सहायक है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड 1 परिमाण के GWP वाली एक रेफरेंस/संदर्भ गैस है। अन्य ग्रीनहाउस गैसों, जैसे- मीथेन (CH4) और नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) की GWP अधिक होती है क्योंकि वे उष्मा को ट्रैप करने में अधिक प्रभावी होते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) विभिन्न गैसों के लिये GWP मान प्रदान करता है। यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि GWP मान तुलना के लिये चयनित समय (Time Horizon) के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

मीथेन उत्सर्जन से निपटने के लिये क्या पहलें की गई हैं?

  • भारतीय:
    • 'हरित धरा' (HD): भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक एंटी-मिथेनोजेनिक फीड पूरक 'हरित धरा' (HD) विकसित किया है, जो मवेशियों के मीथेन उत्सर्जन को 17-20% तक कम कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप उच्च दुग्ध उत्पादन भी हो सकता है।
    • भारत ग्रीनहाउस गैस कार्यक्रम: WRI इंडिया (गैर-लाभकारी संगठन), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट (TERI) के नेतृत्व में भारत GHG कार्यक्रम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का आकलन करने और इसे प्रबंधित करने के लिये एक उद्योग-आधारित स्वैच्छिक ढाँचा है।
    • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPCC): इसे भारत में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य जन प्रतिनिधियों, सरकार की विभिन्न एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योग और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरों तथा इन परिवर्तनों का मुकाबला करने हेतु भारत के स्तर पर प्रस्तावित कदमों के आधार पर समुदाय  के बीच जागरूकता पैदा करना है। 
    • भारत स्टेज-VI मानदंड: भारत, भारत स्टेज-IV (BS-IV) से भारत स्टेज-VI (BS-VI) उत्सर्जन मानदंडों में स्थानांतरित हो गया।
  • वैश्विक स्तर पर:
    • मीथेन चेतावनी और प्रतिक्रिया प्रणाली (MARS):
      • MARS बड़ी संख्या में मौजूदा और भविष्य के उपग्रहों से डेटा को एकीकृत करेगा जो विश्व में कहीं भी मीथेन उत्सर्जन की घटनाओं का पता लगाने की क्षमता रखता है तथा इस पर कार्रवाई करने के लिये संबंधित हितधारकों को सूचनाएँ भेजता है।
    • वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा :
      • वर्ष 2021 में ग्लासगो जलवायु सम्मेलन (UNFCCC COP-26) में वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को वर्ष 2020 के स्तर से 30% तक कम करने के लिये लगभग 100 राष्ट्र एक स्वैच्छिक प्रतिज्ञा में शामिल हुए थे, जिसे ग्लोबल मीथेन प्रतिज्ञा के रूप में जाना जाता है।
    • वैश्विक मीथेन पहल (GMI):
      • यह एक अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी साझेदारी है जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में मीथेन की पुनर्प्राप्ति और उपयोग में आने वाली बाधाओं को कम करने पर केंद्रित है।

मीथेन उत्सर्जन को कम करने हेतु क्या उपाय किये जा सकते हैं?

  • ऊर्जा क्षेत्र में: मीथेन उत्सर्जन संपूर्ण तेल और गैस आपूर्ति शृंखला के साथ घटित होता है, लेकिन इसमें विशेष रूप से उपकरणों के कारण लीकेज, सिस्टम में गड़बड़ी और जान-बूझकर फ्लेयरिंग और वेंटिंग से होने वाले क्षणिक उत्सर्जन शामिल हैं।
    • मौजूदा लागत प्रभावी समाधान उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें लीक डिटेक्शन एंड रिपेयर कार्यक्रम शुरू करना, बेहतर प्रौद्योगिकियों एवं परिचालन अभ्यासों को लागू करना और मीथेन की ज़ब्ती एवं उपयोग करना शामिल हैं जो अन्यथा बर्बाद हो जाएगा।
  • कृषि क्षेत्र में: किसान पशुओं को अधिक पौष्टिक चारा प्रदान कर सकते हैं ताकि वे बड़े, स्वस्थ और अधिक उत्पादक हों और इस प्रकार कम लागत में प्रभावी ढंग से अधिक उत्पादन किया जा सके।
    • जब धान-चावल जैसी प्रमुख फसलों की बात आती है, तो विशेषज्ञ वैकल्पिक रूप से गीला करने और सुखाने के तरीकों की सलाह देते हैं जो उत्सर्जन को आधा कर सकते हैं।
      • खेतों में लगातार जल बनाए रखने के बजाय पूरे फसल मौसम में दो-तीन बार सिंचाई और अपवाह का प्रयोग किया जा सकता है जिससे उपज को प्रभावित किये बिना मीथेन उत्पादन को सीमित किया जा सकता है।
        • इस प्रक्रिया में एक-तिहाई कम जल की आवश्यकता होगी, जिससे यह अधिक किफायती हो जाएगा।
  • अपशिष्ट क्षेत्र में: अपशिष्ट क्षेत्र वैश्विक मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन में लगभग 20% योगदान करते हैं।
    • लागत-प्रभावी शमन उपाय (जहाँ आर्गेनिक पदार्थों के पृथक्करण और पुनर्चक्रण में व्यापक संभावनाएँ निहित हैं) नए रोज़गार पैदा करने की भी क्षमता रखते हैं।
      • खाद्य क्षति और अपव्यय से बचना भी महत्त्वपूर्ण है।
    • इसके अतिरिक्त लैंडफिल गैस को एकत्र करने और ऊर्जा पैदा करने से मीथेन उत्सर्जन कम होगा, अन्य प्रकार के ईंधन विस्थापित होंगे और राजस्व की नए अवसर सृजित होंगे।
  •  सरकार की भूमिका: भारत सरकार को अपने नागरिकों के लिये खाद्यान्न उत्पादन और उपभोग करने में मदद के लिये एक खाद्य प्रणाली परिवर्तन नीति विकसित करनी चाहिये।
    • साइलो में काम करने के बजाय सरकार को एक व्यापक नीति विकसित करनी चाहिये जो किसानों को पौधे-आधारित खाद्य उत्पादन के स्थायी तरीकों की ओर ले जाए।
    • औद्योगिक पशुधन उत्पादन और उससे जुड़े इनपुट से सब्सिडी को हटाना और रोज़गार सृजन, सामाजिक न्याय, गरीबी में कमी, पशु संरक्षण एवं बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य को एक ही समाधान के कई पहलुओं के रूप में देखना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं? (2019)

1. भूमंडलीय तापन के कारण इन निक्षेपों से मीथेन गैस का निर्मुक्त होना प्रेरित हो सकता है।
2. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के विशाल निक्षेप उत्तरध्रुवीय टुंड्रा में तथा समुद्र अधस्तल के नीचे पाए जाते हैं।
3. वायुमंडल के अंदर मीथेन एक या दो दशक के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकृत हो जाती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये:

1. कार्बन मोनोक्साइड
2. मीथेन
3. ओज़ोन
4. सल्फर डाइऑक्साइड

फसल/जैव मात्रा के अवशेषों के दहन के कारण वायुमंडल में उपर्युक्त में से कौन-से निर्मुक्त होते हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

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