डेली न्यूज़ (13 Jan, 2023)



मानव-वन्यजीव संघर्ष

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ह्यूमन राइट्स वॉच की वर्ल्ड रिपोर्ट 2023

प्रिलिम्स के लिये:

यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट (UDHR), मानवाधिकारों को सशक्त बनाने के लिये भारत की पहल, हेलसिंकी समझौता 

मेन्स के लिये:

मानवाधिकारों के लिये भारत की विभिन्न पहल और हाल के वर्षों में देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोधाभासी उदाहरण।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 (33वाँ संस्करण) में कहा कि भारतीय अधिकारियों ने वर्ष 2022 के दौरान कार्यकर्त्ता समूहों एवं मीडिया पर अपनी कार्यवाही को अधिक "तीव्र और व्यापक" कर दिया।

  • इसमें यह भी दावा किया गया है कि वर्तमान केंद्रीय सत्तारूढ़ पार्टी ने अल्पसंख्यकों को दबाने हेतु अपमानजनक और भेदभावपूर्ण नीतियों का इस्तेमाल किया। 

ह्यूमन राइट्स वॉच क्या है?

  • ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1978 में "हेलसिंकी वॉच" के रूप में हुई थी, शुरू में इसका उद्देश्य हेलसिंकी समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में अधिकारों के हनन की जाँच करना था।  
    • वर्तमान में इसका दायरा दुनिया भर के लगभग 100 देशों में विस्तारित हो गया है। 
    • इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।
  • हेलसिंकी समझौता (1975), यूरोप में सुरक्षा और सहयोग पर पहले सम्मेलन (अब यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन) के समापन पर हेलसिंकी, फिनलैंड में हस्ताक्षरित एक प्रमुख राजनयिक समझौता था। 
    • मुख्य रूप से सोवियत और पश्चिमी ब्लॉक के बीच तनाव को कम करने हेतु हेलसिंकी समझौते पर कनाडा, अमेरिका एवं यूरोप के सभी देशों द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे।  
    • समझौते के तहत 35 हस्ताक्षरकर्त्ता देशों ने मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने का वचन दिया था। 

वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 के भारत विशिष्ट निष्कर्ष: 

  • सरकार द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन:
    • रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्र सरकार हिंदू बहुसंख्यक विचारधारा को बढ़ावा दे रही है तथा अधिकारियों और समर्थकों को धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने एवं कभी-कभी हिंसक कार्रवाई हेतु भी उकसाती है।
    • इसने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सरकार के भेदभावपूर्ण रुख (बिलकिस बानो बलात्कार के दोषियों की रिहाई) को उजागर किया है।
    • अनुच्छेद 370 को हटाने तथा बाद में दो केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) के निर्माण के 3 साल पश्चात् भी "सरकार ने दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में स्वतंत्र अभिव्यक्ति एवं शांतिपूर्ण समागम को प्रतिबंधित करना जारी रखा" है।
  • सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का स्वागत:
    • HRW ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए त्वरित उदार कदमों की सराहना की, जैसे औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून के सभी उपयोग को रोकने का निर्णय।
    • इसने वैवाहिक स्थिति की परवाह किये बिना सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार देने तथा समान-लिंग वाले युगल, एकल माता-पिता और अन्य परिवारों को शामिल करने हेतु परिवार की परिभाषा को व्यापक बनाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का भी उल्लेख किया।

मानवाधिकारों के लिये भारत की पहलें:

  • संविधान में प्रावधान: 
    • मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 14 से 32
    • राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत: संविधान के अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक। इसमें सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, काम का अधिकार, रोज़गार चयन का अधिकार, बेरोज़गारी के विरुद्ध सुरक्षा, समान काम तथा समान वेतन का अधिकार, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार एवं मुफ्त कानूनी सलाह का अधिकार आदि शामिल हैं।
  • सांविधिक प्रावधान:
  • अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भूमिका:
    • भारत ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के प्रारूपण में सक्रिय रूप से भाग लिया।
    • भारत ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICESCR) तथा नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICCPR) का भी अनुसमर्थन किया है।

अन्य समान रिपोर्ट:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. मौलिक अधिकारों के अलावा भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा भाग मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) के सिद्धांतों और प्रावधानों को दर्शाता है या प्रतिबिंबित करता है? (2020)

  1. प्रस्तावना
  2. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत 
  3. मौलिक कर्तव्य

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स:  

प्रश्न. यद्यपि मानवाधिकार आयोगों ने भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा में काफी हद तक योगदान दिया है, फिर भी वे ताकतवर और प्रभावशालियों के विरुद्ध अधिकार जताने में असफल रहे हैं। इनकी संरचनात्मक एवं व्यावहारिक सीमाओं का विश्लेषण करते हुए सुधारात्मक उपायों के सुझाव दीजिये। (2021) 

स्रोत: द हिंदू


भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध, IPEF

मेन्स के लिये:

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध- महत्त्व, चुनौतियाँ

हाल ही में भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत ने वाशिंगटन डी.सी. में भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (TPF) की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की।

भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच: 

  • परिचय:  
    • भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच का उद्देश्य कृषि, गैर-कृषि वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और बौद्धिक संपदा पर टीपीएफ के कार्य समूहों को सक्रिय करना तथा लाभकारी तरीके से पारस्परिक चिंता के मुद्दों का समाधान करना है।
    • साथ ही अतिरिक्त बाज़ार तक पहुँच स्थापित करने जैसे मुद्दों को हल करके दोनों देशों को ठोस लाभ प्रदान करना है।
  • प्रमुख बिंदु:  
    • दोनों पक्षों ने उत्पादों और सेवाओं के अपने द्विपक्षीय वाणिज्य में वृद्धि की सराहना की, जो कि वर्ष 2021 में 160 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, दोनों राष्ट्रों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें अपनी अर्थव्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।  
    • अमेरिका ने हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचे (IPEF) में भारत की भागीदारी का स्वागत किया।
      • दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि को बनाए रखने के लिये IPEF की प्रभावशीलता के बारे में समान राय रखते हैं।    
    • मंत्रियों ने टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) डिज़ाइन के पूरा होने पर राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) की तकनीकी टीम की सराहना की। 
      • TED मछली पालन का समुद्री कछुओं की आबादी पर प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
    • विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर अपने द्विपक्षीय संवादों को विकसित करने में अधिकारियों की सहायता के लिये लचीले व्यापार से संबंधित एक नया TPF कार्य समूह स्थापित किया गया था। अगली TPF मंत्रिस्तरीय बैठक तक इसके केंद्रीय बिंदु निम्नलिखित हैं :
      • व्यापार सुगमता
      • श्रम अधिकारों और कर्मचारियों के विकास को बढ़ावा देना
      • चक्रीय अर्थव्यवस्था: पर्यावरण संरक्षण में व्यापार की भूमिका 

अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध:

  • वर्तमान में कोविड-19 महामारी से निपटने के अलावा आर्थिक सुधार, जलवायु संकट और सतत् विकास, महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियाँ, आपूर्ति शृंखला में लचीलापन, शिक्षा, प्रवासी भारतीय तथा रक्षा एवं सुरक्षा सहित कई अहम मुद्दे भारत-अमेरिका द्विपक्षीय साझेदारी में शामिल हैं। 
  • अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार एवं सबसे महत्त्वपूर्ण निर्यात बाज़ार है। अमेरिका उन देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का था।
  • हालाँकि रूस-यूक्रेन संकट के प्रति भारत और अमेरिका की प्रतिक्रियाएँ काफी विरोधाभासी हैं, दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अभी भी अपनी वैश्विक रणनीति में भारत के लिये किसी ऐसे स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्त्वाकांक्षाओं को संतुष्ट कर सके। उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2019)

स्रोत: पी.आई.बी.