भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 (Vol-II) | 01 Jun 2020
अध्याय 11- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वन एवं वृक्ष संसाधन
(Forest and tree resources in States and UTs)
आंध्र प्रदेश:
- देश में गुजरात के बाद दूसरी सबसे लंबी तटरेखा आंध्र प्रदेश राज्य की है।
- आंध्र प्रदेश में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदियाँ गोदावरी, कृष्णा और पेन्ना हैं।
- राज्य के वनों को मोटे तौर पर चार प्रमुख समूहों में विभाजित किया जा सकता है:
1. दक्कन का पठार
2. मध्य पठार
3. पूर्वी उच्चभूमि
4. पूर्वी तटीय मैदान।
- रक्त चंदन (Red Sanders/Pterocarpus santalinus) आंध्र प्रदेश की स्थानिक वृक्ष प्रजाति है जो अपने गहरे लाल रंग और बारीक पैटर्न के कारण अत्यधिक मूल्यवान है।
- राज्य में वन आवरण इसके कुल भौगोलिक क्षेत्र का 17.88% है।
- 98.98% सापेक्षिक प्रचुरता के साथ मकोय/सोलनम निग्रम (Solanum nigrum) राज्य में पाई जाने वाली सबसे बड़ी NTFP (Non-Timber Forest Products) प्रजाति है।
अरुणाचल प्रदेश:
- कामेंग, सुबनसिरी, सियांग, लोहित और तिरप राज्य की प्रमुख नदियाँ हैं जो राज्य को पाँच प्रमुख घाटियों में विभाजित करती हैं।
- बेंत और बाँस यहाँ बहुतायत में पाए जाते हैं।
- राज्य का जनसंख्या घनत्व 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है जो देश में सबसे कम है।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 2 राष्ट्रीय उद्यान (मोलिंग और नामदफा) तथा 11 वन्यजीव अभयारण्य, जो इसके भौगोलिक क्षेत्रफल के 11.68% भाग को कवर करते हैं।
- कुल वन आवरण: 79.63%
असम:
- ब्रह्मपुत्र और बराक नदी घाटियों के किनारे स्थित है।
- राज्य को तीन भू-आकृतिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. ब्रह्मपुत्र घाटी
2. मध्य असम पहाड़ियाँ (कार्बी आंग्लोंग और उत्तरी कछार पहाड़ी ज़िलों में मिकिर पहाड़ियाँ)
3. बराक घाटी
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे की वैश्विक आबादी के दो-तिहाई का आवास है।
- संकटग्रस्त और दुर्लभ प्रजातियाँ: पिग्मी हॉग, हिस्पिड खरगोश, ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल आदि।
- कुल वन आवरण: 36.11%
- संरक्षित क्षेत्र: 5 राष्ट्रीय उद्यान (डिब्रू-सैखोवा, काजीरंगा, मानस, नमेरी और ओरांग) और 18 वन्यजीव अभयारण्य, जो इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 4.87% भाग को कवर करते हैं।
बिहार:
- गंगा बिहार की प्रमुख नदी है जो पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर बहती है।
- बिहार वनों की कमी वाला राज्य है जहाँ कुल वन आवरण मात्र 7.76% है।
- साल (Shorea robusta) के वन पूरे राज्य में पाए जाते हैं।
- प्रमुख वन प्रकार: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती।
- आम (Mangifera indica) और लीची (Litchi chinensis) क्रमशः TOF (ग्रामीण) और TOF (शहरी) में पाए जाने वाली प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ हैं।
छत्तीसगढ़:
- राज्य को तीन कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. छत्तीसगढ़ का मैदान
2. छत्तीसगढ़ की उत्तरी पहाड़ियाँ
3. बस्तर का पठार
- प्रमुख नदियाँ: रिहन्द, हसदो (महानदी की एक सहायक नदी) और इंद्रावती।
- प्रमुख वन प्रकार: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती।
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: साल (Shorea robusta) और सागौन/टीक (Tectona grandis)।
- अन्य प्रमुख प्रजातियाँ: बीजा (Pterocarpus marsupium ), साजा (Terminalia tomentosa), धौरा/एक्सलवुड (Anogeissus latifolia), महुआ (Madhuca indica), तेंदु (Diospyros melanoxylon) और बाँस (Dendrocalamus strictus)।
- वनों पर दबाव अधिक है क्योंकि राज्य में अधिकांशतः आदिवासी या गैर-आदिवासी भूमिहीन लोगों का निवास है।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 3 राष्ट्रीय उद्यान (गुरु घासीदास, इंद्रावती, कांगेर घाटी) और 11 वन्यजीव अभयारण्य
दिल्ली:
- दिल्ली के भू-दृश्य को भौगोलिक रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. यमुना का बाढ़ का निचला मैदान
2. अरावली शृंखला
3. गंगा का विशाल मैदान जो शहर के अधिकांश भाग को दायरे में लेता है।
- प्रमुख वन प्रकार: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन और उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन।
- कुल वन आवरण: 13.18%।
- संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: एक वन्यजीव अभयारण्य (असोला भट्टी/भाटी) जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 1.96% भाग को कवर करता है।
- जंगली कीकर(Prosopis juliflora), जो एक आक्रामक प्रजाति है, दिल्ली में सबसे अधिक पाई जाने वाली वृक्ष प्रजाति है।
गोवा:
- राज्य के दो विशिष्ट भौतिक क्षेत्र हैं-
1. पश्चिमी घाट
2. तटीय मैदान
- प्रमुख नदियाँ: मंडोवी और जुवारी।
- जनजातीय आबादी कुल जनसंख्या का 10.23% है।
- गोवा में 16 मैंग्रोव प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें राइज़ोफोरा (Rhizophora), ब्रूगेरा (Bruguiera), सेरियोप्स टैगल (Ceriops tagal), कैंडेलिया (Kandelia), एविसेनिया (Avicennia), सोनेंरेटिया (Sonneratia) आदि शामिल हैं।
- कुल वन आवरण: 60.44%
- गोवा वन विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाएँ: निम्नीकृत वनों का पुनर्स्थापन, पश्चिमी घाट विकास कार्यक्रम, वाटिका, उद्यान एवं फव्वारों का विकास, सामाजिक एवं शहरी वानिकी आदि।
- संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 1 राष्ट्रीय उद्यान (मोलेम) और 6 वन्यजीव अभयारण्य।
गुजरात:
- गुजरात राज्य की अनूठी विशेषताएँ:
- देश में सबसे लंबी तटरेखा
- रण का लवण मरुस्थल
- घास के मैदान
- आर्द्रभूमि
- भौगोलिक रूप से राज्य को तीन विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. प्रायद्वीप (सौराष्ट्र): कम ऊँचाई की पहाड़ियों वाला पहाड़ी क्षेत्र
2. उत्तर-पश्चिम में कच्छ: यह बंजर क्षेत्र है जहाँ कच्छ का प्रसिद्ध रण उपस्थित है
3. मुख्य भूमि: कच्छ के रण और अरावली पहाड़ियों से लेकर दमनगंगा नदी तक जलोढ़ मिट्टी का मैदानी क्षेत्र
- गुजरात में गिर के वनों में एशियाई शेरों की अंतिम शेष आबादी और कच्छ के छोटे रण में जंगली गधों की आबादी पाई जाती है।
- कुल वन आवरण: 7.57%
- RFA/GW के अंतर्गत आर्द्रभूमि क्षेत्र: 39.88% (देश में सर्वाधिक)
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 4 राष्ट्रीय उद्यान (वांसदा, वेलावदार, गिर, समुद्री राष्ट्रीय उद्यान- कच्छ की खाड़ी)
- 23 वन्यजीव अभयारण्य और 1 कंज़र्वेशन रिज़र्व
- राज्य की प्रमुख वृक्ष प्रजाति: नीम (Azadirachta indica)
हरियाणा:
- राज्य की प्रमुख नदियाँ: यमुना और घग्गर
- राज्य में पक्षियों की 500से अधिक प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं, अर्थात् देश की कुल पक्षी प्रजातियों का 40%।
- प्रमुख वन प्रकार समूह: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन, उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन और उपोष्णकटिबंधीय पाइन वन।
- कुल वन आवरण: 3.62%
- प्रमुख कृषि-वानिकी प्रजातियाँ: चिनार (Poplar) और नीलगिरी वृक्ष (Eucalyptus)
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 2 राष्ट्रीय उद्यान (कलेसर और सुल्तानपुर), 8 वन्यजीव अभयारण्य और 2 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
हिमाचल प्रदेश:
- राज्य के तीन विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र हैं:
1. शिवालिक: 1,500 मीटर तक की ऊँचाई
2. मध्य हिमालयी क्षेत्र: 1,500 मीटर से 3,000 मीटर
3. हिमाद्री: 3000 मीटर से ऊपर।
- राज्य की महत्त्वपूर्ण नदियाँ: सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब और यमुना।
- राज्य के वनों को मोटे तौर पर शंकुधारी वनों (Coniferous forests) और पृथुपर्णी वनों (Broad-leaved forests) में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- कुल वन आवरण: 27.72%
- यह वनाग्नि के प्रति संवेदनशील राज्य है।
- राज्य में संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 5 राष्ट्रीय उद्यान (ग्रेट हिमालयन, इंद्रकिला, खीरगंगा, सीमलवाडा), 28 वन्यजीव अभयारण्य और 3 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
- राज्य की प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: देवदार (Cedrus deodara), नीली पाइन (Pinus wallichiana) और चीड़ (Pinus roxburghii)
जम्मू और कश्मीर:
- देश के सबसे उत्तरी भाग में स्थित है।
- प्रमुख नदियाँ: झेलम, चिनाब, सिंधु, रावी, तवी आदि।
- जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के सभी 22 ज़िले और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के 2 ज़िले पहाड़ी ज़िले हैं तथा दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में कोई भी जनजातीय ज़िला मौजूद नहीं है।
- TOF में प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: ग्रेविया अपोजिटीफोलिया (Grewia oppositifolia)
- प्रमुख आक्रामक प्रजातियाँ: लैंटाना कैमारा (Lantana camara)
- राष्ट्रीय उद्यान: सलीम अली, दाचीगाम, हेमिस, किश्तवाड़
झारखंड:
- झारखंड वनों और खनिज संपदा से समृद्ध है।
- राज्य में चार प्रमुख पठार हैं जिनमें छोटा नागपुर का पठार सबसे प्रमुख है।
- राज्य की महत्त्वपूर्ण नदियाँ: गंगा, सोन, दक्षिणी कोयल, बैतरणी और दामोदर।
- राज्य में मुंडा, उरांव, हो, संथाल, पहाड़िया, चेरो, बिरजिया, असुर एवं अन्य आदिवासी समूहों का वास है जो विभिन्न कृषि-पशुचारण प्रथाओं का पालन करते हैं।
- कुल वन आवरण: 29.62%
कर्नाटक:
- भौगोलिक दृष्टि से राज्य को दो विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. पहाड़ी क्षेत्र (मालनद): जिसमें पश्चिमी घाट शामिल हैं।
2. मैदानी क्षेत्र: जिसमें आंतरिक पठार शामिल है।
- प्रमुख नदियाँ:
- पूर्व की ओर (बंगाल की खाड़ी में) प्रवाहित: कावेरी और कृष्णा।
- पश्चिम की ओर (अरब सागर में) प्रवाहित: शरावती और काली।
- पश्चिमी घाट के सदाबहार वन राज्य के 60% वन क्षेत्र को कवर करते हैं और इनकी पहचान भारत के चार जैव-विविधता हॉटस्पॉट में से एक के रूप में की जाती है।
- कुल वन आवरण: 20.11%
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 5 राष्ट्रीय उद्यान (अंशी, बांदीपुर, बन्नेरघट्टा, कुद्रेमुख, नागरहोल) 30 वन्यजीव अभयारण्य, 15 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
- कर्नाटक देश की कुल बाघ आबादी के लगभग 10% और हाथी आबादी के 25% का संपोषण करता है।
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: सागौन (Tectona grandis), अर्जुन (Terminalia spp), काला शीशम (Dalbergia latifolia), विजयसार (Pterocarpus spp) आदि। झाड़ी एवं काँटेदार वनों में बबूल (Acacia spp), कबरा (Capparis spp.), प्रोसोपिस (Prosopis spp.) आदि प्रमुख प्रजातियाँ हैं।
केरल:
- भौगोलिक रूप से राज्य को निम्नलिखित क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. तटीय क्षेत्र
2. मध्य भूमि
3. उच्च भूमि
- राज्य की प्रमुख नदियाँ: पेरियार, कलोडा (Kaloda), अत्तिनगोक (Attingok)
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 6 राष्ट्रीय उद्यान (अनामुडी शोला, एराविकुलम, मथिकेत्तन शोला, पंबादम शोला, पेरियार, साइलेंट वैली), 17 वन्यजीव अभयारण्य और 1 सामुदायिक रिज़र्व इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 6.40% भाग को कवर करते हैं।
- कुल वन आवरण: 54.42%
- TOF (ग्रामीण) में प्रमुख वृक्ष प्रजाति: रबड़ (Hevea brasiliensis)
- TOF (शहरी) में प्रमुख वृक्ष प्रजाति: नारियल (Cocos nucifera)
मध्य प्रदेश:
- मध्य प्रदेश एक वन समृद्ध राज्य है और RFA के मामले में सभी राज्यों में शीर्ष स्थान पर है।
- प्रमुख नदियाँ: नर्मदा, ताप्ती, सोन, बेतवा, शिप्रा और चंबल।
- वर्ष 1984 में गठित मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ [Madhya Pradesh State Minor Forest Produce (Trading & Development) Co-operative Federation] तेंदू के पत्ते, साल बीज, कुल्लू गोंद एवं अन्य NTFPs के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन का कार्य करता है।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 10 राष्ट्रीय उद्यान (बांधवगढ़, डायनासोर जीवाश्म, पेंच, कान्हा, माधव, पन्ना, संजय, सतपुड़ा, वन विहार)।
- राज्य में 6 टाइगर रिज़र्व हैं।
- 'अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018' के अनुसार 526 बाघों की आबादी के साथ मध्य प्रदेश को ‘भारत के बाघ राज्य’ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- कुल वन आवरण: 25.14%
महाराष्ट्र:
- यह देश के पश्चिमी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में स्थित है।
- RFA के मामले में शीर्षस्थ राज्यों में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
- राज्य के तीन भू-आकृतिक क्षेत्र हैं-
1. दक्कन का पठार
2. पश्चिमी घाट
3. पश्चिमी तट
- प्रमुख नदियाँ: गोदावरी, भीमा, नर्मदा, ताप्ती, कोयना और कृष्णा।
- वृक्षारोपण और संरक्षण के संबंध में सूचनाएँ प्रदान करने और जन जागरूकता के प्रसार के लिये 'हैलो फॉरेस्ट' नामक एक 24-घंटे टोल फ़्री हेल्पलाइन नंबर 1926 स्थापित किया गया है।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 6 राष्ट्रीय उद्यान (चंदौली, गुगामल, नवेगाँव, पेंच, बोरीवली, ताडोबा), 48 वन्यजीव अभयारण्य, 6 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
- कुल वन आवरण: 16.50%
मणिपुर:
- भौगोलिक रूप से मणिपुर को दो विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है-
1. बीहड़ पहाड़ियों और संकरी घाटियों का एक बाह्य क्षेत्र
2. समतल मैदान का आंतरिक क्षेत्र
- प्रमुख नदियाँ: इम्फाल और बारा।
- कुल वन आवरण: 75.46%
- यह एक उच्च अग्नि प्रवण क्षेत्र है।
- भारत में पाई जाने वाली 126 बाँस प्रजातियों में से 53 प्रजातियाँ मणिपुर में पाई जाती हैं।
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: सागौन, पाइन, ओक, अनिंग्थौ (Uningthou/Phoebe spp.) सोनचंपा/लेहाओ Leihao/Michelia spp.)।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 1 राष्ट्रीय उद्यान (कीबुल लामजाओ), 2 वन्यजीव अभयारण्य, 4 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
- लोकटक झील पूर्वी भारत में ताज़े पानी की सबसे बड़ी झील है और इसे रामसर स्थल घोषित किया गया है।
- लोकटक झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान संकटग्रस्त बारहसिंगा या संगई/रूसरवस एल्डी (Rucervus eldii) का आवास है जिसे ‘डांसिंग डियर’ के नाम से भी जाना जाता है।
- लिलियम मैकेलिनिया या शिरुई लिली (Lilium mackliniae or Siroi Lily) एक दुर्लभ पादप प्रजाति है जो केवल मणिपुर सिरोई पहाड़ी शृंखलाओं में पाई जाती है।
मेघालय:
- राज्य के तीन अलग-अलग क्षेत्र हैं -
1. गारो पहाड़ियाँ
2. खासी पहाड़ियाँ
3. जयंतिया पहाड़ियाँ
- प्रमुख नदियाँ: सांडा (Sanda), सिमसंग (Simsang), उमंगोत (Umngot) और म्यनडु (Myntdu)।
- वर्तमान समय में भी राज्य में झूम कृषि (Shifting cultivation) प्रचलित है।
- अन्य राज्यों के विपरीत मेघालय में वन मुख्यतः सामुदायिक और निजी स्वामित्व अंतर्गत आते हैं तथा 1,113 वर्ग किमी. वन क्षेत्र राज्य वन विभाग के प्रत्यक्ष नियंत्रण में हैं।
- कुल वन आवरण: 76.32%
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 2 राष्ट्रीय उद्यान (बलफकरम, नोकरेक रिज), 4 वन्यजीव अभयारण्य, 65 सामुदायिक रिज़र्व।
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: खासी पाइन (Pinus kasya)
मिज़ोरम:
- भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में मिज़ोरम राज्य का वन आवरण (85.41%) सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।
- राज्य के उष्णकटिबंधीय आर्द्र-सदाबहार वनों में गर्जन (Dipterocarpus turbinatus), चम-कटहल (Artocarpus chaplasha), काकुभ/पानी साज (Terminalia myriocarpa), अमारी (Amoora wallichii), सोनचंपा (Michelia champaca), नागचंपा (Mesua ferrea) आदि मूल्यवान वृक्ष प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- राज्य के लगभग 40% वन क्षेत्र अति उच्च अग्नि प्रवण क्षेत्र हैं।
- सदाबहार वन के मध्यम और निचले क्षेत्र में बाँस बहुतायत से पाए जाते हैं।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 2 राष्ट्रीय उद्यान (मुरलेन, फावंगपुई ब्लू माउंटेन), 8 वन्यजीव अभयारण्य।
नगालैंड:
- प्रमुख नदी: बराक नदी।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 1 राष्ट्रीय उद्यान (इन्तानकी/Intanki राष्ट्रीय उद्यान), 3 वन्यजीव अभयारण्य, 57 सामुदायिक रिज़र्व।
- कुल वन आवरण: 75.31%
ओडिशा:
- भौगोलिक रूप से राज्य को चार क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1. उत्तरी पठार
2. पूर्वी घाट
3. मध्य पठार
4. तटीय मैदान
- प्रमुख नदियाँ: महानदी, ब्राह्मणी और बैतरणी।
- कुल वन आवरण: 33.15%
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 2 राष्ट्रीय उद्यान (भीतरकणिका और सिमलीपाल), 19 वन्यजीव अभयारण्य।
- TOF में प्रमुख वृक्ष प्रजाति- आम (Mangifera indica)
पंजाब:
- प्रमुख नदियाँ: सतलुज और ब्यास।
- प्रमुख वन प्रकार समूह: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन, उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन और उपोष्णकटिबंधीय पाइन वन।
- होशियारपुर के 'लालवन' और गुरदासपुर के 'केशोपुर-चंब' के सामुदायिक रिज़र्व वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अधिसूचित देश के पहले सामुदायिक/कम्युनिटी रिज़र्व हैं।
- राज्य में वन आवरण राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 3.67% है।
- कुल आर्द्रभूमियाँ: 119 जो कुल RFA/GW का 3.32% हैं।
- TOF में प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: नीलगिरी प्रजातियाँ (Eucalyptus species), नीम/मेलिया एज़ाडिरैक्टा (Melia azadirachta)
राजस्थान:
- राज्य के 4 विशिष्ट भौगौलिक क्षेत्र हैं:
1. बंजर पहाड़ियों के साथ पश्चिमी रेगिस्तान
2. समतल चट्टानी और रेतीला मैदान
3. अरावली पहाड़ियाँ
4. दक्षिण-पूर्वी पठार
- प्रमुख नदियाँ: बनास, चंबल, लूनी और माही।
- प्रमुख वन प्रकार समूह: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 5 राष्ट्रीय उद्यान (रेगिस्तान, केवलादेव, मुकुंदरा पहाड़ियाँ, रणथंभौर, सरिस्का), 25 वन्यजीव अभयारण्य, 11 कंज़र्वेशन रिज़र्व।
- प्रोजेक्ट टाइगर स्थल: 3 (रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा पहाड़ियाँ)
- रामसर स्थल: 2 (केवलादेव घना अभयारण्य और सांभर झील)
- राज्य में वन आवरण राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 4.86% है। यह वनों की कमी वाला राज्य है।
- TOF में प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ: खेजड़ी (Prosopis cineraria), नीम (Azadirachta indica)
सिक्किम:
- प्रमुख नदियाँ: तीस्ता, रंगीत, रंगपो और लाचेन।
- यह 47.11% के कुल वन आवरण के साथ एक वन समृद्ध राज्य है।
- भारत के पुष्पीय पादपों का लगभग एक तिहाई हिस्सा सिक्किम में पाया जाता है।
- राज्य का संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क: 1 राष्ट्रीय उद्यान (कंचनजंगा/ Khangchendzonga), 7 वन्यजीव अभयारण्य, 1 कंज़र्वेशन रिज़र्व – जो इसके भौगोलिक क्षेत्र के 30.77% भाग को कवर करते हैं।
- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
तमिलनाडु:
- चार प्रमुख भौगोलिक क्षेत्र हैं:
1. तटीय मैदान
2. पूर्वी घाट
3. मध्य पठार
4. पश्चिमी घाट
- प्रमुख नदियाँ: कावेरी, भवानी, पलार, वैगई
- जैव विविधता की विस्तृत शृंखला:
- मुन्नार की खाड़ी में समुद्री तटीय पारिस्थितिकी तंत्र
- पश्चिमी घाट में स्थलीय सदाबहार वन
- पहाड़ियों में शीतोष्ण वन
- नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व:
- जैव-विविधता हॉटस्पॉट
- संकटग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र
- समुद्री जीवों के संरक्षण में अग्रणी राज्य।
- सागौन और चंदन के वनों के लिये प्रसिद्ध।
- नीलगिरी तहर के लिये प्रसिद्ध मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान। अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में शामिल हैं- गुइंडी, मन्नार की खाड़ी, अन्नामलाई और मुदुमलाई।
- लगभग 5% क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र तंत्र के अंतर्गत शामिल हैं।
- राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 20.27% वन आवरण है।
तेलंगाना:
- प्रमुख नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा।
- गोदावरी नदी के तट पर सागौन के घने वन पाए जाते हैं।
- प्रमुख वन प्रकार:
- उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती
- उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती
- उष्णकटिबंधीय काँटेदार वन
- 'तेलंगाना कू हरिता हरम': 4 वर्षों में 230 करोड़ नवांकुरों के रोपण व संरक्षण का हरित कार्यक्रम।
- इसके भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 5% संरक्षित क्षेत्र तंत्र का गठन करता है।
- राज्य में कुल वन आवरण 18.36% है।
त्रिपुरा:
- राज्य की लगभग एक तिहाई आबादी अनुसूचित जनजातियों की है।
- प्रमुख वन प्रकार:
- उष्णकटिबंधीय अर्द्ध-सदाबहार
- उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती
- एक वृहत क्षेत्र बाँस वनों का है जिस पर राज्य की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है।
- वन प्रबंधन में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त वन प्रबंधन समितियों (Joint Forest Management Committees- JFMC) और पारिस्थितिकी विकास समितियों (Eco Development Committees- EDCs) का गठन किया गया है।
- कुल वन आवरण राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 74% है।
- राष्ट्रीय उद्यान- क्लाउडेड लेपर्ड (Clouded leopard) और बाइसन (राजबाड़ी)।
उत्तर प्रदेश:
- राज्य को तीन प्रमुख भू-आकृतिक क्षेत्र हैं:
1.उत्तर में शिवालिक क्षेत्र
2.मध्य क्षेत्र में गंगा का मैदान
3. दक्षिण में विंध्य की पहाड़ियाँ
- प्रमुख नदियाँ: गंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, बेतवा, चंबल और गंडक।
- यह मुख्यतः कृषि राज्य है जिसके कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 6.15% वन आवरण है।
- वर्ष 2019 में वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने के लिये ‘वृक्ष महाकुंभ कार्यक्रम’ के तहत 22.5 करोड़ पौधे लगाए गए।
- किसानों को आजीविका एवं आय वृद्धि के लिये अधिकांश वृक्ष प्रजातियों की कटाई और पारगमन नियमों से छूट दी गई है।
- कुल क्षेत्रफल का लगभग 12% संरक्षित क्षेत्र तंत्र का निर्माण करता है।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडों के सफल प्रतिस्थापन के लिये जाना जाता है।
उत्तराखंड:
- ऊँचाई के साथ जलवायु और वनस्पति में व्यापक भिन्नता पाई जाती है:
- उच्चतम ऊँचाई पर ग्लेशियर
- निम्न ऊँचाई पर उपोष्ण कटिबंधीय वन
- प्रमुख नदियाँ: गंगा, यमुना, रामगंगा एवं शारदा और उनकी सहायक नदियाँ।
- राज्य को भौगोलिक दृष्टि से टिन भागों में विभाजित किया गया है:
1. हिमालय
2. शिवालिक
3. तराई क्षेत्र
- राज्य में वन पंचायतें मौजूद हैं।
- वनाग्नि यहाँ एक बड़ी समस्या है।
- इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.45% भाग संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का गठन करता है।
- राष्ट्रीय उद्यान: कॉर्बेट, गंगोत्री, गोविंद, नंदा देवी, राजाजी और फूलों की घाटी।
- कुल वन आवरण 45.44% है।
पश्चिम बंगाल:
- राज्य के दो प्राकृतिक क्षेत्र हैं:
1. उत्तरी हिमालयी
2. दक्षिणी जलोढ़ गंगा मैदान।
- प्रमुख नदियाँ: ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियाँ - तीस्ता, तोरसा और जलढाका
- हिमालय की तलहटी में साल वन पाए जाते हैं जबकि 1000-1,500 मीटर से अधिक ऊँचाई पर बलूत/ओक, शंकुधारी वन और रोडोडेंड्रोन (Rhododendron) पाए जाते हैं।
- राज्य में कुल वन आवरण भौगोलिक क्षेत्रफल का 19.04% है।
- राष्ट्रीय उद्यान: बक्सा, जलदापारा, गोरुमारा, नेओरा घाटी, सिंगालीला और सुंदरबन।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह:
- यह डिगलीपुर द्वीप में कई छोटी धाराओं से अपवाहित है; कल्पोंग यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण नदी है।
- सैडल पीक द्वीप की सबसे ऊँची चोटी है।
- यहाँ 6 स्वदेशी आदिवासी समूहों - जारवा, सेंटिनलीज़, ग्रेट अंडमानी, ओंगी, निकोबारी और शोम्पेन का वास है।
- इन द्वीपों में पादपों की लगभग 2,200 किस्में पाई जाती हैं जिनमें से 200 स्थानिक हैं। कुछ प्रमुख प्रजातियाँ हैं: एनक्टोकाइलस नरसिम्हन (Anoectochilus narasimhan), सेरोपेगिया अंडमानिका (Ceropegia andamanica), कोडोनोकार्पस अंडमानीनिकस (Codonocarpus andamanicus), साइटेंड्रोमिया निकोबारिका (Cyrtandromoea nicobarica), ग्रेविया इंडअंडमानिका (Grewia indandamanica), हिप्पोक्रेटिया अंडमानिका (Hippocratea andamanica), लीआ ग्रांडीफोलिया (Leea grandifolia), मैंगीफेरा निकोबारिका (Mangifera nicobarica), मेमेसिलोन अंडमानीकम (Memecylon andamanicum), मेसुआ मनी (Mesua manii), मिलियुसा अंडमानिका (Miliusa andamanica)।
- 9 राष्ट्रीय उद्यान (कैंपबेल बे, गैलाथिया बे, मरीन वांडूर, मिडल बटन आइलैंड, माउंट हैरियट, नॉर्थ बटन आइलैंड, रानी झाँसी मरीन, सैडल पीक, साउथ बटन आइलैंड), 96 वन्यजीव अभयारण्य, 1 बायोस्फीयर रिज़र्व। ये 18.71% संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का निर्माण करते हैं।
- कुल वन आवरण 81.74% है।
चंडीगढ़:
- यह शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में वृहत भारतीय उत्तरी मैदान में स्थित है।
- प्रमुख वन प्रकार: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती।
- वन विभाग का मुख्य फोकस शहरी वानिकी पर है।
- 2 वन्यजीव अभयारण्य (सुखना वन्यजीव अभयारण्य और सिटी बर्ड वन्यजीव अभयारण्य) जो 22.81% भौगोलिक क्षेत्रफल को कवर करता है।
- राज्य में कुल वन आवरण 19.32% है।
दादरा और नगर हवेली:
- प्रमुख नदी: दमन गंगा और इसकी तीन सहायक नदियाँ।
- प्रमुख वन प्रकार: उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन।
- ईंधन लकड़ी, चारा, लघु इमारती लकड़ी के लिये वनों पर जनसंख्या की उच्च निर्भरता।
- प्रमुख जनजातियाँ: ढोडिया, कोकना और वरली;
- अपेक्षाकृत छोटी जनजातियाँ: कोली, कथोड़ी, नायका और डबला।
- एक वन्यजीव अभयारण्य (दादरा और नगर हवेली) जो कि इस केंद्रशासित प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल के 18.77% भाग को कवर करता है।
- कुल वन आवरण 42.19% है।
दमन और दीव:
- प्रमुख वन प्रकार: वेलांचली (Littoral) एवं अनूप वन (Swamp forest)।
- कुल वन आवरण 18.46% है।
- एक वन्यजीव अभयारण्य (फुदम पक्षी अभयारण्य) जो मछलियों के लिये समांडन स्थल (Spawning Ground) है और ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट तथा ग्रेट व्हाइट एग्रेट जैसी एविफुना प्रजातियों के लिये आहार स्थल (Feeding ground) है।
लक्षद्वीप:
- लक्षद्वीप केंद्रशासित प्रदेश में कोई अधिसूचित वन मौजूद नहीं है; 82% भूमि निजी स्वामित्व वाले नारियल के बागानों से आच्छादित है।
- राज्य में 4,200 वर्ग किमी क्षेत्रफल का एक विशाल लैगून मौजूद है जिसमें समुद्री जीवों की व्यापक विविधता पाई जाती है।
- लक्षद्वीप में प्रवाल द्वीप भी पाए जाते हैं।
- एक वन्यजीव अभयारण्य (पक्षीपिट्टी) जो केंद्रशासित प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र के 0.03% को कवर करता है।
- कुल वन आवरण भौगोलिक क्षेत्रफल का 90.33% है, हालाँकि कोई RFA मौजूद नहीं है।
पुदुचेरी:
- पुदुचेरी केंद्रशासित प्रदेश में कोई भी प्राकृतिक वन नहीं है।
- पुदुचेरी के किसान कैसुआरीना (Casuarina) प्रजातियों की खेती करते हैं।
- सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश की आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिये पुदुचेरी केंद्रशासित प्रदेश आर्द्रभूमि प्राधिकरण का गठन किया है।
- एक वन्यजीव अभयारण्य (ओसुडु झील/Oussudu Lake) है जो केंद्रशासित प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र के 0.80% को कवर करता है।
- कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 10.70% वन आवरण है।