जैव विविधता और पर्यावरण
कार्बेट नेशनल पार्क में खत्म होगा VIP कल्चर
- 19 Jun 2019
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चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) में अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है कि वे किसी भी VIP के पार्क में रूकने व सफारी की सुविधा प्रदान करने के अनुरोध को स्वीकार नहीं करेंगे, चाहे वे स्वयं के लिये अनुरोध करें या अपने किसी रिश्तेदारों के लिये।
- ज्ञातव्य है कि पार्क प्रबंधन कई वर्षों से चले आ रहे इस VIP कल्चर से काफी परेशान था, सरकारी तंत्र से लेकर राजनीतिज्ञों की ओर से अक्सर कार्बेट पार्क में सफारी के साथ ही वन विश्राम गृहों में ठहरने समेत अन्य व्यवस्थाओं की मांग की जाती थी।
मुख्य बिंदु :
- पार्क प्रबंधन के अनुसार बीते कुछ दिनों में उन्हें कई सारे ऐसे अनुरोध प्राप्त हुए थे जिनमें अधिकारियों द्वारा उनके रिश्तेदारों और मित्रों को पार्क में विश्राम गृह उपलब्ध कराने और सफारी की सुविधा देने की बात कही गई थी।
- इसी कारणवश प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि वे न सिर्फ उस अनुरोध को अस्वीकार करेंगे बल्कि उच्च अधिकारियों को भी इस संदर्भ में सूचित किया जाएगा।
- इस निर्णय के अस्तित्व में आने से कार्बेट नेशनल पार्क में VIP राज खत्म हो जाएगा।
- प्रबंधन के इस निर्णय में राज्य अतिथियों; जिनमें राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायधीश और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं, को छूट दी गई है।
कार्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) :
- कार्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में हुई थी।
- स्थापना के समय इसका नाम हैली नेशनल पार्क (Hailey National Park) था, जिसे वर्ष 1957 में बदलकर कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। महान प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी स्वर्गीय जिम कॉर्बेट की याद में इसे यह नाम दिया गया।
- यह पार्क कुल 521 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- पार्क से बहने वाली प्रमुख नदियाँ रामगंगा, सोनानदी, मंडल और पलायन हैं।