भूगोल
कौन हैं सेंटिनली?
- 22 Nov 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के नॉर्थ सेंटिनेल नामक एक द्वीप पर एक अमेरीकी व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया। उल्लेखनीय है कि यह हत्या उस क्षेत्र में हुई है जहाँ सेंटिनली जनजाति निवास करती है।
नार्थ सेंटिनल द्वीप (North Sentinel Island)
- नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है।
- यह द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण अंडमान प्रशासनिक ज़िले के अंतर्गत आता है।
सेंटिनली जनजाति
- ये लोग अंडमान के नार्थ सेंटिनल द्वीप पर रहनी वाली निग्रिटो (अश्वेत तथा छोटे कद वाले) समुदाय के हैं इन्होंने कभी भी आकस्मिक हमले का सामना नहीं किया है और बाहरी लोगों से ये शत्रुवत व्यवहार करते हैं।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, ये लोग शारीरिक बनावट तथा भाषाई समानताओं के आधार पर जारवा समुदाय (Jarawas) से जुड़े हुए हैं।
- भारत के मानव विज्ञान सर्वेक्षण ने कार्बन डेटिंग के आधार पर यह पुष्टि की है कि इन द्वीपों पर सेंटिनली जनजाति के लोगों की उपस्थिति 2,000 साल पहले से है।
- जीनोम अध्ययन के अनुसार, संभव है कि यह जनजाति 30,000 साल पहले भी अंडमान द्वीप पर रहती हो।
- आनुवंशिक रूप से इस जनजाति समूह द्वारा बोली जाने वाला भाषा सेंटिनलीज़ है। इस भाषा को समझना भी बहुत मुश्किल है क्योंकि द्वीप के आस-पास के क्षेत्रों में ऐसी भाषा बोले जाने के कोई साक्ष्य नहीं मिलते।
- सेंटिनली जनजाति को अंडमान की 5 सबसे असार्वजनिक जनजातियों में सबसे असार्वजनिक माना जाता है। अन्य चार जनजातियाँ हैं- ग्रेट अंडमानीज (Great Andamenese), ओंज (the Onge), शोम्पेन (the Shompen) और जारवा (the Jarawas)।
- यह उन जनजातियों में से है जो 2004 के सुनामी से बाहरी दुनिया की मदद के बिना सुरक्षित बचने में सफल रही।
- माना जाता है कि सेंटीनली दुनिया की एकमात्र जनजाति है जो नवपाषाण काल से पूर्व की जनजाति है। इसका तात्पर्य यह है कि उनकी संस्कृति ऐसी है जो पाषाण युग की मध्य अवधि में मौजूद थी। इन लोगों द्वारा धातुओं का उपयोग किये जाने के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन कई शोधकर्त्ताओं का मानना है कि ये लोग हथियारों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिये धातुओं का उपयोग नहीं करते हैं।
संरक्षित जनजाति
- भारत सरकार ने जनजातियों के कब्ज़े वाले पारंपरिक क्षेत्रों को संरक्षित घोषित करने के लिये अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (आदिवासी जनजातियों का संरक्षण) विनियमन, 1956 जारी किया और इस क्षेत्र में प्राधिकरण के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया।
- जनजाति सदस्यों की फोटो लेना या फिल्मांकन का कार्य करना भी एक अपराध है।
- लेकिन हाल ही में कुछ द्वीपों के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश संबंधी नियमों में छूट दी गई थी।
व्यवहार
- सेंटिनली लोगों का बाहरी व्यक्तियों के प्रति व्यवहार अत्यधिक शत्रुतापूर्ण रहा है। लेकिन 1991 में उन्होंने भारतीय मानव विज्ञानविदों और प्रशासकों की एक टीम से कुछ नारियल स्वीकार किये थे।
- कुछ शोधकर्त्ताओं का मानना है कि सेंटिनली लोगों को औपनिवेशिक काल से ही अकेला छोड़ दिया गया था क्योंकि अन्य जनजातियों जैसे कि ओंज, जारवा और ग्रेट अंडमानीज़ (Great Andamanese) के विपरीत इस जनजाति ने जिस भूमि पर कब्ज़ा किया है, उसके प्रति वाणिज्यिक आकर्षण नहीं है।
जनजाति के लोगों की संख्या
- 1901 से 1921 तक उनकी संख्या अनुमानतः 117 थी।
- 1931 में यह संख्या घटकर 50 हो गई और 1961 की जनगणना के लिये भी यही संख्या इस्तेमाल की गई थी।
- 1991 में इनकी संख्या 23 थी और 2001 की जनगणना के अनुसार, इनकी संख्या 39 (21 पुरुष 18 महिलाएँ) थी।
- 2011 की जनगणना के लिये जनगणना अधिकारी केवल 15 सेंटिनली लोगों को ढूंढ सके जिनमें 12 पुरुष और तीन महिलाएँ थीं। हालाँकि, उनकी संख्या 40 से 400 के बीच भी हो सकती है।
स्रोत : द हिंदू एवं इंडिया टुडे