मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्वालियर में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन में इस बात पर ज़ोर दिया कि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना राज्य को आर्थिक गतिविधि के केंद्र में बदलने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु
- मुख्यमंत्री ने 1,586 करोड़ रुपए के कुल निवेश वाली 47 नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस पहल से राज्य में करीब 4,752 नौकरियाँ उत्पन्न होने की आशा है।
- इस कार्यक्रम का विषय 'Heritage, History, and Industry अर्थात् विरासत, इतिहास और उद्योग' था, जिसमें मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा इसकी आधुनिक औद्योगिक महत्त्वाकांक्षाओं के बीच समन्वय को रेखांकित किया गया।
- ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में आठ ज़िला स्तरीय उद्योग सुविधा केंद्रों की घोषणा की गई।
- ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर में इन केंद्रों का उद्देश्य आवश्यक प्रशासनिक सहायता तथा संसाधन उपलब्ध कराकर उद्योगों की स्थापना एवं विकास को सुचारु बनाना है।
- मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र की विकास संभावनाओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
- क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन में मैक्सिको और जाम्बिया के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो एक निवेश गंतव्य के रूप में मध्य प्रदेश की बढ़ती वैश्विक अपील को दर्शाता है।
- कनेक्टिविटी बढ़ाने और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक बड़ी घोषणा में अगले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में आठ नए हवाई अड्डों का निर्माण पूर्ण हो जाएगा, जिससे राज्य में नए हवाई अड्डों की कुल संख्या 11 हो जाएगी।
- अधिकारियों का कहना है कि फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियाँ प्रगति पर हैं।
बिहार Switch to English
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2024 के लिये बिहार के दो शिक्षकों का चयन किया है।
मुख्य बिंदु
- चयनित शिक्षकों में शामिल हैं: सिकेंद्र कुमार सुमन, जो काइमूर ज़िले के तरहनी न्यू प्राइमरी स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं और डॉ. मीनाक्षी कुमारी, जो मधुबनी ज़िले के शिव गंगा गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षिका हैं।
- उन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
- यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये शिक्षकों को दिया जाता है। उन्हें 50,000 रुपए का नकद पुरस्कार, एक रजत पदक और एक प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
- इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिये देश भर से कुल 50 शिक्षकों का चयन किया गया है।
शिक्षक दिवस
- वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने वाला शिक्षक दिवस भारत में शिक्षकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित शिक्षाविदों के योगदान का सम्मान करता है।
- उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने विद्यार्थियों के आग्रह पर उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा।
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में:
- जन्म:
- उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी शहर में एक तेलुगू परिवार में हुआ था।
- शिक्षा:
- उन्होंने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज में दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया और बाद में मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज तथा मैसूर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने।
- रोज़गार:
- उन्होंने वर्ष 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और वर्ष 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
- वे वर्ष 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे तथा वर्ष 1939 से 1948 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चौथे कुलपति रहे।
- उपलब्धि:
- वर्ष 1984 में उन्हें मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय कार्य:
- समकालीन दर्शन में धर्म का शासन (Reign of Religion in Contemporary Philosophy), रवीन्द्रनाथ टैगोर का दर्शन (The Philosophy of Rabindranath Tagore), जीवन का हिंदू दृष्टिकोण (The Hindu View of Life), कल्कि या सभ्यता का भविष्य (Kalki or the Future of Civilisation), जीवन का एक आदर्शवादी दृष्टिकोण (An Idealist View of Life), जिस धर्म की हमें आवश्यकता है (The Religion We Need), भारत और चीन (India and China) तथा गौतम बुद्ध (Gautama the Buddha)
- जन्म:
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश नई सोशल मीडिया पॉलिसी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंज़ूरी दी, जिसका उद्देश्य फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सभी प्लेटफार्मों पर सामग्री को विनियमित करना है।
मुख्य बिंदु
- नई सोशल मीडिया पॉलिसी के अनुसार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपने प्लेटफॉर्म पर सरकार की योजनाओं और पहलों को साझा करके प्रति माह 8 लाख तक की आय अर्जित कर सकते हैं।
- देश के विभिन्न भागों एवं विदेशों में रह रहे राज्य के निवासियों को बड़ी संख्या में रोज़गार उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
- सूत्रों के अनुसार, लिस्टिंग के लिये एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को सब्सक्राइबर तथा फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
- एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम के खाताधारकों या ऑपरेटरों अथवा प्रभावितों को भुगतान के लिये श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः 5 लाख रुपए, 4 लाख रुपए, 3 लाख रुपए और 2 लाख रुपए प्रति माह निर्धारित की गई है।
- यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, पॉडकास्ट भुगतान के लिये श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः 8 लाख रुपए, 7 लाख रुपए, 6 लाख रुपए और 4 लाख रुपए प्रति माह तय की गई है।
- सरकार ने विज्ञापनों को संभालने के लिये एक डिजिटल एजेंसी 'V-फॉर्म' को सूचीबद्ध किया है। यह वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील दिखाने के लिये ज़िम्मेदार होगी।
- नीति में आपत्तिजनक सोशल मीडिया सामग्री से निपटने के लिये दिशा-निर्देश भी प्रस्तुत किये गए हैं।
- सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी, असामाजिक, फेक न्यूज़ या भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने पर कार्यवाही की जाएगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ आयुष्मान योजना के तहत राशि बढ़ाएगा
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार आगामी महीनों में सभी गैर-APL (गरीबी रेखा से ऊपर) कार्ड धारकों के लिये आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री- जन आरोग्य योजना के तहत उपचार सीमा को मौजूदा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु:
- इस योजना के अंतर्गत लगभग 55 लाख गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Level- BPL) के परिवार और लगभग 8 लाख (APL) परिवार लाभान्वित होंगे
- अस्पतालों में जटिल चिकित्सा स्थितियों के लिये विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा।
- स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत 35.41 लाख लोगों ने लाभ उठाया।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना
- परिचय:
- PM-JAY पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- 2018 में लॉन्च की गई यह योजना द्वितीयक और तृतीयक देखभाल के लिये प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, चिकित्सा और डे केयर उपचार, दवाओं एवं निदान की लागत शामिल है।
- लाभार्थी:
- यह एक पात्रता-आधारित योजना है, जो नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic Caste Census- SECC), 2011 के आँकड़ों द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA) ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बचे हुए (अप्रमाणित) SECC परिवारों के खिलाफ टैगिंग के लिये समान सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले गैर-सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी परिवार डेटाबेस का उपयोग करने के लिये लचीलापन प्रदान किया है।
- वित्तपोषण:
- इस योजना के लिये वित्तपोषण 60:40 के अनुपात में सभी राज्यों और विधानमंडल वाले केंद्रशासित प्रदेशों के लिये, पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के लिये 90:10 के अनुपात में व बिना विधानमंडल वाले केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% केंद्रीय वित्त पोषण के साथ साझा किया जाता है।
- नोडल एजेंसी:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA) का गठन राज्य सरकारों के साथ मिलकर PM-JAY के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में किया गया है।
- राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (State Health Agency- SHA) राज्य सरकार का सर्वोच्च निकाय है जो राज्य में ABPM-JAY के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार है।
हरियाणा Switch to English
गुरुग्राम में राजनीतिक विज्ञापनों के लिये समिति की मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के अनुसार, गुरुग्राम ज़िले में केबल टीवी, समाचार पत्रों और सिनेमा हॉलों में राजनीतिक विज्ञापन अब मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (Media Certification and Monitoring Committee- MCMC) की पूर्व अनुमति के बिना प्रसारित नहीं किये जा सकेंगे।
मुख्य बिंदु:
- चुनाव अवधि के दौरान केबल ऑपरेटरों और सिनेमा हॉल मालिकों को मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (MCMC) प्रमाण-पत्र के बिना कोई भी विज्ञापन प्रसारित करने पर प्रतिबंध है।
- यह घोषणा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत की गई।
राज्य के स्वामित्व वाले मीडिया का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों के लिये नियम
- राज्य मीडिया पर समय का आवंटनः
- वर्ष 1998 के लोकसभा चुनावों के बाद से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चुनावों के दौरान सरकारी टेलीविजन और रेडियो का स्वतंत्र रूप से उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
- चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले भारत निर्वाचन आयोग प्रत्येक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल के लिये समय आवंटन तय करता है।
- राष्ट्रीय दलों को सामूहिक रूप से दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर कम-से-कम 10 घंटे और क्षेत्रीय चैनलों पर 15 घंटे मिलते हैं। उन्हें आकाशवाणी के राष्ट्रीय हुक-अप पर भी 10 घंटे तथा क्षेत्रीय आकाशवाणी स्टेशनों पर 15 घंटे मिलते हैं।
- राज्य स्तरीय दलों को क्षेत्रीय दूरदर्शन चैनलों और आकाशवाणी रेडियो स्टेशनों पर न्यूनतम 30 घंटे का प्रसारण मिलता है।
- भाषण सामग्री पर दिशा-निर्देश:
- दलों और वक्ताओं को संबंधित ऑल इंडिया रेडियो (AIR) एवं दूरदर्शन (DD) प्राधिकारियों द्वारा अनुमोदन के लिये भाषण की प्रतिलिपि 3-4 दिन पहले प्रस्तुत करनी होगी।
- ECI दिशा-निर्देश निषेध करते हैं:
- अन्य देशों की आलोचना;
- धर्मों या समुदायों पर हमला;
- अश्लील या अपमानजनक सामग्री;
- हिंसा भड़काना;
- न्यायालय की अवमानना;
- राष्ट्रपति और न्यायपालिका के विरुद्ध आक्षेप;
- राष्ट्रीय एकता और अखंडता को प्रभावित करने वाली कोई भी बात;
- नाम लेकर किसी व्यक्ति की आलोचना।
Switch to English