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स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Jan 2025
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उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड ने UCC लागू किया और पोर्टल लॉन्च किया

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया, जिससे यह स्वतंत्रता के बाद UCC लागू करने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया तथा गोवा के बाद दूसरा राज्य बन गया। 

  • नव-प्रवर्तित UCC पोर्टल ने व्यक्तियों को आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करके तथा प्रत्यक्ष गवाह सत्यापन प्रक्रिया से गुजरकर अपने विवाह को ऑनलाइन पंजीकृत करने में सक्षम बनाया है। 

मुख्य बिंदु    

  • विशेषताएँ: 
    • फरवरी 2024 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित UCC विधेयक हलाला, इद्दत और तलाक (मुस्लिम पर्सनल लॉ में विवाह और तलाक से संबंधित प्रथाएँ) जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाता है।
    • UCC विवाह, तलाक और लिव-इन संबंधों के ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य बनाता है। 
    • इस उद्देश्य के लिये एक सरकारी पोर्टल बनाया गया है, जिस पर लोग रिकॉर्ड देख सकते हैं, शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अपनी वसीयत भी अपलोड कर सकते हैं।    
  • ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया: UCC पोर्टल पर व्यक्तियों को जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र और जीवनसाथी का विवरण सहित आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, दो गवाहों, या तो माता-पिता या स्थानीय अभिभावकों को लाइव वीडियो के माध्यम से गवाही देनी होगी। 
    • पोर्टल में AI-आधारित अनुवाद सेवा है जो सामग्री को अंग्रेज़ी सहित 22 भाषाओं में अनुवाद करेगी।
  • मुख्यमंत्री का समर्थन: CM पुष्कर सिंह धामी ने भी UCC पोर्टल पर अपनी शादी का पंजीकरण कराया और सोशल मीडिया पर अपना प्रमाण-पत्र साझा करते हुए आश्वासन दिया। 

समान नागरिक संहिता

  • UCC: परिचय 
    • समान नागरिक संहिता (UCC) को संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के भाग के रूप में रेखांकित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार को पूरे भारत में सभी नागरिकों के लिये समान नागरिक संहिता स्थापित करने का प्रयास करना चाहिये। 
    • हालाँकि, इसका कार्यान्वयन सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है। 
  • गोवा में UCC: 
    • गोवा 1867 के पुर्तगाली नागरिक संहिता का पालन करता है। 1962 के गोवा, दमन और दीव प्रशासन अधिनियम ने इसे औपनिवेशिक युग के नागरिक संहिता को बनाए रखने की अनुमति दी। 


बिहार Switch to English

बिहार ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिये न्यूनतम शिक्षक आवश्यकताएँ निर्धारित कीं

चर्चा में क्यों?

बिहार शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में आवश्यक शिक्षकों की न्यूनतम संख्या के लिये नए मानदंड निर्धारित किये हैं।

मुख्य बिंदु

  • इन नये दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 5) में प्रधानाध्यापक (हेड टीचर) सहित कम से कम पाँच शिक्षक होने चाहिये।
    • कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों के लिये प्रधानाचार्य सहित न्यूनतम नौ शिक्षकों का होना अनिवार्य है।
  • ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 31 जनवरी, 2025 तक प्रत्येक स्कूल के लिये स्वीकृत और आवश्यक शिक्षकों की संख्या का विवरण e-ShikshaKosh पोर्टल पर अपलोड करें।
    • विभाग इस बात पर ज़ोर देता है कि प्रत्येक शिक्षक के पास कम से कम एक समर्पित कक्षा-कक्ष होना चाहिये तथा शिक्षकों की आवश्यकताओं का वास्तविक मूल्यांकन प्रत्येक विद्यालय में कमरों की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। 
  • 1 से 120 तक छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों में पाँच शिक्षक अनिवार्य हैं।
    • 121 से 150 के बीच छात्र संख्या के लिये छह शिक्षकों की आवश्यकता है। 150 से अधिक प्रत्येक अतिरिक्त 40 छात्रों के लिये एक अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।
  • कक्षा 6 से 8 तक, छात्र संख्या 105 तक के लिये, स्टाफ की आवश्यकताएँ निम्नानुसार हैं:
    • विज्ञान और गणित के लिये एक शिक्षक
    • सामाजिक अध्ययन के लिये एक शिक्षक
    • हिंदी के लिये एक शिक्षक
    • अंग्रेज़ी के लिये एक शिक्षक
    • इसके अतिरिक्त, आवश्यकतानुसार उर्दू एवं संस्कृत शिक्षकों की भी व्यवस्था की जा सकती है।
    • 105 से अधिक प्रत्येक 35 विद्यार्थियों के लिये एक अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।
  • इन उपायों का उद्देश्य बिहार के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक-छात्र अनुपात सुनिश्चित करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।

ई-शिक्षाकोष पोर्टल

  • परिचय:    
    • ई-शिक्षाकोष (e-ShikshaKosh) एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे शैक्षिक डेटा प्रबंधन को केंद्रीकृत और सुव्यवस्थित करने, निर्णय लेने में सुधार, संसाधनों का अनुकूलन और विभिन्न स्रोतों से डेटा को समेकित करके वास्तविक समय की निगरानी को सक्षम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • मुख्य लाभ
    • उन्नत निर्णय-निर्माण: निर्णय-निर्माण और संसाधन अनुकूलन में सुधार के लिये डेटा को समेकित करता है।
    • वास्तविक समय निगरानी: निरंतर निगरानी के लिये अद्यतन जानकारी प्रदान करता है।
    • दक्षता: अकुशलताओं को दूर करती है, अतिरेक को कम करती है तथा दृढ़ शासन सुनिश्चित करती है।
    • व्यापक दृश्य: शैक्षिक मीट्रिक्स का समग्र दृश्य प्रस्तुत करता है।
    • शैक्षिक सुधार: शैक्षिक गुणवत्ता और समानता में निरंतर सुधार का समर्थन करता है।
    • स्थिरता और समावेशन: एक सतत्, समावेशी और अच्छी तरह से प्रबंधित शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देता है।
    • एकीकृत कार्य: शिक्षण मानकों, छात्र प्रदर्शन निगरानी और ई-लर्निंग कार्यक्रमों जैसे कई शैक्षिक कार्यों को एक मंच पर जोड़ता है।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा-दिल्ली यमुना जल विवाद

चर्चा में क्यों?

यमुना नदी को लेकर हरियाणा-दिल्ली विवाद एक बार फिर अहम राजनीतिक मुद्दा बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) ने हरियाणा सरकार पर यमुना को अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट से प्रदूषित करने का आरोप लगाया है। 

मुख्य बिंदु 

  • जल प्रदूषण के आरोप:
    • दिल्ली के मुख्यमंत्री ने हरियाणा की कार्रवाई को "जल आतंकवाद" करार दिया और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि यमुना में अमोनिया का स्तर उपचार योग्य सीमा से अधिक बढ़ गया है।
    • हरियाणा से अनुपचारित सीवेज या औद्योगिक अपशिष्ट के मिश्रण के कारण यमुना नदी के माध्यम से हरियाणा से दिल्ली आने वाले जल में अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
  • कानूनी और राजनीतिक इतिहास:
    • सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार फैसला दिया है कि हरियाणा को दिल्ली को जल का उचित हिस्सा सुनिश्चित करना होगा। 
    • यमुना जल बँटवारा विवाद एक दीर्घकालिक विवाद है, जो वर्ष 1995 से चल रहा है।
    • 1994 समझौता ज्ञापन (MoU): पाँच राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश) ने यमुना जल वितरण को विनियमित करने के लिये वर्ष 1994 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
    • सर्वोच्च न्यायालय 1995 और 1996 में हरियाणा से दिल्ली को जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये हस्तक्षेप किया था। कई याचिकाओं और कानूनी लड़ाइयों के बावजूद, यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है।
  • नव गतिविधि:
    • वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों को जल विवादों को सुलझाने का निर्देश दिया था।
    • वर्ष 2021 में, दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर यमुना का जल रोकने का आरोप लगाया, हरियाणा ने जवाब दिया कि दिल्ली का संकट "आंतरिक कुप्रबंधन" के कारण था।
    • जुलाई 2023 में दिल्ली में आई बाढ़ के कारण नए आरोप लगे, दिल्ली सरकार ने दावा किया कि हरियाणा ने जानबूझकर हथिनीकुंड बैराज से अतिरिक्त जल छोड़ा है।
    • जून 2024 में, दिल्ली की सीएम ने हरियाणा पर "दिल्ली के विरुद्ध साजिश" करने का आरोप लगाया और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की, जिसे उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण पांच दिनों के बाद समाप्त कर दिया।
  • दिल्ली निवासियों पर प्रभाव:
    • इस विवाद के कारण दिल्ली में, विशेषकर गर्मियों के महीनों में, जल की गंभीर कमी हो गई है।
    • अमोनिया का बढ़ा हुआ स्तर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये संकट उत्पन्न करता है तथा जल उपचार प्रक्रिया को जटिल बनाता है।
  • भविष्य का दृष्टिकोण:
    • कानूनी हस्तक्षेप के बावजूद विवाद अभी तक सुलझा नहीं है।
    • आगामी चुनावों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो सकती है।
    • दिल्ली की जल सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये दीर्घकालिक स्थायी समाधान की आवश्यकता है।

यमुना

  • यमुना नदी, गंगा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निचले हिमालय के मसूरी पर्वतमाला में बंदरपूंछ चोटियों के निकट यमुनोत्री ग्लेशियर से प्रवाहित होती है।
  • यह नदी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से होकर बहने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम पर गंगा से मिलती है।
  • लंबाई: 1376 किमी.
  • महत्त्वपूर्ण बाँध: लखवार-व्यासी बांध (उत्तराखंड), ताजेवाला बैराज बाँध (हरियाणा) आदि।
  • महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा और केन


उत्तर प्रदेश Switch to English

बलिया में संभावित पेट्रोलियम भंडार

चर्चा में क्यों?

भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों से क्षेत्र में पेट्रोलियम भंडार की संभावना का संकेत मिलने के बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने उत्तर प्रदेश के बलिया में ड्रिलिंग कार्य शुरू कर दिया है।

मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण और अन्वेषण: ONGC ने पिछले तीन वर्षों में उपग्रह, भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण-चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) सर्वेक्षण किये, जिनसे तेल और प्राकृतिक गैस भंडार की संभावना की पुष्टि हुई।
    • मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) एक भूभौतिकीय विधि है जो भूमिगत विद्युत प्रतिरोधकता का अध्ययन करने के लिये पृथ्वी के चुंबकीय और विद्युत क्षेत्र में प्राकृतिक परिवर्तनों का उपयोग करती है।
  • ड्रिलिंग कार्य: ₹100 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में ग्राम सभा वैना (रत्तुचक) में सागर पाली गाँव के निकट एक स्थल पर 3,001 मीटर तक ड्रिलिंग शामिल है।
  • भूमि एवं बुनियादी ढाँचा: ONGC ने तीन वर्ष के लिये आठ एकड़ भूमि पट्टे पर ली है।    
  • संभावित प्रभाव: यदि पेट्रोलियम भंडार की पुष्टि हो जाती है, तो यह परियोजना ऊर्जा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकती है, स्थानीय रोज़गार को बढ़ावा दे सकती है और पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन ला सकती है।

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)

  • तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC), पूर्व में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी । 
  • वर्ष 1994 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग को निगम में परिवर्तित कर दिया गया तथा वर्ष 1997 में इसे भारत सरकार द्वारा  नवरत्नों में से एक के रूप में मान्यता दी गई।
  • यह भारत की सबसे बड़ी कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 70% का योगदान देती है।

गंगा बेसिन

  • गंगा की मुख्य धारा जिसे 'भागीरथी' कहा जाता है, गंगोत्री ग्लेशियर से मिलती है और उत्तराखंड के देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है।
  • हरिद्वार में गंगा पहाड़ों से निकलकर मैदानों में आती है।
  • गंगा में हिमालय से कई सहायक नदियाँ मिलती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नदियाँ हैं जैसे यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान सरकार कोचिंग छात्रों के लिये आत्महत्या रोकथाम विधेयक पेश करेगी

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि उसने कोचिंग छात्रों में आत्महत्या की रोकथाम के उद्देश्य से एक विधेयक पेश करने की योजना की घोषणा की है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया।

  • यह कदम विशेष रूप से कोटा में, जिसे भारत का कोचिंग हब कहा जाता है, छात्रों की आत्महत्याओं में चिंताजनक वृद्धि के मद्देनज़र उठाया गया है।

मुख्य बिंदु

  • कोटा में बढ़ती आत्महत्याएँ: वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक छह कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे लंबे समय से चली आ रही समस्या और बढ़ गई है। पिछले एक दशक में 127 आत्महत्या के मामले दर्ज किये गए हैं, जिनमें वर्ष 2023 में 26 और वर्ष 2024 में 17 मामले शामिल हैं।   
  • कोटा की प्रतिष्ठा पर प्रभाव: वर्तमान संकट ने कोचिंग हब के रूप में कोटा की स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिसके कारण छात्रों के नामांकन में गिरावट आई है।
  • मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता: छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले वर्तमान उपायों की अपर्याप्तता को उजागर करते हैं तथा मानसिक स्वास्थ्य सहायता और तनाव प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता पर बल देते हैं।

स्वतः संज्ञान

  • स्वतः संज्ञान (Suo Moto Cognizance) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है किसी सरकारी एजेंसी, न्यायालय या अन्य केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा स्वयं की आशंका के आधार पर की गई कार्रवाई।
  • न्यायालय किसी कानूनी मामले का स्वतः संज्ञान तब लेता है जब उसे मीडिया या किसी तीसरे पक्ष की अधिसूचना के माध्यम से अधिकारों के उल्लंघन या कर्त्तव्य के उल्लंघन के संबंध में जानकारी प्राप्त होती है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 और अनुच्छेद 226 में क्रमशः सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में जनहित याचिका (PIL) दायर करने के प्रावधान निर्धारित किये गए हैं।
    • इससे न्यायालय को किसी मामले के संज्ञान पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की शक्ति प्राप्त हो गई है।     
    • भारतीय न्यायालयों द्वारा स्वतः से की गई कार्रवाई न्यायिक सक्रियता का प्रतिबिंब है।

भारत में आत्महत्या रोकथाम से संबंधित अन्य पहल

  • राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP):
    • ज़िला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) 738 ज़िलों में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसके तहत ज़िला स्तर पर बाह्य रोगी सेवाएँ, परामर्श, सतत् देखभाल और 10-बेड्स वाली आंतरिक रोगी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
  • राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: देश भर में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुँच में सुधार के लिये वर्ष 2022 में शुरू किया जाएगा।
    • दिसंबर 2023 तक, 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 46 टेली MANAS सेल्स की स्थापना की है, जो हेल्पलाइन पर 500,000 से अधिक कॉलों का प्रबंधन कर रहे हैं।
    • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिये 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन "KIRAN" शुरू की है।



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