युवा संगम | बिहार | 28 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
युवा संगम कार्यक्रम के अंतर्गत, बिहार से 44 प्रतिनिधियों ने कर्नाटक की ओर प्रस्थान किया, जबकि आंध्र प्रदेश से 50 प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश के लिये यात्रा पर निकले।
मुख्य बिंदु
- युवा संगम:
- युवा संगम वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है।
- इसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में युवाओं के बीच संबंधों को सशक्त करना था।
- यह कार्यक्रम सांस्कृतिक एकीकरण, ज्ञान साझाकरण और सार्थक बातचीत को बढ़ावा देकर विविधता में एकता को बढ़ावा देता है।
- प्रतिभागियों की आयु 18 से 30 वर्ष के बीच है, जिनमें विभिन्न पृष्ठभूमियों के छात्र, स्वयंसेवक और युवा पेशेवर शामिल हैं।
- विभिन्न चरणों में 114 यात्राओं में कुल 4,795 युवाओं ने भाग लिया।
- युवा संगम का चरण V:
- चरण V के लिये, भारत भर से बीस प्रतिष्ठित संस्थानों को भाग लेने के लिये चुना गया है।
- इन संस्थानों के प्रतिभागी नोडल उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) के नेतृत्व में अपने युग्मित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करेंगे।
- एक्सपोज़र के प्रमुख क्षेत्र:
- युवा संगम यात्राओं के दौरान, प्रतिभागियों को पांच व्यापक क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिन्हें 5 P के नाम से जाना जाता है:
- पर्यटन (Tourism)
- परंपरा (Traditions)
- प्रगति (Development)
- परस्पर संपर्क (People-to-people Connect)
- प्रोद्योगिकी (Technology)
- यह दौरा यात्रा के दिनों को छोड़कर 5-7 दिनों तक चलता है।
- सहयोगात्मक प्रयास:
- युवा संगम का आयोजन ' संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों का सहयोग मिलता है।
- प्रमुख हितधारकों में गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, युवा कार्य और खेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय शामिल हैं।
'ग्रीन वॉयस' पुरस्कार | हरियाणा | 28 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा सिंचाई विभाग के पूर्व अधीक्षण अभियंता शिव सिंह रावत को क्षेत्र में सतत् पर्यावरणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिये, नवज्योति इंडिया फाउंडेशन, एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा 'ग्रीन वॉयस' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह पुरस्कार नवज्योति इंडिया फाउंडेशन के स्थापना दिवस पर प्रदान किया गया, जो पूरे भारत में जल संरक्षण पर सक्रिय रूप से काम करने वाला संगठन है।
- शिव सिंह रावत ने सामाजिक कार्यों में अपने वर्षों के योगदान पर प्रकाश डाला, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया:
- जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण।
- फल रोपण अभियान।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि करना।
- महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना।
- क्षेत्रीय योगदान:
- उनका कार्य पलवल, गुड़गाँव, मेवात और फरीदाबाद सहित कई क्षेत्रों में विस्तृत है।
- उन्होंने क्षेत्र में जल संरक्षण के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये 'यमुना बचाओ अभियान' के समन्वयक के रूप में भी काम किया।
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महाकुंभ की भव्यता में अत्याधुनिक क्रूज़ | उत्तर प्रदेश | 28 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ वर्ष 2025 की तैयारी में एक नया आकर्षण, निषादराज क्रूज़ शामिल कर रही है।
मुख्य बिंदु
- निषादराज क्रूज़ का शुभारंभ:
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) द्वारा प्रबंधित निषादराज क्रूज़ ने वाराणसी से प्रयागराज तक अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
- यह क्रूज़ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- क्रूज़ की यात्रा के लिये प्रयागराज मेला प्राधिकरण और वाराणसी प्रशासन के बीच समन्वय जारी है।
- उद्घाटन:
- प्रधानमंत्री का 13 दिसंबर, 2024 को महाकुंभ का दौरा करने का कार्यक्रम है।
- प्रधानमंत्री अरैल से संगम तक की यात्रा के लिये निषादराज क्रूज़ पर सवार होने से पहले श्रृंगवेरपुर धाम में भगवान राम और निषादराज की मूर्तियों का अनावरण करेंगे।
- संगम पर पहुँचकर वह अनुष्ठानिक स्नान करेंगे और पवित्र गंगा नदी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
- यात्रा कार्यक्रम में गंगा आरती, बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट के दर्शन तथा परेड ग्राउंड में प्रमुख संतों और आध्यात्मिक नेताओं के साथ बातचीत शामिल है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) अधिनियम, 1985 के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना 1986 में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत नौवहन और नौवहन के लिये अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन के लिये की गई थी।
- इसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में है और इसका मुख्य कार्य अंतर्देशीय जलमार्गों में आवश्यक बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना, नई परियोजनाओं की आर्थिक व्यवहार्यता का सर्वेक्षण करना और प्रशासन और विनियमन करना है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है।