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नालंदा में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान नालंदा में 820.72 करोड़ रुपए की कुल 263 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु
प्रमुख उद्घाटन और शिलान्यास
- इन विकास परियोजनाओं में 361.66 करोड़ रुपए की 177 परियोजनाओं का उद्घाटन और 459.05 करोड़ रुपए की 86 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। जिनमें प्रमुख परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं:
- तालाब और पुस्तकालय का उद्घाटन: इस दौरान उन्होंने सिलाव प्रखंड के नानंद गाँव में अमृत सरोवर योजना के तहत बने तालाब, सुंदर पार्क और वातानुकूलित डिजिटल पुस्तकालय का उद्घाटन किया।
- सामाजिक उत्थान पार्क: ₹19-22 लाख की लागत से निर्मित, इसे स्वच्छ बनाए रखने के निर्देश
- प्रधानमंत्री आवास योजना: के तहत 12 महादलित परिवारों को नवनिर्मित मकान सौंपे (बिजली, पानी और बागवानी सुविधा सहित)
- जीविका दीदियों को आर्थिक सहयोग प्रदान
- राजगीर कुंड परिसर: नवनिर्मित यात्री विश्राम भवन का उद्घाटन
- बेनार-सकसोहरा मार्ग: चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण करना
- मत्स्य हैचरी: निरीक्षण किया
- स्थानीय खेल मैदान: निरीक्षण, खिलाड़ियों को ब्लेजर बॉल और खेल किट प्रदान की
- सामाजिक भवन, वर्क शेड और चाइल्ड वेलफेयर स्कीम के लाभार्थियों से संवाद
- भावी परियोजनाएँ
- राजगीर में डायनासोर पार्क का निर्माण
- पंचाने सिंचाई योजना: जीर्णोद्धार और विकास
- सरमेरा में कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना
नालंदा ज़िला
- परिचय
- नालंदा बिहार का एक प्रमुख ज़िला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है। इसका क्षेत्रफल 2,355 वर्ग किलोमीटर (909 वर्ग मील) है।
- एतिहासिक महत्त्व
- नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्व प्रसिद्ध है।
- यहाँ विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी स्थित हैं।
- बुद्ध और महावीर कई बार नालंदा में ठहरे थे।
- महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी (नालंदा) में की थी।
- बुद्ध के प्रमुख शिष्य शारिपुत्र का जन्म नालंदा में हुआ था।
- प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ एक वर्ष बिताया था।
- पर्यटन स्थल
- नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष
- नालंदा संग्रहालय
- ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल
- राजगीर (गर्म पानी के झरने – ब्रह्मकुण्ड, सरस्वती कुण्ड, लंगटे कुण्ड)
- पावापुरी (महावीर का निर्वाण स्थल)
- बोधगया एवं गया (बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र)
- प्रमुख नदियाँ
- फल्गु
- मोहने
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भारतीय नकली नोट की छपाई
चर्चा में क्यों?
21 फरवरी 2025 को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने भारतीय मुद्रा के जाली नोटों (FICN) की छपाई में संलिप्त सात मॉड्यूल को गिरफ्तार किया गया।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में
- नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) छापने और सिक्योरिटी पेपर के आयात में संलिप्त मॉड्यूल के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु और बिहार में 11 स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया।
- इस कार्रवाई में FICN की छपाई में सक्रिय सात मॉड्यूल को गिरफ्तार किया गया।
- इससे पहले भी 8 फरवरी, 2025 को, डीआरआई ने गाज़ीपुर और बेंगलुरु में ‘RBI’ और ‘इंडिया’ (‘सिक्योरिटी पेपर्स’) शब्दों वाले एम्बेडेड सुरक्षा धागे वाले कागज़ के आयातक पाए गए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।
- टीम ने 50 रुपए और 100 रुपए के मूल्यवर्ग के नकली नोट और कई मशीनरी/उपकरण ज़ब्त किये हैं।
- नकली मुद्रा का प्रभाव
- अर्थव्यवस्था को नुकसान
- नकली मुद्रा के प्रसार से महंगाई बढ़ सकती थी और आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती थी।
- असली और नकली मुद्रा के मिश्रण से बैंकिंग सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है।
- अपराध का बढ़ना
- नकली नोटों का इस्तेमाल काले धन और अवैध गतिविधियों में किया जाता है, जिसे आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं।
- नकली नोटों का कारोबार सीमा पार तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ा होता है।
- अर्थव्यवस्था को नुकसान
राजस्व खुफिया निदेशालय:
- यह भारत की एक प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जाँच एवं संचालन एजेंसी है।
- इसके आलावा इस एजेंसी द्वारा ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य किया जाता है।
- राजस्व खुफिया निदेशालय, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग में केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों और सीमा शुल्क के तहत कार्य करता है।
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महिलाओं की सहायता हेतु सुरक्षा अधिकारी नियुक्त
चर्चा में क्यों?
बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अधिक प्रभावी ढंग से सहायता प्रदान करने के लिये राज्य में 140 पूर्णकालिक 'संरक्षण अधिकारी' नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- समाज कल्याण विभाग ने एक अलग संवर्ग बनाने का निर्णय किया है जिसके तहत उपमंडल, ज़िला और राज्य स्तर पर सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे।
- उद्देश्य:
- घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों से प्रभावी ढंग से निपटना।
- महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना।
- नियुक्ति का स्तर:
- उपमंडल, ज़िला और राज्य स्तर पर सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे।
- कुल 140 सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे:
- 101 उपमंडल स्तर पर
- 38 ज़िला स्तर पर
- 1 राज्य स्तरीय सुरक्षा अधिकारी।
- सुरक्षा अधिकारी की ज़िम्मेदारियाँ:
- महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत महिला के अधिकारों की सुरक्षा करना।
- मजिस्ट्रेट को उनके कार्यों में सहायता करना।
- पीड़ित महिला की शारीरिक चोटों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाना और रिपोर्ट संबंधित थाने तथा मजिस्ट्रेट को भेजना।
- घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 20 के तहत आर्थिक राहत आदेश का पालन सुनिश्चित करना।
घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 (Domestic Violence Act, 2005)
परिचय
- यह महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को रोकने और उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कानून है।
उद्देश्य
- इस अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं को उनके घरों में या किसी अन्य निजी स्थान पर होने वाली हिंसा से बचाना है और उन्हें उनके अधिकारों का संरक्षण प्रदान करना है।
घरेलू हिंसा के विभिन्न प्रकार: अधिनियम के तहत घरेलू हिंसा के विभिन्न प्रकार की हिंसाओं को शामिल किया गया है:
- शारीरिक हिंसा:
- इसमें महिला को शारीरिक रूप से चोट पहुँचाना शामिल है।
- उदाहरण: थप्पड़ मारना, धक्का देना, पीटना आदि।
- यौन हिंसा:
- इसमें महिला के साथ यौन उत्पीड़न या बलात्कार करना आदि कुकृत्य शामिल हैं।
- उदाहरण: जबरन संभोग, अन्य यौन अपराध।
- भावनात्मक दुरुपयोग:
- इसमें महिला की मानसिक स्थिति और आत्म-सम्मान को नुकसान पहुँचाना शामिल है।
- उदाहरण: अपमान करना, विश्वासघात करना, डराना-धमकाना, या महिला को मानसिक रूप से कमज़ोर महसूस कराना।
- सामाजिक और आर्थिक नियंत्रण:
- इसमें महिला को उसके परिवार और दोस्तों से अलग करना, उसे सामाजिक रूप से अकेला करना, या उसे अपनी इच्छा के खिलाफ सीमित करना शामिल है।