उत्तराखंड में पिघलते ग्लेशियर | उत्तराखंड | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के पिथोरागढ़ ज़िले में रणनीतिक रूप से मुनस्यारी-मिलम सड़क के किनारे जौहर घाटी की ओर एक ग्लेशियर स्खलन/फिसलने की घटना हुई, जिससे भारत-चीन सीमा और क्षेत्र के गाँवों का संपर्क प्रभावित हुआ।
मुख्य बिंदु:
- सीमा सड़क संगठन (BRO) ने सड़क साफ करने के प्रयास शुरू कर दिये हैं लेकिन व्यापक बर्फबारी के कारण चुनौतियाँ बरकरार हैं।
- विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर देते हैं कि ग्लेशियर का टूटना जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों की स्पष्ट चेतावनी देता है।
- ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के प्रति संवेदनशील हिमालय क्षेत्र को बढ़ते जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें तेज़ी से ग्लेशियर पिघलना भी शामिल है।
- मार्च 2024 में पिथौरागढ़ के ऊपरी क्षेत्रों में हिमपात देखी गई थी। अब तापमान बढ़ने के साथ ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिससे हिम-स्खलन हो रहा है और कभी-कभी हिमखंड भी टूट रहे हैं।
सीमा सड़क संगठन
- BRO की परिकल्पना और स्थापना वर्ष 1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश के उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण में तेज़ी से विकास के समन्वय के लिये की गई थी।
- यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
- इसने निर्माण एवं विकास कार्यों के स्तर में व्यापक विविधता ला दी है, जिसमें हवाई क्षेत्र, निर्माण परियोजनाएँ, रक्षा कार्य और सुरंग बनाना शामिल है तथा जनता के प्रति काफी लोकप्रिय है
भोजशाला-कमाल मौला परिसर | मध्य प्रदेश | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
उच्च न्यायालय के निर्देश पर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) मध्यकालीन भोजशाला परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है। ASI द्वारा इस अभ्यास पूरा करने के लिये अतिरिक्त आठ सप्ताह की मांग की गई है।
- भोजशाला परिसर मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित है।
मुख्य बिंदु:
- हिंदू ASI द्वारा संरक्षित 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता है।
- 7 अप्रैल 2003 को ASI द्वारा की गई एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं जबकि मुस्लिम शुक्रवार को परिसर में नमाज़ अदा करते हैं।
- उच्च न्यायालय ने 11 मार्च 2024 को ASI को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का आदेश दिया था।
- ASI के अनुसार, वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके परिसर और उसके परिधीय क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण जारी है। टीम पूरे स्मारक का विस्तृत दस्तावेज़ीकरण कर रही है।
- उत्खनन जो कि एक बहुत ही व्यवस्थित एवं धीमी प्रक्रिया है, प्रगति पर है। इसकी संरचनाओं के उजागर हिस्सों की प्रकृति को समझने के लिये अधिक समय की आवश्यकता होगी।
- स्मारक की बारीकी से जाँच करने पर यह पाया गया कि प्रवेश द्वार बरामदे में बाद में भराव संरचना की मूल विशेषताओं को छिपा रहा है और इसे हटाने का कार्य मूल संरचना को कोई नुकसान पहुँचाए बिना बहुत सावधानी से किया जाना है जो एक धीमी तथा समय लेने वाली प्रक्रिया है।
- ASI ने राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) से ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया है।
- NGRI की एक टीम और उनके वैज्ञानिक उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए नियमित रूप से पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे थे।
नोट: राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) एक भूवैज्ञानिक अनुसंधान संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (CSIR) के तहत की गई थी।
ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR)
- ASI द्वारा भूमि में दबे पुरातात्त्विक विशेषताओं का 3-D मॉडल तैयार करने के लिये GPR तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
- उपसतह से परावर्तित संकेतों के समय और परिमाण को रिकॉर्ड करने के लिये GPR एक सरफेस एंटीना के माध्यम से एक संक्षिप्त रडार आवेग प्रसारित करता है।
- रडार किरणें एक शंकु की आकार में फैलती हैं, जिससे बनने वाले प्रतिबिंब प्रत्यक्ष तौर पर भौतिक आयामों के अनुरूप नहीं होते हैं।
- रडार किरणें एक शंकु में फैलती हैं, जिससे ऐसे प्रतिबिंब बनते हैं जो सीधे भौतिक आयामों के अनुरूप नहीं होते हैं, जिससे आभासी प्रतिबिंब बनती हैं।
टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) | राजस्थान | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डॉट तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर ने "AI का उपयोग करके 5G और उससे आगे के नेटवर्क में स्वचालित सेवा प्रबंधन" के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- इस समझौते पर DoT के टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) के तहत हस्ताक्षर किये गए हैं, जिसे ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को सक्षम करने के लिये प्रौद्योगिकी डिज़ाइन, विकास, दूरसंचार उत्पादों के व्यवसायीकरण तथा समाधान में कार्यरत घरेलू कंपनियों व संस्थानों को वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- इसका मुख्य उद्देश्य 5G जैसे नेटवर्क में सृजित हो रही निरंतर जानकारी का उपयोग करके स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन, गलती का पता लगाने और निदान तकनीकों के लिये AI ढाँचे को विकसित करना है।
- यह सेवा स्मार्ट मीटरिंग, रिमोट से संचालित वाहनों आदि जैसे विशिष्ट एप्लिकेशन के संयोजन में विकसित स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन तथा स्लाइसिंग तकनीकों के प्रदर्शन के लिये एक वास्तविक समय 5G और उससे आगे टेस्टबैड (O-RAN के अनुपालन में) स्थापित करेगी।
O-RAN
- O-RAN एक तकनीक नहीं है, बल्कि मोबाइल नेटवर्क आर्किटेक्चर में एक निरंतर बदलाव है जो विभिन्न प्रकार के विक्रेताओं से उप-घटकों का उपयोग करके नेटवर्क बनाने की अनुमति देता है।
- O-RAN एकल-विक्रेता स्वामित्व आर्किटेक्चर के विपरीत मोबाइल नेटवर्क को प्रसारित करने के लिये एक ओपन, बहु-विक्रेता आर्किटेक्चर प्रणाली है।
- O-RAN विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित हार्डवेयर को एक साथ काम करने में सक्षम बनाने के लिये सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है।
- O-RAN की प्रमुख अवधारणा RAN में विभिन्न उप-घटकों (रेडियो, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) के बीच प्रोटोकॉल एवं इंटरफेस को "खोलना" है।
RERA - हरियाणा ने कंट्रीवाइड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर ज़ुर्माना लगाया | हरियाणा | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (HRERA), गुरुग्राम ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिये कंट्रीवाइड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 50 लाख रुपए का ज़ुर्माना लगाया है।
मुख्य बिंदु:
- प्राधिकरण के अनुसार, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 11(2) और 13(1) के तहत अनिवार्य प्रावधानों के बावज़ूद प्रमोटर ने विज्ञापन में विवरण का उचित तरीके से वर्णन नहीं किया, जो अधिनियम की धारा 61 के तहत एक दंडनीय अपराध है।
- कंट्रीवाइड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्ष 2021 में RERA पंजीकरण प्राप्त करने के बाद दीन दयाल जन आवास योजना अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी- 2016 के तहत एक किफायती प्लॉटेड कॉलोनी विकसित कर रहा है।
हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (HRERA)
- रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत, हरियाणा सरकार ने हरियाणा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है जो 28 जुलाई 2017 से लागू हुआ।
- इसके उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- इसके सामंजस्यपूर्ण विकास के लिये रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित करना।
- रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रमोटरों और अपार्टमेंट के खरीदारों के बीच लेन-देन में पारदर्शिता लाना।
- यह सुनिश्चित करना कि रियल एस्टेट परियोजनाएँ निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरी हो जाएँ।
- परियोजनाओं से संबंधित विवादों को शीघ्रता से हल करना।
- कानून के प्रावधानों और प्राधिकरण के आदेशों को लागू करना।
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA),
- यह वर्ष 2016 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 1 मई, 2017 से पूरी तरह से लागू हुआ।
- इसका उद्देश्य रियल एस्टेट की बिक्री/खरीद में दक्षता और पारदर्शिता लाकर घर-खरीदारों की सुरक्षा के साथ-साथ रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है।
- यह अधिनियम रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन के लिये प्रत्येक राज्य में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) की स्थापना करता है और शीघ्र विवाद समाधान के लिये एक निर्णायक निकाय के रूप में भी कार्य करता है।
सबसे हल्की बुलेट प्रूफ़ जैकेट | उत्तर प्रदेश | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के रक्षा सामग्री तथा भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE), कानपुर ने BIS 17051 गोला-बारूद के स्तर 6 से सुरक्षा के लिये देश में सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
मुख्य बिंदु:
- इस बुलेट प्रूफ जैकेट का टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
- यह जैकेट एक नए डिज़ाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहाँ नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है।
- इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) इन-कंजंक्शन विद (ICW) और स्टैंड-अलोन डिज़ाइन दोनों में कई हिट्स को मात देता है।
- एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया फ्रंट HAP पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है जो ऑपरेशन के दौरान पहनना आसान और आराम को बढ़ाता है।
टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (TBRL)
- TBRL चंडीगढ़ स्थित एक महत्त्वपूर्ण DRDO प्रयोगशाला है। यह विभिन्न उच्च विस्फोटकों के विस्फोट, इनका विकास, घातकता, उत्पादन, प्रसंस्करण और लक्षण वर्णन के साथ ही हथियारों, गोले व अन्य गोला-बारूद के विखंडन अध्ययन, बमों, मिसाइलों एवं हवाई प्रणालियों की कैप्टिव उड़ान परीक्षण, विभिन्न सुरक्षात्मक प्रणालियों जैसे बॉडी कवच, वाहन कवच तथा छोटे हथियारों के गोला-बारूद के खिलाफ हेलमेट आदि का बैलिस्टिक मूल्यांकन में सक्रिय रूप से संलग्न है।
बर्ड फ्लू का प्रकोप | झारखंड | 25 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राँची में एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू, जिसे एवियन फ्लू भी कहा जाता है, के कई मामले सामने आने के बाद झारखंड सरकार ने अलर्ट जारी किया।
मुख्य बिंदु:
- राज्य की राजधानी में होटवार में क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म में मामलों की पुष्टि होने के बाद मुर्गियों सहित लगभग 4000 पक्षियों को मार दिया गया और सैकड़ों अंडे भी नष्ट कर दिये गए।
- सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का विवरण देने वाले एक आदेश में कहा गया है कि क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म में शेष मुर्गों को मारने का काम आगामी दिनों में किया जाएगा और वैज्ञानिक तरीकों से उनका निपटान किया जाएगा।
- अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संक्रमण का पता लगाने और सफाया करने के लिये घटना केंद्र से 1 किलोमीटर के दायरे में एक सर्वेक्षण करें। उन्हें 10 किलोमीटर क्षेत्र का नक्शा बनाकर उसे निगरानी क्षेत्र के रूप में चिह्नित करने को भी कहा गया है।
- केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्य से इसके प्रसार को रोकने के लिये सभी उपाय करने को कहा है।
एवियन इन्फ्लूएंज़ा
- एवियन इन्फ्लूएंज़ा, जिसे आमतौर पर ‘बर्ड फ्लू’ भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों, विशेष रूप से जंगली पक्षियों तथा घरेलू मुर्गीपालन को प्रभावित करता है।
- वर्ष 1996 में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 वायरस सर्वप्रथम दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षियों में पाया गया था। इस वायरस का नाम A/गूज़/गुआंगडोंग/1/1996 (A/goose/Guangdong/1/1996) है।
- मनुष्यों में संचरण और संबंधित लक्षण:
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग इससे संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
- यह बुखार, खाँसी और मांसपेशियों में दर्द सहित हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर निमोनिया, साँस लेने में कठिनाई जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं तथा यहाँ तक कि कुप्रभावित मानसिक स्थिति एवं दौरे जैसी संज्ञानात्मक समस्याओं तक विस्तृत हो सकता है।