मध्य प्रदेश Switch to English
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा मध्य प्रदेश के सभी 55 ज़िलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया गया।
मुख्य बिंदु
- मध्य प्रदेश नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
- ये कॉलेज राज्य सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिये शुरू किये गए हैं।
- NEP को केवल डिग्री प्रदान करने के बजाय युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिये पेश किया गया था।
- इसमें अकादमिक विषयों और जीवन कौशल दोनों को पढ़ाना शामिल है। छात्रों में पारंपरिक सोच के बजाय कुछ नया सोचने को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत की उभरती विकास आवश्यकताओं से निपटना है।
- इसमें शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव, इसके नियमन और प्रबंधन की मांग की गई है, ताकि एक आधुनिक प्रणाली स्थापित की जा सके, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत तथा मूल्यों का सम्मान करते हुए सतत् विकास लक्ष्य 4 (SDG4) सहित 21वीं सदी के शैक्षिक लक्ष्यों के अनुरूप हो।
- यह 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, जिसे वर्ष 1992 में संशोधित किया गया था (NPE 1986/92) का स्थान लेती है।
उत्तराखंड Switch to English
ग्लेशियर पर अतिक्रमण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वयंभू बाबा योगी चैतन्य आकाश ने उत्तराखंड के सुंदरढूंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर की ऊँचाई पर एक अनधिकृत मंदिर का निर्माण किया।
- स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण पर रोष व्यक्त किये जाने के बाद राजस्व, वन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम जाँच करेगी।
मुख्य बिंदु
- स्वयंभू धर्मगुरु ने दावा किया कि उसे एक दैवीय शक्ति द्वारा पहाड़ पर मंदिर बनाने का निर्देश दिया गया था।
- यह स्थान पारिस्थितिक दृष्टि से संवेदनशील है, जहाँ तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के लिये एक पवित्र कुंड है।
- हर बारह वर्षों में नंदा राज यात्रा के दौरान लोग कुंड देखने आते हैं।
- यह उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है, जो तीर्थयात्रियों द्वारा पैदल ही बहुत लंबी दूरी तय करने के लिये प्रसिद्ध है। सबसे हालिया नंदा राज यात्रा वर्ष 2014 में हुई थी।
- पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और धार्मिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में निर्मित एक अनधिकृत मंदिर ने स्थानीय प्राधिकारियों तथा उत्तराखंड सरकार के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिक्रमण विरोधी प्रयासों के बारे में चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं।
झारखंड Switch to English
कैमरून में झारखंड के मज़दूर फँसे
चर्चा में क्यों?
कैमरून में फँसे झारखंड के 27 श्रमिकों ने मध्य अफ्रीकी देश से उन्हें निकालने में तत्काल सहायता के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया है।
प्रमुख बिंदु:
- सूत्रों के अनुसार, श्रमिकों को एक निजी कंपनी द्वारा 31 मार्च, 2024 को कैमरून लाया गया था।
- हालाँकि कर्मचारियों को कंपनी से पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि उन्हें भोजन और जल की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ रहा है तथा वे बुनियादी ज़रूरतें भी नहीं जुटा पा रहे हैं।
- विदेश मंत्रालय से अनुरोध है कि वह 27 फँसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में सहायता करें।
कैमरून
- यह पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के संगम पर स्थित है
- यह अफ्रीका का 24वाँ सबसे बड़ा और विश्व का 54वाँ सबसे बड़ा देश है।
- इसकी राजधानी याउंडे है, जो देश के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित है।
- सीमावर्ती देश:
- इसकी सीमा उत्तर-पूर्व में नाइजीरिया और चाड, पूर्व में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण-पूर्व में कांगो गणराज्य, दक्षिण में गैबॉन तथा इक्वेटोरियल गिनी एवं दक्षिण-पश्चिम में अटलांटिक महासागर से लगती है।
- राहत:
- कैमरून की भौगोलिक विविधता में उत्तरी सवाना, मध्य उच्चभूमि, दक्षिणी तटीय मैदान और माउंट कैमरून सहित पश्चिमी ज्वालामुखी पर्वत शामिल हैं।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा ने अग्निवीर कोटा बढ़ाया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा सरकार ने कांस्टेबल और वन रक्षक सहित अन्य पदों की भर्ती में अग्निवीरों के लिये 10% क्षैतिज आरक्षण की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- अग्निवीरों को सिविल पदों के लिये ग्रुप-सी की सीधी भर्ती में 5% और ग्रुप-बी की सीधी भर्ती में 1% क्षैतिज आरक्षण मिलेगा।
- जो निजी प्रतिष्ठान अग्निवीरों को 30,000 अथवा उससे अधिक मासिक वेतन देते हैं, उन्हें राज्य सरकार से 60,000 की वार्षिक सब्सिडी मिलेगी।
- व्यवसाय शुरू करने वाले अग्निवीर को 5 लाख तक के ऋण पर ब्याज लाभ मिलेगा।
- अग्निवीरों को शस्त्र लाइसेंस और सरकारी विभागों/बोर्डों/निगमों में रोज़गार के लिये प्राथमिकता दी जाएगी।
अग्निपथ योजना
- परिचय:
- यह देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करता है।
- इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। युवा कम अवधि के लिये सेना में भर्ती हो सकेंगे।
- नई योजना के तहत प्रतिवर्ष लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों की भर्ती की जाएगी तथा इनमें से अधिकांश चार वर्षों में ही सेवा छोड़ देंगे।
- हालाँकि चार वर्षों के बाद बैच के केवल 25% लोगों को ही 15 वर्षों की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में वापस भर्ती किया जाएगा।
- पात्रता मापदंड:
- यह केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिकों के लिये है (जो कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूप में सेना में शामिल नहीं होते हैं)।
- कमीशन प्राप्त अधिकारी सेना के सर्वोच्च रैंक वाले अधिकारी होते हैं।
- भारतीय सशस्त्र बलों में कमीशन प्राप्त अधिकारियों को एक विशेष रैंक प्राप्त है। वे प्रायः राष्ट्रपति की संप्रभु शक्ति के तहत कमीशन प्राप्त करते हैं और उन्हें आधिकारिक तौर पर देश की रक्षा करने का निर्देश दिया जाता है।
- 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी आवेदन करने के पात्र होंगे।
- यह केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिकों के लिये है (जो कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूप में सेना में शामिल नहीं होते हैं)।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में हिरासत में मौत
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में पारधी आदिवासी समुदाय ने एक आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में कथित मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्य बिंदु
- हिरासत में मौत वह है जो किसी व्यक्ति की कानून प्रवर्तन अधिकारियों की हिरासत में या सुधारात्मक सुविधा में होने पर होती है।
- यह विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे अत्यधिक बल का प्रयोग, उपेक्षा या अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार।
- भारतीय विधि आयोग के अनुसार, गिरफ्तार या हिरासत में लिये गए व्यक्ति के विरुद्ध किसी लोक सेवक द्वारा किया गया अपराध हिरासत में हिंसा के समान है।
पारधी जनजाति
- यह ज़्यादातर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में पाया जाता है।
- पारधी शब्द मराठी शब्द ‘परध’ जिसका अर्थ है शिकार करना और संस्कृत शब्द ‘पापर्धी’ जिसका अर्थ है शिकार किया जाने वाला शिकार।
- वे राजस्थानी और गुजराती की मिश्रित बोलियाँ बोलते हैं, मुख्यतः वागड़ी और पारधी भाषाएँ।
- ये भाषाएँ पश्चिमी इंडो-आर्यन भाषा समूह की भील भाषाओं में वर्गीकृत हैं।
हरियाणा Switch to English
महामारी तैयारी नवाचारों का गठबंधन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वास्थ्य अनुसंधान के लिये एशिया की पहली प्री-क्लीनिकल नेटवर्क सुविधा क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (Regional Centre of Biotechnology- RCB) में स्थापित की गई।
- यह महामारी तैयारी नवाचार गठबंधन (Coalition of Epidemic Preparedness Innovations- CEPI) के हिस्से के रूप में फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (Translational Health Science & Technology Institute- THSTI) के अधीन है।
मुख्य बिंदु
- CEPI ने BSL3 रोगजनकों को नियंत्रित करने की क्षमता के आधार पर BRIC-THSTI को प्री-क्लीनिकल नेटवर्क प्रयोगशाला के रूप में चुना है।
- यह 9वीं नेटवर्क प्रयोगशाला है और यह एशिया की पहली प्रयोगशाला होगी, जो अमेरिका, यूरोप तथा ऑस्ट्रेलिया की अन्य प्रयोगशालाओं में शामिल होगी।
- यह पशु सुविधा देश की सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक है, जिसमें लगभग 75,000 चूहों के साथ-साथ कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले चूहे, खरगोश, हैम्स्टर और गिनी पिग भी रखे गए हैं।
- जेनेटिकली डिफाइंड ह्यूमन एसोसिएटेड माइक्रोबियल कल्चर कलेक्शन ( Ge-HuMic) फैसिलिटी" का भी उद्घाटन किया गया, जो अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और उद्योगों को अनुसंधान तथा विकास के लिये माइक्रोबियल कल्चर को प्रदान करने के लिये एक "भंडार" के रूप में कार्य करेगा।
- यह सुविधा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों तथा उद्योग के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये एक नोडल संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करेगी।
- यह देश में शोधकर्त्ताओं के लिये क्रायो-संरक्षित भ्रूण और शुक्राणु सहित आनुवंशिक रूप से विशिष्ट रोगजनक-मुक्त जानवरों का भी भंडारण कर सकेगा।
नवाचार के लिये महामारी तैयारी गठबंधन (CEPI)
- CEPI एक वैश्विक साझेदारी है जिसे भविष्य में महामारियों को रोकने के लिये टीके विकसित करने हेतु वर्ष 2017 में शुरू किया गया था।
- CEPI की स्थापना नॉर्वे और भारत की सरकारों, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, वेलकम ट्रस्ट तथा विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में की गई थी।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारत सरकार Ind-CEPI मिशन ‘रैपिड वैक्सीन डेवलपमेंट के माध्यम से भारत केंद्रित महामारी की तैयारी: वैश्विक पहल के साथ गठबंधन कर भारत में वैक्सीन का विकास’ को लागू कर रही है
- इस मिशन के उद्देश्य CEPI के उद्देश्यों के अनुरूप हैं और इसका लक्ष्य भारत में महामारी की संभावना वाले रोगों के लिये टीकों तथा संबंधित क्षमताओं/प्रौद्योगिकियों के विकास को मज़बूत करना है।
ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (THSTI)
- यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) का एक स्वायत्त संस्थान है।
- यह फरीदाबाद (हरियाणा) में स्थित है।
जैव सुरक्षा स्तर (BSL)
- BSL (Biosafety Levels) का उपयोग प्रयोगशाला में श्रमिकों, पर्यावरण और जनता की सुरक्षा के लिये आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की पहचान करने के लिये किया जाता है।
- जैविक प्रयोगशालाओं में संचालित गतिविधियों और परियोजनाओं को जैव सुरक्षा स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- चार जैव सुरक्षा स्तर BSL-1, BSL-2, BSL-3 और BSL-4 हैं, जिसमें BSL-4 नियंत्रण का उच्चतम (अधिकतम) स्तर है।
Switch to English