छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नए सुरक्षा शिविरों की घोषणा की | छत्तीसगढ़ | 16 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार बस्तर के सुदूर इलाकों में वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिये नए सुरक्षा शिविर खोलने पर काम कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- पिछले आठ महीनों में बस्तर के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 32 नए सुरक्षा शिविर खोले गए तथा जल्द ही 29 और ऐसे शिविर स्थापित किये जाएंगे।
नियाद नेल्लनार योजना:
- नियाद नेल्लनार, जिसका अर्थ है "आपका अच्छा गाँव" या "योर गुड विलेज" स्थानीय दंडामी बोली है (दक्षिण बस्तर में बोली जाती है)।
- इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के भीतर स्थित गाँवों में सुविधाएँ और लाभ प्रदान किये जाएंगे।
- बस्तर में 14 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किये गए हैं। ये शिविर नई योजना के क्रियान्वयन में भी सहायक होंगे। नियाद नेल्लनार के तहत ऐसे गाँवों में करीब 25 बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी।
- इन गाँवों के परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर, मुफ्त चावल, चना-नमक, गुड़ और चीनी, राशन कार्ड, सिंचाई पंप, मुफ्त विद्युत्, सामुदायिक भवन, आंँगनवाड़ी तथा वन अधिकार प्रमाण-पत्र मिलेंगे।
- यहाँ बारहमासी सड़कों के अलावा उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, खेल मैदान, बैंक, ATM, मोबाइल टावर, हेलीपैड आदि का निर्माण कराया जाएगा।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency- NIA)
- NIA भारत सरकार की एक संघीय एजेंसी है जो आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से संबंधित अपराधों की जाँच एवं मुकदमा चलाने के लिये ज़िम्मेदार है।
- किसी देश में संघीय एजेंसियों का क्षेत्राधिकार आमतौर पर उन मामलों पर होता है जो केवल व्यक्तिगत राज्यों या प्रांतों के बजाय पूरे देश को प्रभावित करते हैं।
- इसकी स्थापना 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद 2009 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत की गई थी, यह गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है।
- NIA के पास राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों से आतंकवाद से संबंधित मामलों की जाँच अपने हाथ में लेने का अधिकार है। इसके पास राज्य सरकारों से पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना राज्य की सीमाओं के पार मामलों की जाँच करने का भी अधिकार है।