प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Feb 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ ने राजनांदगाँव ज़िले के ढाबा गाँव के पास स्थित बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली वाले देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया है।

  • इसकी स्थापना भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) द्वारा की गई है और छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी 100 मेगावाट की क्षमता प्रदान करती है।

मुख्य बिंदु:

  • यह सौर संयंत्र सुनिश्चित करता है कि रात के दौरान भी विद्युत रहेगी और प्रतिदिन पाँच लाख यूनिट से अधिक विद्युत उत्पन्न होगी।
  • छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (CREDA) द्वारा स्थापित ऑन-ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र सतत् ऊर्जा की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • यह संयंत्र 1 फरवरी, 2024 को स्थापित किया गया था। इसमें 2,39,000 बाइफेशियल सोलर पैनलों से सुसज्जित 100 मेगावाट का सौर संयंत्र है जो दोनों तरफ से विद्युत का उत्पादन कर रहा है।
  • इस संयंत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग करके अगले सात वर्षों तक विद्युत उत्पन्न करने की उम्मीद है।
  • राजनांदगाँव ज़िले के बैरम पहाड़ी क्षेत्र में पहला सोलर पार्क स्थापित करने का निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के लिये इन पहाड़ी इलाकों का अधिकतम उपयोग करने हेतु लिया गया था।
    • परियोजना वर्ष 2016 में शुरू हुई, जिसमें पहले चरण में पाँच गाँव और 181.206 हेक्टेयर तथा दूसरे चरण में चार गाँव एवं 196-217 हेक्टेयर शामिल थे।

भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI)

  • इसकी स्थापना वर्ष 2011 में राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM) के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने और इसके द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये की गई थी।
  • SECI को शुरुआत में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत धारा 25 कंपनी (गैर-लाभकारी) के रूप में शामिल किया गया था। वर्ष 2015 में, इसे धारा -3 कंपनी में बदल दिया गया था।
  • SECI एक अनुसूची-A केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSU) है। यह भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षेत्र के विकास के लिये समर्पित एकमात्र CPSU है और इसकी गतिविधियों का दायरा सभी संसाधनों को कवर करता है।


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के टनकपुर में 2217 करोड़ रुपए की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

मुख्य बिंदु:

  • काठगोदाम से नैनीताल रोड को 2-लेन पेव्ड शोल्डर के साथ चौड़ा करने से नैनीताल-मानसखंड मंदिरों तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  • काशीपुर से रामनगर रोड के 4-लेन के चौड़ा होने से पर्यटकों के लिये जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और मानसखंड मंदिरों तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 309A पर उडियारी बैंड से कांडा मार्ग के 2-लेन के चौड़ा होने और मरम्मत होने से बागेश्वर में बागनाथ तथा बैजनाथ मंदिरों तक पहुँच आसान हो जाएगी।
  • उत्तराखंड में उत्कृष्ट बुनियादी ढाँचा तैयार करने के उद्देश्य से न केवल सड़कों और राजमार्गों का कार्य चल रहा है, बल्कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 87 विस्तार पर दीवारों का भी निर्माण किया जा रहा है
    • बागेश्वर ज़िले में सरयू और गोमदी नदियों पर दो पुलों की मरम्मत का कार्य भी 5 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है।
  • इन परियोजनाओं से न केवल पर्यटकों को लाभ होगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिये भी आवागमन आसान हो जाएगा और पर्यावरण को कोई नुकसान पहुँचाए बिना स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।

उत्तराखंड Switch to English

भारत की पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा उत्तराखंड में शुरू होगी

चर्चा में क्यों?

भारत अपनी पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (HEMS) देखने के लिये तैयार है, जो ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से संचालित होगी।

मुख्य बिंदु:

  • नई HEMS 150 किलोमीटर के कवरेज़ दायरे के साथ प्रोजेक्ट 'संजीवनी' के तहत संचालित होगी।
  • इससे दुर्घटना पीड़ितों और मरीज़ों को पहाड़ी इलाकों से एम्स तक समय पर परिवहन सुनिश्चित हो सकेगा।
  • किसी दुर्घटना के तुरंत बाद महत्त्वपूर्ण 'गोल्डन आर्स' के दौरान मरीज़ों को बचाने के लिये आपातकालीन हेलीकॉप्टर सेवाएँ अपरिहार्य होंगी, जब विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल महत्त्वपूर्ण होती है।
    • यह पहल उत्तराखंड के लिये एक वरदान होगी, एक ऐसा राज्य जो प्रत्येक वर्ष पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और साहसिक उत्साही लोगों को आकर्षित करता है, साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझता है।
  • हिंडन एयर बेस से पिथौरागढ़ तक हवाई कनेक्टिविटी के लिये राज्य सरकार के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अन्य परियोजना की शुरुआत की भी घोषणा की गई।

हेलीकाप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (HEMS)

  • इसे प्रोजेक्ट संजीवनी कहा जाता है; एम्स ऋषिकेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के हेतु एक हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा।
    • इसमें शिक्षा, पर्यावरण, कृषि और पशुधन स्वास्थ्य देखभाल जैसे विभिन्न क्षेत्रों को लक्षित करने वाली कई पहल शामिल हैं।
  • हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में तैनात होगा और 150 किमी. के दायरे के क्षेत्र को कवर करेगा।


उत्तराखंड Switch to English

हरिद्वार में 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार में 4,755 करोड़ रुपए की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया।

मुख्य बिंदु:

  • जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें रुद्रप्रयाग में लमेरी से कर्णप्रयाग तक 2-लेन पेव्ड शोल्डर और हरिद्वार में चमोली तथा दूधाधारी एलिवेटेड फ्लाईओवर का चौड़ीकरण शामिल है।
  • ये परियोजनाएँ न केवल परिवहन को आसान बनाएँगी बल्कि ऋषिकेश से भारत-चीन सीमा तक बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेंगी।
  • फ्लाईओवर से धार्मिक नगरी हरिद्वार में ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
  • इन परियोजनाओं के निर्माण से उत्तराखंड विकास की तेज़ी से बढेगा। चारधाम मार्गों पर श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम होगी।
  • उत्तराखंड की अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड ग्रीन सेस लगाएगा

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड सरकार अन्य राज्यों से राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस/हरित उपकर लागू करने के लिये पूरी तरह तैयार है।

  • ग्रीन सेस पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से सरकार द्वारा लगाया जाने वाला कर का एक रूप है।

मुख्य बिंदु:

  • फास्टैग के माध्यम से टोल प्लाज़ा पर उपकर 20 रुपए से 80 रुपए तक एकत्र किया जाएगा। संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) द्वारा ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और कारों को छूट दी जाएगी।
  • इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के रियायतदाताओं द्वारा एकत्र किया जाएगा।
  • परिवहन विभाग के अनुसार, तिपहिया और चार पहिया वाहनों (हल्के मोटर वाहन) पर ग्रीन सेस के रूप में क्रमशः 20 रुपए तथा 40 रुपए लगेंगे, जबकि मध्यम एवं भारी मोटर वाहनों को क्रमशः 60 रुपए व 80 रुपए का भुगतान करना होगा।
    • दोपहिया वाहन, सरकारी वाहन, फायर टेंडर और एम्बुलेंस, सेना के वाहन तथा कृषि हेतु उपयोग किये जाने वाले वाहनों को ग्रीन सेस से छूट दी जाएगी।
  • दूसरे राज्यों के वाहनों को एक दिन के लिये निर्धारित दर का भुगतान करके एक बार प्रवेश का विकल्प होगा।
  • वैकल्पिक रूप से, वे तीन महीने की अवधि के लिये मानक दर का 20 गुना या पूरे वर्ष के लिये ग्रीन सेस दर का 60 गुना भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं।

फास्टैग (FASTag)

  • यह एक साधन/उपकरण है जो गतिशील वाहन को निर्बाध रूप से सीधे टोल भुगतान करने के लिये रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है।
  • NHAI ने FASTag की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने के लिये दो मोबाइल ऐप - MyFASTag और FASTag पार्टनर लॉन्च किये।
  • टैग जारी होने की तारीख से 5 वर्ष के लिये वैध है जो 7 अलग-अलग रंग कोड में आता है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)

  • NHAI का गठन वर्ष 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार द्वारा सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव तथा प्रबंधन के लिये एक केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में किया गया था।
  • हालाँकि प्राधिकरण फरवरी, 1995 में चालू हो गया।
  • प्राधिकरण में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होता है और अधिकतम पाँच पूर्णकालिक सदस्य तथा चार अंशकालिक सदस्य जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

UPDIC रक्षा उत्पादन में भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाना

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) 24,510.60 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित कर रहा है और इसका लक्ष्य 41,667 रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना है।

मुख्य बिंदु:

  • ब्रह्मोस एयरोस्पेस, टाटा टेक्नोलॉजीज़ और अदानी डिफेंस सिस्टम्स जैसी प्रमुख कंपनियों ने कॉरिडोर में निवेश का प्रस्ताव दिया है।
  • UPDIC महत्त्वपूर्ण प्रगति करते हुए, बड़े निवेश को आकर्षित कर रहा है और रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिये प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहा है।
  • 3585.85 करोड़ रुपए की 34 निवेश परियोजनाएँ आगामी ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में शामिल होने के लिये तैयार हैं।
    • ये परियोजनाएँ रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़, झाँसी, कानपुर और लखनऊ नोड्स में फैली हुई हैं तथा 8,530 से अधिक रोज़गार के अवसर उत्पन्न करेंगी।
  • यूपी सरकार निवेशकों के लिये अनुकूल माहौल बनाते हुए सभी नोड्स में बुनियादी ढाँचे के विकास में निवेश कर रही है।
    • आईआईटी कानपुर और आईआईटी (BHU) वाराणसी को अनुसंधान करने तथा महत्त्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास अंतराल को भरने के लिये उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
  • UPDIC राज्य को रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र में बदल रहा है, जो भारत की आत्मनिर्भरता तथा आर्थिक विकास में योगदान दे रहा है।
    • इसने अनुकूलित ऋण प्रस्तुत करने और रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र में MSME व स्टार्ट-अप की विशिष्ट ज़रूरतों को पूरा करने के लिये वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग किया है।

उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC)

  • यह एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र पर विदेशी निर्भरता को कम करना है। इसका उद्घाटन वर्ष 2018 में हुआ था।
  • उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) को विभिन्न अन्य राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस परियोजना को निष्पादित करने के लिये नोडल एजेंसी बनाया गया था।

बिहार Switch to English

बिहार सरकार ने 2.78 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार सरकार ने 2.78 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें विभाग को 22% से अधिक धनराशि आवंटित करके शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।

मुख्य बिंदु:

  • सरकार ने सूचना और प्रौद्योगिकी, पर्यटन पर भी विशेष ध्यान दिया तथा विविध सरकारी योजनाओं के लिये 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि निर्धारित की।
  • उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 2,78,725.72 करोड़ रुपए का बजट पेश किया:
    • शिक्षा विभाग को 22,200.35 करोड़ रुपए (22.20%) का आवंटन।
    • ग्रामीण विकास विभाग को 13,840.56 करोड़ रुपए (13.84%)।
    • समाज कल्याण विभाग को 8,191.79 करोड़ रुपए (8.19%)।
    • ग्रामीण कार्य और स्वास्थ्य विभाग को 7,409.13 करोड़ रुपए (7.41%) तथा 7,117.56 करोड़ रुपए (7.12%) आवंटित किये गए।
    • सरकार अकेले कई छात्रवृत्ति योजनाओं पर 3,073.26 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
    • सरकार ने 7 निश्चय योजना- 2 कार्यक्रम के तहत सुशासन योजनाओं पर 5,040 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान लगाया है।
  • बजट में 1,121.41 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष है और 2.98% का राजकोषीय घाटा दिखाया गया है। इसमें 3.48 लाख करोड़ रुपए का बकाया ऋण भी दिखाया गया है।

7 निश्चय योजना -2 कार्यक्रम

  • निश्चय 1. युवा शक्ति - बिहार की प्रगति
  • निश्चय 2. सशक्त स्त्री, समर्थ स्त्री
  • निश्चय 3. हर खेत को सिंचाई का पानी
  • निश्चय 4. स्वच्छ गाँव-समृद्ध गाँव
  • निश्चय 5. स्वच्छ शहर-विकसित शहर
  • निश्चय 6. सुगम कनेक्टिविटी
  • निश्चय 7. सभी के लिये अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएँ

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow