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बीमा सखी योजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने हरियाणा के पानीपत में भारतीय जीवन बीमा निगम की 'बीमा सखी योजना' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी।
मुख्य बिंदु
- बीमा सखी योजना:
- यह 18-70 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिये बनाया गया है, जिसका ध्यान वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता पर केंद्रित है।
- इसमें तीन वर्ष का प्रशिक्षण और वजीफा, LIC एजेंट या विकास अधिकारी बनने के अवसर और 2 लाख महिलाओं के लिये रोज़गार सृजन शामिल है।
- इससे "सभी के लिये बीमा" के मिशन को मज़बूती मिलेगी, सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और गरीबी उन्मूलन होगा।
- महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय:
- यह 495 एकड़ में विस्तृत है, जिसमें अनुसंधान केंद्र, एक बागवानी महाविद्यालय और पाँच स्कूल हैं।
- इसका उद्देश्य फसलों में विविधता लाना और विश्व स्तरीय बागवानी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है।
- कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित बातों पर भी प्रकाश डाला:
- पानीपत से शुरू किये गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने पिछले दशक में हज़ारों बेटियों का जीवन बचाने में योगदान दिया है।
- महिलाओं के लिये विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया, जिनमें शामिल हैं:
- महिलाओं को बैंक सखी, बीमा सखी और कृषि सखी के रूप में प्रशिक्षण देना।
- मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह करना।
- वित्तीय समावेशन के लिये जन धन योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए , जिससे 30 करोड़ महिलाएँ लाभान्वित होंगी।
- उन्होंने ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन की आधारशिला के रूप में स्वयं सहायता समूहों (SHG) पर ज़ोर दिया, जिनसे 10 करोड़ से अधिक महिलाएँ जुड़ी हैं।
- लखपति दीदी अभियान जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया, जिसके कारण 1.15 करोड़ महिलाएँ प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए से अधिक कमाने में सक्षम हुई हैं।
- उन्होंने जन धन योजना द्वारा लाए गए परिवर्तन पर प्रकाश डाला, जिससे निम्नलिखित योजनाओं से लाभ का सीधा हस्तांतरण सुनिश्चित हुआ:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
- परिचय:
- यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बाल लिंग अनुपात (CSR) में कमी लाना तथा जीवन-चक्र में महिला सशक्तीकरण से संबंधित मुद्दों का समाधान करना था।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MW&CD), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MH&FW) तथा शिक्षा मंत्रालय का त्रि-मंत्रालयीय प्रयास है।
- मुख्य उद्देश्य:
- लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन की रोकथाम।
- बालिकाओं के जीवन और संरक्षण को सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
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मार्बल्ड डक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पक्षी प्रेमियों को सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में एक दुर्लभ शीतकालीन प्रवासी, मार्बल्ड डक को देखकर बहुत खुशी हुई। सुल्तानपुर में इस प्रजाति को आखिरी बार 1990 में देखा गया था।
मुख्य बिंदु
- भौतिक विशेषताएँ:
- भूरे-सफेद पंख वाला मध्यम आकार का बत्तख।
- बड़े सिर और हल्की आँखों के पैच द्वारा प्रतिष्ठित।
- यह मछलियों और जलीय पौधों पर निर्भर है।
- वैश्विक संरक्षण स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा इसे विश्व स्तर पर "संकटग्रस्त" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- जनसंख्या में गिरावट का कारण निवास स्थान का विनाश और शिकार बताया गया।
- भौगोलिक सीमा और आदतें:
- इसका मूल स्थान यूरोप है, जहाँ यह गर्मियों के महीनों में प्रजनन करता है।
- तीन अलग-अलग क्षेत्रों में प्रजनन के लिये जाना जाता है: पूर्वी भूमध्यसागरीय, पश्चिमी भूमध्यसागरीय और ईरान।
- प्रजनन के लिये निचली भूमि, उथले स्वच्छ जल वाले आवासों को पसंद करता है।
- भारत में घटना:
- दिल्ली-NCR में शायद ही कभी देखा गया; अंतिम बार वर्ष 2022 में भिंडावास वेटलैंड में दर्ज किया गया।
- हरियाणा में सीमित संख्या में देखा गया, 2000 के दशक में गुड़गाँव में देखा गया।
- पिछले अवलोकनों में गुजरात और राजस्थान शामिल हैं।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिये एक स्वर्ग है। यह प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के लिये प्रसिद्ध है।
- अप्रैल 1971 में, पार्क के अंदर सुल्तानपुर झील (1.21 वर्ग किमी का क्षेत्र) को पंजाब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1959 की धारा 8 के तहत अभयारण्य का दर्जा दिया गया था।
- जुलाई 1991 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत पार्क का दर्जा बढ़ाकर राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
- जगह:
- यह पार्क हरियाणा के गुड़गाँव ज़िले में स्थित है। पार्क की दूरी दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर और गुड़गाँव से 15 किलोमीटर है।
- पार्क में महत्त्वपूर्ण जीव:
- स्तनधारी: काला हिरण, नीलगाय, हॉग हिरण, सांभर, तेंदुआ आदि।
- पक्षी: साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, डेमोइसेल क्रेन आदि।
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