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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Feb 2025
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वरुणा नदी में मिले प्रदूषक तत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के जंतु वैज्ञानिकों ने एक शोध में वरुणा नदी के जल में लगभग 1000 प्रकार के प्रदूषक तत्त्व पाए जाने की पुष्टि की।

मुख्य बिंदु 

  • प्रदूषक तत्त्व: शोध में यह पाया गया कि वरुणा नदी में 580 और अस्सी नदी में 349 प्रदूषण के घटक मिले हैं। इनमें टर्ट एल्काइलफेनाल, आक्टाइलफेनोल्स, ब्यूटाइलफेनोल्स, हेक्साडेसिलफेनोल्स जैसे जहरीले रसायन शामिल हैं। 
  • प्रभाव: ये प्रदूषक न केवल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को बल्कि मानवीय जीवन को भी का निम्न प्रकार से खतरे में डाल रहें है- 
    • जलीय जीवन पर असर: प्रदूषण से मछलियों और अन्य जल जीवों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिससे उनकी मृत्यु दर बढ़ रही है और प्रजनन क्षमता घट रही है।
      • इसका जल गंगा नदी के जल को भी प्रदूषित कर रहा है।
    • जल की गुणवत्ता में कमी: प्रदूषक तत्त्व जल की गुणवत्ता को खराब करते हैं, जिससे पीने योग्य पानी की उपलब्धता में कमी हो जाती है। 
    • मानवीय जीवन पर प्रभाव: प्रदूषक युक्त जल को पीने से मनुष्यों में स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इससे न केवल प्रजनन क्षमता में कमी हो सकती है, बल्कि ये प्रदूषक कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।
  • पूर्व रिपोर्ट: इससे पहले भी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में वरुणा नदी का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बताया गया था। वाराणसी में गंगा में मिलने से पहले वरुणा का BOD 12.40 मिलीग्राम प्रति लीटर था। 
  • वरुणा नदी का पुनरुद्धार: हालाँकि उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी में वरुणा नदी के पुनरुद्धार हेतु निरंतर प्रयासरत है, जैसे- भदोही से गंगा-वरुणा संगम तक डिसिल्टिंग (सिल्ट हटाना) करना, नदी किनारे पौधरोपण कर हरित क्षेत्र बढ़ाना। इसके साथ ही, विभिन्न विकास खंडों में वेटलैंड एरिया तैयार किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर सुधरेगा और नदी का जलस्तर सामान्य होगा।
  • हाल ही में भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी के परिणामस्वरूप वाराणसी में स्वच्छ नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला (Smart Laboratory on Clean Rivers- SLCR) की स्थापना हुई है। इसका उद्देश्य सतत् दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए वरुणा नदी का पुनरुद्धार करना है।

वरुणा नदी के बारे में:

  • यह गंगा की एक छोटी सहायक नदी है।
  • यह प्रयागराज ज़िले के फूलपुर से निकलती है तथा वाराणसी ज़िले के सराय मोहना के निकट गंगा नदी से मिलती है।
  • 'वाराणसी' ज़िले  का नाम दो नदियों वरुणा और अस्सी नदियों के नाम पर रखा गया है।
  • सारनाथ गंगा और वरुणा नदियों के संगम पर ही स्थित है।


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