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हरियाणा विधानसभा में पारित विधेयक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक 2024, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2024, हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2024, हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024 सहित विभिन्न विधेयक पारित किये हैं।
मुख्य बिंदु
- हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक 2024:
- उद्देश्य: भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा और भूमि उपयोग को अनुकूलित करने के लिये कृषि भूमि पट्टों को वैध बनाने हेतु एक ढाँचा स्थापित करना।
- समस्याएँ:
- भूमि मालिक लिखित पट्टा समझौते से बचते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि पट्टेदार उनसे अधिभोग अधिकार मांग सकते हैं।
- अलिखित पट्टे, पट्टेदारों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत प्राप्त करने या फसल ऋण प्राप्त करने से रोकते हैं।
- अपेक्षित प्रभाव:
- भूमि मालिकों और पट्टेदारों दोनों को लाभ पहुँचाने के लिये औपचारिक पट्टा समझौतों को प्रोत्साहित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य बंजर भूमि को कम करके कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना है।
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2024:
- धारा 23 में संशोधन:
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 23 विभिन्न मजिस्ट्रेटों के सज़ा देने के अधिकार की रूपरेखा बताती है।
- यह प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दी जाने वाली सज़ा के प्रकार और सीमाओं को निर्दिष्ट करता है।
- धारा 23(2) के तहत प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के लिये अधिकतम जुर्माना 50,000 रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया।
- धारा 23(3) के तहत ज़ुर्माने की सीमा 10,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई।
- उच्चतर जुर्माने की व्यवस्था परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 जैसे अधिनियमों के तहत उन मामलों के अनुरूप है, जहाँ चेक की राशि पूर्व सीमा से अधिक होती है।
- बढ़ाए गए ज़ुर्माने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत संशोधित यातायात जुर्माने के अनुरूप हैं।
- उद्देश्य: निवारण को मज़बूत करना तथा जुर्माने की सीमा को वर्तमान आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप बनाना।
- हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2024:
- उद्देश्य: 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में सेवाओं के लिये राज्य की समेकित निधि से अतिरिक्त भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है ।
- हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024:
- आधार: GST परिषद की सिफारिशों और वित्त अधिनियम, 2024 के तहत केंद्रीय GST अधिनियम, 2017 में संशोधनों को दर्शाता है।
- उद्देश्य: कर प्रशासन को बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय GST विनियमों के साथ एकरूपता और संरेखण सुनिश्चित करना।
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गुरुग्राम में AQI 402 दर्ज किया गया
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुग्राम ज़िले में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 402 दर्ज कर 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच गया।
मुख्य बिंदु
- अन्य स्थान जैसे सोनीपत (390), धारूहेड़ा (377), जिंद (358), चरखी दादरी (351), बहादुरगढ़ (347), मानेसर (345), फरीदाबाद (320), हिसार (317), नारनौल (310), सिरसा (309) और पानीपत (303) 'बहुत खराब' श्रेणी में थे।
- वायु गुणवत्ता सूचकांक:
- AQI लोगों को वायु गुणवत्ता की स्थिति के बारे में प्रभावी ढंग से जानकारी देने का एक साधन है, जिसे समझना आसान है।
- दिल्ली और NCR के लिये विभिन्न AQI श्रेणियों के अंतर्गत कार्यान्वयन हेतु ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है।
- AQI को आठ प्रदूषकों अर्थात् PM2.5, PM10, अमोनिया, सीसा (लेड), नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओज़ोन और कार्बन मोनोऑक्साइड के लिये विकसित किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
- इसका गठन वर्ष 1974 में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत किया गया था।
- CPCB को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ एवं कार्य भी सौंपे गए।
- यह एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में कार्य करता है तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के संबंध में पर्यावरण एवं वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी प्रदान करता है।
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