उत्तर प्रदेश
नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति देने वाले माता-पिता के लिये ज़ुर्माना
- 08 Jan 2024
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चर्चा में क्यों?
नाबालिगों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास में, उत्तर प्रदेश सरकार ने नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति देने वाले माता-पिता या वाहन मालिकों पर तीन वर्ष की कैद और 25,000 रुपए ज़ुर्माने के प्रावधान को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है।
मुख्य बिंदु:
- परिवहन विभाग के सहयोग से सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न माध्यमों से सड़क सुरक्षा पर ज़ोर देते हुए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
- मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 की धारा 199 (ए) के तहत, यह रेखांकित किया गया है कि किशोरों द्वारा किये गए मोटर वाहन-संबंधी अपराधों में, केवल उनके अभिभावक या वाहन मालिक को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
- निर्धारित सज़ा में तीन वर्ष की कैद और 25,000 रुपए का ज़ुर्माना शामिल है।
- लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और लोहिया इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटना में होने वाली 40% मौतों में नाबालिग शामिल हैं।
- अधिकारियों ने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा ड्राइविंग पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया और सभी शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाने की बात की।
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019
- संशोधन यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त दंड लगाने, लाइसेंसिंग और इसके प्रशासन को सुव्यवस्थित करने तथा देश में सड़क सुरक्षा की खराब स्थिति को दूर करने का प्रयास करता है।
- यह एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि का प्रावधान करता है, जो भारत में सभी सड़क उपयोगकर्त्ताओं को कुछ दुर्घटनाओं के लिये अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करता है।
- यह केंद्र सरकार द्वारा बनाए जाने वाले एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का भी प्रावधान करता है।