हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में वृद्धि | हरियाणा | 09 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा ने वर्ष 2014 में अपने लिंगानुपात को 871 से बढ़ाकर 2024 में 910 कर दिया है, जो 39 अंकों की वृद्धि दर्शाता है। यह प्रगति हरियाणा के समर्पण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) पहल की सफलता को रेखांकित करती है।
मुख्य बिंदु
- कन्या भ्रूण हत्या का सामना:
- मातृ स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित:
- हरियाणा ने मातृ स्वास्थ्य देखभाल में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, जहाँ संस्थागत प्रसव वर्ष 2005-06 में 35.7% से बढ़कर हाल के वर्षों में 94.9% हो गया है।
- माध्यमिक शिक्षा में नामांकन वर्ष 2015-16 में 3,85,624 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 4,00,736 हो जाएगा।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और परिवारों को सहायता प्रदान करना:
- बालिका के जन्म पर 21,000 रुपए की एकमुश्त राशि से 5,23,056 से अधिक परिवारों को लाभ मिला है।
- वर्ष 2018 में शुरू किये गए पोषण अभियान ने एनीमिया और बेहतर पोषण को लक्षित किया है, जिससे आँगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 2,24,136 प्रतिभागियों को लाभ मिला है।
- किशोरियों को सशक्त बनाना और वित्तीय सहायता पहल:
- मेवात में किशोर बालिका योजना ने वर्ष 2024-25 में 14-18 वर्ष की 13,439 बालिकाओं को आत्म-विकास, कौशल-निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सहायता प्रदान की है।
- सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु की बेटियों के लिये 8,23,522 बचत खाते खोले गए हैं।
- पोक्सो अधिनियम के पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, अक्तूबर 2024 तक 778 मामलों में 1.31 करोड़ रुपए वितरित किये गए हैं।
- मीडिया के माध्यम से लिंग जागरूकता को बढ़ावा देना:
- हरियाणा ने वर्ष 2024 में लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को नया आकार देने के लिये आकाशवाणी पर “म्हारी लाडो” रेडियो कार्यक्रम शुरू किया।
- स्वास्थ्य, पोषण, वित्तीय स्वतंत्रता और नेतृत्व को कवर करने वाले इस कार्यक्रम में 1,60,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए हैं।
गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994
- PCPNDT अधिनियम, 1994 भारतीय संसद का एक अधिनियम है जिसे भारत में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और घटते लिंगानुपात को रोकने के लिये अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम ने जन्मपूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया।
- इस अधिनियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और लिंग-चयनात्मक गर्भपात के लिये प्रसवपूर्व निदान तकनीकों के दुरुपयोग को रोकना है।
पोषण अभियान
- सरकार द्वारा 8 मार्च, 2018 को पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन) शुरू किया गया।
- अभियान का लक्ष्य बौनापन, कुपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में) को कम करना तथा जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की संख्या में क्रमशः 2%, 2%, 3% और 2% प्रति वर्ष की कमी लाना है।
सुकन्या समृद्धि खाता योजना
- इसका उद्देश्य भारत में बालिकाओं के कल्याण को बढ़ावा देना है।
- माता-पिता या कानूनी अभिभावक 10 वर्ष से कम आयु की अधिकतम दो बेटियों के लिये जमा खाता खोल सकते हैं तथा जुड़वाँ लड़कियों या तीन लड़कियों के मामले में, योजना में तीन खाते खोलने की अनुमति है।
- न्यूनतम प्रारंभिक जमा राशि 250 रुपए तथा अधिकतम वार्षिक सीमा 150,000 रुपए है।
- अधिकतम 15 वर्षों के लिये जमा किया जा सकता है। खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष पूरे होने पर या खाताधारक की शादी होने पर, जो भी पहले हो, खाता परिपक्व हो जाता
https://youtu.be/wOENh5qE7o0