छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में नया टाइगर रिज़र्व
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक नया बाघ अभयारण्य घोषित करने का निर्णय लिया है।
यह राज्य का चौथा बाघ अभयारण्य होगा।
मुख्य बिंदु:
- बाघ अभयारण्य के निर्माण से पारिस्थितिकी पर्यटन का विकास होगा तथा इसके केंद्र तथा बफर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के लिये रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- राज्य वन्य जीव बोर्ड की अनुशंसा और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA), केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सहमति के अनुसार मंत्रिपरिषद ने 2,829.387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व अधिसूचित करने का निर्णय लिया है।
- वर्तमान में राज्य में तीन बाघ अभ्यारण्य हैं - इंद्रावती (बीजापुर ज़िले में), उदंती-सीतानदी (गरियाबंद) और अचानकमार (मुंगेली)।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- सतनामी सुधारक गुरु घासीदास के नाम पर इसका नाम रखा गया है। यह वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग करने का परिणाम है। यह छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में स्थित है।
- उद्यान की स्थलाकृति लहरदार है और यह उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- जैवविविधता:
तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
- परिचय:
- यह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले में स्थित है। इसका नाम तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला के नाम पर रखा गया है।
- तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला अभयारण्य क्षेत्र की पुरानी तथा प्रमुख विशेषताएँ मानी जाती हैं।
- जैवविविधता:
- वनस्पति: इस अभ्यारण्य में मिश्रित पर्णपाती वनों का प्रभुत्व है। साल और बाँस के वन हर जगह दिखाई देते हैं।
- जीव-जंतु: बाघ, हाथी, तेंदुए, भालू, सांभर हिरण, नीलगाय, चीतल, बाइसन और ऐसे विभिन्न जानवर यहाँ पाए जाते हैं।
Switch to English