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स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jun 2024
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उत्तराखंड Switch to English

सहस्त्र ताल ट्रैक

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड में सहस्त्र ताल के पास कर्नाटक के नौ ट्रेकर्स की मौत हो गई।

  • ये ट्रैकर्स 22 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे, जो सहस्त्र ताल से लौटते समय खराब मौसम के कारण रास्ता भटक जाने से मारे गए।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के संपर्क में है और मृतकों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है।
  • सहस्त्र ताल ट्रैक:
    • यह उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में 15,000 फुट ऊँचा मार्ग है।
    • यह ट्रैक दोनों तरफ से घिरा हुआ है: पश्चिम में भागीरथी घाटी और पूर्व में भीलंगना घाटी।
    • छोटी झीलों से घिरा कुश कल्याण पठार झील के उत्तर में स्थित है। स्थानीय लोग झील के चारों ओर अपने भगवान को ले जाने की वार्षिक रस्म निभाते हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि यह शुभ होता है।  


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने शपथ ली

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने विधायक पद की शपथ दिलाई।

मुख्य बिंदु:

मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह लेने के बाद करनाल विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव लड़ा था।

  • राज्य की 10 लोकसभा सीटों और करनाल विधानसभा क्षेत्र के लिये आम चुनाव के छठे चरण में 25 मई 2024 को मतदान हुआ तथा परिणाम 4 जून 2024 को घोषित किये गए थे।

उपचुनाव

  • परिचय:
    • उपचुनाव, जिसे विशेष चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, भारत के विधायी निकायों में रिक्त सीटों को भरने के लिये आयोजित चुनावों को संदर्भित करता है।
    • यह व्यापक चुनावी चक्र के भीतर एक महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करता है और अप्रत्याशित रिक्तियों को संबोधित करके नियमित चुनावों को पूर्ण करता है।
  • उद्देश्य
    • उपचुनावों का प्राथमिक उद्देश्य रिक्त सीटों की समय पर फाइलिंग सुनिश्चित करना है, जिससे विधायी निकाय में प्रभावित निर्वाचन क्षेत्र या ज़िले का प्रतिनिधित्व हो सके।
  • परिस्थिति:
    • उपचुनाव तब आयोजित किये जाते हैं जब विधायिका में कोई सीट निलंबन, इस्तीफे, अयोग्यता या मौजूदा सदस्य के निष्कासन जैसे कारणों से खाली हो जाती है।
  • निर्धारित समय-सीमा
    • जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम, 1951 की धारा 151A निर्वाचनआयोग को संसद और राज्य विधानमंडलों के सदनों में आकस्मिक रिक्तियों की तारीख से छह महीने के भीतर उपचुनावों के माध्यम से भरने हेतु अधिदेशित करती है, बशर्ते कि कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष या उससे अधिक हो।
      • इसलिये यदि लोक सभा की शेष अवधि सीट खाली होने की तारीख से एक वर्ष से कम है तो उपचुनाव कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा को सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक (प्रवाह की एक इकाई जो 1 घन फुट प्रति सेकंड के बराबर है) अधिशेष जल छोड़ने की अनुमति दे दी तथा हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली में इस जल का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करे, ताकि पेयजल संकट का समाधान हो सके।

मुख्य बिंदु:

  • न्यायालय ने ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) को हरियाणा के हथिनी कुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए जल को मापने के लिये कहा।
  • राष्ट्रीय राजधानी में जल की कमी के बीच दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्य हरियाणा से तत्काल अतिरिक्त जल प्राप्त करने के लिये सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
  • अपनी याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा कि वह दिल्ली के नागरिकों द्वारा झेली जा रही गंभीर जल कमी के कारण याचिका दायर करने के लिये बाध्य है, जो उत्तर भारत, विशेषकर दिल्ली में जारी भीषण गर्मी के कारण उत्पन्न हुई है।

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB)

  • ऊपरी यमुना नदी बोर्ड जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय है।
  • दिनांक 12 मई, 1994 को बेसिन राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा ओखला बैराज तक यमुना नदी के उपयोज्य सतही प्रवाह के बँटवारे के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए
    • MoU में ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) नामक एक बोर्ड के निर्माण का प्रावधान है।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान में जल संचयन इकाइयों की स्थापना

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में जल की कमी के मुद्दों के जवाब में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के साथ राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

  • इस पहल के तहत अगले चार वर्षों में 20,000 गाँवों में 500,000 जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करने की योजना है।

मुख्य बिंदु:

  • सरकारी आँकड़ों के अनुसार, देश के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक राजस्थान लगातार जल की कमी से जूझ रहा है।
  • राज्य में प्रतिवर्ष 100 मिमी. से 800 मिमी. तक वर्षा होती है, जिसके परिणामस्वरूप अनेक क्षेत्रों में जल की कमी हो जाती है, जिसमें बुनियादी पेयजल की आवश्यकता भी शामिल है।
  • राज्य में भूजल पुनःपूर्ति में वर्षा का मुख्य योगदान है तथा पूरे क्षेत्र में जल स्तर में काफी भिन्नता है।
  • एक सरकारी रिपोर्ट में राजस्थान को उन प्रमुख राज्यों में से एक बताया गया है जहाँ भूजल स्रोतों का अत्यधिक उपयोग किया गया है।
  • राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO) ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंडों को पट्टे पर लेने वाले सभी व्यक्तियों को जल संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने तथा भूजल स्तर को बढ़ाने के लिये अपनी संपत्ति पर वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करना अनिवार्य होगा।
  • राजस्थान पुलिस आवास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RPH&CCL) भी अपनी वर्तमान भवन परियोजनाओं में वर्षा जल संचयन को शामिल करेगा।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान

  • मुख्यमंत्री ने 27 जनवरी 2016 को राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के गरदान खेड़ी गाँव से इस अभियान का शुभारंभ किया।
  • यह योजना फोर वाटर्स कांसेप्ट (Four Waters Concept) पर आधारित है, जिसमें संग्रहीत जल (Catchment Water) का उपचार, मौजूदा जल संचयन संरचनाओं का उचित उपयोग, गैर-कार्यात्मक जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण तथा नई जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना शामिल है।

राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO)

  • यह राजस्थान सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है जिसने राजस्थान के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसका गठन वर्ष 1980 में किया गया था।
  • 28 मार्च 1969 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत राजस्थान राज्य औद्योगिक और खनिज विकास निगम (RSIMDC) के रूप में स्थापित एक सरकारी उद्यम को 1 जनवरी 1980 को दो संस्थाओं में विभाजित किया गया था:
  • राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड  (Rajasthan State Industrial Development & Investment Corporation Limited- RIICO
  • राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (Rajasthan State Mineral Development Corporation- RSMDC)

मध्य प्रदेश Switch to English

NOTA वोट

चर्चा में क्यों?

हाल के आम चुनावों में इंदौर में देश में सबसे अधिक NOTA (इनमें से कोई नहीं) वोट 2,18,674 दर्ज किये गए।

मुख्य बिंदु:

  • इंदौर लोकसभा सीट पर कुल पड़े वोटों में से 16.28% वोट NOTA के खाते में गए।
    • राष्ट्रीय स्तर पर कुल 5,33,705 मतदाताओं ने NOTA (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुना, जिसमें सबसे अधिक 2,18,674 वोट इंदौर सीट पर दर्ज किये गए।
    • इंदौर में 25.27 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 61.75% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से 13,43,294 मत वैध पाए गए। इनमें से 16.28% मत NOTA को गए। वर्ष 2019 में इंदौर में 69% मतदान हुआ था, जिसमें 5,045 मतदाताओं ने NOTA का विकल्प चुना था।
  • एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, NOTA का एक “प्रतीकात्मक” प्रभाव होता है और यदि किसी सीट पर इसे 50% से अधिक वोट मिलते हैं, तभी चुनाव परिणामों पर इसे कानूनी रूप से प्रभावी बनाने पर विचार किया जा सकता है।

NOTA

  • NOTA विकल्प पहली बार वर्ष 2014 के आम चुनावों में पेश किया गया था।
  • NOTA का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है, क्योंकि अगर किसी सीट पर सबसे ज़्यादा वोट NOTA को मिले हों, तो दूसरा सबसे सफल उम्मीदवार जीत जाता है।
  • हरियाणा में NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार माना गया है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा सरकार ने योजना पर आयु प्रतिबंध हटाया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा सरकार ने कृषि कार्य के दौरान मृत्यु या अक्षमता की स्थिति में किसानों और कृषि श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक योजना पर आयु सीमा हटा दी।

मुख्य बिंदु:

  • सरकार ने किसानों, कृषि श्रमिकों और मंडी यार्ड मज़दूरों के लिये 'मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना' के तहत आयु प्रतिबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
  • इस योजना के तहत किसानों, कृषि मज़दूरों और मंडी यार्ड मज़दूरों को 37,500 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • पूर्व नियम के अनुसार, इस योजना में लाभार्थी की आयु 10 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
  • अब, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति भी योजना के तहत लाभ के पात्र होंगे।


उत्तर प्रदेश Switch to English

IIIT-A ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग हासिल की

चर्चा में क्यों?

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (IIIT,Allahabad) ने विश्व भर में 1,401 रैंकिंग हासिल की है और QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में समग्र श्रेणी में 46वाँ स्थान हासिल किया है

मुख्य बिंदु:

  • QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रत्येक वर्ष क्वाक्वेरेली साइमंड्स (Quacquarelli Symonds- QS) द्वारा जारी की जाती है।
  • यह रैंकिंग विश्व भर के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और गुणवत्ता का मूल्यांकन करती है।
  • इसकी कार्यप्रणाली अकादमिक प्रतिष्ठा, संकाय-छात्र अनुपात, नियोक्ता प्रतिष्ठा, स्थिरता, रोज़गार परिणाम, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, प्रति संकाय उद्धरण, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात जैसे संकेतकों पर विचार करती है।
  • वे विषय, क्षेत्र, छात्र शहर, बिज़नेस स्कूल और स्थिरता के आधार पर रैंकिंग प्रदान करते हैं

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